परिश्रम का महत्त्व Sonu Gupta द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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परिश्रम का महत्त्व

सफतला की पहली कुंजी श्रम है, इसके बिना सफलता का स्वाद कभी भी नहीं चखा जा सकता है. जिंदगी में आगे बढ़ना है, सुख सुविधा से रहना है, एक मुकाम हासिल करना है, तो इन्सान को श्रम करना होता है. भगवान ने श्रम करने का गुण मनुष्यों के साथ साथ सभी जीव जंतुओं को भी दिया है. पक्षी को भी सुबह उठकर अपने खाने पीने का इंतजाम करने के लिए बाहर जाना पड़ता है, उसे बड़े होते ही उड़ना सिखाया जाता है, ताकि वह अपना पालन पोषण खुद कर सके. दुनिया में हर जीव जंतु को, अपने पेट भरने के लिए खुद मेहनत करती पड़ती है. इसी तरह मनुष्यों को भी बचपन से बड़े होते ही, श्रम करना सिखाया जाता है. चाहे वह पढाई के लिए हो, या पैसे कमाने के लिए या नाम कमाने के लिए. मेहनत के बिना तो रद्दी भी हाथ नहीं आती. देश दुनिया के प्रसिध्य लोगों ने अपनी मेहनत परिश्रम के बल से ही दुनिया को ये अद्भुत चीजें दी है. आज हमारे महान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को ही देखिये, ये हफ्ते में सातों दिन 17-18 घंटे काम करते है, ये न कभी त्योहारों, न पर्सनल काम के लिए छुट्टी लेते है. देश का इतना बड़ा आदमी जिसे किसी को छुट्टी के लिए जबाब न देना पड़े, वह तक परिश्रम करने से पीछे नहीं हटता है. देश को आजादी दिलाने के लिए महात्मा गाँधी ने जी जान रात दिन एक करके मेहनत की और आज इसका फल है कि हम आजाद है. कड़ी मेहनत एक कीमत है, जो हम सफलता पाने के लिए भुगतान करते है और जिससे जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ आती

सफतला की पहली कुंजी श्रम है, इसके बिना सफलता का स्वाद कभी भी नहीं चखा जा सकता है. जिंदगी में आगे बढ़ना है, सुख सुविधा से रहना है, एक मुकाम हासिल करना है, तो इन्सान को श्रम करना होता है. भगवान ने श्रम करने का गुण मनुष्यों के साथ साथ सभी जीव जंतुओं को भी दिया है. पक्षी को भी सुबह उठकर अपने खाने पीने का इंतजाम करने के लिए बाहर जाना पड़ता है, उसे बड़े होते ही उड़ना सिखाया जाता है, ताकि वह अपना पालन पोषण खुद कर सके. दुनिया में हर जीव जंतु को, अपने पेट भरने के लिए खुद मेहनत करती पड़ती है. इसी तरह मनुष्यों को भी बचपन से बड़े होते ही, श्रम करना सिखाया जाता है. चाहे वह पढाई के लिए हो, या पैसे कमाने के लिए या नाम कमाने के लिए. मेहनत के बिना तो रद्दी भी हाथ नहीं था

देश दुनिया के प्रसिध्य लोगों ने अपनी मेहनत परिश्रम के बल से ही दुनिया को ये अद्भुत चीजें दी है. आज हमारे महान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को ही देखिये, ये हफ्ते में सातों दिन 17-18 घंटे काम करते है, ये न कभी त्योहारों, न पर्सनल काम के लिए छुट्टी लेते है. देश का इतना बड़ा आदमी जिसे किसी को छुट्टी के लिए जबाब न देना पड़े, वह तक परिश्रम करने से पीछे नहीं हटता है. देश को आजादी दिलाने के लिए महात्मा गाँधी ने जी जान रात दिन एक करके मेहनत की और आज इसका फल है कि हम आजाद है. कड़ी मेहनत एक कीमत है, जो हम सफलता पाने के लिए भुगतान करते है और जिससे जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ आती है.

