BALLU THE GANGSTER - 4 ANKIT YADAV द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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BALLU THE GANGSTER - 4

[ 23 December 2008 ]
[ Call Rings At 12 AM ]
[ Ludhiana Punjab]

[ मनीष - सुनीता, तुमने आज call किया, मतलब इतने सालो बार तुमने call किया, क्या हुआ सुनीता तुम रो रही हो, तुम ठीक तो हो ना सुनीता, क्या हुआ तुम्हें? ]
[ सुनीता - मनीष सब बर्बाद हो गया, राजेश ने मुझे छोड़ दिया मनीष, उसे लगता है मेरी बेटी बल्लू उसकी नही, उसके दोस्त विहान की है। और उसने बल्लू को भी मुझसे छीन लिया और मुझे घर से निकल दिया मनीष।]
[ मनीष - सुनीता, मैंने तुम्हे उस वक्त आगाह किया था ना की इस राजेश के परिवार के सब लोग बेहद अंधविश्वासी हैं। लेकिन इतने नीचे सोच के निकलेंगे, यह मैंने कभी नहीं सोचा था सुनीता, लेकिन इसे तुम्हारी खुश किस्मत कहूँ या अपनी, पता नही, पर मेरी अभी शादी नहीं हुई है। तुम आ जाओ। ]
[ सुनीता - मनीष, Thank you ! तुमने मेरी सबसे बड़ी दुविधा दूर कर दी, पर क्या तुम्हारे घरवाले मान जाएंगे मनीष, मतलब शादी हुई लड़की से दोबारा शादी करा देंगे क्या वो मनीष‌। ]
[ मनीष - वो तो पता नहीं सुनीता, लेकिन मेरा विचार अब भी 2004 वाला ही है, अगर नहीं माने तो भाग कर शादी कर लेंगे। मैं इस वक्त लुधियाना हूं, नहीं ड्यूटी है। तुम यहां चली आओ, मैं Tickets ka इंतजाम कर देता हूं। ]
[ सुनीता - ठीक है मनीष, मैं जल्द वहां पहुंचने की कोशिश करती हूं। ]
[ 13 September 2016 Bhiwani, Rajesh's House ]

[ बल्लू - दादी, मेरा आज birthday है। आप मेरे लिए क्या surprise gift लाओगे और पापा को call करो ना दादी, मेरे जन्मदिन पर बुलाओ ना। ]
[ राजेश की मां - एक जहर की बोतल Gift ला दूँ ना तुझे, बेशर्म कही की। अपने असली बाप से मांग Gift, मांगेगी कैसे, बाप पता तो मांगे ना। ]
[ Divya - Happy Birthday Ballu ]
[ बल्लू - थैंक यू दीदी, आप क्या Gift लाए। ]
[ Divya - मै अपनी छोटी बहन के लिए ढेर सारी choclates लाई हू , देखा। ]

[ call Rings ] [ Firozpur Cantt Quater ]

[ राजेश - हां मां, सब कैसे है वहाँ भिवानी में। सब खैरियत तो है ना। ]
[ राजेश की मां - अरे हाँ बेटा, सब खैरियत है। बस इस मनहुसियत बल्लू से पीछा छुटे तो जान मे जान पड़े । और हां बेटा, आजकल इस बल्लू की नजदीकियां दिव्या से बहुत ज्यादा बढ़ रही, इसे अपने पास ले जा। ]
[ राजेश - हां मां, बबीता अब शादी के लिए तैयार हैं। एकबार शादी कर ले, फिर दिव्या को यही firzopur ले आएंगे, तुम भी यही आ जाना मां। ]
[ राजेश की मां - नही बेटा, मेरा वहा मन नही लगेगा और बबीता शादी करलो और दिव्या को अपने पास ले जाओ, मेरे लिए तो यही स्वर्ग है बेटा। ]
[ राजेश- हां मां, ठीक है। बबीता ने अपने घर बात करली है, बस कुछ महीनों में ही हम भिवानी आकर शादी कर लेंगे। बस सब सही रहे। ]
[ राजेश की मां- बेटा एक बात बोलूं। देख यहां एक दिन इस बल्लू को स्टेशन छोड़ आऊं क्या, कोई फुटे कर्म वाला ले जाएगा इसे, बता तूं।]
[ राजेश - मां तुम्हें क्या लगता है मुझे यह अच्छी लगती है। लेकिन दिव्या इसके बिना नहीं रहेगी मां, कुछ साल और इसे सहना पड़ेगा, फिर छोड़ देंगे इसे कहीं तब तक बस सहलो इसे। ]
[ राजेश की मां - बेटा, कल अमावस्या है। बबीता को बोल देना सुबह जल्दी उठकर पूजा- पाठ कर ले। शांति आएगी। ]
[ राजेश - जी मां, रखता हुँ। ]