Unsolved Case - Season 2 - Part 8 books and stories free download online pdf in Hindi

Unsolved Case - Season 2 - Part 8

एपिसोड 8 ( लैटर .... )
शौर्य को किसी का कॉल आया था .... जिसने उससे कहा की ...”अगर तुम अपनी बीवी के बारे मैं जानना चाहते हो ... तो मेहक को हमारे हवाले कर दो ...” ये बात सुन ... शौर्य मनो .. उन पुराणी यादों में खो सा गया हो | मेहक ने भी जब उससे पुछा की क्या हुआ ... तो शौर्य ने उसे इग्नोर कर दिया ... ओर अपने ऑफिस से बाहर चला गया | घर जाते जाते भी शौर्य बस माया के बारे में ही सोच रहा था | तब उसे ध्यान आया की ... फ़ोन पर उस आदमी ने .... मेहक को उन्हें देने के लिए कहा था | शौर्य मन ही मन सोचने लगा ....
“ आखिर मेहक का ... माया से क्या कनेक्शन है ? क्या मेहक माया को जानती थी ?...” यही सोचते सोचते ... शौर्य अपने घर पहुच गया |
जब शौर्य अपने रूम पहुंचा ... तो सामने माया की तस्वीर देख ... वाही अपनी जगह रुक गया | वो धीरे धीरे क़दमों से माया की तस्वीर के पास गया ... ओर खड़ा हो गया | उस तस्वीर में माया की मुस्कान देख ... शौर्य की आँखें नाम हो गईं | वो कहने लगा ....
“ क्यूँ माया ... क्यूँ तुम मुझे यहाँ छोड़ कर चली गई .... तुमने तो मुझसे वादा किया था न ... की हमेशा मेरा साथ डौगी ... फिर क्यूँ तुमने मुझे अकेला छोड़ दिया ... मुझे पता होता की ,,, राजीव तुम्हारे साथ ऐसा करेगा ... तो मैं तुम्हे उस दिन पब में जाने ही नहीं देता”
.... ये कहते कहते शौर्य की आँखों से आंसू झलक रहे थे | माया के जाने के बाद ... शौर्य आज रोया था |
वो खुद को संभाल नहीं पा रहा था ... तो जमीन पर बैठ कर ... माया की तस्वीर को देखते हुए ... रोने लगा | ओर माया के साथ बिताए उन खूबसूरत पलों को याद करने लगा | जो शौर्य ओर माया ने सपने देखे थे ... खुद के लिए .. ओर अपने बच्चे के लिए ... उन सब बातों को याद करने लगा |
कुछ देर बाद ...
मेहक का शौर्य को कॉल आता है |
शौर्य : क्या हुआ ?
मेहक : सर आपके लिए पार्सल आया है |
शौर्य : ठीक है ... उसे ऑफिस में ही रहने दो ... मैं कल ले लूँगा |
ये कहकर शौर्य ने मेहक का कॉल काट दिया | मेहक मन ही मन सोचने लगी .... “ ये आज सर को हो क्या गया है .... लगता है ... दिमाग के पेच गम हो गये होंगे ....”
शौर्य आपना काम ही कर रहा था .. की उसका फ़ोन फिर से बजता है | उसने जब एक नज़र अपने फ़ोन पर मारी ... तो किसी अन नॉन नम्बर से कॉल आ रहा था | शौर्य ने फ़ोन उठाया ओर कॉल रिसीव किया |
शौर्य : हेल्लो ... शौर्य दिस साइड ... हाउ कैन आई हेल्प यू ....?
अन नॉन : अरे शौर्य बाबा ..... पार्सल नहीं मिला क्या .....
शौर्य : ( शक करते हुए ) कौन हो तुम ....?
अन नॉन : अरे रे .... उसकी चिंता तुम मत करो .... जाकर वो पार्सल देखो ... कहीं वो तुम्हारी असिस्टेंस ने गलती से खोल न दिया हो ..... हा हा हा हा
शौर्य : हे ... ( चीखते हुए ) कौन हो तुम ....
