जज़्बात Purvi data द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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जज़्बात

( हमारी जिंदगी मे ऐक अहेम और बहोत
ही खास इंसान हे जिनका आज जन्मदिन
हे ,मेरी ये सारी रचनाऐ मेरी और से उनको...)

१ ~ [जन्मदिन विशेष ]

क्या दू उसे जन्मदिन पर जो खुद
मेरे लिऐ ऐक तौफा हे ,
औरो से कई ज्यादा परे रिश्ता ये
हमारा बहोत अनोखा हे ।

आपके इस जश्न - ऐ - जन्मदिन
की खुशी मे चांद भी प्रकाशित हे ,
और मानो जैसे सितारे भी टूट कर
ख्वाहिश देने को उत्साहित हे ।

आपकी सारी तमन्ना पूरी हो और
कामयाबी आपकी तलबगार रहे ,
ख्वाहिश यही हे कि आपकी सारी
मुश्किलों मे हम आपके साझेदार रहे ।

बात उसकी हे जिसने बिना छूऐ मेरे
दिल को छुआ हे ,
हर दम हर पल खुश रहो आप यही
हमारी और से दुआ हे ।

✍️ - पुर्वी 🌹
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२ [ इश्क़ हे मुझे ..💕 ]

इस नजरे बिगाड ने वाले जमाने मे ,
तुम्हारी उस‌ मासूमियत भरी शरीफ
निगाहो से इश्क़ हे मुझे ।

तुम्हारा यु मुझे चिडाना और फिर
मुझे गुस्सा आऐ तब हसा कर मनाना
इस प्यारी सी आदत से इश्क़ हे मुझे ।

मेरी हर बात का उलटा जवाब देता
लेकीन गर कोई गलती से भी मेरे बारे
मे उलटा बोल दे तब आ रहे तुम्हारे उस
बेकाबु गुस्से से इश्क़ हे मुझे ।

जिसे देख के होश मे होके भी बेहोश
सी लगू तुम्हारी उस नसीली मुस्कान
से इश्क़ से भी बेहद इश्क़ हे मुझे ।

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३ [चाहता बहोत है ]

मुझे पता हे वो जताता कम हे पर
चाहता बहोत हे।

केह दे वो बहोत कुछ कम लफ्जो में
शर्माता बहोत हे।

उम्र में मुझसे बडा हे वो पर उम्र से
अपनी राबता हे।

दिलों का सबे बड़ा आमिर हे वो लोगो
को सिदत से अपना जो बनाता हे।

मेरा प्यार मेरा गुरुर मेरा गुरु सब वो
जज़्बात सारे सिखाता हे।

बडा ही जिम्मेदार और शयाना हे वो पर
सत्ताता बहोत हे..।❤️

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४ [डर लगता है...! ]

अब केसे कहु दर - ब - दर लगता हे ,
की तूझे खोने से बहोत डर लगता हे ।

रूस जाऐ जो गर तु पल भर भी ,
तो लगता हे लम्हा हर ठहेरने लगता हे।

पास हो तुम तो जैसे सजा शहेर लगता हे,
वरना तो हर लम्हा बेखबर लगता हे ।

देकर खुदा ने तुमको जेसे किया हो मेरे
कर्मो को सर्भर लगता हे ,
अब लोगो के तानो का असर
बेअसर लगता हे ।

कि हा, तुझे खोने से बहोत डर लगता है ।

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६ [ ओन My $€!£ ]

इस मोर्डन जमाने में कोई मुझ जैसी सादी
लड़की को पसंद करेगा क्या..?
ख़ूबसूरत लुक और इस एडवांस ज़माने में
कोई मेरी सादगी पे मरेगा क्या..?
.
खाने के सोकिन जनरेशन में कोई मेरा बनाया
हूआ कुछ बी प्यार से ख़ायेगा क्या..?
थोडी सी पीछे हु खाने के मामले में कोई मेरा
हाथ बटाएगा क्या?
.
वेस्टर्न के इस समय में मुझे कोई साडी में
प्यार से निहारेगा क्या..?
डांस स्टेप के बदले में जेसे बी नाचू कोई मेरे
साथ वेसे ही नाचेगा क्या..?
.
बोलने के मामलेमे मे थोड़ी कमजोर ओर ना
समज हूं कोई मेरी गलती ढकेगा क्या..?
अगर में बोल न पाऊ तो ​​कोई मेरी खामोशीको
समजेगा क्या..?

मूवी के सोखिन समय में कोई मेरे साथ छत
पर बेठ के तारे देखेंगां क्या..?
सर्व गुन संपन्न साथी चाहने वाले इस ज़माने में
कोई मुझे मेरी कमीओ के साथ अपनाऐगा क्या..?

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धन्यवाद ।।
मेरी इस रचना को इतने इतमिनान से पढ़ने के लिऐ आप सबका बहोत बहोत शुक्रिया 🙏
Writer - ✍️ _purvi...