प्रायश्चित- 18 - Danny Come Back Devika Singh द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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प्रायश्चित- 18 - Danny Come Back

डैनी इन सब से थक चुका था ।

अब उसे खेल में खुद ही उतरना था। माथुर के खिलयो की वजह से उसका दिल में जल रहे ज्वाला को माथुर ने और भड़का दिया था।

उसके हिसाब से उसके सारे प्यादे अब मर चूके थे।

अब उसे खेल में खुद कूदना था उसने थूर से कहा कि मेरी आज दोपहर की टिकट करवा दो अब मैं खुद लंदन जाऊंगा।

डैनी का आया गुस्सा देख माथुर अब थोड़ा थोड़ा सा सहम गया था। वह अब सीरियस लग रहा था माथुर के समझाने के बाद भी डैनी नहीं माना वह अपने अटल फैसले पर अड़ा हुआ था और वह किसी की सुनने वाला नहीं था। माथुर ने उसे ज्यादा समझाने की कोशिश नहीं की और उसके लिए टिकट करवा दी।




कुछ घंटों के सफर के बाद डैनी अब लंदन पहुंच चुका था उसने लंदन में पहुंचकर सबसे पहले रोबिन को फोन किया रॉबिन उस समय साल्वे के होटल के नीचे ही खड़ा था डैनी का फोन आने के बाद उसने फोन उठाकर डैनी से कहा

रॉबिन: हेलो सर आपने में पहुंच गए हैं?

डैनी: हां तुम कहां हो ?

रॉबिन: जी सर मैंने आप से कुछ ही दूरी पर हूं मैं भी अब निकल चुका हूं मैं आधे घंटे में आपसे मिलूंगा आप एयरपोर्ट पर ही रुकना

मैं आपको लेने के लिए आ रहा हूं।

इतना कहने के बाद रॉबिन ने वहां से टैक्सी पकड़ी और सीधा एयरपोर्ट की तरफ रवाना हो गया।

कुछ देर बाद रॉबिन एयरपोर्ट पहुंचा उस समय डैनी एयरपोर्ट के रेस्टोरेंट में बैठ कर नाश्ता कर रहा था।




रॉबिन को उसके पास आकर तुरंत बैठ गया।




तो क्या खबर लाए हो मुझे अंकित के बारे में पूरी जानकारी दो सर की के पीछे तो रोबर्ट गया था तो मुझे रॉबर्ट के बारे में जानकारी दो सर रोबोट के बारे में तो मुझे कुछ पता नहीं हैं। तुम्हें मैं अंकित के बारे में पता नहीं तुम्हें रॉबर्ट के बारे में पता नहीं तुम्हें किस के बारे में पता है।

डैनी ने एकदम झल्लाकर कहा।

उसके इतने चिल्लाने की वजह से रेस्टोरेंट में बैठे लोग उसे घूर कर देखने लगे।

सर आप यहां पर चलाइए मत मैंने आपको सुना है चिल्लाने पर भी लोग केस कर देते हैं यह इंडिया नहीं है सर प्लीज मुझे माफ कीजिए पर आप चिलाइए मत सर




रोबिन के इतना बोलने के बाद ही डैनी अपने गुस्से का घूंट पीकर वहां चुपचाप बैठ गया था।

डैनी: ठीक है हम शुरुआत कहां से करें मुझे बताओ तुम किसके बारे में जानते हो। तुमने मुझसे साल्वे के बारे कुछ बात करी थी तुम साल्वे के बारे में मुझे बताओ।

रॉबिन: सर मुझे साल्वे के बारे में इतना पता चला है कि वह एक लड़की को मरवाना चाहता है जो राज के साथ थी असल में वह उसे मरवाना नहीं चाहता उसे किडनैप करवाना चाहता है।

डैनी: पर क्यों

रॉबिन: सर यह तो मुझे पता नहीं है मैं उस समय उन लोगों से काफी दूर था। वह उन लोगों के पास गया था इसका मतलब वह किसी का सुपारी देने की गया होगा उस लड़की के मिलने के बाद वह सीधा ऐसी जगह पर आया है।

