हम दिल दे चुके सनम - 10 Gulshan Parween द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

हम दिल दे चुके सनम - 10

सारा दिन इसमें कल के इंतजार में गुजार दिया कैसे कैसे करके कल का दिन भी आ गया। अनुष्का रोज ही नाश्ता करके गार्डन पहुंच जाती और अनिल से नोकझोंक करती रहती।अनिल भी अपना बिहेवियर कुछ उखड़ा उखड़ा रखता था अनुष्का के साथ। अनुष्का हर रात इंतजार करती रहती कि जल्दी सुबह हो और अनिल से मुलाकात हो किस तरह एक हफ्ता गुजर गया पता ही नहीं चला और आज इसका अमरीका में आखिरी दिन भी आ गया। अनुष्का अंश और अंशिका को बस में बैठाकर गार्डन पहुंची। अनिल रोज आराम से बेंच पर बैठा था शायद इसे भी अनुष्का का इंतजार था। अनुष्का ने पीछे से इस के सर पर थप्पड़ लगाया और फौरन इसके बराबर में आकर बैठ गई अनिल पीछे देख ही रहा था कि अनुष्का ने अपना हाथ हिलाया

"ओ हैलो मैं था हु उधर किसे देख रहे है"

"नहीं वह मुझे पीछे से बिल्ली की आवाज आ रही थी वही देख रहा था" अनिल ने बाते बनाते हुए कहा।

"बिल्ली को देख रहे थे आप झूठे कहीं के" अनुष्का ने चिढ़ कर कहा।

"चलो वॉक कर ले" अनिल ने उठते हुए कहा।

नहीं आज थोड़ी बातें कर लेते है" अनुष्का ने उसका हाथ पकड़ कर इसे वापस बैठा लिया।

"क्या बातें करनी है मैडम" अनिल ने कहा।

"यह मैडम मैडम क्या है नाम है मेरा नाम से पुकारा करो"

"आपने नाम ही नहीं बताया आज तक" अनिल सामने देखने लगा।

"अरे हां मैंने तो नाम ही नहीं बताया आपको" अनुष्का सोचते हुए बोली।

"अनुष्का मालिक नाम है मेरा" अनुष्का ने अनिल की तरफ देखा जो अभी भी सामने ही देख रहा था।

"अच्छा मिस अनुष्का बहुत प्यारा नाम है" अनिल मुस्कुराया।

"यार कल इंडिया जाना है बहुत दुख हो रहा है" अनुष्का उदासी से बोली।

"दुख क्यों हो रहा है?? अनिल ने पूछा।

"आपके साथ बहुत अच्छा टाइम गुजरा है ना, बहुत याद आएगी आपकी" अनुष्का संजीदगी से बोली।

"मुझे भी तो निकलना है इंडिया के लिए" अनिल बद्धयानी में बोला

आप भी कल ही जाएंगे इंडिया" अनुष्का को हैरत हुई।

"हां" उसने आराम से जवाब दिया।

"यह कैसे हो सकता है??? आप आए भी मेरे साथ और जाएंगे भी??ये कैसे हो सकता है??अनुष्का सोच में पड़ गई।

"मैडम इत्तेफाक भी तो हो सकता है ना"

"लेकिन ऐसा नहीं होता एक ही फ्लाइट में आए एक ही दिन और जाने का वक्त है तो वह भी साथ-साथ" अनुष्का ने परेशानी भरे अंदाज में कहा।

"तो आपको क्या लगता है" अनिल खड़ा हो गया।

"मुझे तो.... अभी अनुष्का कुछ कहना चाह रही थी कि सामने से दो बच्चे भागते हुए आए जिनमें से एक बच्चा जिसके हाथ में पानी का गिलास अनिल से टकरा गया और उसके सारे कपड़े पानी से भीग गए।

"सो सॉरी भैया" टकराने वाले बच्चे ने कहा।

"कोई बात नहीं बेटा तुम लोग खेलो" उसने अपने हाथ की घड़ी उतारते हुए अनुष्का की तरफ बढ़ाई,जो पूरी तरह भीग चुकी थी अनुष्का ने हाथ से गाड़ी पकड़ ली।

"मैं होटल जा रहा हूं चेंज करने, कल मुलाकात होगी" अनिल कहता हुआ होटल की तरफ निकल गया और अनुष्का उसे जाते हुए देख रही थी, जब वो गेट से निकल गया तो अनुष्का अपना मोबाइल और हेडफोन उठाते हुए इसकी नजरे अपने हाथ में पड़ी अनिल घड़ी पर पड़ी "ओह सेट यह तो मेरे पास रह गई, चलो हो सकता है कल की फ्लाइट भी सेम ही हो जहां इतने इत्तेफाक हो गए वहां एक और सही वह कहती हुई घर की तरफ चल दी।

कहानी आगे जारी है....