वास्तुशास्त्र एक रहस्य Jashan Preet Singh द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

वास्तुशास्त्र एक रहस्य

वास्तुशास्त्र एक रहस्य

कहानी की शुरुआत करने से पहले मैं आप सबको वास्तु शास्त्र के बारे में कुछ बताना चाहता हूं दरअसल वास्तुशास्त्र एक बहुत पुराना ग्रंथ है अगर हम वास्तु शास्त्र की मदद से घर को बनाते हैं तो हमारे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है और अगर घर वास्तु शास्त्र के ठीक उल्टा बना हो तो घर में नेगेटिव एनर्जी आती है यानी कि भूत प्रेत पिशाच चुड़ैल और डायन
राहुल: यह घटना मेरी जिंदगी का एक डरावना सपना बनकर रह गया है जिसे मैं चाह कर भी भुला नहीं सकता आज भी जब मैं उस घटना के बारे में सोचता हूं तो मुझे रात में नींद नहीं आती तो मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम किया करता था मैं अपनी लाइफ से बहुत खुश था मेरी एक पत्नी और मेरा एक लड़का था तकरीबन 5 साल की मेहनत के बाद मैंने एक घर खरीदा हम सब बहुत खुश थे पर एक बात बहुत अजीब थी वह घर मुझे बहुत सस्ते में मिला था और मैं भी इतना पागल मैंने उस घर के बारे में जानने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की यही मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी वह घर काफी समय से बंद पड़ा हुआ था इसीलिए मैंने उस घर की सफाई पहले ही करवा ली थी मैं और मेरे घर वाले अपने नए घर में जाने के लिए काफी ज्यादा खुश थे मैं घर का दरवाजा खुला तभी अचानक चार-पांच बच्चे खेलते हुए हमारे सामन मैं उन्हें देखकर काफी ज्यादा हैरान हो गया क्योंकि घर का दरवाजा तो बाहर से बंद था और घर के अंदर आने का कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था तो फिर यह बच्चे
राहुल: तुम सब कौन हो और यहां पर क्या कर रहे हो और तुम घर के अंदर कैसे आए
अंकिता: अरे राहुल क्यों बच्चों को बोल रहे हो अरे बच्चे भी तो हैं क्या हुआ अगर खेल रहे हैं तो
राहुल: ऐसे कैसे ना कहूं अंकिता ऐसे तो कोई भी हमारे घर में आ जाएगा
अंकिता: अरे बस करो राहुल तुम हमेशा गुस्से में ही रहते हो बच्चों तुम घर के अंदर कैसे आए और तुम सब कहां पर रहते हो

बच्चे: हम सब यहीं पर रहते हैं और यह हमारा घर है
राहुल: हमारा घर इसे तुम्हारा क्या मतलब है यह मेरा घर है
तभी बाहर से किसी आदमी के चिल्लाने की आवाज आई मैं और अंकिता जब बाहर आए तो बाहर कोई भी नहीं था फिर हम दोनों घर के अंदर चले गए पर जब हम घर के अंदर गए तो बच्चे अब वहां पर नहीं थे मुझे और अंकिता को लगा कि वह बच्चे शायद अपने घर चले गए होंगे
अंकिता: क्या तुम चाय पियोगे
राहुल: अगर तुम पिलाओगे तो मैं जरूर पियूंगा
इतना बोलकर अंकिता चाय बनाने लगी तभी मेरे मन में उन बच्चों का ख्याल आया कि दरवाजा तो बंद था और घर के अंदर आने का कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था तो फिर वह बच्चे घर के अंदर कैसे आए और वह बच्चे देखने में भी काफी ज्यादा अजीब लग रहे थे उनका चेहरा एकदम सफेद था कि जैसे उनके अंदर बिल्कुल भी खून ना हो
अंकिता: चलो तुम्हारी चाय
राहुल: तुम्हारी हाथ की चाय पीकर तो एकदम थकान गायब सी हो जाती है
