छलावा वो अजीब सा साया Knowledge द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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छलावा वो अजीब सा साया

आज की कहानी कुछ सच्ची घटनाओं से प्रेरित है, जिसे मनोरंजन के लिए कहानी के रूप में संजोया है आपके होस्ट मोहित सोम ने ।
कुछ लोग इस कहानी से जरूर इत्तेफाक करेंगे लेकिन कुछ इसे काल्पनिक कहेंगे लेकिन सभी से आग्रह है आप इसे मनोरंजन की दृष्टि से ही लें।
6 दोस्त मनीष, सूरज , गौरव, मधु , मानसी, और विक्की। इन सभी को एडवेंचर का बहुत शौक है। ये सभी ब्लॉगर है और काफी famaous । एक बार ये सभी हिमाचल की पहाड़ियों को explore कर रहे थे। वापसी के समय रास्ते में लगे warning बोर्ड पर कुछ रखा था, जिससे एक रहस्यमयी रोशनी निकल रही थी ।
वो चमक उन सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। जिसे देख कर विक्की ने गाड़ी के ब्रेक लगाए और भाग कर उस बोर्ड के पास गया । तभी बाकी लोग भी गाड़ी से नीचे उतरे और विक्की से एक साथ बोले ओय क्या चीज है ये हमको भी तो दिखा ।
विक्की उस चमकती हुई चीज को उठा कर उनके पास ले आया, वो एक बड़ा सा कागज था जो काफी बार फोल्ड किया हुआ था और उससे एक अजीब सा प्रकाश निकल रहा था। उन्होंने उसे खोल कर देखा तो उसमे एक नक्शा बना था जो जंगल और पहाड़ियों के रास्ते होते हुए एक बंगले तक जाता था जो दिखने में काफी आलीशान लग रहा था । सभी बारी बारी से उस नक्शे को गौर से देखते , उस नक्शे में हर बार उन्हें वो बंगला अलग दिखाई देता । वे जिसे देख कर बहुत अचंभित थे । अब उन्होंने मन बना लिया था की वो सभी कल सुबह ही उस बंगले के लिए निकल जायेंगे । तो वो सभी उस नक्शे को लेकर वहां से निकल गए । रास्ते भर उस नक्शे और बंगले की ही बाते वो सभी कर करते रहे । वो लोग काफी एक्साइटेड से उस जगह को देखने के लिए । लेकिन उन्हे उस खतरे का कोई एहसाह तक नही था जो आने वाले समय में उनका इंतजार कर रहा था।
वो सभी अपनी अपनी तैयारी में लग गए उन्होंने वो सभी समान अपने साथ लिया जिसकी उनको जरूरत होती थी। उन लोगो से सब्र भी नहीं हो रहा था तो वे अगले दिन सुबह 4 बजे ही जाने लगे । उन सभी ने अपना सामान गाड़ी में रखा और वे गाड़ी में बैठे विक्की ने जैसे ही गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश की वो स्टार्ट ही नहीं हो रही थी। तभी मधु बोली ये खटारा गाड़ी ही मिली थी तुमको जाने के लिए इससे तो अच्छा हम बैल गाड़ी से चले जाते ।
आखिर वो गाड़ी स्टार्ट हुई और सभी खुशी से झूम उठे वो लोग शहर से बाहर ही निकले थे की मानसी का फोन बजा । मानसी ,विक्की से बोली भाई पापा का फोन आ रहा है, तो विक्की बोला तो तू बता दे की तू मेरे साथ में है। दरअसल विक्की और मानसी दोनो भाई बहन है। मानसी ने बिकुल वैसे ही अपने पापा से बोल दिया की वो विक्की के साथ है।
वो लोग उस नक्शे में बने रास्ते पर आगे बढ़े जा रहे थे । चलते हुए उन्हे अब शाम हो चुकी थी । रास्ता धीरे धीरे सुनसान होता जा रहा था की अचानक ब्रेक लगे और गाड़ी अपने आप एक पहाड़ी के मोड़ पर आकर रुक गई । वो लोग विक्की की तरफ गुस्से से बोले यहां क्यों रोक दी गाड़ी, विक्की को कुछ समझ नहीं आ रहा था। विक्की ने काफी कोसिस की लेकिन वो गाड़ी स्टार्ट ही नही हुई। वो सभी लोग गाड़ी से नीचे उतर गए और पहाड़ी के किनारे खड़े हो गए । विक्की अभी भी गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश कर रहा था। काफी कोशिसो के बाद जब गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई तो विक्की भी गाड़ी से उतरा और खड़ा होकर उस गाड़ी को ही देख रहा था। कि अचानक गाड़ी का हॉर्न बजने लगा वो भाग कर ड्राइवर साइड में आया तो जो उसने देखा उसे देख कर सोक रह गया।
