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कर्म योग - 2

प्रत्येक अपने स्थान पर महान है । 

हर एक इंसान का खुद के जीवन मे अपना अलग रोल और आइडल्स यानि आदर्श होते है । कोई किसी पर अपनी सोच को थोप नहीं सकता । जो रोल आपको मिला है उसे अच्छी तरह से पूरा करने की कोशिश कीजिए । किसी और की तरह बनने कोशिश मत कीजिए । आप अपने दिए गए रोल को पूरे मन से अच्छी तरह निभा कर खुद को सच के और करीब लाते है ।

उदाहरण के लिए, घर के बड़े को अपने पेरेंट्स, वाइफ, बच्चों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों की तरह अपनी ड्यूटी अच्छी तरह निभानी चाहिए । उसे उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए, ये उनकी ड्यूटी है ।

एक सन्यासी को दुनिया पूरी तरह त्याग देनी चाहिए । उसे परिवार या धन दौलत के बारे में नहीं सोचना चाहिए । उसकी ड्यूटी है भगवान की पूजा करना, उनकी सेवा करना और उनके बारे में और भी जानने की कोशिश करना । आप उस घर के बड़े और सन्यासी को एक दूसरे का रोल अदा करने को नहीं कह सकते। उन्हे अपनी जिम्मेदारी खुद निभानी होगी । अपना रोल ठीक से अदा करना ही हमें महान बनाता है ।

एक बार एक राजा था जो अपने राज्य में आने वाले हर सन्यासी से पूछा करता था " इनमे से कोन महान है, एक सन्यासी जिसने दुनिया को त्याग दिया या वो घर बार संभालने वाला आदमी जो इस समाज मे रह कर अपनी हर ड्यूटी को पूरा करता है ?" कुछ ज्ञानी लोगों ने कहा सन्यासी ज्यादा महान है। राजा ने इसका सबूत माँगा, जब वो ये साबित नहीं कर पाए तो राजा का आदेश था की उन्हे शादी करके घर बसाना होगा । तो वहीं कुछ लोगों ने कहा घर बार वाला आदमी ज्यादा महान है । जब वो इसे साबित नहीं कर पाए तो उन्हे भी शादी करके घर बसने का आदेश दे दिया गया। फिर एक काम उम्र का सन्यासी आया जिसने कहा की घर बार वाला आदमी और सन्यासी दोनों ही महान है । राजा ने कहा "साबित करो "।

उसके जवाब मे सन्यासी ने कहा " मेरे साथ एक यात्रा पर चलिए ताकि में इसे साबित कर सकूं ।" राजा अपना राज्य और सेवकों को छोड़ कर अकेले यात्रा पर चल दिए । वो मिलों तक चलते रहे, और आखिर में एक महान राज्य में पहुंचे । उस खूबसूरत राज्य की राजकुमारी शादी के लिए एक अछे लड़के की तलाश कर रही थी । वो एक परफेक्ट आदमी को ढूँढने के लिए रोज एक समारोह का आयोजन करती ।

वो राजकुमारी बहुत सुंदर थी । वो जिसे भी पती के रूप मे चुनती उसे समय आने पर उसके साथ राज्य पर शासन करने का सौभाग्य मिलने वाला था । बहुत सारे लोग आए लेकिन राजकुमारी को जिसकी तलाश थी वो उसे नहीं मिल रहा था । उसने एक एक करके सबको रिजेक्ट कर दिया। फिर एक दिन, उसने एक बहुत रूपवान सन्यासी को देखा। वो सन्यासी उस राज्य को सिर्फ एक नजर देखने के लिए ही रूका था लेकिन राजकुमारी को सन्यासी से प्यार हो गया ।

वो अपने राज सिंहासन से उतर कर उसके पास गई और उसके गले में मला डाल दी, जिसका मतलब है की उसने सन्यासी को अपने पति के रूप में चुन लिया है ।

वो सन्यासी हक्का बक्का रह गया । उसने माल उतारके फेंक दी । उसने कहा "ये क्या बकवास है ?" क्या आपको दिखाई नहीं देता की में एक सन्यासी हूँ ? मेरे लिए शादी का कोई मतलब नहीं है । वहाँ के मंत्री ने कहा " अगर आप राजकुमारी से शादी करते है तो इस पूरे राज्य पर आपका शासन होगा । लेकिन सन्यासी पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ, वो जल्दी से मुड़ा और भागने लगा । लेकिन राजकुमारी इस बात को स्वीकार नहीं कर पाई । उस पर बस प्यार का भूत सवार था । उसने कहा " अगर इस आदमी से मेरी शादी नहीं हुई तो मैं मर जाऊँगी।" और वो उस सन्यासी के पीछे भागने लागि।

