क्रोध एक बुरी आदत Suraj Rajak द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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क्रोध एक बुरी आदत


एक बार की बात हैँ एक गाँव में रामु नाम का लड़का अपने माँ बाप के साथ रहा करता था बड़ी ही छोटी family थी।
उनका घर गाँव के एक बरगद के पेड़ के पास पेड़ की पतों की छाओ मे बसा था घर के बाहर रामु के पिता(किसान ) गाय का दूध निकाल रहे हैँ अंदर में रामु की माँ (शांति ) राशोई घर में खाना पका रही हैँ रामु अपने कमरे में गेम खेल रहा होता हैँ की अचानक से उनकी माँ शांति की आवाज आती हैँ रामु के बाबू जी खाना बन गया हैँ खाना लगाऊं उनके पिता बोलते हैँ चल लगा मैं हाथ मुँह धो के आता हूँ उनकी माँ बोलती हैँ ठीक फिर वो रामु को बोलने के लिए उनके कमरे के पास जाके के बोलती हैँ बेटा हाथ मुँह ले मैं खाना लगाती हूँ ऐसा बोल के वो चली जाती हैँ वो फिर से गेम खेलने लगता हैँ उनकी माँ रामु के बाबू जी को खाना दे देती हैँ और कहती रामु बेटा आजा खाना लगा दी हूँ आजा.. रामु गेम खेलते ही रहता उनकी माँ अचानक गुस्से से mobile को छीन लेती हैँ और जोर से उसे थप्पड़ मार देती हैं और कहती हैँ हर समय देखो mobile mobile माँ और बाप हैँ ही नहीं ना जाके के खाना वो चुप चाप जाता हैँ और गुस्से से खाना जल्दी जल्दी खाने को बिना चागलाये खाने लगता उसकी माँ बोलती हैँ अरे रामु बेटा खाना आराम से खाते और अच्छे से चबा के खाते हैँ रामु का गुस्सा और बढ़ जाता हैँ और जल्दी जल्दी खाने लगता हैँ और हाथ धोकर चला जाता हैँ और उसकी माँ रामु के पास जाकर रोने लगती है रामु के पिता उनसे पूछते हैँ क्या हुआ रामु की माँ रो क्यों रही हो वो जी मैंने रामु खाने के लिए बोली तो वो आया नही तो मैं दोबारा जाकर उसके कमरे गया तो अपने mobile में गेम खेल रहा था तो मुझे उस पर गुस्सा आ गया तो मैंने उसे थप्पड़ मार दिया और वो मुझ से बहुत ज्यादा गुस्सा हो गया वो खाने के लिए जब आया तो वो मुझे गुस्से देखकर खाना को जल्दी जल्दी खा रहा था और उठ कर अपने कमरे में चला गया अब मैं क्या करू बताइये ना.... वो कल सुबह फिर तुम से माफ़ी मांगेगा अभी सो जाओ दोपहर में रामु का पेट जोरो से दर्द करने लगता हैँ और जोर जोर से तड़पने लगता हैँ उसकी माँ आवाज सुनकर तुरंत उसके कमरे में आती हैँ और कहती है क्या हुआ बेटा रामु बोलता है माँ माँ.. उसकी हा बेटा बोल ना रामु वो माँ पेट बहुत दर्द कर रहा हैँ उसकी माँ रामु के पापा को डॉक्टर को बोलने के लिए बोलते है रामु रोता हुआ माँ माँ.. चिलाता उसकी माँ बोलती हैँ तू ठीक हो जायेगा बेटा तुम्हरे बाबू जी गया हैँ डॉक्टर को बोलने के लिए वो कहता माँ मुझे माफ कर दो मैंने आप पे गुस्सा किया उसकी माँ की आँखों से आँसू निकल ने लगी डॉक्टर साहब को लेकर रामु के बाबू जी आते हैँ और कहते है देखिये ना डॉक्टर साहब मेरे बेटे को क्या हुआ डॉक्टर रामु से बोलता हैँ क्या दर्द दे रहा हैँ रामु कहता हैँ पेट बहुत दर्द कर रहा हैँ डॉक्टर पूछता है क्या खाया था रामु की दाल और अल्लू के सब्जी के साथ चावल अच्छा कैसे खाया था आराम से चबा के खाया था की जल्दी जल्दी वो मै अपनी माँ से गुस्सा था इसलिए खाना जल्दी जल्दी खाया डॉक्टर को सब समझ आ जाता है और कुछ दवाई लिखता हैँ और कहता की बेटा रामु खाना हमेशा आराम से और चबा के खाना मुँह खोलो कुछ चूर्ण उसके मुँह में डाल देता और कहता तुम कुछ घंटो के बाद ठीक ही जाओगे।