हमें उस घर में बहुत अच्छा लग रहा था पर कुछ समय बाद हमें उस घर में कुछ अजीब सा महसूस होने लगा हमें ऐसा लगता कि कोई हमें घूर के देख रहा है कभी-कभी ऐसा लगता कोई हमारे साथ चल रहा है और कभी कभी किसी के सांसो की आवाज सुनाई देती कभी किसी के रोने की आवाज कभी किसी के चलने की आवाज पर कोई भी हमें दिखाई ना देता हमें काफी ज्यादा अजीब लगने लगा फिर एक दिन मैंने अंकिता से इस बारे में बात करने की कोशिश की
राहुल: अंकिता मुझे इस घर में कुछ अजीब सा महसूस होता है मुझे ऐसा लगता है कि कोई हमारे साथ इस घर में रह है
अंकिता: तुम्हें सही कहा राहुल मुझे भी इस घर में कुछ अजीब सा महसूस होता है
राहुल: मुझे लगता हमें इस घर में पूजा करवानी चाहिए शायद उससे कुछ फायदा हो
आखिरकार मैंने और अंकिता ने घर में पूजा करवाने का फैसला किया और हमने पंडित जी को पूजा के लिए बोल दिया पूजा के दिन हमारे साथ कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं था पंडित जी ने जैसे ही घर में प्रवेश किया तो ऐसा लगा कि मानो जैसे पंडित जी को एक जोरदार बिजली का झटका लगा हो पंडित जी घर से तुरंत बाहर निकल गए पंडित जी ने अपनी आंखें बंद की और कुछ मंत्र पढ़ने लगे फिर पंडित जी ने मुझसे कुछ ऐसा कहा जिसकी उम्मीद मुझे बिल्कुल भी नहीं थी
पंडित जी: बेटा राहुल इस घर को तुरंत ही खाली कर दो वरना यह घर तुम्हारे पूरे परिवार को मार डालेगा इस घर में बहुत सी काली ताकतें हैं जिनका मुकाबला मैं नहीं कर सकता इसीलिए मैं सिर्फ तुम्हें चेतावनी ही दे सकता हूं इस घर को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी खाली कर दो तुम्हारे लिए अच्छा होगा
राहुल: लेकिन पंडित जी
पंडित जी: मैं तुम्हें और कुछ नहीं कहना चाहता मेरा फर्ज था कि तुम्हें चेतावनी दे दूं अब इससे आगे तुम्हारा खुद का फैसला होगा
इतना बोलकर पंडित जी वहां से चले गए और राहुल वही का वही खड़ा रह गया उसे काफी ज्यादा अजीब लग रहा था कि अभी अभी तो उसने एक नया घर लिया था उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था उसके मन में पंडित जी की भाई सब बातें घूम रही थी कि जल्दी से घर को खाली कर दो अन्यथा मैं भी तुम्हें बचा नहीं पाऊंगा रात हो चुकी थी राहुल अभी भी काफी सदमे में था तभी अंकिता उसे घर के अंदर लेकर जाती है
अंकिता: क्या हुआ राहुल तुम क्यों इतने परेशान हो जो भी हुआ अच्छा हुआ भगवान जो भी करते हैं कुछ ना कुछ अच्छे के लिए ही करते हैं
राहुल: अंकिता मेरे साथ ही ऐसा क्यों मैंने कितनी मेहनत से यह घर लिया थ

राहुल और अंकिता एक दूसरे से बात कर ही रहे थे कि तभी कमरे की लाइट एकदम से बंद हो गई चारों तरफ अंधेरा छा गया और उन्हें किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी तभी अंकिता के मन में ख्याल आया कि सुमित तो कमरे में अकेला है उस बच्चे की आवाज और तेज होने लगी तभी अंकिता और राहुल उस आवास की ओर दौड़े तो वह काफी ज्यादा हैरान हुए क्योंकि सुमित अब उस कमरे में नहीं था मैं काफी ज्यादा डर गए और सुमित को चारों ओर ढूंढने लगे पर उन्हें सुमित कहीं भी नहीं मिला फिर राहुल ने डरते हुए पंडित जी को फोन लगाया पंडित जी ने फोन उठाया और राहुल से कहा
