अंधेरा बंगला - 4 Mansi द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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अंधेरा बंगला - 4

भाग 4

अब तक आपने देखा की राजल के चारो दोस्तो ने उसे कहा अपना बंगला पूरा दिखाने के लिए राजल ने कहा जरूर क्यों नहीं आप आगे की कहानी देखते है।

घर में सारे नोकर लोगो की छुट्टी हो चुकी थी पूरे बंगले में राजल के दोस्त ओर परिवार ही था ,राजल बंगला दिखाने के लिए सब दोस्तो को उपर की मंज़िल की ओर ले गया।


राजल दोस्तो को तीसरी मंजिल पर ले गया बंगला उपर से दिखाने के लिए ,तब ही चारो लोगो ने मिलकर इशारा किया ओर राजल को सब ने मिलकर पकड़ा ओर उठाया ,
( राजल तेज चिल्लाते हुए अरे क्या कर रहे हो तुम लोग बचाओ बचाओ मुझे बचाओ ,रूही रूही जल्दी आओ ) तब समर ने कहा अबे चुप करजा बहुत पैसा है ना तेरे पास अब देख तुझे मारकर तेरा पूरा बंगला हमारा हो जाएगा।

रूही दूसरी मंजिल की बालकनी में पोधों को पानी दे रही थी ओर वह राजल की आवाज सुन नहीं पा रही थी।


वहा राजल के दोस्तो ने राजल को तीसरी मंजिल से उठाया ,राजल चिल्लाता रहा उनके सामने गिड़गिड़ाता रहा पर उन जालिमों ने राजल की एक नहीं सुनी ओर चारो ने मिलकर राजल को तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया, गिरने की वजह से राजल के सर पर गहरी चोट लगी ओर उसकी वही मौत हो गई।

अब मनीष ओर अमर जल्दी से नीचे गए ओर उन दोनों ने राजल की लाश को सबसे छुपाते हुए बंगले से बहुत दूर मिट्टी मे दफना दिया।


अब वह निर्दई लोग रूही को केसे मारे वह सोच रहे थे। रूही अभी भी बालकनी मे पोधौ को पानी दे रही थी उसे जरा सी भी भनक नहीं थी कि उन दरिंदो ने उसके पति राजल को मार डाला है ,ओर अब वही हाल वह उसका भी करने वाले थे ।

रोहन ओर समर दूसरी मंजिल की बालकनी में गए , रोहन की नजर तो पहले से ही रूही पर थी उस अपने सामने खड़ा देख रोहन कि नियत बिगड़ी ओर उसने रूही को पीछे से पकड़ लिया।


रूही को ऐसा लगा कि राजल ने उसे पकड़ा हुआ है इस लिए उसने कहा राजल क्या कर रहे हो तुम , तुम्हारे दोस्त नीचे बैठे है जाओ तुम उनके पास।


जब राजल की बोलने की आवाज नहीं आई तो उसने पीछे मुड़ कर देखा , जब उसने देखा उसे पीछे से पकड़ने वाले राजल नहीं उसका दोस्त रोहन था उसके पैरो के नीचे से जमीन ही मानो खिषक गई,जब उसने यह देखा तो वह रोहन को एक थप्पड़ मारने गई,लेकिन तब रोहन ने उसका हाथ रोक लिया।

रोहन ने उसका हाथ पकड़ कर उससे बदतमीजी करने की कोशिश की रूही ने चिल्लाते हुए कहा..... ( छोड़ो मेने कहा छोड़ो मुझे ,राजल राजल बचाओ मुझे )


मनीष ने कहा यहां तुझे बचाने वाला कोई भी नहीं है राजल को भी हम लोगो ने मार कर ठिकाने लगा दिया है , राजल की मौत की खबर सुनकर रूही की तो मानो दुनिया ही खत्म हो गई थी। रोहन ने कहा अब तो तेरा भी वही हाल होगा , उन दोनों ने रूही से खूब बदतमीजी की रूही चिल्लाती रही छोड़ो मुझे रहेंम करो ,पर वह दोनों कहा रूही की बात मानने वाले थे पेसो के सामने उन्हें सही गलत कुछ नजर नहीं आ रहा था।

जब उनका मन भर गया तो उन्होंने रूही को भी पकड़ कर बालकनी से नीचे फेंक दिया , ओर उसकी भी मौत हो गई ।


मनीष ओर रोहन भी रूही की लाश को वही ले गए जहां राजल की लाश दफनाई थी रूही को भी वही दफना दिया उन दरिंदो ने।

अब रोहन ने कहा इनको तो हमने मौत देदी अब इनके प्यारे प्यारे छोटे से बच्चो का क्या करे ,अमर ने कहा क्या मतलब बच्चो का क्या करे उनका भी वही हाल करेंगे जैसा उनके मां बाप का हमने किया है।

अगर बच्चो को हमने ज़िंदा छोड़ दिया तो वह हमारे लिए कोई मुसीबत खड़ी कर देंगे इसे अच्छा उन्हे भी मार देते है।

यह बोलकर चारो फिर से बंगले मे गए ,शिवम ओर शिविका दोनों अपने कमरे में खेल रहे थे ,बिचारे इस बात से अंजान की अब यह चारो जानवर इनके साथ कोनसी हरकत करेंगे।

कहानी का पाचवा भाग जल्द ही आयेगा 😊 तब तक सोचिए आगे क्या हो सकता है।