जियेंगे तो साथ में - मरेंगे तो साथ में Ravinder Sharma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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जियेंगे तो साथ में - मरेंगे तो साथ में


यह स्टोरी एक ऐसे लड़के-लड़की की है जिनका प्यार एक मिशाल है. आज के दुनिया के लिए. ऐसी lover के लिए जो रोज ही अपना प्यार बदलते है. जो आज किसी के साथ तो कल किसी और के साथ. मैं यही कहुंगी प्यार हो तो उनके जैसा. सभी को प्यार चाहिए मगर प्यार देना कोई नहीं जानता.
यह स्टोरी है मेरी दोस्त प्रिया की. मैं और प्रिया बहुत ही अच्छे दोस्त थे. हर बात एक दुसरे के साथ share करते थे. मैं अपना हर बात उसे बताती और वह भी अपना हर बात मुझे बताती. हमारे पड़ोस में ही एक राहुल नाम का लड़का था. वह भी हमे जानता था. हमारे घर आता और हमसे अच्छी दोस्ती भी थी. प्रिया, राहुल से प्यार करती थी, राहुल भी प्रिया को बहुत चाहता था मगर ये न राहुल को पता था और न ही प्रिया को. दोनों अपने दिल में एक दुसरे से प्यार करते थे. मगर उनका जुबां हमेशा बंद रहा.
एक दिन राहुल ने मुझे बताया “प्रिया से बहुत प्यार करता हूँ मगर कुछ भी कहने में डर लगता है.” वह इतना डरता था की अपना कसम दे दिया की किसी को बताएगी नहीं. अगर कोई जान गया और फिर कोई प्रिया से जा कर बोल देगा तो प्रिया क्या सोचेगी मेरे बारे में. मुझे तो गलत समझ लेगी वह. मैं भी उसे कसम खाकर विश्वास दिलाई की किसी से कुछ नहीं बताउंगी.
काफी दिन बित गये. इसी बिच मेरा बर्थडे आ गया. मैंने राहुल को बताया की आज मैं एक छोटी सी पार्टी रखूंगी. उस पार्टी में प्रिया भी आएगी तो तू उसे प्रोपोज कर देना. मैं भी तेरे साथ रहूंगी. वह तैयार हो गया और प्रिया को देने के लिए रिंग खरीदने चला गया. शाम हो गई थी अभी तक राहुल आया नहीं था. तो मम्मी बोली मैं राहुल को लेकर आती हूँ. मम्मी भी राहुल और प्रिया के love के बारे में जानती थी.
मम्मी भी चाहती थी की दोनों मिल जाये. इसलिए खुद ही राहुल को बुलाने चली गई और कुछ देर बाद ही दोनों आपस आ गये. राहुल के हाथ में एक चमचमाती हुई रिंग थी. वह काफी खुश दिखाई दे रहा था. जैसे उसका कोई सपना पूरा होने वाला हो. उसके चहरे की चमक बता रही थी, की कितनी खास है ‘प्रिया’. हम सभी प्रिया का wait करने लगे. आज उसने आने में भी बहुत देर कर दी थी. वैसे तो दिन भर मेरे घर में घुमती रहती थी और आज ही वह लेट कर रही थी जैसे उसे पता हो की सभी उसका wait कर रहे है. काफी समय हो गया. प्रिया अभी तक नहीं आई. call करने पर कोई receive नहीं कर रही थी. बहुत देर हो गया अब भी सब बेसब्री से उसका wait कर रहे थे. मैं तो उसके बिना केक काट ही नहीं सकती थी.
तभी अचानक घर के टेलीफोन का रिंग बजा. प्रिया की माँ थी. उनकी आवाज में बेचैनी थी, वह रोये जा रही थी. क्या-क्या बोली कुछ समझ में नहीं आ रहा था बस इतना समझ में आया की “प्रिया हॉस्पिटल में है” सभी घबरा गये. दिमाग में दस बाते आने लगी. केक वैसे का वैसे छोड़ सभी हॉस्पिटल के लिए भागे. सभी के चहरे पर एक उदास प्रश्न था ‘क्या हुआ अचानक प्रिया को?”
कुछ ही देर बाद हमलोग हॉस्पिटल में थे. प्रिया की माँ गेट पर ही हमारा wait कर रही थी. उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया था. फिर उन्होंने बताया की प्रिया ब्लड कैंसर है. यह सुनते ही राहुल फफक-फफक कर रोने लगा. उसको बहुत बुरा हाल हो गया. मैं उसे सम्भाली और संत्वना दी. कुछ देर बाद हमें प्रिया से मिलने दिया गया. उसे देखते ही मेरे आँखों आसू आ गये. प्रिया भी भीगी आँखों से देख रही थी.

“राहुल नहीं आया?” बेड पर सोई हुई प्रिया ने पूछा

“आया है, बाहर ही है. बहुत ही बुरा हाल हो रखा है उसका.” मैं न चाहते हुए सब कुछ उसे बता दिया – “वह तुमसे बहुत प्यार करता है और आज तुझे प्रपोज भी करने वाला था.”

उसकी आँखों से आसू की धारा निकलने लगी “मैं भी उसे बहुत प्यार करती हूँ. मैं भी उसके बिना नहीं रह सकती. क्या मैं कभी ठिक नहीं हो पाऊँगी ? मैं उसके साथ जीना चाहती हूँ. उसके साथ रहना चाहती हूँ.” वह बोलते बोलते रोने लगे. उसकी बाते सुनकर मेरा भी गला फुट पड़ा. और जोर जोर से रोने लगे. कैसी किस्मत है, सामने प्यार है, कोई जिन्दगी भर साथ देने को तैयार है मगर ये जिन्दगी साथ देने को तैयार नहीं. जितना ही जीने कि चाह है उतना ही मौत के मुँह में है.
कुछ दिन बाद प्रिया को दुसरे शहर में इलाज के लिए ले गया. इस बिच अब राहुल मेरे घर आना जाना छोड़ दिया. अब वह कही नहीं आता जाता, घर में बैठा रहता. कुछ दिन बाद हमलोग प्रिया से मिलने वहाँ गये. हमलोग के साथ राहुल भी था. प्रिया से मिलने के लिए पहले राहुल ही अंदर गया. हमलोग बहार ही wait करने लगी. राहुल को अंदर गये अब काफी समय हो गया था. अंदर से कोई आवाज भी नहीं आ रहा था. सभी राहुल को बहार निकलने का wait करने लगे.
कुछ देर बाद नर्स प्रिया को दवा देने के लिए अंदर गई. अंदर जाते ही वह चीख पड़ी. चीखने की आवाज सुनकर अभी दौड़ कर अंदर गये. अचानक सभी चीखने लगे. प्रिया और राहुल दोनों ने अपना नस काट लिया था. डॉक्टर ने बचाने का काफी प्रयास किया. तब तक काफी देर हो चूका था. उनके पास में ही कुछ लिखा हुआ एक पेज पड़ा था. जिसमे लिखा था – “हम दोनों एक दुसरे के बिना नहीं रह सकते और अपनी जिन्दगी किसी और के साथ नहीं बिता सकते. हम जब भी रहेंगे एक-दुसरे के लिए रहेंगे. जियेंगे तो साथ में – मरेंगे तो साथ में.