पंडित जी: बेटा राहुल मैंने तुम्हें कहा था ना कि वह घर बहुत ही खतरनाक है अब मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता परंतु एक आदमी है जो तुम्हारी मदद कर सकता है अब तुम्हारी मदद सिर्फ अघोरी रुद्रनाथ ही कर सकते हैं पंडित जी मुझे अघोरी रूद्र नाथ कहां पर मिलेंगे बेटा राहुल अघोरी रुद्रनाथ तुम्हें पासी के श्मशान घाट में मिलेंगे इतना बोलकर पंडित जी ने फोन काट दिया
राहुल और अंकिता दोनों श्मशान घाट की ओर बढ़ने लगे श्मशान घाट के अंदर एक झोपड़ी बनी हुई थी राहुल और अंकिता दोनों झोपड़ी के अंदर गए और जैसे ही वह उस चुपड़ी के अंदर गए तो वह काफी ज्यादा हैरान हो गए क्योंकि एक लंबी दाढ़ी वाला आदमी हवा में योग मुद्रा में बैठा हुआ था उसके चेहरे पर काफी तेज था और वह देखने में साक्षात भगवान शिव का स्वरूप लग रहे थे तभी अचानक उस अघोरी की आंखें खुल गई और वह खुद-ब-खुद जमीन पर नीचे आने लगे
अघोरी रुद्रनाथ: कौन हो तुम लोग और यहां पर क्या कर रहे हो
राहुल: गुरुदेव हमें पंडित जी ने भेजा है
अघोरी रूद्र नाथ जी ने अपनी आंखें बंद की और कुछ मंत्र बोलने लगे आंखें खोल कर उन्होंने कहा जल्दी चलो हमारे पास समय बहुत कम है वैसे ही बहुत समय बीत चुका है हमारे पास बस 7 घंटे है 7 घंटे के बाद तुम्हारा लड़का एक आत्मा में बदल जाएगा फिर मैं भी उसे बचा नहीं पाऊंगा
अघोरी रुद्रनाथ राहुल और अंकिता यह तीनों लोग घर की ओर बढ़ने लगे रास्ते में अघोरी रूद्र नाथ जी ने उन्हें उस घर के बारे में सारी बातें बताई उन्होंने कहा कि यह घर बहुत समय पहले एक तांत्रिक का हुआ करता था वह तांत्रिक काफी ज्यादा बुरा तांत्रिक था उस तांत्रिक ने इस घर को वास्तु शास्त्र के बिल्कुल उलट बनाया जिसके कारण इस घर में केवल बुरी शक्ति का ही वास हो सकता है यह घर तकरीबन 5 साल बाद किसी ना किसी आदमी की बलि लेता है और इस बार इसने तुम्हारे बच्चे को चुना है
अब यह तीनों घर के सामने खड़े थे अघोरी रुद्रनाथ जी ने राहुल और अंकिता को एक रुद्राक्ष और एक माला दी और कहा इस रुद्राक्ष और माला को धारण कर लो यह कोई ऐसा वैसा रुद्राक्ष नहीं है यह मेरी तपस्या का फल है यह रुद्राक्ष तुम्हें हर बुरी शक्ति से बचाएगा और यह माला तुम्हें उन सब बुरी आत्माओं से लड़ने की शक्ति देगी हर हर शंभू इतना बोल कर अघोरी रुद्रनाथ वह रुद्राक्ष पर वह ताबीज उन दोनों को दे देते हैं चलो जल्दी चलो हमारे पास समय बहुत कम है
अब अघोरी रूद्र नाथ जी ने घर का दरवाजा खोला और मैं तीनों लोग घर के अंदर प्रवेश करने लगे घर में एकदम अंधेरा छाया हुआ था चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा वह दृश्य काफी वाला डरावना था तभी अघोरी रूद्र नाथ जी ने अपने झूले मैं से कुछ बसम निकाली और उस पर कुछ मंत्र बोलकर आसपास छिड़क दिया तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी हमने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की उस जादुई बसम के कारण अब हमें वह सभी भूत प्रेत दिखाई दे रहे थे वह काफी ज्यादा डरावने थे किसी का कोई हाथ नहीं था तो किसी का पैर तभी अघोरी रुद्र नाथ जी कुछ मंत्र पढ़ने लगे और उस मंत्र के पढ़ने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारे