सात फेरे हम तेरे - भाग 88 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 88

नैना ओ नैना कहां खो गई घर नहीं जाना है।शीतल ने कहा।
नैना ने कहा हां चलो चलते हैं खुली आंखों से सपना देख रही थी मैं अब कुछ जल्दी करना होगा।
फिर नैना घर आ गई और फिर बुई से बातों बातों में कहां की मैंने सोचा कि अब अमेरिका जाऊंगी अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर लूं जो आंखों की वजह से छोड़ा था आज विक्की ने ठीक ही कहा था।
कोकिला ने हंस कर कहा अरे वाह नैना जा जी ले अपनी जिंदगी।।
नैना ने कहा हां पर विक्की का मदद लिए बगैर।।
कोकिला ने कहा हां ठीक है जो करना है कर बस उसे बता देना।।
नैना ने कहा हां बताना है ही।।
फिर नैना फेश् होकर खाना खाने के बाद विक्रम सिंह शेखावत को फोन करती है।
विक्की फोन उठाया और बोला अरे वाह।।
नैना ने कहा हां मैं अमेरिका आ रही हुं और वहां के सबसे अच्छे कालेज में दाखिला लिया है और वहां के होस्टल में रहने का इंतजाम किया है।
विक्की ने कहा अरे बाबा क्या बात है मुझे तो बताई नहीं।
नैना ने कहा हां अब बताया तो अगले महीने आ रही हुं।
विक्की ने कहा वाह क्या बात है बहुत ही अच्छा।।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं रखतीं हुं।
नैना के फोन रखते ही विक्रम सिंह शेखावत ने सोचा अब तो मेरी जरूरत नहीं है खुद सब कर लोगी। नैना तुम ने धोखा दिया।
विक्की ने अपने आंसुओं को छुपा लिया और फिर बोला दादी मां आपकी लाडली आ रही है।
दादी मां ने कहा हां पर वो हमारे साथ नहीं रहेगी क्या ?
विक्की ने कहा हां ठीक ही कहा दादी मां वो बहुत ही आत्म निर्भर लड़की है।

दादी मां ने कहा हां ठीक है ऐसे ही होना चाहिए लड़कियों को।।
विक्की ने कहा हां आज मेरा सपना पूरा हुआ है।
नैना ने खुद को सम्हाल लिया था खुद को तैयार कर लिया था कि उसे हर एक मुसीबत का सामना करना होगा बिना विक्की का सहारा लिए।
कोकिला ने कहा सब तैयारी कर लो।जो जो बैंक का काम है उसे भी पुरा कर लो।
नैना ने कहा हां आज अगर निलेश होते तो मुझे कभी अकेले नहीं छोड़ते।
कोकिला ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है विक्की तेरा साथ जिंदगी भर देगा ये देख लेना।।
नैना ने कहा मैं ऐसा सोच नहीं सकती हुं ‌।
फिर नैना टुयशन पढ़ाने निलेश के घर पहुंच गई। रोज की तरह पौधों को पानी देने के बाद निलेश के फोटो के पास दिया जलाना और फिर बच्चों को पढ़ाने लगी।
फिर रात को डिनर करने के बाद नैना ने अपनी थोड़ी सी पैकिंग शुरू कर दिया।।

कुछ देर बाद माया का फोन आया और उसने कहा कि सपना की शादी अगले महीने की दस तारीख को है।आ जाओ सब ।।
नैना ने हंसते हुए कहा कि दीदी मैं क्या आऊंगी सबकी बारातें आएगी पर मेरी कभी नहीं।।
वैसे भी मैं अमेरिका जा रही हुं।
माया ने सुना तो बहुत खुश हो गई। और फिर माया ने कहा सुनो निलेश के एकाउंट से दो लाख रुपए मैं ट्रान्सफर करवा देती हुं।। नैना ने कहा नहीं दीदी उसकी जरूरत नहीं है मेरी सेविंग है तो उसी को ले जाऊंगी।। माया ने कहा पर निलेश के लिए जो तुमने किया था वो तो तुम्हारा हक है।।
नैना ने कहा मुझे माफ कर देना दीदी।।

फिर नैना रोने लगी।
हाथों में मेहंदी तो है पर उसमें कोई रंग नहीं।।
दुल्हन का श्रृंगार भी है पर वो भी बेरंग सी।।
दुल्हन का जोड़ा है तो पर उसका फ़ायदा क्या।।

नैना ने गाना गाना शुरू किया।
सबकी बारातें आई डोली तू भी लाना

सबकी बारातें आई डोली तू भी लाना
दुल्हन बना के हमको राजा जी ले जाना
सबकी बारातें आई

️ चाह️ मैंने️️️️ है
है
I

हो ..

