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नादान दिल - अँतिम भाग

गातांक से आगे...
आदित्य जब नौकर के मूंह से सारी बात सुनता है कि दादी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी और सरगम ने उनकी सेवा मे दिन रात एक कर दिया ! ये जानकर तो आदित्य के दिल मे सरगम के लिए प्यार और इज्जत दोनो बढ़ गए थे !

अब बस वो जितनी जल्दी हो सके सरगम के पास जाना चाहता था ! जल्दी जल्दी कद़म भरता हुआ वो अपने कमरे की तरफ बढ़ता है ! दिल की धड़कने बढी़ हुई थी ! कि पता नही सरगम उसे माफ़ करेगी या नही..? क्या वो समझेगी की , सब कुछ इतनी जल्दी मे हो गया तो वो कुछ समझ ही नही पाया ..! यही सब सोचते सोचते वो आहिस्ता से दरवाजा खोलता है और धीरे से अपने कदम कमरे मे रखता है !

अँदर आते ही सबसे पहले नज़रे जाती है सरगम पर जो कि पीछे सिरहाने से अपनी पीठ टिकाकर बैठी बैठी ही सो रही थी ठीक वैसे ही जैसे सुहागरात वाली रात को वो बैठे बैठे सो गई थी ! उस वक्त चेहरा ढका होने के कारण बस उसके होंठ नज़र आ रहे थे और आज उसकी सिल्की सिल्की जुल्फो ने उसके चेहरे को छिपा रखा था !

ये देखकर आदित्य के होंठो पर बडी़ सी स्माईल आ जाती है ! वो देखता है कि उसकी हर चीज़ वैसे ही रखी हुई है जैसे वो छोड़ कर गया था !
आहिस्ता आहिस्ता चलता हुआ वो सरगम के ठीक सामने जाकर बैठ जाता है और जी भर कर उसका चेहरा देखता है ! दिल और आत्मा को जैसे सकून मिल गया हो ! उसकी आँखो के किनारे खुद ब खुद भीग जाते है !

ये वही चेहरा था जिससे वो दूर भाग रहा था पर आज वो इस चेहरे को हमेशा के लिए अपने सीने मे छिपा लेना चाहता था !
वो कोई भी ऐसी हरकत नही कर रहा था जिससे सरगम की नींद खुले और वो अपना ये हसीन लम्हा खो दे..!

आदित्य की नज़र सरगम के हाथ मे पकड़ी हुई तस्वीर पर जाती है जिसे उसने कसकर अपने सीने से लगा रखा था !

साईड मे रखे हुए टेबल पर अपनी तस्वीर को ना पाकर आदित्य समझ जाता है कि ये उसी की तस्वीर है ! उसका रोम रोम पुलकित हो उठता है , सरगम के बेहिसाहब प्यार से वो गद गद हो उठता है ! उसके दिल से आवाज़ आती है सरगम....

यही आवाज़ सरगम के दिल तक भी पहुंचती है और वो एक दम से उठ जाती है ! जैसे ही अपनी आँखे खोलती है तो अपने सामने आदित्य को देखकर उसकी आँखे हैरानी से फैल जाती है , वो दो तीन बार अपनी प्लको को झपका कर देखती है जैसे सोच रही हो कि ये सपना है या हकीक़त ..?

उसे अभी तक यकीन नही हो रहा था कि आदित्य सच मे उसके सामने बैठा है या बस उसका वह़म है ! उसके मासूम चेहरे पर सैकंडो भाव आ रहे थे ! पागल सी हो गई थी वो उसे अपने सामने देखकर , जब नही रहा जाता तो वो अपना हाथ बढाकर उसके चेहरे को छुते हुए -आप , आप सच मे यहां है..??

ओह , फो उसका एक मासूम सवाल , और आदित्य हार गया अपना दिल अपनी जान 💕💕💕

सरगम का हाथ अभी भी उसके चेहरे पर था !