डैनी: इसका मतलब यह हो सकता है। वह किसी और के लिए भी सुपारी देने गया हो

रॉबिन: हां सर हो सकता है लेकिन वह किसी को किडनैप करवाना चाहता है यह तो पक्का है।

डैनी: तो हम क्या कर रहे हैं हम भी किसी का किडनैप कर लेते हैं।

रॉबर्ट: सर पर किसका

डैनी: और किसका साल्वे का उस कामिने को पकड़कर सीधा पूछते हैं यह आखिर उसके दिमाग में क्या चल रहा है?

रॉबिन: सर ऐसा करना बहुत खतरनाक भी हो सकता है।

डैनी: पीछा करना भी खतरनाक होता है जब वह जोखिम उठा लिया तो यह भी उठा लेना।

अब चल।

कुछ देर बार उधर से डैनी और रोबिन एयरपोर्ट से निकल कर सीधा साल्वे के होटल के नीचे खड़े थे।

उन्होंने सीधा रिसेप्शनिस्ट से साल्वे कमरे का नंबर पूछा और सीधा उसके कमरे में घुस गया है अचानक से उनको आता देख घबरा गया।

उनके आने आता ने अपनी तरफ आते देख साल्वे

गद्दे के नीचे रखी अपनी बंदूक को निकालने ही वाला था की कनपटी पर सीधा गन पर लगाते हुए

डैनी उससे पूछा क

डैनी: बेटा किसे सुपारी दे रहा है। अब सीधा बता दे मैंने बहुत सब्र कर लिया।

डैनी को अपने सामने खड़ा हुआ था साल्वे की पेंट गीली हो गई थी उसने डैनी के बारे में सुन रखा था डैनी बहुत ही खतरनाक आदमी था यह साल्वे भी जानता था यानी अगर चाहता तो सीधा-सीधा वो उसे वहीं पर मार भी सकता था लेकिन डैनी जल्दी किसी को मारता नहीं था। साल्वे को यह भी पता था। अब साल्वे अपनी जान छुड़ाने के लिए सोचे जा रहा था कि वह क्या बोले तब उसने एक लड़की का नाम बताया और उससे उसने कहा कि उस लड़की का नाम मेघा शर्मा है।

रॉबिन: मेघा शर्मा,मेघा शर्मा नहीं सर यह झूठ बोल रहा है। मेघा शर्मा से उस लड़की का नाम है उस लड़की का नाम पायल है मैंने इससे उस समय यही नाम लेते हुए सुना था हॉस्पिटल में।

साल्वे: तो मैं क्या बोलता उससे मैं मुझे पता था कि अंकित हमारी बातें सुन रहा था मैंने अंकित को वहां पर देख लिया था।

डैनी: मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है तू पूरे विस्तार में बता मेरे पास काफी वक्त है अंकित कहीं भागा नहीं जा रहा है वह भी अभी लंदन में ही है।

तब साल्वे उसे बताता है कि एक टाइम में वह माथुर के लिए काम करता था वह माथुर का वकील था लेकिन माथुर हमेशा उसके साथ विश्वासघात ही किया था।

साल्वे ने उस समय माथुर को 200 करोड़ रुपए दिए थे। और मैंने कहा था कि जब मेरे जब मुझे इसकी जरूरत पड़ेगी तो मुझे दे देना एक टाइम मुझे उन पैसों की बहुत जरूरत पड़ी पर में जब उसे मांगने गया था। तब माथुर ने बिल्कुल साफ मना कर दिया वह मुझे उस समय भीख देने की बात कर रहा था और सबके सामने मेरा अपमान भी किया मैं सब कुछ सह सकता था लेकिन अपना अपमान नहीं कर सकता था मैंने उससे सबक सिखाने के लिए उससे बदला लेने का सोचा। उस समय तो उसके दिए हुए भीख को लेकर और अपमान को सेह कर मैं घर वापस आ गया था।

