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शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 लेखक डॉ. योगेंद्र कुमार पांडेय को

प्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉ. योगेंद्र कुमार पांडेय को 'बंधन प्रेम' के लघु उपन्यास के लिए शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 विगत दिनों प्रदान किया गया।जीवनदायिनी शिवनाथ नदी मोहारा के तट पर प्रतिवर्षानुसार आयोजित तीन दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा मेला के अवसर पर श्री शिवनाथ क्षेत्रीय विकास समिति द्वारा साहित्य एवं खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभावानों का सम्मान किया गया।

मेला के प्रथम दिवस पर हिंदी साहित्य में सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ के लिए स्व. ममता जैन की स्मृति में श्री शिवनाथ क्षेत्रीय समिति राजनांदगांव द्वारा दिया जाने वाला शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. योगेन्द्र कुमार पांडेय को उनके प्रकाशित लघु उपन्यास बंधन प्रेम के हेतु दिया गया।मंचासीन मुख्य अतिथि श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख महापौर नगर पालिक निगम एवं डॉ. डी.सी. जैन द्वारा डॉ. पांडेय को स्मृति चिन्ह,प्रशस्ति पत्र एवं 5,000 नकद राशि भेंट कर सम्मानित किया गया।मंच पर उनके साथ ही नगर निगम के आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी एवं अध्यक्ष श्री हरिनारायण धकेता, पूर्व पार्षद श्री नमिताभ जैन,पार्षदद्वय श्री भागचंद साहू,श्री राजेश गुप्ता चम्पू एवं शिवनाथ समिति के सदस्यों एवं नागरिकों के द्वारा शिवनाथ रत्न पुरस्कार प्राप्त करने के लिए  डॉ.योगेंद्र पांडेय को बधाई दी गई।अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने लेखकों एवं प्रतिभावानों को सम्मानित करने की दिशा में श्री शिवनाथ क्षेत्रीय विकास समिति के प्रयासों की सराहना की तथा पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को बधाई देते हुए उनके उत्तरोत्तर सफलता की कामना की।कार्तिक मेला के समापन दिवस पर श्री शिवनाथ क्षेत्रीय विकास समिति द्वारा खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय सम्मान प्राप्त करने वालों में बेस्ट वेटलिफ्टर अजय लोहार एवं सुश्री एकता बंजारे को सम्मानित किया गया।तीन दिवसीय मेला का सफल मंच संचालन समिति के सचिव श्री अमलेंदु हाजरा के द्वारा किया गया।

     राजनांदगांव के साहित्यकार डॉ. योगेंद्र कुमार पांडेय को वर्ष 2022 का शिवनाथ रत्न पुरस्कार भारतीय सेना के एक साहसिक अभियान की पृष्ठभूमि पर आधारित उनके लघु उपन्यास ‘बंधन प्रेम के’ हेतु दिया गया। कोविड-19 महामारी के दौरान नगर के स्वयंसेवकों के एक समूह द्वारा कठिन परिस्थितियों में जनसेवा पर आधारित उनके दूसरे लघु उपन्यास यशस्विनी को भी अत्यंत सराहना मिली है,जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर है। डॉ. योगेंद्र वर्ष 1991 से देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लगातार सक्रिय साहित्यिक लेखन कर रहे हैं,जिनमें दो लघु उपन्यासों के साथ-साथ अब तक उनकी सैकड़ों रचनाएं कविताएं, कहानियां, आलेख, एकांकी, नाटक आदि विभिन्न विधाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।वे वर्तमान में मातृभारती ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विभिन्न कहानियों,उपन्यासों, कविताओं और आलेखों का सतत लेखन कर रहे हैं।इनमें लघु उपन्यास 'बंधन प्रेम के',आलेख श्रृंखला 'गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र', हास्य कहानियों का धारावाहिक 'हंसी के महाठहाके', लघु कथाओं का संग्रह ' कहानियों का रचना संसार' और काव्य संग्रह 'यादों के कारवां में' शामिल है।डॉ.योगेंद्र दैनिक ‘दावा’ समाचार पत्र में विचार सरिता के नाम से व्यक्तित्व विकास एवं जीवन कौशल पर एक नियमित स्तंभ का दैनिक लेखन कर रहे हैं।वे केंद्रीय विद्यालय राजनांदगांव में हिंदी अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। केंद्रीय विद्यालय राजनांदगांव के प्राचार्य श्री ई. रंगास्वामी,समस्त शिक्षकगण, कार्मिकों एवं विद्यार्थियों ने भी उन्हें इस सफलता के लिए बधाई दी है।डॉ. योगेंद्र पांडेय ने इस पुरस्कार के लिए अध्यक्ष डॉ. डी.सी.जैन एवं समस्त सदस्य शिवनाथ क्षेत्रीय विकास समिति राजनांदगांव,जनप्रतिनिधियों, केंद्रीय विद्यालय संगठन एवं प्राचार्य श्री ई.रंगास्वामी समेत समस्त कार्मिकों,अंचल के साहित्यकारों,पाठकों,समाजसेवियों एवं नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।