क्या आज कल मां बाप पढ़ पाते है अपने बच्चो का मन? - 1 Mansi द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

क्या आज कल मां बाप पढ़ पाते है अपने बच्चो का मन? - 1

chep 1

केसे है आप सब , अच्छे ही होंगे

तो आज मे यहां कोई कहानी आपको नहीं कहूंगी बल्कि आज मे अपने मन की बात के द्वरा आपके बच्चे के मन की ओर ले चलूंगी , तो चलिए मे जो भी आपसे केहना चाहती हूं उसे एक बार ध्यान से पढिए ओर समजने की कोशिश कीजिए।

क्या आपके बच्चे अभी इस वक्त कॉलेज या स्कूल मे पढ़ रहे है तो उनके माता पिता के लिए में कुछ जरूरी बाते कहना चाहती हूं,
क्या आपके बच्चे आपको अपने दिल में जो चल रहा है वह कहते है , ओर अगर नहीं कहते तो आपने उनके मन में जो है उसको समज़ने की कोशिश की? क्या आपने जानने की कोशिश की?

आपका बेटा या बेटी अभी कॉलेज मे है उसे अब आगे क्या बनना है जिंदगी मे वह वे लोग सोच रहे है , माता पिता के अपने बच्चे को लेकर कुछ सपने होते है ओर होने भी चाहिए ,

हर माता पिता का ख्वाब है कि उनका बेटा या बेटी कुछ बड़ा बने जिंदगी मे जेसे की doctar , engineer , software developper ओर बहुत कुछ , लेकिन एक बार माता पिता को बच्चो से भी पूछना चाहिए कि "बेटा तुम्हारी कोई इच्छा है तो हमे बताना हम वह कोर्स तुम्हे करवाएंगे।"

आज कल माता पिता अपने विचार बच्चो पर थोप देते है ओर कहते है तुम्हे यही करना है कॉलेज के बाद, फिर चाहे उसे करने मे बच्चे की मर्जी हो या ना हो , अरे भाई जिंदगी बच्चो की है, माता पिता को रास्ता दिखाना चाहिए ना कि खुद रास्ता बना दिया ओर बच्चो को उसपे जबर्जस्ती चला दिया।

इस परेशानी की वजह से दुनिया में कितने बच्चे आत्महत्या जेसे रास्तों मे चले जाते है , अपने बच्चे को खोने से अच्छा है एक बार अपने बेटे या बेटी को बोल दो की "बेटा तुम्हे जो बनना है जिंदगी मे तुम बनो हम तुम्हारे साथ है"
फिर देखना आपके बच्चो के मन से stress हट जाएगा ओर आपका बच्चा एक stress free life जीयेगा।

मे बस आपको बच्चे के मन की बात बोलने की कोशिश कर रही हूं जो अक्सर आपके बच्चे आपको सामने से बोल नहीं पाते उन्हे डर लगा रहता है कहीं मम्मी पापा ने मना कर दिया तो कहीं वे मुझे डाटेंगे तो , इस स्थिति में माता पिता को ही बच्चो से पूछना पड़ता है , ये बात।

अगर बच्चे के home work diary मे कुछ complain आती है जेसे बुक भूल गए या फिर home work नहीं किया तो वह आपको बताने से डरता है कि अगर मेने ये मम्मी या पापा को sign करने दिया ओर उन्हों ने डाटा तो , ऐसे में आपको उनकी diary cheak करनी है ओर बच्चो को मारने की जगह उनको एक बार प्यार से समझाना है कि यह complain आना अच्छी बात नहीं होती फिर वह समझ जाएगा ओर आगे से complain भी नहीं आयेगी , ओर अगर आप इस स्थिति में उनको दाटोगे तो उनके मन में आपका डर बैठ जाएगा की मम्मी पापा डाटेंगे , ऐसा हमे होने देना नहीं है।

ऐसे ही अगर टेस्ट में उनको कम मार्क आए तो वह कभी कभी आपके डर की वजह से आपसे एसी छोटी छोटी बाते छुपाने लगते है कि अगर हम मार्क दिखाएंगे तो वह हमे कम मार्क की वजह से मारेंगे ओर फिर बच्चे माता पिता की sign खुद करके अपने टीचर को दे देते है , इस स्थिति में आपको उन्हे मारना नहीं है, उनको प्यार से समझाना है कि इतने कम मार्क क्यों आये फिर वह आपको खुल के बात बोल पाएगा उनका डर कम हो जाएगा , फिर वह कभी अपने टेस्ट पेपर आपसे नहीं छुपाएगा ओर सामने से आपको बतायेगा।

ऐसा नहीं है की माता पिता बच्चो को कभी नहीं डाटे , उनको डाटीये लेकिन जरूरत पड़ने पर ही कि अगर आपके बच्चे प्यार से नहीं समझ रहे है तब ही । बच्चो को आपका डर होना चाहिए लेकिन इतना भी नहीं की वह आपसे अपनी दिल की बात ना कह सके ।

इसका अगला part 2 जल्द आएगा😊 तब तक आप सोचिए क्या आप अपने बच्चो के यह सब तो नहीं करते जो मेने आपसे कहा है।