मेरा नाम राहुल चौधरी है मैं मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले से रहने वाला हूं मैं एक मध्यम परिवार से हूं मेरी उम्र 21 वर्ष मेरे माता पिता ने कॉलेज तक मुझे पढ़ाया उसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो मुझे इतने प्यार करने वाले मां-बाप मिले एक बात तो सच है दोस्तों कभी भी अपने मां-बाप की बातों को डालना मत क्योंकि मां-बाप जो भी बोलते हैं अच्छे के लिए बोलते हैं इसीलिए उनकी बातों को कभी बुरा मत मानना मैं अपने बारे में बताना चाहता हूं मेरे पिता जब मैं दसवीं कक्षा तक पहुंचा तो मुझे बड़े ही लाड प्यार से रखते थे उसके बाद मैंने जैसे ही 11वीं कक्षा में गया तो ठीक था पर कभी-कभी मेरे पिता मुझे बहुत ही डांटा ते थे कहते थे तुम इतने बड़े हो गए हो फिर भी हमारे सहारे पल रहे हो मुझे उनकी बातें सुनकर गुस्सा आ जाता था तभी मैंने पार्ट टाइम एक किराने की दुकान पर काम करना स्टार्ट किया जब मैं काम करने लगा तो मैं घर वालों से पैसे नहीं मिलता था अपने खर्चे में खुद ही चला लेता था ऐसे ही ऐसे दिन बिता ता गया सब कुछ अच्छा चल रहा था फिर मेरा 11वी और 12वीं कैसे जैसे निकल गया उसके बाद मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया पर मेरे पास कॉलेज की फीस के लिए इतने पैसे नहीं थे पर कैसे जैसे मैंने कॉलेज की फीस के लिए पैसे इकट्ठे किए फिर मुझे पता चला एक प्राइवेट कंपनी के बारे में उसके मैंने तैयारी की उसमें मेरा इंटरव्यू हुआ और इंटरव्यू में मैं पास हो गया फिर मेरा टेस्ट एग्जाम हुआ फिर उस कंपनी में मैं डायरेक्ट सुपरवाइजर में ज्वाइन हो गया फिर कैसे जैसे मेरा 1 साल तक अच्छा चला फिर जो मेरे कंपनी का मेरा बॉस था वह मुझे कभी सपोर्ट नहीं करता था उस सैलरी भी बहुत लेट से आती थी उस कारण से मैंने उस कंपनी को त्याग दिया उस कंपनी को छोड़ने के बाद मैं 1 हफ्ते तक अपने घर में रहना मेरे माता पिता मुझे ताना सुनाते रहे फिर मैंने दिमाग लगाया क्यों ना मैं बाहर चला जाऊं बाहर जाकर कुछ अच्छा काम करो फिर मैं सीधा अपने कपड़े पैक किया और मैं अपनी बाइक उठा कर हैदराबाद के लिए निकल गया अभी मुझे हैदराबाद में 1 साल हो गए यहां पर मेरी नौकरी आईटी कंपनी में अच्छा चल रहा है और मैं अपने जीवन से बहुत ही खुश हूं तो मेरी राय यही रहेगी आपके लिए जीवन में कितने भी बड़े संघर्ष हो उनसे कभी पीछे मत हटना
मैं कभी भी अपने काम से पीछे नहीं हटा मेरे जीवन में जितने भी परेशानियां आई मैं उनसे लड़ता गया और आज मैं अच्छे जीवन व्यतीत कर रहा हूं भले ही मैं अपने घर से काफी दूर हूं पर मेरे मां-बाप खुश हैं तो मैं भी बहुत खुश हूं क्योंकि मेरे मां-बाप की खुशी से बढ़कर मेरे लिए और कुछ नहीं है वह लोग खुश हैं तो मैं भी खुश हूं अलविदा दोस्तों Rahul M.