Dard e Ishq - 40 books and stories free download online pdf in Hindi

दर्द ए इश्क - 40

विक्रम कार को पार्क करते हुए घर की ओर आगे बढ़ता है। तभी गार्ड दरवाजा खोलते हैं। विकी अपने कदम हॉल की ओर बढ़ाता है । देखता है तो उसके डैड मॉम और सूझी हॉल में बैठे हुए कुछ बात कर रहे थे । विकी उनकी ओर कदम बढ़ाते हुए सूझी के पास वाले सोफा पर बैठ जाता है। विकी अपने पिता की ओर देखते हुए कहता है ।

विकी: हेय डैड! ।
धर्मानंद: क्या कर रहे थे तुम दो दिन! कितनी बार मैने तुम्हे कॉल किए!? । एक भी जवाब नहीं और ना ही कोई अता पता! ।
विकी: अरे! बताया तो था की सुलतान के साथ हूं! ।
धर्मानंद: हां! लेकिन यह तो नहीं कहां था की उसके साथ उसके घर पर रुकने वाले हो!? ।
विकी: कमोन डैड! आपने ये सब कब से शुरू कर दिया!प्लीज डोंट इरिटेट मि ।
धर्मानंद: ( गुस्से में तिलमिलाते हुए ) ये कौन सा तरीका है बात करने का! विकी? । और मैने पहले ही कहां था की सुलतान से दूर रहो! वह सिर्फ बिजनेसमेन नहीं है!। बल्कि उसके कनेक्शन बड़े माफिया के साथ है! ।
विकी: ( हंसते हुए ) हाहाहाहाहा....! हां तो!? ।
धर्मानंद: विक्रम आई एम सीरियस! उसके साथ ज्यादा रहना तुम्हारे लिए अच्छी नहीं है! और किसी दिन वह फंसा तो तुम्हारा नाम भी आएगा। जो की तुम्हारे पॉलिटिकल करियर के लिए अच्छा नहीं है ।
विकी: या या और कुछ ।
धर्मानंद गुस्से में विकी पर चिल्लाने ही वाला था की, प्रेमा धर्मानंद के हाथ को थामते हुए उसे रोकती है।
प्रेमा: विक्रम अब ये कुछ ज्यादा हो रहा है ।
विकी: सॉरी मॉम पर डैड आते ही सी आई डी की तरह दिमाग खाने लगे थे इसीलिए। एनिवेज आप को कुछ काम था डैड!? ।
धर्मानंद: काम से क्या मतलब है तुम्हारा तीन दिन बाद शादी है तुम्हारी!? याद भी है तुम्हे!? ।
विकी: याद है डैड! और कुछ ।
धर्मानंद: ( सिर को ना में हिलाते हुए ) डिजाइनर आज ७ बजे आ जाएंगे! तो कोई चालाकी नहीं चाहिए । घर पर ही रहना ।
विकी: ठीक है फिर ।
धर्मानंद: और हां मैं अभी जरूरी काम से जा रहा हूं! तो तुम कहीं नहीं जा रहे जब तक ड्रेस और बाकी सारी तैयारियां ना हो जाए ।
विकी: ( खड़े होते हुए ) क्या मतलब है आपका!? ।
धर्मानंद: वहीं जो तुमने सुना! ( इतना कहते ही! वह बॉडीगार्ड को कुछ कहते हुए बाहर की ओर चला जाता हैं।) ।

प्रेमा अपने कमरे की ओर चली जाती है और थोड़ी देर बाद चार बॉडीगार्ड घर में दाखिल होते हुए विकी के आसपास खड़े हो जाते हैं। विकी बौखलाते हुए उन्हें देख रहा था । तभी विकी को किसी के खिलखिलाने की आवाज आती हैं । गुस्से भरी नजर घुमाके देखता है तो सूझी थी । जिस वजह से विकी गुस्से में कहता है।

