Meri College wali GF - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

मेरी कॉलेज वाली GF - 1

राहुल और गौरव हर रोज की तरह अपने College जा रहे थे।
यार गौरव तूने सिखा को देखा था क्या कल वो तुझे कैसे देख रही थी । भाई सच में सिखा तुझे लाइक करती है ।
चल हट कुछ भी बोलता है ।गौरव ने कहा। कुछ देर की चुप्पी के बाद गौरव बोला। नही यार सिखा को अकेले रहना पसंद है।
सिखा दीवान कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट में पढ़ने वाली सभी लड़कियों में सबसे सुंदर , शांत और एक इंटेलिजेंट लड़की थी। इसलिए सभी लड़कियां उससे चिड़ती थी। सिखा का कोई दोस्त नहीं था ।
जहां सभी लड़के और लड़कियां कॉलेज के बाद Movie देखने or restro में खाने को जाते , सिखा कभी नही जाती थी। सिखा बिलकुल एक सामान्य संस्कारी दिखने वाली लड़की थी।
लेकिन एक बात ऐसी थी जो शिखा को अजीब बनाती थी ।
सिखा हमेशा कुछ जल्दबाजी में रहती थी यहां तक कई बार तो उसे कॉलेज से दौड़कर भी जाते हुए देखा गया। अगर कोई लड़का उससे दोस्ती करना भी चाहता ,तो वो डरी डरी सी दिखती और उससे दूर रहने को बोल देती । लेकिन जो भी लड़का उसका पीछा किया करता उन सभी की रहस्यमई मौत हो जाती। अब सभी लड़के सिखा से डरने लगे थे , इसी वजह से सिखा का कोई दोस्त नहीं था।

गौरव सिखा को पसंद करता है। ये बात राहुल भी जनता है । इसलिए राहुल हमेशा गौरव के मजे लेता रहता है। उसे गौरव की ऐसी हालत देख कर आनंद मिलता है।

दोनो आज रास्ते भर सिखा की ही बाते करते आए थे ,
जैसे ही दोनो कॉलेज पहुंचे तो उन्हें शिखा कॉलेज
के गेट पर दिखी । वो बेहद खूबसूरत दिख रही थी।
तभी गौरव के मुंह से निकला "यार ये लड़की बला की खूबसूरत है।"
तभी सिखा की नजरे गौरव की नजरो से मिली, नजरे मिलते ही गौरव घबरा गया और टूटी अटकती आवाज में बोला Hii ...
लेकिन उधर से कोई जवाब नही आया इस पर गौरव को गुस्सा आया। बड़ा attitude हैं इस लड़की में इतना attitude किस बात का । तभी कोई इससे दोस्ती नहीं करता।
राहुल गौरव की बात काटते हुए बोला भाई वो सिंपल लड़की है ऐसा करके तू उसे छेड़ रहा है । वो ऐसे कभी जवाब नहीं देगी।
गौरव उदास हो कर लाइब्रेरी रूम में आ गया । आज गौरव अकेला बैठा था , राहुल अपनी gf के पास जाकर बैठ गया । तभी गौरव के पास सिखा आई और बोली क्या मैं यहां बैठ जाऊं। ये देख कर गौरव के साथ साथ पूरी क्लास चौंक गई। सिखा हमेशा अकेली बैठती थी, सिखा ने आज तक क्लास में किसी से बात नहीं की थी। अचानक गौरव से उसके पास बैठने को पूछना जबकि लाइब्रेरी में कई शीटे खाली थी । सभी को बड़ा अजीब लगा ।
सिखा के ऐसा पूछने पर गौरव मानो जम सा गया हो। सिखा अब गौरव के पास बैठ गई। पूरी क्लास की आंखे अब उन्हीं को देख रही थी। आज क्लास में कौन आया कोन गया गौरव को कुछ मालूम नहीं था। वो तो बस आंखें फाड़े शिखा को ही घूरे जा रहा था।
गौरव सिखा से चाय को पूछना चाहता था लेकिन फिर मन में बहुत सारे विचार कर गौरव चुप रहा और क्लास से बाहर जाने ही वाला था तभी सिखा बोली गौरव तुम कुछ बोल रहे थे । गौरव सोच में पड़ गया मैं तो मन मन में बोला था। गौरव हिम्मत करते हुए बोला क्या तुम मेरे साथ चाय पीने चलोगी । सिखा सरमाते हुए ठीक है ।
वे अब हर रोज ऐसा ही करने लगे । लेकिन गौरव ने नोट किया की सिखा के चेहरे और गर्दन पर कटने फटने के निशान मिलते जिनके बारे में पूछने पर सिखा कोई न कोई बहाना बना देती। सिखा ने कभी नहीं बताया वो कहां रहती है और सबसे अजीब था कॉलेज की लास्ट क्लास के बाद सिखा का हमेशा गायब हो जाना।
गौरव अपने बिस्तर पर पड़े इन सभी बातों को सोच रहा था , उसने मन बना लिया था कल सिखा का पीछा करूंगा और सभी बाते जान कर ही रहूंगा।
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए गौरव अगले दिन सिखा का पीछा करता है । सिखा का पीछा करते करते उसे पता चलता है सिखा शहर के बाहर एक सुनसान सड़क पर बने इकलौते बंगले में रहती है। जो देखने में तो बहुत बड़ा था लेकिन उसकी हालत अच्छी नहीं थी। सिखा के जाने पर गौरव चुपके से उस बंगले के पास जाता है और झांक कर देखने लगता है।
शेष अगले भाग में।
क्या गौरव जान पाएगा सिखा की हकीक? या गौरव का भी वही होगा जो और लड़को का हुआ था? क्यों कॉलेज के बाद सिखा गायब हो जाती है? क्यों वो सिर्फ गौरव से ही बाते करती है? आगे क्या होगा? जानने के लिए कहानी के साथ बने रहे।
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