बच्चे की आभा महसूस हो रही है वह अभी इस घर में ही है राहुल तुम्हारा बच्चा बेसमेंट में है जल्दी जाओ हमारे पास समय बहुत कम है मैं तुम्हारे साथ नहीं आ सकता और एक बात और कुछ भी हो जाए तुम्हें डरना नहीं है डर ही उन सब भूत-प्रेतों की ताकत है तुम्हें किसी भी बात पर यकीन नहीं करना मैं तुम्हें डराने की कोशिश करेंगे तुम्हें अपनी माया में फंसा कर तुम्हें उलझाने की कोशिश करेंगे लेकिन तुम्हें हर बार बचना होगा तुम्हारे पास समय बहुत कम है जाओ राहुल
राहुल: मैं तुरंत ही बेसमेंट की ओर बढ़ने लगा बेसमेंट में एकदम अंधेरा छाया हुआ था चारों तरफ सन्नाटा था तभी अचानक मेरे हाथ में रखा रुद्राक्ष एक अजीब सी नीली रोशनी के साथ चमकने लगा मैं उस रोशनी की मदद के साथ अपने बेटे को ढूंढने लगा तभी अचानक मुझे ऐसा लगा कि कोई उस बेसमेंट में है मैंने देखा कि अंकिता भी मेरे साथ है मैं काफी ज्यादा हैरान था क्योंकि अंकिता तो ऊपर थी फिर अंकिता ने मुझे कहा कि मुझे बाबा ने तुम्हारे पास भेजा है और कहा है कि जाओ राहुल की जाकर मदद करो
तभी अचानक मुझे और अंकिता को किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई देने लगी पर हैरानी की बात तो यह थी कि उस बच्चे की आवाज चारों ओर से आ रही थी मैं और अंकिता अपने बेटे को ढूंढने लगे पर हमें हमारा बेटा कहीं नहीं दिखाई दे रहा था तभी अचानक उस बच्चे की रोने की आवाज बंद हो गई और कुछ समय बाद एक औरत के हंसने की आवाज सुनाई दी वह आवास काफी ज्यादा डरावनी थी मैंने जब गौर से उस आवाज को सुना दो वह आवास अंकिता के पास से आ रही थी मैंने अंकिता की ओर देखा तो मैं काफी ज्यादा डर गया क्योंकि अंकिता अब काफी ज्यादा अजीब लग रही थी उसका चेहरा एकदम बदल गया था तभी अचानक उसके पैर पीछे की ओर घूमने लगे और उसके पैर एकदम उल्टे हो गए मानो कि वह अंकिता नहीं कोई चुड़ैल हो तभी अचानक अंकिता ने मुझसे कहा कि तू अपने लड़के को नहीं बचा सकता वह मारा जाएगा और तू भी मारा जाएगा मुझे अब समझ में आ गया था कि वह अंकिता नहीं कोई चुड़ैल है मुझे अब काफी सारा डर लग रहा था तभी अचानक मुझे अघोरी उत्तर नाथ जी की बात याद आई कि तुम्हें डरना नहीं है डर से ही होना आत्माओं को ताकत मिलती है
राहुल: मैं तुमसे नहीं डरता अगर तुम्हें मेरे बेटे को मारना है तो तुम्हें पहले मुझे मारना होगा
चुड़ैल: मरेगा तू भी मरेगा पर पहले तेरे लड़के को मारूंगी फिर तुझे मारुंगी
इतना बोल कर वह चुड़ैल मुझसे लड़ने लगी मैं भी उस चुड़ैल से उस रूद्राक्ष और ताबिश की मदद से लड़ रहा था लेकिन तभी अचानक वह चुड़ैल कहीं गायब हो गए और उसने मुझे पीछे से एक जोरदार लात मारी जिसके कारण वह रुद्राक्ष मेरे हाथों से कहीं दूर जाकर गिर गया उस चुड़ैल ने मुझे गले से पकड़ कर हवा में उठा दिया और मेरे गले को दबाने लगी मुझे सांस नहीं आ रही थी मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे आज मेरा आखिरी दिन हो मैं बेहोश हो गया जब मेरी आंख खुली तो मैं किसी और अंधेरे कमरे में था वह कोई दूसरा कमरा था तभी मैंने देखा कि कोई औरत एक झूले के ऊपर झूल रहे हैं और वह औरत कुछ बोल रही है जब मैंने उस औरत को गौर से देखा तो वह वही