शौर्य बोल ही रहा था ... की कॉल कट हो जाता है ... अब शौर्य को एक अजीब सी बैचनी हो रही थी | तभी उसके दिमाग में आया ... की “अभी मेहक का फ़ोन आया था ... किसी पार्सल के लिए ... कहीं ये इंसान उसी पार्सल की बात तो नहीं कर रहा था न ....?”
ये सोचते हुए ... शौर्य मेहक को फ़ोन करता है | पर मेहक शौर्य का फ़ोन नहीं उठती है |
अब शौर्य को थोड़ा डर लग रहा था ... उसने अपनी गाड़ी की चाबियाँ उठाइ ओर अपने अपार्टमेंट से निकल गया | पुरे रस्ते में भी ... शौर्य मेहक को फ़ोन करता रहा ... पर मेहक ने उसका फ़ोन नहीं उठाया ...
जब वो ऑफिस पहुंचा ... तो मेहक वहां थी ही नहीं | पर शौय के नाम का पार्सल .. जरूर वहां पड़ा था | शौर्य ने अपनी नजरें चरों तेरफ घुमा कर भी देखा ... पर मेहक उसे कहीं न दिखी | फिर वो अपने ऑफिस गया ... ओर उस पार्सल की तरफ ध्यान से देखने लगा | उस पार्सल को देखते हुए ... शौर्य को बड़ी बैचनी हो रही थी | समे ऐसा ही पार्सल ... उसे किसी पुराने पार्सल की याद दिला रहा था | जो पार्सल माया के टाइम पर .. दो साल पहले उसके पास आया था |
वो पार्सल बंद था ... जिससे उसे ये तो पता लग गया की ... मेहक ने वो पार्सल में क्या है ... नहीं देखा .... शौर्य ने अपने कांपते हातों से वो पार्सल खोला .... तो उसमें से जो निकला ... वो देख शौर्य के गुस्से का ठिकाना ही नहीं रहा |
उस पार्सल में एक बल थी ... जिस पर ब्लैक कलर से स्माइली बनी हुई थी | शौर्य को इतना गुस्सा आ रहा था ... की उसके आसपास का और बहुत खतरनाक हो गया था | फिर उसे मेहक का ध्यान आया | उसने फिर से मेहक का नमबर मिलाया ... इस बार ... मेहक का फ़ोन किसी ने उठाया ...
शौर्य : कहाँ हो तुम ... मैं कब से फ़ोन मिला रहा हूँ ...
दूसरी तरफ से : अरे सर ... ये फ़ोन यहाँ रोड पर गिरा हुआ है | पता नहीं किसका है ... बज रहा था ... तो मैंने उठा लिया ...
अब तो शौर्य पागल हो रहा था ... उसने उस इंसान से उस जगह का पता माँगा ... ओर मेहक का फ़ोन लाने चला गया | रास्ते मैं शौर्य आज जो पुरे दिन में हुआ ... वो सब बातें याद कर रहा था | आज पुरे दिन मैं ... सब बहुत अजीब हुआ था | उसे समझ ही नहीं आ रहा था ... की क्या हो रहा है | जब उसे मेहक का फ़ोन मिला ... तो उसने देखा .. की मेहक का फ़ोन टुटा हुआ है |
अब मेहक का कोई आता पता नहीं था | शौर्य मेहक के अपार्टमें भी गया | पर मेहक वहां भी नहीं थी | हर जगह धुंडने के बाद ... शौर्य वापिस अपने अपार्टमें आ गया | सोफे पर बैठकर ... आज पुरे दिन में जो जो हुआ ... वो सब याद करने लगा | फिर शौर्य अचानक से अपनी आँखें खोलता है | मनो उसे कुछ याद आया हो | वो जल्दी से उठा ... ओर अपने ऑफिस वापिस गुया | शौय उस पार्सल को ध्यान से देखने लगा | तो उसे उसमे एक लैटर मिला |
उस लत्तेर में जो लिखा था ... उसे पढ़ कर ... शौर्य की आँखें लाल हो गई थीं | उसे गुस्सा भी आ रहा था | अब जाकर उसे समहज आ रहा था ... की आज जो भी हुआ | वो सब कोई मजाक नहीं था |

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