सात फेरे हम तेरे - भाग 101 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 101


दादी मां ने कहा अरे एक हफ्ते के लिए आई हो मुझे पता है।
नैना ने कहा हां दादी मां इसके बाद जब माया दी लोग आएंगे तो मैं आऊंगी।
फिर एक स्मेसट पेपर है।
विक्की ने कहा अरे जब टीचर हैं तो डरना क्या है।

फिर सब बैठ कर बातें करने लगे।
दादी मां ने कहा आओ नैना तुम्हें तेल लगा दु।
नैना ने कहा हां ठीक है फिर दादी मां ने सर पर तेल लगाने लगी।
विक्की का फोन आने लगा और फिर विक्की बात करने लगे ‌
उसके बाद उसने आकर दादी मां को बताया कि मेरे बचपन का दोस्त अनिक सिंघल आने वाला है।
दादी मां ने कहा हां वो तो आता ही है।
विक्की ने कहा नैना ये अनिक सिंघल मेरे बचपन का दोस्त है और बहुत खास दोस्त हैं।वो लेफ्टीनेंट गवर्नर है।
पोस्ट कैलेरफोनिया में।
नैना ने कहा अच्छा वाह दिलचस्प इन्सान है।
विक्की ने कहा हां कुछ ज्यादा ही और थोड़ा सा दिल फेंक टाइप भी। तुम थोड़ा दुर रहना हां।
नैना ने कहा अरे बाबा अब तुम भी।
जो भी हो भाभी तो नहीं बोलेगा ना।।
विक्की ने कहा हां भाभी ही बोलेगा।
नैना ने कहा वैसे कब आएगा?
विक्की ने कहा अरे कल रात।

नैना ने कहा कनाडा से जो खरीदे वो सब दिखाओ।
विक्की ने कहा हां पर सब तुम्हारे लिए नहीं है उसमें माया दी, जीजू, सपना,अमन, और अतुल बिमल और बुई रेखा सब के लिए है।
नैना ने कहा ओह माई गॉड मेरा नाम सबका काम।।

विक्की ने कहा कि चलो मेरे कमरे में।
नैना विक्की के रूम में जाकर बैठ गई और विक्की ने अपने अलमारी से सारा सामान निकाल कर नैना को एक एक करके दिखाने लगा।
नैना ने सबका देख लिया पर उसमें नैना का कुछ भी नहीं था।

नैना ने कहा देखो गुस्सा आने से पहले मेरी सारी चीज़ें दे दो।
विक्की ने कहा लो बाबा।
अच्छा तो अब देखु।
नैना ने एक एक चीज अच्छी तरह से देखा और फिर बोली वाह क्या बात है।।

थैंक यू विक्की।
फिर नैना जाकर सारा सामान रख दिया।
फिर सब डिनर करने बैठे और फिर विक्की ने कहा कि कल मेरे क्लब में पार्टी है चलोगी।
नैना ने कहा कैसे जाऊं।
विक्की ने कहा अरे बाबा दोस्त बन कर।।
फिर सब डिनर करने बैठे और फिर हंसी मज़ाक भी हुआ।
फिर सभी गुड नाईट बोल कर सोने चले गए।
विक्की ने नैना को कहा चलो गार्डन में घुम ले।
नैना ने कहा अरे नींद आ रही है।
विक्की ने प्लीज़ चलो।
फिर दोनों घुमने लगें और फिर विक्की ने कहा पता है जब तुम नाराज़ होती हो तो सब कुछ थम सा जाता है।

नैना ने एक गाना गाओ।
विक्की ने कहा ओके डांस करें।
सांसों को सांसों में ढलने दो ज़रा।

साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
हम्म हम्म हम्म ला ला ला ला

साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
धीमी सी धड़कन को बढने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
हम, हम तुम
तुम, हम तुम

आँखों में हमको उतरने दो ज़रा

साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
धीमी सी धड़कन को बढ़ने दो ज़रा
लम्हो की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
हम… हम तुम…
तुम… हम तुम…

आँखों में हमको उतरने दो ज़रा
बाहों में हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हो की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
हम… हम तुम…
तुम… हम तुम…
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा

सलवटें कहीं करवटें कहीं
फ़ैल जाए काजल भी तेरा
नज़रों में हो गुज़रता हुआ
ख्वाबों का कोई खफ़िला
जिस्मो को रूहो को जलने दो ज़रा
शर्मो खाया को मचलने दो ज़रा
लम्हो की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
हम… हम तुम…
तुम… हम तुम…
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा

छूलो बदन मगर इस तरह
जैसा सुरीला साज़ हो
अँधेरे छुपे तेरे ज़ुल्फ़ में
खोलो के रात आज़ाद हो
आँचल को सीने से ढलने दो ज़रा
शबनम की बूँदें फिसलने दो ज़रा


साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
बाहों में हुमको पिघलने दो ज़रा
लम्हो की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
हम… हम तुम
तुम … हम तुम
हम… हम तुम
तुम … हम तुम।

फिर दोनों एक-दूसरे की बाहों में थे।
विक्की ने नैना को उठा लिया।
नैना ने कहा अरे बाबा पागल हो क्या।
विक्की ने कहा नहीं दिवाना हुं।
नैना हंसने लगी।

फिर विक्की ने नैना को उसके कमरे में छोड़ दिया और एक गुड नाईट किस दिया और फिर चला गया।
नैना रात भर करवटें बदलते हुए सो गई।
दूसरे दिन सुबह जाॅग के लिए विक्की निकल गया।
दादी मां ने कहा नैना कल रात तुम लोग गार्डन में नाच रहे थे।
नैना ने कहा अरे नहीं दादी मां ऐसा कुछ भी नहीं है।
दादाजी ने कहा कि तुम भी ना ये भी कोई पुछता है।
नैना ये सुनकर वहां से भाग गई।
जब विक्की वापस आया तो नैना ने सब कुछ बताया।
विक्की ने कहा चलो ठीक है उनको भी अपना वक्त याद आया होगा।
फिर विक्की तैयार हो कर नीचे नाश्ता करने लगे और फिर बोला कि मैं अब जा रहा हुं।
शाम को सात बजे तैयार रहना।
नैना ने कहा पर क्या पहनूं?
विक्की ने कहा साड़ी मत पहनना।
नैना ने कहा ओके।
विक्की भी चला गया।
नैना कुछ देर तक बुई से बात करती रही फिर तैयार हो कर नीचे आ गई।
दादी मां ने कहा नैना देखे तेरा हाथ।
नैना ने कहा अरे मारेगी नहीं ना।
दादी मां ने कहा हां बहुत मारुंगी।।

नैना ने हाथ बढ़ा दिया।

दादी मां ने कहा हां आंख बंद कर।

नैना ने आंख बन्द कर दिया।

दादी मां ने एक छोटा सा बाक्सा दिया।

नैना ने आंख खोल दिया और फिर बोली अरे ये क्या हैं?

दादी मां ने कहा ये अंगुठी तेरे दादाजी ने दिया था पर अब मैं पहनती नहीं तो तु पहन लें।

नैना ने वो अंगुठी पहन लिया और फिर बोली थैंक्स दादी मां।

दादी मां ने कहा चलो अब एक और चीज दिखाती हूं।

नैना ने कहा हां दादी मां चलिए।

दादी मां एक स्टोर रूम में ले गई।

क्रमशः