सात फेरे हम तेरे - भाग 27 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 27

क्या दीदी आप रूलाओगे क्या ये बात विक्की ने कहा मुझे रोने की आदत तो नहीं है।।

अतुल ने कहा हां ठीक अब चलते हैं सोने ।
माया ने कहा तुम लोग मेरे रूम में सो जाओ मैं बाहर सो जाती हुं।

नैना ये सुनकर बाहर आकर बोली दीदी हम दोनों निलेश के रूम में सो जाते हैं।

माया ने हंसते हुए कहा अच्छा ठीक है। फिर सभी सोने चले गए।
कुछ देर बाद ही माया के रूम से गाने की आवाज आने लगी और साथ में गिटार की आवाज भी सुनाई दी। नैना उठकर बैठ गई और फिर बोली अरे निलेश का गिटार कौन बजा रहा है।


माया भी उठ गई और फिर दोनों ही कमरे से बाहर निकल आए और देखा कि माया के रूम की लाइट जल रही है।

फिर दोनों पहुंच गए और फिर देखा कि विक्की गिटार बजा रहा है और फिर विक्की ने नैना को देखते ही गाना गाने लगे।दो दिल मिल रहें हैं मगर चुपके चुपके।।।
सब बहुत ध्यान से सुनते रहे। बिमल ने कहा वाह क्या बात है आर्मी चीफ की आवाज इतनी जानदार है।
माया और नैना भी हैरान हो गए।
माया ने कहा निलेश के जाने के बाद ये गिटार ऐसे ही रखा था आज उसमें भी जान आ गई।

आज फिर से इस घर में धुन सुन कर मैं बहुत खुश हो गई।
नैना ने कहा पर देर रात ये सब किसको सुझी।

अतुल ने कहा अरे हम लोग निलेश के बारे में बात कर रहे थे। फिर बातों बातों में गिटार की बात होने लगी और विक्की ने कहा उसे बजाना है तो बिमल गिटार लेकर आया।

विक्की ने कहा हां मैं गिटार में वर्ल्ड वाइड किया था जिसमें गोल्ड मेडल जीता था।

माया ने कहा वाह क्या बात है। निलेश को भी बहुत अच्छा लगता था गिटार बजाना पर वो जब तन्हा होता और फिर तभी गिटार बजाने लगता।हम समझ जाते थे कि कुछ हुआ है।

विक्की ने कहा हां सच है पर मैं तो जब खुश होता हूं तभी गिटार बजाता हूं।

अतुल ने कहा नैना आओ हम मिल कर अनताशरी खेलते हैं।
माया ने कहा हां ठीक चलो ठीक है।
फिर सभी बैठ गए।

विक्की ने कहा चलो मैं शुरू करता हूं। शुरू करो अनताशरी लेकर हरी का नाम समय बिताने के लिए करना है कुछ काम।।।

मेरा दिल भी कितना पागल है वो प्यार तो तुमसे करना है।।।।
वाह वाह क्या बात है । ये बात बिमल ने कहा।।
माया ने कहा मुझे गाना है क्या?
विक्की ने कहा हां ह से गाना है।
माया ने कहा है अगर दुश्मन , दुश्मन जमाना
ग़म नहीं कोई आएं कोई हम किसी से कम नहीं कम नहीं।।
अब नैना गाएंगी, ये विक्की ने कहा।
नैना ने कहा मुझे नहीं गाना है।
अतुल ने कहा अरे बाबा गाओ भी।।

ह से गाना है। ये बिमल ने कहा। नैना ने कहा अरे मुझे याद नहीं है मैं सोने जा रही हुं।कह कर जाने लगी।तो विक्की गाना गाने लगे हैरान हुं आपकी जूल्फो को देख कर।।
विमल ने गाना शुरू किया राम जी की निकली सवारी,राम जी की लीला है न्यारी।
र से गाना है। माया की तरफ इशारा करते हुए विक्की बोला।
माया ने गाना शुरू किया राजा को रानी से प्यार हो गया पहली नजर में पहला प्यार हो गया।। विक्की गिटार की धुन भी दे रहा था और नैना को देखें जा रहा था।

य से गाना है। विक्की ने गाना शुरू किया।

यादें यादें।वो यादें किसी दिलों जानम के चले जाने के बाद आती है।।।

नैना की आंखें नम हो गई थी क्योंकि ये निलेश का पसंदीदा गाना था।
माया ने कहा पता है विक्की ये निलेश का पसंदीदा गाना था।