हम्म...आदित्य के मूंह से बस इतना ही निकलता है ! जो काफी था सरगम को होश मे लाने के लिए ...वो तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लेती है !और हड़बडा़ कर उठती है ! अपने सीने से लगाई हुई आदित्य की तस्वीर को वापस रखते हुए जो उसके गाल लाल हो रहे थे , वो तो कमाल थे !

दिल इतनी जोऱ से धड़क रहा था कि जैसे उछल कर बाहर आ जाएगा ! उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो क्या बोले..? क्या करे..? बात भी करे तो क्या बात करे...? आखिर कोई हक़ भी तो नही दिया था आदित्य ने उसे...

कहीं ना कहीं आदित्य उसकी हालत समझ रहा था ! क्योकि अँदर से वो भी तो यही महसूस कर रहा था !

सरगम बिस्तर से उठकर एक तरफ खडी़ हो जाती है !

कुछ खाने को मिलेगा...?? बहुत भूख लगी है ! ये पहली बार था जब आदित्य ने खुद सामने से उससे बात की हो !

पहले तो सरगम को यकीन ही नही आता कि आदित्य उससे बात कर रहा है ! वो फिर से उसका चेहरा देखने लगती है ! पर अगले ही पल वो किचन की तरफ दौड़ पड़ती है , पैरो मे जैसे पहिए लगा लिए हो !

उसका बस नही चल रहा इस वक्त नही तो वो कितने पकवान बना देती ! हाथ पैर फूले हुए है , सांसे ऊपर नीचे हो रही है ! मन मे सैकंडो सवाल चल रहे है..!

आज अचानक से लौट आए ...? हमेशा के लिए आ गए हो ना मेरे पास..? फिर छोड़ कर तो नही जाओगे..? इतने दिनो तक कहां थे..? खूब शिकायते करूंगी..,, सारी बाते पूछ लूंगी.. , बस यही सोचते हुए वो रोटिया सैंके जा रही है , चिमटा नही मिल रहा तो हाथ से उठा रही है ! ऊंगलिया जल रही है पर जलन महसूस नही हो रही है ! एक तरफ चाय चढा़ दी है जो उबल कर बाहर गिरने वाली है ! बरतन उठा रही है तो वो हाथ से गिर रहा है , सब गड़बड़ कर रही है , क्योकि दिमाग तो आदित्य मे अटका हुआ है..!

इससे पहले की चाय उबल कर बाहर गिरती वो तुरंत हाथ बढाकर गैस बंद करती है और ठीक उसी वक्त आदित्य भी हाथ बढाकर गैस बंद करता है !

सरगम का हाथ गैस के स्विच पर और आदित्य का हाथ सरगम के हाथ पर ...

आदित्य की छुअन से सुन्न हो जाती है सरगम ! पर ना तो वो अपना हाथ पीछे खीचंती है और ना ही आदित्य उसका हाथ छोड़ता है !

सरगम का दिल भर आता है वो एक दम से आदित्य की तरफ देखती है !

आदित्य भी उसकी तरफ देखता है ! सरगम की आँखो मे सैंकडो सवाल थे जिन्हे आदित्य साफ़ देख पा रहा था !
ना चाहते हुए भी सरगम की आंखो मे आसू आ जाते है और वही आसू लुढ़क कर गालो पर आ जाते है !

आदित्य एक दम से बैचेन हो जाता है !
इन आँखो को तकलीफ देने की वज़ह जान सकता हू मैं..? वो अपना हाथ उसके आसू साफ करने के लिए बढाता़ है .. !

सरगम तुरंत अपने कदम पीछे खींच लेती है !

आदित्य का हाथ हवा मे ही रह जाता है !

सरगम अपने कदम पीछे करते हुए - ये जानने वाले आप कौन है ? पहले तो बिना बताए चले गए , मुझे बिना गलती के सजा़ दी !और अब एक दम से वापस आ गए और हक़ भी जता रहे हो । पर क्यू..? हो सकता है आप कल को फिर वापस चले जाओ , और आपके ऐसा करने से मैं बिखर जाऊँगी ..., टूट जाऊँगी मैं...और मैं टूटना नही चाहती ..,,नही चाहती...वो बहुत ज्यादा रोते हुए बोल रही थी ,ये कहते हुए वो अपना चेहरा अपने दोनो हाथो मे भरकर रोने लगती है !

