परी और राक्षक की प्रेम कहानी Brijeshshukla Brijesh द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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परी और राक्षक की प्रेम कहानी

ब्रह्मांड में सात लोक है सबसे ऊपर देवलोक उसके नीचे परीलोक और परीलोक के नीचे सवर्ग लोक के नीचे पृथ्वी लोक जहाँ हम रहते है पृथ्वी लोक के नीचे नरक लोक के नीचे नागलोक और नागलोक के नीचे सबसे खतरनाक जहन्नुम जहाँ राक्षस रहते कुछ राक्षस जहन्नुम से निकलकर पृथ्वी लोक पर आ गए हैं जिसमें से तीन राक्षस जिनके पिता एक विशेष अस्त्र के लिए साधना कर रहे थे वो तीनो भाई थे सबसे बड़े भाई का नाम प्रथम था वो एकदम अपने पिता जैसा था उसमे अच्छाई भी थी और बुराई भी थी और बीच वाले भाई का नाम रॉकी था जिसमे सिर्फ बुराई ही थी और सबसे छोटे भाई का नाम ऋषभ था जो की एकदम अपने बड़े भाई जैसा था उसमे भी अच्छाई और बुराई दोनों थी एक दिन जंगल में कुछ इंशान कैंपिंग करने के लिए आए तो तीनों भाईयों में से बीच वाले भाई ने उन इंशानो पर हमला कर दिया तो सबसे छोटे भाई ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वो उससे नही रुका तभी बड़ा वाला भाई आया उसने उसे रोक लिया और उन इंशानो को बचा लिया और उन्हे सही सलामत उनके घर पोहचा दिया उसके उसने अपने बीच वाले भाई को समझाया की हमे किसी पर हमला नही करना चाहिए तभी एक परी परिलोक से पृथ्वी पर आती है उस परी का नाम राजपरी था बीच वाले भाई को उस परी प्यार हो गया था लेकिन राजपरी एक खास वजह से पृथ्वी पर आई थी उसका खास वजह ये थी की वो उन तीनो भाईयो के पिता की साधना भंग करना चाहती थी ताकि रक्षशो को वो विशेष अस्त्र ना मिले उस परि को उन तीनो भाईयो के पिता की कमजोरी मालूम था उनके पिता की कमजोरी उनके बेटे ही थे तो परी ने सोचा बीच वाले भाई से प्यार का नाटक करेगी लेकिन नाटक करते करते परी को बड़े वाले भाई प्रथम से प्यार हो गया था लेकिन परी को पता था की एक परी कभी राक्षस से प्यार नही कर सकती है तो परी ने उन दोनों भाईयो से प्यार का नाटक करके उन दोनों में दरार paida कर दी वो दोनों परि के लिए लड़ रहे थे उनकी लडाई का अनुभव उनके पिता को हो जाता है उनकी लडाई से उनके पिता की साधना भंग हो जाती है बड़े वाले भाई को ये सब देखकर बहुत गुस्सा आता है और वो परी से बदला लेने की सोचता है वह परिलोक जाता है है उसी दिन परी का विवाह था वह दुल्हे को बेहोस करके उसका रूप धारण कर लेता है और परी से शादी कर लेता है जब परी को यह पता चलता है तो वह उसे श्राप देती हैं की तुम इस परी लोक से जहा गिरोगे वही पर दफन हो जाओगे परी ने ऐसा इसलिए किया क्युकी उसे पता था की राक्षस कभी मरते नही है इसलिए परी ने उसे श्राप दिया और फिर खुद को भी मार दिया परी लोक में आत्महत्या करना पाप था तो इस पाप का प्रायसचित् करने के लिए परी को धरती लोक पर जनम लेना पड़ेगा अभी इसका part 2 भी hai to अब मिलते है part-2 mai