शरीरिक व मानसीक रूप से किया गया काम परिश्रम कहलाता है. ये काम हम अपनी इच्छा के अनुसार चुनते है, जिसे लेकर हम अपने उज्जवल भविष्य की कामना करते है. पहले श्रम का मतलब सिर्फ शारीरिक श्रम होता था, जो मजदूर या लेबर वर्ग करता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है, श्रम डॉक्टर, इंजिनियर, वकील, राजनैतिज्ञ, अभिनेता-अभिनेत्री, टीचर, सरकारी व प्राइवेट दफ्तरों में काम करने वाला हर व्यक्ति श्रम करता है कामयाब व्यक्ति के जीवन से हम परिश्रम के बारे में अधिक जान सकते है, उनके जीवन से हमें इसकी सही परिभाषा समझ आती है. तो चलिए हम आज आपको कुछ बातें बता रही है, जो मेहनती व्यक्ति अपने जीवन में अपनाता है, और सफलता का स्वाद चखता है. यही बातें/आदर्श हम अपने जीवन में उतार कर सफल हो सकते है.

  • समय की बर्बादी न करें – कई लोग आलस का दामन थामे रहते है, वे लोग परिश्रम करने की जगह आराम से धीरे-धीरे काम करके जीवन बिताना चाहते है. परिश्रमी व्यक्ति कभी भी समय की बर्बादी में विश्वास नहीं रखता, वह निरंतर काम करते रहने में विश्वास रखता है. समय की बर्बादी आलसी, लोगों की निशानी है. कई बार ऐसा भी होता है कि परिश्रम करते रहने से भी मन मुताबित फल नहीं मिलता है, या फल मिलने में देरी होती है. लेकिन इस बात से हार मानकर नहीं बैठना चाहिए. परिश्रम व काम पर विश्वास से सही समय पर सही चीज मिल ही जाती है.
  • धन के पीछे न भागें – परिश्रम का ये मतलब नहीं है कि, पैसा कमाने की होड़ में लगे रहें. धन हमारी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा है, लेकिन धन ही ज़िन्दगी नहीं होती है. धन के पीछे परिश्रम करने से दुनिया की सुख सुविधा तो मिलती है, लेकिन कई बार मन की शांति नहीं मिलती. परिश्रम का ये मतलब नहीं कि आप ज़िन्दगी जीना छोड़ दें, और पैसे कमाने में लग जाएँ. परिश्रम करते हुए, अपने लोगों को साथ लेकर जीवन में आगे बढ़े. ज़िन्दगी जीने का नाम है, यहाँ हर वक्त खुश, मौज मस्ती करते रहें|
  • इच्छा अनुसार ही काम चुने – कुछ लोग बेमन से काम करते है, जिससे वे अपना 100% उस काम में नहीं देते है. ऐसे लोग किसी और की इच्छा के अनुसार ये काम चुन लेते है, जिससे उन्हें एक दबाब महसूस होता है, और वे लोग काम में परिश्रम करने की जगह बस नाम के लिए ऐसे ही काम करते है. हमें अपनी इच्छा के अनुसार ही काम करना चाहिए, तभी उसे पुरे मन व लगन से कर पायेंगें. काम में मन लगेगा तभी हम खुद से परिश्रम करने की भी इच्छा रखेंगें.
  • असफलता से हार न माने – सफल व्यक्तियों के जीवन को देखें तो जानेगें, उन्हें पहली बार में ही सफलता नहीं मिली थी. निरंतर प्रयास से वे अपने मुकाम तक पहुंचे थे. उदाहरण के तौर पर अगर शाहरुख़ खान फिल्मों में आने से पहले ही ये सोच लेता कि उसे यहाँ काम मिलेगा ही नहीं तो वह आज इतना बड़ा स्टार न बनता. अगर धीरुभाई अम्बानी उस छोटी सी कुटिया में बस बैठे रहते, मेहनत न करते तो आज इतना बड़ा अम्बानी का कारोबार न होता. अगर अब्राहम लिंकन परिश्रम न करता, स्ट्रीट लाइट में बैठकर पढाई न करते तो वे अमेरिका के राष्ट्रपति कभी न बन पाते. नरेंद्र मोदी जी परिश्रम न करते तो आज चाय की ही दुकान में बैठे होते.