सामने खड़ा आदित्य आराम से उसकी सारी बात सुनता है ! सरगम की बातो मे छिपा दर्द , तकलीफ वो महसूस कर रहा था ! चार महीने की चुप्पी थी जो सरगम ने आज तोडी़ थी ! वो बस लगातार रोये जा रही थी !

आदित्य के कदम उसकी तरफ बढ़ जाते है ! अगले ही पल वो सरगम के बेहद करीब था , वो सरगम के हाथ उसके चेहरे से हटाता है !

उसका पूरा चेहरा रो रो कर लाल हो गया था ! वो अपनी गरदन झुका कर खडी़ थी !

आदित्य अपने हाथ से उसकी चिन पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर करता है ! पर सरगम अपनी नज़रे नही उठाती..!!

आदित्य - एक बार मेरी तरफ देखो तो सही प्लीज.., आदित्य की आवाज़ मे भी कम तकलीफ नही थी !

सरगम अपनी आसू भरी नज़रो से उसकी तरफ देखती हेै !

आदित्य उसके दोनो हाथ अपने हाथो मे लेकर - मानता हू तुम्हारा गुनहागार हू और तुम जो सजा़ दोगी मुझे मंजूर है पर उससे पहले एक बार मेरी बात सुन लो..! सुन लो कि क्यू मैं तुमसे भाग रहा था , या यूं कहे की खुद से भाग रहा था !

पहले तो एक दम से हमारी शादी हो गई ! मुझे कुछ समझ ही नही आया ! मैॆ तो शादी के लिए तैयार भी नही था ! बस दादी की खुशी के लिए ...,, मम्मी ,पापा के बाद वही मेरा सब कुछ है और मैं उन्हे मना नही कर पाया..! और दूसरी वजह थी मोलिना....

आदित्य के मूंह से किसी लड़की का नाम सुनकर सरगम के दिल मे एक टीस सी उठती है !

आदित्य आगे बोलते हुए - मोलिना मेरी दोस्त है ! पर एक वक्त था जब मुझे लगने लगा था कि मैं उसे लेकर कुछ फील करता हू , पर इससे पहले कि मैॆ कुछ समझ पाता दादी ने मेरी शादी करवा दी ! अब दिल और दिमाग मे जंग छिड़ गई थी कि अगर पंसद मोलिना को करता हू तो तुम्हारे साथ जिदंगी की शुरूवात कैसे करू..?
तुम्हे देखता तो तुम्हारे लिए भी बुरा लगता कि तुम्हारा क्या कसूर है..? बहुत ज्यादा उलझ गया था तो यहां से चला गया...!

कुछ खत्म करने , कुछ नया शुरू करने ! चार महीने बीत गए , पर इन चार महीनो मे एक दिन भी ऐसा नही गया जब तुम्हारी याद ना आई हो ! मुझे पता ही नही चला कि जब मोलिना मुझसे दूर होती गई और तुम मुझसे जुड़ती गई..! और फिर जब मोलिना ने कहा की वो मुझे पंसद करती है तो उस वक्त मुझे खुशी नही हुई ! सिर्फ तुम्हारा चेहरा नज़र आया , उलझन के बादल उसी पल छटं गए , मुझे समझ आ गया कि वो तो सिर्फ मेरा अटरैक्शन था , प्यार तो वो है जो तुम कर रही हो ! मीलो दूर होकर भी मेरे रोम रोम मे बस गई हो..! अब तो तुम्हारे बिना जीने की कल्पना भी नही कर सकता..!!

पता नही तुम्हे मेरी बातो पर यकीन हो भी रहा है या नही ! और नही भी हो रहा तो कोई बात नही ! मेरे लिए पूरी दुनिया मे मेरी दादी से बढ़कर और कुछ नही है , मैं उनकी कसम खा कर कहता हू ये आदित्य सिर्फ तुम्हारा है , सिर्फ तुम्हारा..! बहुत इँतजार किया है ना तुमने मेरा , तो मैं भी तुम्हारा इँतजार करने के लिए तैयार हू..!! तुम्हे जब मुझ पर , मेरे प्यार पर यकीन हो तो तब मुझे दिल से स्वीकार करना ,तब तक मैं इँतजार करूंगा तुम्हारा...