विक्की ने देखा हॉर्न एक साइड से दबा हुआ था , उसने हॉर्न के दूसरी साइड अपना हाथ रखा तो वो हॉर्न बंद हो गया। जैसे ही विक्की मुड़ा तो हॉर्न फिर से बजने लगा । विक्की झट से पलटा ओर जो उसने देखा उसे देख कर उसके पसीने छूट गए । एक परछाई गाड़ी के अंदर दिखी और अचानक ही गायब हो गई और गाड़ी का हॉर्न भी बंद हो गया ।
उसे लगा सायद उसका वहम होगा। शायद गाड़ी में वायरिंग की प्राब्लम है , लेकिन वायरिंग की प्रोब्लम में हॉर्न एक साइड से कैसे दबा होगा। तभी अचानक गाड़ी अपने आप स्टार्ट हुई सभी लोग अचंबे से गाड़ी को देख रहे थे । उन्हे गाड़ी में कोई नजर नहीं आया। गाड़ी धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी सभी उसके पीछे पीछे दौड़ने लगे।
गाड़ी धीरे धीरे घने जंगल में चले जा रही थी। वे लोग अब थक चुके थे और तभी गाड़ी के ब्रेक लगे ।
सभी ने आस पास देखा तो वो ही बंगला उनके सामने था, जिसकी तलाश में वे लोग निकले थे । लेकिन वो बिल्कुल वैसा नही दिख रहा था जैसा उस नक्शे में दिखाया गया था वो तो एक खंडर था। रात हो चुकी थी, गाड़ी का भी कोई भरोसा नहीं था , उन लोगो ने काफी सोच विचार कर वहीं रुकना ही ठीक समझा । वे लोग उस बंगले के अंदर गए और सभी ने थोड़ी बहुत साफ सफाई की ओर अपने अपने बिस्तर लगा लिए।
वे सभी साथ लाया हुआ खाना खा कर ही सोने के लिए बिस्तर पर लेट ही थे की बंगले में एक आवाज गूंज उठी , "अगर यहां रुकोगे तो कीमत चुकानी ही पड़ेगी "
इस आवाज को सुनकर वे वहां तो रुकने वाले नहीं थे। तो वे सभी बाहर निकल आए और टैंट लगा कर सोने लगे।
उनके पास तीन टैंट थे, एक टैंट में विक्की और मधु लेटे, दूसरे में मानसी और गौरव ये दोनो रिलेशन में थे । एक टैंट में मनीष और सूरज थे ।
रात काफी हो चुकी थी और टैंट के बाहर से अजीब अजीब आवाजे आ रही थी ,लेकिन किसी की हिम्मत नही थी, कि कोई जाकर ये देख सके ।
तभी एक लड़की की तेज चीख पूरे जंगल में गूंज उठी। जिससे गौरव डर गया और उसने देखा तो मानसी उसके पास नही थी । उसने सोचा शायद अपने भाई के पास गई होगी । ये सोच कर लेट गया , तभी उसी के टैंट के पास खुदाई की आवाज आ रही थी जैसे कोई गड्ढा खोद रहा है । थोड़ी देर तक गौरव ने ये सब इग्नोर किया लेकिन जब उससे रहा नहीं गया तो वो टॉर्च हाथ में लेकर टैंट से बाहर आया तो उसके टैंट के सामने एक ताजा खुदी मिट्टी का ढेर था जैसे अभी अभी किसी ने खुदाई कर इसे बनाया है वो उस ढेर के पास गया । उस ढेर से किसी का हाथ बाहर निकला था गौर से देखा तो ये हाथ मानसी का था उसने तेजी से हाथो से मिट्टी हटाई मानसी की लाश देख कर वो चीख पड़ा गौरव की चीख सुनकर सभी टैंट से बाहर आ गए।
मानसी की लाश देख कर विक्की अपना आपा खो बैठा और तेज तेज चीखते हुए बोला तूने मेरी बहन को मार डाला मैं तुझे नहीं छोडूंगा।
विक्की ने पास में पड़े एक लक्कड़ को उठाया , सभी लोगो ने विक्की को रोकने की कोशिश की लेकिन विक्की उनसे नहीं रुका उसने गौरव के सर पर उस लठ से वार कर दिया। वो तब तक गौरव को मरता रहा जब तक की वो मर नही गया। जब तक विक्की को अपनी भूल का एहसास हुआ तब तक काफी देर हो चुकी थी।
सभी लोगो ने जंगल में एक अजीब सी सनसनाहट सुनी और एक भयानक हंसने की आवाज। मानो किसी को ये सब देख कर आनंद मिल रहा हो।
अब सभी ने एक साथ एक टैंट में सोने का निर्णय किया। सभी लोग सोने के लिए एक टैंट में घुस ही रहे थे की अचानक सूरज को कोई अदृश्य शक्ति घसीट कर ले जाने लगी, सूरज इतनी तेज घीष्टता जा रहा था की कोई कुछ ना कर सका, कुछ दूर तक उन लोगो ने सूरज का पीछा भी किया लेकिन थोड़ी ही देर में सूरज उनकी आंखों के सामने से गायब हो गया।
डरे सहमे सभी वापस टैंट में आ गए।

आगे क्या हुआ? आपको ये पूरी कहानी हमारे Youtube Channel पर मिलेगी।
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