ये महान हस्तियाँ हमें यही सिखाती है कि हार कर घर नहीं बैठो, बल्कि उठो आगे बढ़ो, क्यूंकि हर सुबह उम्मीद की एक नयी किरण लाती है. हमें नया दिन मिला है, मतलब परमेश्वर के पास अभी भी हमारे लिए एक अच्छी योजना है, जो हमारे भलाई के लिए है, न कि हमें नष्ट करने के लिए. परिश्रम के बल पर दुनिया में हर चीज संभव है.

  • परिश्रम से एक न एक दिन सफलता जरुर मिलती है – आज हम अगर विज्ञान के इतने चमत्कार देख पा रहे है, तो ये मानव जाति के परिश्रम का ही फल है. विज्ञान की तरक्की की वजह से आज हम चाँद में अपना कदम रख चुके है, व मंगल गृह पर अपना घर बसाने वाले है. देश विदेश में तरक्की भी वहां रहने वाले नागरिकों की वजह से होती है. पूरी दुनिया में विकसित व विकासशील देश है. ये सब परिश्रमी व्यक्तियों की वजह से ही यहाँ तक पहुँच पायें है. अमेरिका, चीन, जापान जैसे देशों के साथ आज हमारे भारत का नाम भी लिया जाता है, जो जल्द ही विकसित देशों की लिस्ट में आने लगेगा. जापान में हुए परमाणु बम विस्फोट के बाद, कुछ साल पहले आये विशाल भूकंप के बाद उसके अपने आप को फिर खड़ा किया, ये सब परिश्रम की वजह से संभव हो सका है.

परिश्रम के फायदे/लाभ -:

  • आपको जीवन की सारी सुख सुविधा मिलेंगी, लक्ष्मी की प्राप्ति होगी. आज के समय में धन जिसके पास है, वो दुनिया की हर सुख सुविधा खरीद सकता है.
  • परिश्रम से मानसिक व शारीरिक चुस्ती मिलती है. आज के समय में परिश्रम नहीं करने पर बहुत सी बीमारियाँ शरीर में घर कर लेती है. इसलिए फिर तंदरुस्ती, स्फूर्ति के लिए शारीरिक श्रम करने को बोला जाता है, जिस वजह से लोग फिर जिम में भी समय बिताने लगते है. मानसिक विकास के लिए उसका परिश्रम करते रहना बहुत जरुरी है, इसी के द्वारा लोगों ने नए नए अनुसन्धान दुनिया में किये है.
  • परिश्रम से हमारे जीवन में व्यस्ता रहती है, जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक बातें हमारे जीवन में नहीं आ पाती, व इससे मन अंदर से शांति महसूस करता है.
  • परिश्रमी व्यक्ति हमेंशा सफलता की ओर अग्रसर रहता है, और समय समय पर उसे सफलता का स्वाद भी चखने को मिलता है.

परिश्रम नहीं करने से क्या होगा

जीवन में परिश्रम करना बहुत जरूरी है अगर हम आलस करते है और परिश्रम से दूर भागते है तो अपने जीवन में कभी हम सफल नही हो पायेंगे. हमें हमेशा गरीबी में ही अपना जीवनयापन करना पड़ेगा और हो सकता है एक दिन हम भूख से मर जाएँ. हमें अनेक ग्रन्थों में लिखा हुआ मिलता है की परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, अगर हम परिश्रम नहीं करेंगे तो एक दिन हमारा आस्तित्व खत्म हो जाएगा. लोग हमसे बात करना नहीं चाहेंगे और हो सकता है आपको दुनिया के तानो से तंग आकर अपने आप को मिटाना पड़ें, यानि ख़ुदकुशी करनी पड़े. इसलिए अपने जीवन में सफलता पाने के लिए परिश्रम बहुत जरूरी है.

आलसी व्यक्ति हमेंशा दुखी, परेशान होता है, वह अपने जीवन को कोसता ही रहता है. वह यहाँ वहां की शैतानी बातें सोचकर दुखी रहता है. वह अपने हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पसंद करता है, उसे लगता है, कोई और उसकी जगह मेहनत कर दे. लेकिन ये दुनिया का सबसे बढ़ा सच है कि अपना बोझ व्यक्ति को स्वयं उठाना पड़ता है, उसे अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए खुद ही परिश्रम करना होगा, इसमें उसकी मदद कोई भी नहीं सकता. परिश्रमी के जीवन में प्रसन्नता, शांति, सफ़लता बनी रहती है