विक्की ने कहा हां मेरा भी तो है। अच्छा अब बिमल की बारी है।
बिमल ने कहा ह से गाना है क्या? माया ने कहा हां मेरे भाई।
नैना ने कहा मैं सोने जा रही हुं।
विक्की ने कहा प्लीज़ रूक जाओ।
नैना ने कहा अच्छा ठीक है। ये कहते हुए बैठ गई नैना।।

बिमल ने गाना शुरू किया। है यार सुन यारी तेरी मुझे जिंदगी से भी प्यारी है।

अतुल ने कहा क्या बात है भाई। विक्की ने कहा फिर ह ही आ गया।

माया ने कहा हां ठीक है मैं गा रही हुं। हमें और जीने की चाहत न होती अगर तुम न होते अगर तुम न होते।

विक्की ने कहा हां दीदी कौन है वो।।
नैना ने कहा मुझे पता है।पर तभी माया ने इशारे से मना किया।
विक्की ने कहा चलो कोई बात नहीं पर दी को जब मन होगा तो दी बताएंगी।


अतुल ने कहा अरे बाबा अब त से।।

विक्रम सिंह शेखावत ने गिटार पर वो धुन बजाना शुरू किया।तुम पास आएं यु मुस्कुराए तुमने न जाने क्या सपने दिखाए।।।
कुछ कुछ होता तुम नहीं समझोगी।
माहौल एकदम बदल गया था सब ख़ामोश से थे। माया ने कहा अब ए से कौन गाएगा।

नैना ने कहा दीदी मैं। फिर नैना गाने लगी।एरी पवन ढुंढे किसे तेरा मन चलते चलते।।।वावरी सी तू फिरें कौन है तेरा सजन।
विक्रम सिंह शेखावत गाना खत्म होने के साथ ही खड़ा हो गया और ताली बजाने लगा। नैना मुस्कुराते हुए कहा कैसा लगा।।
अतुल ने कहा आज कितने सालों के बाद फिर से गाकर तुमने बहुत ही अच्छा किया नैना।

माया ने कहा हां सब कुछ छोड़ दिया था इसने क्यों कि जीने की वजह नहीं थी।

विक्की ने कहा जीने को तो जीते हैं सभी प्यार बिना कैसी जिंदगी और मिल जुल के सुख दुख बांटे क्यों हम रहें अजनबी।।।

माया ने कहा अब चलते हैं सब सो जाओ हां कल फिर से खेलेंगे।

नैना ने कहा तीन बज गए हैं।
सब सो जाओ। फिर बिमल अच्छे से निलेश का गिटार रख देता है फिर सब सो जाते हैं।

नैना की आंखें नम हो जाती है उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि जिंदगी क्या दिखाएंगी।


उधर विक्की भी नैना के बारे में सोचता रहता है। कैसे मैं अपना प्यार साबित करूं। ऐसा क्या करूं।
ये सब सोचते सोचते कब सुबह हो गई।
बेल की आवाज से सभी उठ गए तो देखा छ बज रहे थे।
नैना पहले ही उठ गई और वो पौधों को पानी देने के बाद सबके लिए चाय बना कर ले आईं।
माया ने कहा अरे वाह नैना ने आज चाय बनाया।
नैना ने हंस कर कहा हां दीदी सोचा आज सबको चाय पिला दूं।
माया ने कहा हां निलेश कहता था कि नैना बहुत अच्छा चाय बनाती है।
नैना हंसने लगी और फिर बालकनी में सब लोग बैठ कर चाय का मजा लेने लगें।


विक्की ने कहा कल रात बहुत ही अच्छे से नींद आ गई थी किसी ने मेरे सिरहाने आकर मुझे महसूस किया था और फिर चादर भी मुझे ढक दिया था।
बिमल ने कहा हां सच भाई क्या कोई सपना देखा था हां कौन है ये सपना।।

नैना सबको देखने लगीं और फिर बोली अरे जब सुबह होने वाली थी तो किसी के कहारने की आवाज सुनाई दी तो मुझे लगा कि कोई ठंड से राहत पाना चाहता है।
सब ये सुनकर हंसने लगे।
फिर माया ने नाश्ते में आलू के परांठे और धनिये की चटनी बना दिया।

विक्की ने कहा वाह वाह वाह क्या लाजबाव परांठे बने हैं।
शाम को कहीं मुवी देखने चले क्या?
अतुल ने कहा हां यार चलो चलते हैं।