चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 9 Parveen Negi द्वारा पौराणिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 9

कहानी का भाग 9

विष्णु और शंकर इस वक्त बहुत बुरे फंसे हुए थे, वह बेहोश थे और उन्हें चार खतरनाक गुंडे जंगल में जगा कर चुड़ैल का शिकार बनाने की योजना बना रहे थे।

सिकंदर,,' यह तो चुडैल की आवाज है , चलो हमें जल्दी से निकल चलना चाहिए, इससे पहले कि वह इस तरफ आ जाए।

बिल्ला,' पर सिकंदर भाई हमारे गले में तो यह बाबा का दिया हुआ लोकेट है वह चुड़ैल हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती",

सिकंदर ,"हां यह तो है पर उस बाबा ने यह भी तो कहा था कि चुड़ैल के आगे बेवजह आने की कोशिश मत करना',,

मदन ,"तो फिर अब क्या करना है इन दोनों को बाहर निकाले या रहने दे",,

सिकंदर, अभी कुछ बोलता तभी उसे एक आदमी की चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देने लगी थी, जो बहुत बुरी तरह से चिल्ला रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे उसके जिंदा रहते हुए उसके बदन के मांस को नोचा जा रहा हो, दिल दहला देने वाली चीखे जंगल में गूंज उठी थी।

सिकंदर,,"' लगता है चुड़ैल ने अपना कोई शिकार पकड़ लिया है,, चलो यहां से, पड़ा रहने दो इन दोनों को"",,

अब यह चारों गुंडे अपनी सीक्रेट जगह की तरफ निकल गये थे।

इंस्पेक्टर सावंत और हवलदार बाबूराम के कामों में भी यह दिल दहलाने वाली आवाज पड़ने लगी थी।

इंस्पेक्टर सावंत गुस्से में आते हुए,," काश मैं वहां होता तो उस चुड़ैल को छलनी कर देता",

हवलदार बाबूराम ,'वह चुड़ैल आप की गोलियों से नहीं मरने वाली है सर चुपचाप बैठे रहिए ,वरना कहीं हमारी भी चीख इस तरह जंगल में ना सुनाई दे, किसी अन्य इंसान को'',

इस्पेक्टर सावंत अपने गुस्से पर काबू पाने की कोशिश करने लगा था ,और अब दोबारा आई चीख को सुनकर उसने अपने कानों पर हाथ रख लिया था।

विष्णु और शंकर जो बेहोश थे उनके कानों में भी यह भयानक चीख-पुकार पड़ने लगी थी, जिसकी वजह से इनकी चेतना लौटने गई थी और फिर एक ही झटके में इन दोनों ने एक साथ अपनी आंखें खोल दी थी।

विष्णु अब अपने आप को संभालते हुए,,"" शंकर भाई तुम ठीक तो हो ना'',

शंकर अपने बदन को सीधा करते हुए ,'मैं तो ठीक हूं पर बदन दर्द कर रहा है तुम्हारी कैसी हालत है जिंदा हो"",,

विष्णु,,' हां यार जिंदा हूं पर हम इस गाड़ी में फस गए हैं हमें यहां से निकलना होगा"",,

अब उनके कानों में दोबारा से किसी इंसान के चिल्लाने और चुड़ैल के बड़ी जोर से हंसने की आवाज पड़ने लगी थी अब डर के मारे इन दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया था।

शंकर हकलाते हुए,' हम जंगल में है चुड़ैल लोगों को मारना शुरू कर चुकी है जो उसके सवालों का जवाब देने जंगल में आए हैं ,,अब हमारा क्या होगा,,"'

विष्णु ,'चलो यहां से पहले बाहर निकलो , हम जंगल से बाहर भाग जाएंगे जान तो बचानी हीं है,''

शंकर और विष्णु अब किसी तरह गाड़ी से बाहर निकलते चले गए थे।

शंकर,," वे चारों गुंडे कहां गए जो हमें यहां लेकर आए थे कहीं वे मारे तो नहीं गये",,

