राधे की गूंज Dikshadixit द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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राधे की गूंज

मैं मुंबई शहर के सबसे बड़े कॉलेज में पी. एच. डी कर रही थी।
आज हमारे कॉलेज में कुछ नए विद्यार्थी आने वाले थे, हम बहुत दुःखी थे। उन नए बच्चो को ले कर क्यों कि उनका जिस क्लास में दाखिला हो रहा था, वहां के सीनियर सब जूनियर को तंग करते थे। कॉलेज में कुछ बच्चे विदेशी भी थे, बह विदेशी सबको तंग किया करते थे, आज सभी नए बच्चे कॉलेज में आए सभी लोग जानते हैं की नए बच्चो के साथ रैगिंग जरूर होगी पर किसी में जॉन को रोकने की हिम्मत नही थी, जॉन विदेशी रैगिंग टीम का नेता था, सभी नए बच्चे जैसे ही अपनरूम में जाने लगे, तभी सब विदेशी बच्चो ने उन्हें रोक लिया और सबको बीच में कर लिया और उनके चारों ओर एक गोला बना लिया। फिर किया जॉन आया और अपने रूल्स की किताब खोली और नए बच्चों को आना गुलाम बोलते हुए, उनपर हुक्म चलाने लगा, सभी बच्चे डरते डरते उसकी बात मान गए, और उसको सलाम कर चले गए, जॉन को जब तक बह लोग सलाम नही करते बह उन बच्चो के रूम की चाबी नही देता। तभी अचानक एक ओर से एक हल्की हल्की आवाज आ रही थी, सब उस आवाज की तरफ अपने कान लगाए सुनने की कोशिश कर रहे थे कि बह आवाज किया है। और किसकी है, तभी सूर्जमुखी के फूलों के बीच से एक सुनहरी आंखो वाली एक गोरी चिट्टी छोटी सी करीब चौदह साल की ही थी। बह अपने ही धुन में ही चली आ रही थी,सब की नजरें उस पर टिक गई, कुछ उसको देख रहे थे कुछ उसके पहनावे को, कुछ वो गाना जो बह गुन गुना रही थी,
पतली सी कमरिया लचकाते, मस्ती से नाज से इठलाते,
रुख से बिजली सी चमकाते, सब सुंदरता को लज्जाते,
चरणों की कोमल छेरन से सोए हुए भाग जगाएंगे वो प्रिय हमारे आएंगे कुछ ऐसा ही था बह गीत, सब उसको देखते रह गए।
बह आते ही जॉन से कहती है राधे राधे जजमान उम्मीद है आप सब ठीक होंगे किया आप हमे बता सकते हैं रूम नंबर दस कोन सी फ्लोर पर है, तभी वाडन मेम आ जाती हैं सभी बच्चे अपने अपने कमरे में चले जाते हैं। तभी उसको देख कर मुझे लगा इस लड़की में कुछ तो बात है इससे मिलना चाहिए मैं उसके पास गई, बह अपने बैग से एक छोटी सी कृष्ण की मूर्ति निकालती है, और उस मूर्ति से कहती है कि देख छोड़ आए हम बह देश जहां तेरे नाम के बोल वाले थे, अब मैं तुझे तंग करूंगी, अब आज से तुम और मैं यहीं रहेंगे।
बह मूर्ति से ऐसे बात कर रही थी जैसे बह मूर्ति सच में उसकी बात सुनती हो, तभी उसकी नजर मेरे पे जाती है, और कहती है आप हमारे कक्ष के बाहर किया कर रहीं हैं, कृपया अंदर आओ, मैं अंदर जाती हूं, मैं उसको सब बताती हूं, कि बह जॉन से दूर ही रहे तो अच्छा है। बह बोलती है कब किस के पास जाना है कब किससे दूर रहना है वे तो प्राण नाथ बताएंगे।
