एपिसोड 5 ( पब )
मेहक शौर्य के पिच्छे पिच्छे चल रही थी | पर वो शौर्य में मनो खो गई हो | शौर्य अचानक रुका ... जिसकी वजह से मेहक शौर्य की मज़बूत पीठ से टकरा गई | मेहक ज़ोर से चीखी |
मेहक : आऊछ ....
मेहक मन ही मन शौर्य को गलियां दे रही थी |
मेहक : ( मन ही मन ) हे भगवन ! क्या इंसान है | ये इतना स्ट्रोंग क्यूँ है ? गधा ... उलू .... भूत ... बेकार इन्सान .....
मेहक ये सब सोचते हुए अजीबों गरीब शक्लें बना रही थी | शौर्य ने जब ये देखा ... तो उसके चेहरे पर प्यारी से स्माइल आ गई | पर मेहक उसे देखे ... उससे पहले ही वो वापिस आगे चल पड़ा | कुछ ही देर में ... वो दोनों काम खत्म कर ... वहां से निकला गये | गाड़ी मे मेहक ... कार की विंडो से गुज़रते पेड़ों को देख रही थी | गाड़ी में जो सनाटा छाया था .... वो टूटा | मेहक का फ़ोन बजने लगा | उसने देखा की किसका फ़ोन है | तो थोडा परेशान हो गई | शौय ने देखा की ... मेहक कुछ परेशान लग रही है | तो उसने पुछा ....
शौर्य : क्या हुआ मेहक ?
मेहक : हम .... नहीं कुछ भी तो नहीं |
ओर अपना फ़ोन काटते हुए वापिस विंडो के बहार देखने लगी | वहीँ दोसरी तरफ शौर्य मन ही मन सोच रहा था |
शौर्य : आखिर .. ऐसा क्या है ... की मेहक इतना परेशान है | मुझे पता करना होगा |
फिर बाकि का सफ़र शांति से कटा | मेहक को एक दो बार फिर से फ़ोन आया ... अपर उसने फ़ोन काट दिया | ओर फिर गुस्से में उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया | शौर्य को समझ आ रहा था ... पर उसने कुछ न बोलना ही सही समझा |
कुछ दिन यूँ ही ... दोनों केस में बिजी थे | केस ख़तम होने के बाद .. मेहक थोडा ब्रेक चाहती थी .... इसलिए वो पब चाली गई | पर उसे नहीं पता था ... की आज यहाँ जो होगा ... उसके बाद .. उसकी पूरी ज़िन्दगी बदल जाएगी | मेहक बहुत परेशान लग रही थी .... तभी उसकी नज़र दूर खड़े एक शक्स पर पड़ी ... जो बहुत देर से उसे ही डेक रहा था | या यूँ कहें ... उसे ही घूर रहा था | तो उसने जल्दी से वहां से जाने का सोचा | पर जैसे ही वो वहां से जाने लगी .... वो किसी से टकरा गई | उसने अपना सर उपर करके देखा ... तो वो वाही जम सी गई | वो वहां खड़े खड़े कांप रही थी | वो मेहक का सौतेला भाई नमन था | नमन हमेशा उसे चुने की कोशिश करता था ... इसी लिए ,,, मेहक ने अपने परिवार से सारे रिश्ते तोड़ लिए थे | क्यूंकि जब उसने अपनी पिता को ये बात बताई .... तो उसने ये कहकर ... उसे घर से जाने को कह दिया ... की उसकी तो यहाँ रहने की कोई औकात ही नहीं है | मेहक नमन के सामने बहुत कमज़ोर थी | उसे नमन से बहुत डर लगता था | न जाने कितनी ही बात नमन ने उसके साथ ... गलत किया था | पर अब वो थक चुकी थी | तभी नमन गुस्से में .. मेहक के पास आते हुए बोला ...
नमन : तेरी इतनी .. हिम्मत की तू मेरा फ़ोन काटे |
मेहक : ( रोते हुए ) देखो नमन .... मुझे जाने दो | यहाँ तमाशा मत करो | मुझे उमसे कोई रिश्ता नहीं रखना |
नमन : हा हा हाहा .... वो तो मैं तुझे बताऊंगा .... चल मेरे साथ |
ओर ये कहते ही नमन मेहक को अपने साथ लेजाने लगा | ओर पार्किंग लोट में मेहक को कार की बैक सीट पर धकेलते हुए बोला |
नमन : बहुत दिन हो गये न .... तुझे तेरी असली जगह आज मैं बताऊंगा | ओर ये कहते हुए नमन उसके उपर चड़ गया ... ओर मेहक के साथ बत्तमीजी करने लगा |उसने मेहक का टॉप फाड़ दिया था | जिसकी वजह से मेहक का गोरा बदन .... देख ... नमन ने अपना कंट्रोल खो दिया | ओर मेहक पर टूट पड़ा | तभी एक बड़े से हाथ ने नमन को उस गाड़ी से बहार निकला ओर उसे जोर से मुक्का मारा | महक तो इतनी घबराई हुई थी ... की उसने खुद को घुटनों से पकड़ कर ... गाड़ी में पकड़कर बैठ गई | महक ने कांपते हुए ... अपने नजरें उपर की ... तो देखा की शौर्य नमन को बुरी तरह माँ रहा था | शौर्य ने नमन को इतना मारा था ... की नमन जमीन पर बेहोश पड़ा था | फिर शौर्य ने मेहक की तरफ देखा | जो बुरी तरह डरी हुई थी | उनसे मेहक की हालत देखि .... ओर अपनी जैकेट खोलकर ... मेहक के पास जाने लगा | मेहक ने अपने पास ... कुछ कदमों को आते महसूस किया | तो वो फिर डरते हुए ... बोली |
मेहक : नहीं .... मेरे पास मत आना |
मेहक को डरा हुआ देख ... शौर्य प्यार से मेहक से बोला |
शौर्य : दरो मत .. मेहक | ये मैं हूँ ... शौर्य |
शौर्य ने देखा की ... मेहक उसे देख थोडा रिलेक्स हुई | तो उसने जल्दी से अपनी जैकेट उसे पहना दी | ताकि उसका बदन धक जाये |
आगे की कहानी जानने के लिए .. बने रहिये मेरे साथ | ओर पढ़िए unsolved केस 02