ये कहकर वो वहा से जाने लगता है ! सरगम एक दम से उसका हाथ पकड़ लेती है !

आदित्य हैरानी से उसकी तरफ देखता है ! सरगम उसकी आँखो मे आँखे डालकर - बहुत इँतजार किया है आपका , अब और नही कर सकती ये कहती हुई वो उसके सीने से लग जाती है ! अगले ही पल आदित्य उसे अपने आगोश मे समा लेता है !

दोनो की आँखे नम थी ! दोनो के बैचेन दिल को राहत मिल गई थी ! सारे गिले शिकवे आसुओ के रास्ते बह गए थे !

खाना ठँडा हो गया था पर ठंडे पडे रिश्ते मे गरमाहट आ गई थी !

आदित्य सरगम का चेहरा अपने हाथो मे भरकर अपने होंठ उसके माथे पर रखते हुए - आई एम सारी..!!

आज सरगम ने अपने हिस्से की सारी खुशियां पा ली थी !
आप चलिए , मैं आपके लिए खाना लेकर आती हू..! ये कहती हुई वो खाना गरम करने लगती है !

दोनो साथ मे खाना खाते है ! दोनो की कभी ना खत्म होने वाली बाते शुरू हो गई थी ! दोनो एक दूसरे को जितना समझते जा रहे थे उतना ही एक दूसरे के प्यार मे डूबते जा रहे थे ! बाते करते करते कब दोनो नींद के आगोश मे चले जाते है दोनो को पता नही चलता..!!

अगली सुबह.....

सरगम की मिट्ठी आवा़ज से दिन की शुरूवात होती है ! उसकी आवाज़ पूरी हवेली मे गुंज रही थी ! जो काफी थी आदित्य को नीॆद से जगाने के लिए !

सरगम अपनी मिट्ठी आवाज़ मे भजन गा रही थी ! शादी के बाद आज पहली बार उसने कुछ गाया था !

उसका भजन सुनकर उमा देवी भी बाहर आती है ,और सरगम को देख कर खुशी और गम के मिले जुले भाव उनके चेहरे पर आ जाते है !

लाल साडी़ , नई नवेली दुल्हन की तरह वो सजी हुई , सबसे ज्यादा तो उसके चेहरे की चमक , रौनक, खुशी सब कुछ लौट आया था !

उमा को अभी तक कुछ नही पता था ! उमा उसके पास जाती है और प्यार से उसका माथा चूमते हुए -ऐसे ही खुश रहा कर मेरी बच्ची..!!

ठीक उसी वक्त आदित्य अपने कमरे से बाहर आता है ! उसे देखकर सरगम शरमा कर अपनी प्लके झुका लेती है !
उमा झट से पीछे मुडकर देखती है तो आदित्य को वहा देखकर ,उनकी खुशी की कोई सीमा नही रहती ..! अब उन्हे सरगम की खुशी का पता चल गया था..!

आदित्य उमा से भी माफी मांगता है और उनसे वादा करता है कि वो हमेशा सरगम की खुशियो का ख्याल रखेगा..!
उमा दोनो को खूब प्यार और आशिर्वाद देती है ! एक बार फिर जश्न होता है , हवेली को सजाया जाता है ,, पूरे गांव को खाने पर बुलाया जाता है , एक बार फिर सरगम दुल्हन की तरह सजती है , फर्क सिर्फ इतना था कि इस बार सब उसकी खुशी के मुताबिक हो रहा था !

एक बार फिर वो अपनी बढी़ हुई धड़कनो के साथ आदित्य का इँतजार कर रही थी ! ठीक उसी वक्त आदित्य कमरे मे आता है ! दोनो की नज़रे मिलती है , सरगम शरमा कर नज़रे झुका लेती है ! उसकी इस अदा पर आदित्य एक बार फिर अपना दिल हार जाता है !