मैं हस्ती हुई फिर बोलने बाली थी कि बह बोल पड़ी कोन हैं आप कहां रहती हो, मेने उसे बताया कि मैं दीपाली हूं, मैं तुम्हारी सीनियर हूं बहुत बड़ी सीनियर बह इतना सुन कर मुझे बोलती है, पायें छू रहे हैं दीदी उसकी यह बात सुन कर मुझे बहुत अजीब लगा पर बह बोली आप बहुत अच्छी हैं मेरा एक काम करेंगी, बह मुझे चाप लगाने लगी बह मासूम तो बिलकुल नही थी। उसने मुझसे अपना रूम साफ करा लिया, उसी समय से बह मेरी एक अच्छी दोस्त बन गई थी। उसके बगैर मेरा मन नही लगता था, मेरे साथ खाना पीना बैठना कही भी छुट्टी लेकर जाना तो मुझे बोल के जाती कि मैं वाडन मेम को बोल जाऊं की मीठी कॉलेज छुट्टी ले कर गई है। बह मुझसे की अपने काम कराया करती थी अगली सुबह बह उठी और बालकनी में आके अपनी आंखे खुजाती हुई आती है और बहुत जोर से आवाज लगाती है, "राधे राधे" मुंबई बालों शुभ प्रभात उसकी इस हरकत को देख सब दंग रह गए । कोई कुछ नही बोला सब देख कर हंसने लगे, जब उसके कानों में आवाज गई तो बह घबरा कर अपने रूम में चली गई, और कॉलेज के लिए तैयार हो गई।
बह पहले दिन भी लेट हो गई जा कर बोलती है, मेम किया हम अपने सुंदर कदमों से आपकी इस क्लास को रंगीन कर दे इस क्लास में आ कर आपके और आपकी क्लास में खुशियां भर दें, बह सब बात आके मुझे बताया करती थी, मैं और बह खूब हसा करते थे। मानो जी सिंह सर के पिंजरे में एक सुनहरी आजाद चिड़िया आ गई हो एक ऐसी चिड़िया जो ना तो खुद कभी डूबती है और न ही अपने दोस्तो को बह बहुत अच्छी दोस्त कब किसकी बन जाया करती थी किसी को पता भी नही चलता था, इसी तरह बहुत दिन गुजर गए। धीरे,धीरे बह सबकी चहेती बन गई। जब भी आपस में कोई लड़ाई करता बह उनके बीच में जाके बोलती की......
मुंह बंद करके, लठ उठा के मारो तब तक सिर न फूटे तब तब
इसका मतलब था मुंह से नही लठ से लड़ो और तब तक लड़ो जब तक सिर न फूटे और भाग जाया करती थी।उसकी हरकतें से बह सबकी चहेती हो गई।एक दिन बह रात को ही अपने पापा के साथ घर चली गई और वापस नही आई, सब परेशान हो गय और तब पता चला कि उसको बुखार था तो उसके पापा उसे ले गए तभी एक अनाउंसमेंट होता है की को जरूरी मैसेज है सभी लोग होल में पहुंचे प्रिंसिपल सर कुछ कहना चाहते हैं, पर बह मैसेज सर का नही मीठी का ही था बह हॉपिटल में थी और वीडियो से कुछ कहना चाहती थी, सबको सब लोग होल में पहुंचे और मीठी वीडियो ए दिखी बह सबको मीठी का लास्ट मैसेज था बोली.....
बोली परेशानियां सब के जीवन में आती हैं अगर हम उनको देख चीड़ आते हैं तो बह और दुःखी हो जाती है और आपको उतना ही परेशान करती है बह आपके जीवन से कभी नही जाती अगर आप परेशानी को भगाना चाहते हैं तो उसको गले लगाओ और बोलो की आपका स्वागत है हमारे जीवन में आप आइए। आपके चेहरे से मुस्कान नही जानी चाहिए बह परेशानी को गले लगाओ और धीमे स्वर में उसके कान में कहो राधे राधे
और इतना कह कर मीठी हमेशा के लिए अपने राधे कृष्णा में खो गई पूरा कॉलेज राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे गूंज से बोल उठा।।