BALLU THE GANGSTER - 6 ANKIT YADAV द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

BALLU THE GANGSTER - 6

[ 5 April 2018, Ludhiana, Punjab, India ]

[ मनीष - सुनीता, तुम आ पहुंची। रास्ते में कोई तकलीफ तो नहीं हुई ना तुम्हें। ]
[ सुनीता - नहीं मनीष, बस इतना लंबा सफर तय किया ना तो दरअसल बहुत नींद आ रही है। वैसे भी तुम्हें पता है ट्रेन में सफर करना मेरे लिए सबसे मुश्किल काम है। तुम अभी तक इतना डरे हुए क्यों लग रहे हो? ]
[ मनीष - कुछ नहीं सुनता, बस सोच रहा था कि प्यार अगर सच्चा हो तो एक दिन जरूर नसीब होता है, बस एक इंसान के अंदर उसको पाने की चाहत बनी रहनी चाहिए। आज नहीं तो कल वो जरूर मिलेगा, जैसे तुम मिली। ]
[ सुनीता - अच्छा चलो, घर चलते हैं। तुमने मेरे लिए कुछ खाना बनाया? ]
[ मनीष - हां,हां बनाया है ना। एक बार घर तो चलो तुम्हारी मनपसंद खीर बनाई है। ]

[ 13 April, 2018, Firozpur, Rajesh Residence ]

[ दिव्या - पापा, हमारा भाई क्यों नहीं है। मतलब क्या आप हमारे लिए भाई करोगे? ]
[ बबीता - अरे बेटा दिव्या, तुम्हारे इस पापा का दिमाग सटिया गया है, पता नहीं क्यों 80 साल के बुड्ढे की तरह बिल्कुल ही सुस्त पड़ गए हैं। क्यों है ना ? ]
[ बल्लू - पापा हमारे स्कूल में फायरिंग competition शुरू हो रही है। मुझे बंदूके बड़ी अच्छी लगती है। पापा मैं उसमें भाग लेना चाहती हूं, ₹500 फीस है उसकी। ]
[ राजेश - हां बल्लू बेटा, तुम ले लेना भाग लेकिन बंदूक ध्यान से संभालकर चलाना। ]

[ 10 August 2018, Firozpur, Residence ]

[ बबीता - राजेश सुनो ना। तुम्हें एक बात बतानी थी। वो दरअसल मैं कल हॉस्पिटल गई थी क्योंकि मेरे पेट में पिछले दो-तीन दिन से कुछ अजीब सा हो रहा था। तो कल हॉस्पिटल में डॉक्टर ने मेरा टेस्ट किया तो पता चला मैं प्रेग्नेंट हूं। ]
[ राजेश - क्या बकवास किए जा रही हो, तुम्हारा दिमाग खराब है। कैसे हुआ ये? ]
[ बबीता - कैसे क्या अपने आप हो गया, सारे दिन तो तुम्हारी हवस सहते रहते हैं, थक गई थी यार राजेश इसलिए मैंने बच्चा 3 दिन पहले ही मैंने sex करने के बाद टैबलेट खाई हि नहीं थी, राजेश तुम्हें तो खुश होना चाहिए। ]

[ 13 August 2018, Ludhiana Punjab ]

[ सुनीता - मनीष मुझे ना आज बल्लू और दिव्या की बहुत याद आ रही है, सच्ची। ]
[ मनीष - तो call करके उनका हाल चाल पूछ लो या तुम्हारा मिलने का मन है। ]
[ सुनीता - मन तो दरअसल मेरा मिलने का ही है, पर अंदर ही अंदर डर लग रहा है। ]
[ मनीष - इसमें डरने की क्या बात सुनीता, मैं वैसे भी काम से कल बाहर जा रहा हूं, इतने में तुम फिरोजपुर जाकर बल्लू व दिव्या से मिल आना, ठीक। ]

[ 14 August 2018, Ludhiana, Punjab India ]

[ मनीष - सुनीता, मैं निकल रहा हूं। तुम मिलने जाना और डरना मत राजेश से। ]

[ Firozpur, Punjab ( Rajesh's house ) ]
[ Door Bell Rings]

[ दिव्या - अरे मम्मी तुम यहां फिरोजपुर में। What a decent surprise यार मम्मी। आओ ना अंदर। ]
[ बल्लू - ये आंटी कौन है दीदी। ]
[ दिव्या - यह हम दोनों की मम्मी है बल्लू, तुम छोटी सी थी जब ये हमे छोड़कर चली गई थी। ]
[ राजेश - सुनीता, तुम यहां क्या कर रही हो तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हां? ]
[ बबीता - अरे अरे अरे, राजेश तुम्हारा वर्षों पुराना प्यार आज लौट आया है। ]
[ सुनीता - राजेश और बबीता, मैं तुम दोनों को परेशान करने नहीं आई। बस अपनी दोनों बेटियों से मिलने आई हु। उनसे मिलकर चली जाऊंगी। ]
[ राजेश - बड़े सालों बाद याद आ गई बेटियों की। देख सुनीता, ये बेटियां तो अब मेरी है, इतना शौक है तो मनीष के साथ बेटी कर ले। ]
[ बबीता - और क्या, अब यहा दोबारा मत आना कभी हमारे परिवार मे वैसे भी एक नया मेल्मान आने वाला है। अगर दोबारा यहां दिखाई दी तो पुलिस में रिपोर्ट करा दुंगी पड़े रहना फिर वहां। ]
[ सुनीता - ( flying kiss करते हुए ) - Bye बेटा बल्लू Bye बेटा दिव्या। Live Long ]