वो झट से अपनी दोनो बांहे खोल देता है और सरगम भागकर उसमे समा जाती है ! दोनो कसकर एक दूसरे को अपने आगोश मे समा लेते है और डूब जाते है अपने बेहिसाहब प्यार की बारिश मे...! दो जिस्मो के साथ साथ दोनो की आत्माए भी एक हो गई थी !

अगले दिन...

सरगम आदित्य के साथ अपने घर जा रही थी ! इस वक्त वो आईने के सामने बैठकर रैडी हो रही थी ! पीछे से आदित्य उसे अपनी बांहो मे भरता है और अपनी चिन उसके कंधे पर टिकाते हुए - बहुत खूबसूरत लग रही हो !
एक मिनट एक मिनट , दादी ने कहा था कि तुम्हे कोई तोहफा देना है पर मैं तो तुम्हारे लिॆए कुछ लाया ही नही..!

सरगम अपने हाथो मे कंगन पहनते हुए - तो आप अब दे दीजिए ..!

अच्छा जी , तो बताओ क्या चाहिए मेरी सरकार को..!
सरगम खडी़ होती है और उसके सामने जाकर अपना हाथ आगे करते हुए - एक वादा...!!

आदित्य - वादा..?? कैसा वादा..??

सरगम - वादा कीजीए की अगर हमारे बेटी होगी और वो कुछ बनना चाहेगी कि तो आप उसे रोकेंगे नही..!!

बात बहुत गहरी थी जो सरगम ने बहुत सरलता से कह दी थी !

आदित्य उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए - वादा..! पर वो ये समझ गया था कि जरूर सरगम के सपनो की बलि चढाई गई है..!
उसके बाद वो दोनो सरगम के घर चले जाते है ! आदित्य सरगम की छोटी बहन से बातो बातो मे ये पता लगा लेता है कि सरगम गाना चाहती थी पर उसके पिता ने उसकी एक नही सुनी..!

कुछ दिन बाद ...

सरगम उमा देवी के साथ थी ! तभी आदित्य हाथ मे एक कागज़ लिए उसके पास जाता है और वो कागज़ सरगम के हाथ मे रख देता है !

सरगम उसे खोलकर देखते हुए - ये क्या है..? पर वो जैसे ही उसे खोलकर पढ़ती है तो उसकी आँखे झिलमिला जाती है..! वो हैरानी से आदित्य की तरफ देखती है ! आदित्य तुरंत उसके आसू साफ करते हुए - वादा करो तुम हमारी बेटी के लिए मिसाल बनोगी और अपना सपना पूरा करोगी...!!

इसके बाद सरगम संगीत शिक्षा लेती है और पूरे दिल से उसे पूरा करती है !

चार साल बाद...
सरगम संगीत की दुनिया की उन बुलंदियो पर है जहा वो हमेशा से जाना चाहती थी , पूरी दुनिया मे उसका नाम है ! और इन सब मे आदित्य ने कदम कदम पर उसका साथ दिया ! आज सरगम ने खुद का एक संगीत विदा्यलय खोल लिया है और वो उन सब लड़कियो को फ्री मे शिक्षा दे रही है जो कुछ करना चाहती है ! इन सब मे उसकी खुद की एक साल की बेटी ( सपना ) है जो की आदित्य की गोद मे चैन से सो रही है !और सरगम प्यार से दोनो को देख रही है ..!

अपनी जिदंगी मे जितने उसने त्याग किए थे ! एक एक करके सबको पा लिया सरगम ने सिर्फ और सिर्फ आदित्य की वज़ह से !
आदित्य ने जब तक प्यार नही किया तो नही किया पर जब किया तो इतना किया की दुनिया की हर खुशी लाकर सरगम के पैरौ मे रख दी ! अब अपनी छोटी सी दुनिया मे दोनो बहुत खुश है...💐💐🌹🌹

समाप्त....
आप इस कहानी को पढ़कर खुश हुए तो अपने कमैंट देकर मुझे भी खुश कर देना 😊😊


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