विष्णु,," क्या पता मारे गए हो और यह चिल्लाने की आवाज शायद उन्हीं की हो"',

अब यह दोनों गाड़ी से बाहर निकलकर जंगल की तरफ देखने लगे थे,, पर इन्हें अब चारों तरफ जंगल एक समान नजर आने लगा था अंधेरा इतना घना था कि दूर तक देखना भी मुश्किल हो रहा था ।

विष्णु अपना सिर दोनों हाथों से थामते हुए ,"मुझे तो अभी भी चक्कर आ रहे हैं चलो हमें इस तरफ जाना है', और फिर जंगल में यह एक तरफ को बढ़ गए थे।

शंकर,," क्या वाकई में हमें इस तरफ को जाना है मुझे लगता है हमे इस तरफ को जाना है हम इस तरफ से आए थे"',

विष्णु,,' पर मुझे लगता है हम इस तरफ से आए थे, देखो हमारी गाड़ी उस गड्ढे में कैसे गिरी पड़ी है,"',

शंकर अब यह बात सुनकर हंसते हुए,,' पर इस गड्ढे में गिर कर तो गाड़ी पलट चुकी है अब गिरी किस तरफ से थी यह भी पता नहीं लग पाएगा इस अंधेरे में'',,

अब यह दोनों उलझन में फंस गए थे और ऐसे ही आईडिया से आगे बढ़ रहे थे।

और इधर

इस वक्त अपराधी सिकंदर अपने तीन साथियों के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा था, पर अब इन्हें अपनी तरफ भाग कर आती एक खूबसूरत लड़की नजर आ गई थी और इन चारों की नजरें उस पर ठहर कर रह गई थी।

बिल्ला,,,"" अरे बाप रे क्या हुस्न की परी है"",, और अपनी आंखों में एक खुमारी ले आता है.

वह लड़की जिसके बदन पर बंजारों के कपड़े थे और इस वक्त उसके चेहरे पर घबराहट की अनगिनत रेखाएं नजर आ रही थी, उसकी नजर भी इन चारों पर पड़ी थी तो जैसे उसे थोड़ी सी हिम्मत आई थी,, वह तेजी से इनके पास ही आ पहुंची थी।

लड़की ,,""मुझे बचा लो चुड़ैल मेरे पीछे पड़ी हुई है वह मुझे मार डालेगी"",,

सिकंदर,, बिल्ला जगत और मदन चारों की आंखों में उस बंजारन का कातिल हुस्न मचलने लगा था,, इनकी नजर तो उसके बदन पर ही घूम रही थी,, उस लड़की ने क्या कहा शायद ही इन्होंने सुना।

लड़की इन चारों को कुछ ना बोलता देखकर अब अपने दोनों हाथ अपने बदन को छुपाने के लिए ऊपर उठा लेती हैं, और कुछ कदम पीछे हट जाती हैं,, फिर दोबारा धीरे से,

"" उधर चुड़ैल है उसने दो आदमियों को मार डाला है वह मुझे मारने आ रही है"'",,


बिल्ला,," अरे आप घबराओ मत आओ मेरी बाहों में आ जाओ फिर चुड़ैल क्या चुड़ैल का बाप भी तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा",,, और तेजी से उसकी तरफ बड़ा था।

सिकंदर अब एकदम से अपना हाथ उसके सामने करते हुए ,,,"'रुको इसे तो मैं अपनी बाहों में उठाकर ले चलूंगा इस पर पहली नजर मेरी पड़ी थी,,''',

मदन,,, हां भाई अपने पहले देखा है तो तुम ही इसका मजा लूटो,, आज तो हमारा दिन भी बन गया अब रात बनाने के लिए यह हुस्न की देवी आ गई,"",

लड़की,,, यह आप कैसी बात कर रहे हो ,,,मेरी मदद करने की जगह तुम मेरी इज्जत लूटना चाहते हो,"''

सिकंदर,, हां मेरी रानी तूने बिल्कुल ठीक सोचा आ मेरी बाहों में आ जा,"", और तेजी से उसे बाहों में भरने के लिए आगे बढ़ा था,,,,

क्रमशः,,

क्या होगा अब,, क्या दोनों दोस्त इस जंगल से बाहर निकल पाए जाने के लिए बने रहे इस हॉरर के साथ