वो राज्य और सन्यासी जो इस राज्य मे आए थे, सब कुछ बड़े ध्यान से देख रहे थे । उन्होंने राजकुमारी और उस सन्यासी का पीछा करना शुरू किया । वो सन्यासी उस जंगल का रास्ता अच्छे से जानता था, वो बड़ी तेजी से उस राज्य से बाहर निकल गया और अपनी यात्रा पर आगे बढ़ने लगा।

उस राजकुमारी ने हर जगह देखा लेकिन वो सन्यासी कसे कहीं नजर नहीं आया । वो बहुत थक गई थी । एक पेड़ के नीचे बैठ कर वो उस सन्यासी की याद मे आँसू बहाने लगि । वो रास्ता भटक गई थी और उसे कुछ समज नहीं आ रहा था की वो क्या करे । वो राजा और सन्यासी उसके पास गए । उन्होंने उसे मदद करने का वादा किया । लेकिन बहुत अंधेरा हो चुका था इसलिए वो सुबह होने पर ही उस जंगल से निकल सकते थे । इसलिए वो तीनों उस बड़े पेड़ के नीचे आराम करने के लिए बैठ गए ।

उस पेड़ पर एक नीले रंग का पक्षी अपनी बीबी और तीन बच्चों के साथ रहता था । उस नीले पक्षी ने अपने घोंसले से झाँक कर नीचे देखा और अपनी बीबी से कहा " सुनो अब हम क्या करेंगे ? हमारे यहाँ मेहमान आए है और हमारे पास उनके लिए आग जलाने का समान भी नहीं है । इस कड़ाके की ठंड मे वो ठिठुर रहे होंगे । "

इसलिए वो पक्षी नीचे की तरफ उड़ा और एक जलती हुई डाल को उठा लिया । वो उसे अपनी चोंच में दबा कर अपने मेहमानों के सामने रख आया। उन तीनों ने उसमे और भी डालिया डाल कर एक अच्छा बॉन फायर बना लिया । लेकिन अभी भी वो पक्षी चिंतित था । उसने अपनी बीबी से कहा " अब हम क्या करेंगे ? " हमारे पास उन्हे देने के लिए कहना नहीं है, उन्हे बहुत भूख लागि होगी।

फिर उसने जो किया आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते, उसने खुद को ही उनके सामने पेश कर दिया । वो उस आग मे कूद गया, उन तीनों ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन आग ने उसे भून कर रख दिया ।

अब उसकी बीबी ने सोचा, यहाँ तो तीन मेहमान है सिर्फ एक पक्षी काफी नहीं है । उसने सोचा अपने पति की मदद करना उसकी ड्यूटी है और इसलिए उसने भी आग में छलांग लगा दी।

अब घोंसले मे उनके तीन बच्चे अकेले रह गए थे। उन्होंने अपने माता पिता को ये सब करते हुए देख लिया था । वो तीनों इस बात से सहमत थे की उन्हे अपने माँ बाप की ड्यूटी को पूरा करना होगा, वो तीनों भी आग में कूद पड़े और आग ने उन्हे भी भून दिया ।

अब वहाँ पाँच पके हुए पक्षी थे । लेकिन राजा, सन्यासी और राजकुमारी का मन नहीं माना । वो तीनों भौचक्के हो कर ये सब देख रहे थे की इन पक्षियों ने क्या किया । उन तीनों की भूख ही मार चुकी थी। वो बस सुबह होने का इंतजार करने लगे।

सुबह की पहली किरण निकलते ही, उन दोनों ने सबसे पहले राजकुमारी को घर पहुंचाया । वो वापस अपने राज्य और पिता के पास चली गई।

अब उस सन्यासी ने राजा को समजाया, " हे राजन, आज आपने एक बहुत अच्छा सबक सीखा है। हर इंसान अपनी जगह पर महान होता है । एक की ड्यूटी किसी दूसरे को देने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आप दुनिया मे रहना चाहते है तो आपको उन पक्षियों की तरह होना चाहिए, जो दूसरों की सेवा करने के लिए खुद का बलिदान करने को भी तैयार हो।

अगर आप इस दुनिया के मोह को छोड़ना चाहते है तो आपको उस सन्यासी की तरह होना चाहिए। एक सुंदर लड़की और इतने धनवान राज्य का राजा बनने का सुख भी उसे ललचा नहीं पाया। अपनी ड्यूटी को पूरे मन से कीजिए। तब आप शांति और सुकून से जी पाएंगे और तभी आप भगवान के और करीब पहुँच पाएंगे ।

 

- SWAMI VIVEKANANDA.

KARMA YOGA (CC. GIGL)

 

 

 

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