विकी: सूझी की बच्ची यह तेरा ही किया धरा है ना!? तूने ही उल्टी सीधी पट्टी डैड को पढ़ाई है! हैं ना!? ।
सूझी: ( हंसी रोकते हुए ) पता नहीं मुझे याद नहीं आ रहा !? ।
विकी: ( चिल्लाते हुए ) सुजैन!? ।
सूझी: ( हंसते हुए ) अब पता चला बच्चू किसी के फॉन ना उठाने का नतीजा!?।
विकी: ( सोफे पर से तकिया उठाते हुए सूझी के मुंह पर फेंकता है । ) मतलब तुमने ही कहां है ना! ? ।
सूझी: ( गुस्से में ) मैं भला क्यों कहूंगी!? तुम्हारी हरकत ही ऐसी थी की अंकल को गुस्सा आ गया । दो दिन से इसलिए तो कॉल कर रही थी । अब भुगतो ( नाखून को फूक मारते हुए साफ कर रहीं थी । ) ।
विकी: ( गुस्से में सूझी को घूरे जा रहा था। ) ।
सूझी: क्या एसे क्या देख रहे हो!? माना की मैं खूबसूरत हू! । ( अपनी बात पूरी करे उससे पहले ही । )।
विकी: ( हंसते हुए सोफे पर गिर जाता हैं। ) हाहहहा..... यह वहम अच्छा है! वैसे!? ।
सूझी: ( आंखे छोटी करते हुए विकी की ओर देखती है। और तंज के साथ ) वेरी फनी! ।
विकी: ( हंसी को रोकते हुए ) खैर! तीन दिन ही बचे है! और मैं जानता हूं की तुम्हे काफी टेंशन हो रही है! पर बिलीव मि सब कुछ ठीक हो जाएगा। ( सूझी के हाथ पर हाथ रखते हुए )।
सूझी: ( कुछ सोचते हुए ) पता नहीं! । मैने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था की कभी ऐसा दिन भी आ सकता है।
विकी: डोंट वरी सूझी! मैं कुछ उल्टा सीधा नहीं होने दूंगा! आई प्रॉमिस! । ( सूझी के हाथ को थामते हुए ) ।
सूझी: आई हॉप सो! ।

विकी खड़े अपने कमरे की ओर चला जाता है । और सुजैन अपने घर चली जाती है । विकी फ्रेश होकर बेड पर बैठे बैठे कुछ सोच ही रहा था । की तभी उसके मोबाइल में मैसेज आता है । वह फोन को अनलॉक करते हुए देखता है तो स्नेहा का मेसेज था । जिसमे लिखा हुआ था डन । विकी जल्दी से रिमोट लेते हुए टीवी ऑन करता है। विकी जैसे ही न्यूज डिबेट देखता है तो विकी और स्मृति की किस वाली तस्वीर! हर एक चैनल पर लगी हुई थी। वह मुस्कुराते हुए! सोचता है... " स्मृति स्मृति स्मृति.... जानता हूं जब तुम देखोगी तो गुस्सा भी आएगा और झटका भी लगेगा । लेकिन क्या करू इसके अलावा कोई तरीका नहीं था । मैं तुम्हे इन लफड़ो में नहीं फसाना चाहता था । पर.... " और टीवी बंद कर देता है।


रेहान के विला:

तान्या कुछ सोच में बैठी हुई थी!। वह अभी भी परेशान थी की विकी ने इतनी आसानी से कैसे मान लिया की स्मृति ही स्तुति है । जहां तक वह विकी को जानती है वे इतनी आसानी से किसी की भी बात पर भरोसा नहीं करता सिवाय स्तुति के। तो शायद इस वजह से भी बिना सवाल किए विकी ने मान लिया होगा को स्मृति ही स्तुति है। लेकिन फिर उल्टे सवाल भी तान्या के दिमाग में आ रहे थे। उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे!? तभी रेहान भागते हुए आता है और कहता है ! ।

रेहान: जल्दी से टीवी ऑन करो!? ।
तान्या:( टेबल पर रिमोट उठाते हुए टीवी ऑन करती है। ) क्या हुआ!? ।
रेहान: न्यूज चैनल! ।
तान्या: ( जैसे ही न्यूज चैनल लगाती है कि उसकी आंखे फटी की फटी रह जाती है । ) ये.. तो विकी! है! ।
रेहान: ( सिर को हां में हिलाते हुए ) वही तो अचानक ऐसी न्यूज और ये लड़की कौन है!? ।
तान्या: (बस पिक्चर को ही देखे जा रही थी । जिस तरह से विकी और लड़की की नजदीकियां थी। वह गुस्से से जल रही थी । ) । शादी रुकवाने के लिए!? ।
रेहान: ( बैठते हुए ) ये काफी बड़ा कदम है! अगर उसने सिर्फ शादी रुकवाने के लिए ये कदम लिया है! तो वह बहुत बड़ा बेवकूफ है! ।
तान्या: (सिर को ना में हिलाते हुए ) आआ... वो मुझे पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है! । और अब तो उसे पता भी चल गया है की मैं जिंदा हूं! ।
रेहान: लेकिन फिर भी! उसने खुद की रेप्यूटेशन को दाव पर लगाया है! । तो उसे भी प्रोब्लम तो वैसे ही होगी।
तान्या: उससे क्या होगा क्या नहीं इससे हमे मतलब नहीं है! हमे सिर्फ अपने प्लान के मुताबिक काम हो बस।
रेहान: ये बात भी सही है! । चलो अच्छी बात है कम से कम अब हम अपना प्लान आगे तो बढ़ा सकते है ।
तान्या: ( अभी भी तस्वीर की ओर ही देख रही थी। ) हम्म्म... ।

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