चुड़ैल थी जो मेरे साथ उस बेसमेंट में थी तभी अचानक उस चुड़ैल ने मेरी और देखा और फिर मेरी और बढ़ने लगी अब मुझे काफी ज्यादा डर लगने लगा था तभी अचानक मुझे अपने बेटे का ख्याल आया मेरे अंदर अब थोड़ी हिम्मत आने लगी तभी मैंने हनुमान चालीसा को पढ़ना शुरू किया मैंने जैसे ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया तो मेरे चारों ओर एक तरह की सफेद रंग की रोशनी बनने लगी मेरा ऐसा रूप देखकर वह चुड़ैल भी अब डरने लगी मैं भी उस चुड़ैल की ओर बढ़ने लगा जैसे ही मैं उस चुड़ैल के पास पहुंचा तो वह वहां से भागने की कोशिश करने लगी पर इस बार मैंने उस चुड़ैल को पकड़ लिया और हनुमान चालीसा का पाठ और जोर से पढ़ने लगा तभी अचानक वह चुड़ैल जलने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी मुझे छोड़ दो मुझे जाने दो मैंने उसकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और हनुमान चालीसा का पाठ और जोर से करने लगा आखिरकार वह चुड़ैल चलकर मारी गई तभी अचानक मेरी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा और मैं फिर से बेहोश हो गया इस बार जब मैं उठा तो मैं उसी बेसमेंट में था मैंने किसी तरह कर उस बेसमेंट से पहले रुद्राक्ष को ढूंढो और फिर रुद्राक्ष की मदद से अपने बेटे को ढूंढने लगा तभी अचानक मुझे एक बहुत पुराना संदूक दिखाई दिया मैंने उस संधू को खोला तो उसमें मेरा बेटा पड़ा हुआ था मैंने अपने बेटे को उठाया और ऊपर जाने लगा
जैसे ही मैं ऊपर पहुंचा तो मैंने देखा कि अघोरी रुद्रनाथ काफी ज्यादा बुरी हालत में है उनके शरीर पर काफी ज्यादा गांव थे और अंकिता की हालत भी कुछ ठीक नहीं थी मैंने जल्दी से अघोरी रुद्रनाथ और अंकिता को उठाया और उस घर से बाहर निकलने लगा लेकिन तभी अचानक अघोरी रूद्र नाथ जी ने मुझसे कुछ कहा
अघोरी रुद्रनाथ: रुको बेटा राहुल अभी इस घर में बहुत ही बुरी आत्माएं हैं मुझे इन का खात्मा करना होगा अन्यथा नहीं तो यह किसी और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाएंगे
इतना बोल कर अगोरी रुद्रनाथ जी ने अपने झूले में से थोड़ी सी भसम को निकाला और कुछ मंत्र पढ़कर उसे घर की ओर छिड़क दिया तभी अचानक उस घर को आग लग गई और उस घर में से किसी के रोने और चिल्लाने की आवाज आने लगी वह दृश्य काफी ज्यादा डरावना था घर जलकर राख बन गया
इस घटना को घटे हुए करीबन 10 साल हो गए हैं आज भी राहुल और उसके पत्नी अंकिता उस बारे में सोचते हैं तो उन्हें रातों को नींद नहीं आती उनका बेटा भी अब काफी ज्यादा बड़ा हो गया है भला हो उन पंडित जी और अगोरी रूद्र नाथ जी का जिन्होंने राहुल और उसकी पत्नी की मदद की और उसे इस श्रापित घर से बचाया
तो कैसी लगी दोस्तों आप सब को कहानी उम्मीद करता हूं कि आप सब को यह कहानी अच्छी लगी होगी यह कहानी मैं सच्ची तो नहीं कह सकता पर कहीं ना कहीं यह हमारी असल जिंदगी से थोड़ी बहुत जुड़ी हुई है क्योंकि इस घर में जिस वास्तु शास्त्र की बात की गई है वह असल में मौजूद है और ऐसे कई केस भी दिए गए हैं जिनमें वास्तुशास्त्र के गलत होने के कारण घर में बहुत ही बुरी शक्तियों का वास होता है मिलते हैं आपको उंगली कहानी में आपका प्यारा जशन प्रीत सिंह