आज आने वाले समय में
किसी के भी आने
पर ऐसा होना है

इन आँखों में थी इक रात सजी
हाथों में कभी चूड़ी सी बजी
पर आँख खुली तो आया नज़र
ना रात सजी ना चूड़ी बजी


मेरा टूटा था दिल उसकी झंकार थी
सारा वो रंग था मेरे खून-ए-दिल का

ये तो है रोना दिल का
हाँ ये तो है रोना दिल का काहे का तराना
अब तो किसी को भी अपना के है बुलाना

सबकी बारातें आई डोली तू भी लाना
दुल्हन बना के हमको राजा जी ले जाना
सबकी बारातें आई

चलो जो भी हुआ वो खूब हुआ
अब हर कोई मेहबूब हुआ
है सबके लिए ये रात मेरी
अब तो है येही औकात मेरी

हंस के भीगी पलक चमकाना है
सूनी बाहें अदा से लेहराना है
गम खा के आंसू पी के
हो.. गम खा के आंसू पी के मेहफ़िल में गाना
अब तो किसी को भी अपना के है बुलाना

सबकी बारातें आई डोली तू भी लाना
दुल्हन बना के हमको राजा जी ले जाना
सबकी बारातें आई डोली तू भी लाना
दुल्हन बना के हमको राजा जी ले जाना
सबकी बारातें आई

बाँध के सेहरा हम से मिल के
निकलेंगे सारे अरमाँ दिल के

आँखों में तारे नाचें…
हाए, आँखों में तारे नाचें घूँघट यूँ उठाना
फिर हम को हौले-हौले बाँहों में छुपाना
सब की बारातें आयीं…

अपनों से जुदा मैं होती हुई
कुछ हँसती हुई, कुछ रोती हुई
जब छोड़ूँगी बाबुल की गली
तुम्हरे अँगना आऊँगी चली

जब तन-मन से तेरी बनूँगी
गोरी बैयाँ मेरी धरना हौले से

मेहँदी वाले हाथों की…
हाए, मेहँदी वाले हाथों की चूड़ी खनकाना
फिर हौले-हौले मुझ को बाँहों में छुपाना

सब की बारातें आयीं, डोली तू भी लाना
दुल्हन बना के हम को राजा जी ले जाना
सब की बारातें आयीं…

फिर बिंदिया की सब चाँदनियाँ
और पायल की सब रागिनियाँ
तेरे घर-आँगन में लुटा देगी
क्यूजेडलिरिक्स डॉट कॉम
दुल्हे राजा, तेरी दुल्हनिया

पहले तुम खेलना मेरे रंग-रूप से
फिर चुन डालना अंग-अंग की कलियाँ

कोरे तन के फूलों से…
हाए, कोरे तन के फूलों से सेजिया सजाना
फिर हौले-हौले हम को बाँहों में छुपाना

सब की बारातें आयीं, डोली तू भी लाना
दुल्हन बना के हम को राजा जी ले जाना
सब की बारातें आयीं, डोली तू भी लाना
दुल्हन बना के हम को राजा जी ले जाना
सब की बारातें आयीं…

नैना रोते हुए सो गई।
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नैना नाश्ता करने के बाद बैंक निकल गई।

बैक में पहुंच कर सारे सेविंग निकल लिया नैना ने।।

फिर वहां से कुछ शापिंग करने के बाद घर लौट आईं।
कोकिला ने कहा नैना मुझे लगता है कि तुम कभी वापस नहीं आओगी।।
नैना ने कहा अरे बाबा नहीं पांच साल की पढ़ाई के बाद अगर मन हुआ तो वापसी।
कोकिला ने कहा पता नहीं मैं जिन्दा रहुंगी कि नहीं।।
नैना ने कहा अरे बुई मैं वापस आऊंगी।
कोकिला ने कहा मैं तुम्हें दुल्हन के रुप में देखना चाहती थी।

नैना ने कहा ये क्या करने जा रही हुं मै।बुई विक्की ने धोखा दिया है मुझे अब खुद को साबित करना होगा मुझे। निलेश की खातिर वो कहता था ना शाम होते ही मुझे उन तारों में ढुंढ लेना।
क्रमशः