लेकिन इसमें मैं अकेला कुछ भी नहीं कर सकता था मुझे किसी की साथ की जरूरत थी। और उस समय मेरी हेल्प की थी मेघा ने मेघा मेरी असिस्टेंट थी। वह एक अनाथ थी। मैंने उसके अतीत के बारे में ज्यादा पूछा नहीं और उसे अपने पास रख लिया वो मेरे पास इंटर्न कर रहीं थी।

मैंने प्लान बनाया एक सिंपल सा प्लान जिसमें माथुर चला गया।

माथुर के पास बहुत सारे काले पैसे थे। और वह इसे वाइट करना चाहता था तो मैंने उसे एक आईडिया दिया। मैंने उसे बताया कि तुम एक अनजान आदमी या औरत के नाम से किसी भी बैंक में फर्जी प्रूफ को देकर अकाउंट खोलो।

और फिर उन अकाउंट में चेक द्वारा पैसे हर महीने डालते रहो।

इससे तुम पर कभी भी कोई शक नहीं करेगा और धीरे-धीरे पैसे अकाउंट उसमें जमा होते रहेंगे और तुम कभी भी उस प्रूफ का यूज करके उसे निकाल सकते हो। नॉमिनी मैं तुम्हें बना दूंगा।

माथुर को यह आइडिया बहुत अच्छा लगा और उसने मेरे बताए गए आइडिया को फॉलो किया और मेरा काम आसान हो गया।




फिर मैंने मेघा के नाम से एक अकाउंट बनाया और नॉमिनी खुद को रखा।

और जाली कागजात माथुर को दिखा दिया उसे यकीन दिलाया कि नॉमिनी वो ही है। और भीर मैं एक सही मौके का इंतजार कर रहा था जो कि एक दिन मुझे मिल गया लेकिन ऐन टाइम पर मेघा ने मुझे धोखा दे दिया वह सारे पैसे लेकर राज के साथ लंदन भाग गई।

मुझे उस पर इतना गुस्सा आया और जब में उसके पास पैसे लेने वापस आया तो वह बोल रही है थी की राज ने पैसे कहीं छुपा कर रखे हैं। मुझे पैसों के बारे में कुछ पता नहीं है इसीलिए मैंने उसे डेविल नाम आदमी को किडनैप करने के लिए कहा है।

साल्वे: उसके पीछे मुझे यहां पर आना पड़ा

डैनी: तुम्हारे पीछे मुझे आना पड़ा।

इतना कहते ही डैनी ने सीधा साल्वे को मार दिया।

गन की आवाज सुनते ही रॉबिन जो उसकी बातों में खोया हुआ था अचानक से सहम गया।

रॉबिन सर यह क्या किया आपने नॉमिनी को मार दिया अब हमें बैंक से पैसे कैसे निकालेंगे।

तुम बेवकूफ के बेवकूफ ही रहोगे पैसे बैंक में नहीं है पैसे मेघा के पास है।

असल में चला खिलाड़ी तो वही निकली पूरे खेल में हम जिसके पीछे भाग रहे थे असल में उसके पास तो कैसे थे ही नहीं मेघा के पास पैसे हैं मेघा को ढूंढो।

हमें मेघा तक जल्दी से जल्दी पहुंचना है। अगर डेविल मुझेसे पहले पहुंच गया। और साल्वे उसे नहीं मिला तो जरूर उसे शायद मार भी दे।

चलो यहां से हमारा काम हो गया यहां पर

जाते वक्त डैनी ने रिसेप्शनिस्ट को दो पैसों की गड्डी देते हुए कहा थैंक यू हमारी हेल्प करने के लिए

इसका मतलब यह था कि उसके साथ उसके होटल में आने के सारे सबूत होटल से गायब हो चुके थे इसका मतलब वह होटल में आया ही नहीं था।

जब होटल में आया ही नहीं था तो उसने साल्वे का खून ही नहीं किया और जब उसने खून ही नहीं किया तो वह उसके मर्डर में दोषी ही नहीं हुआ।

डैनी हमेशा दूसरों से दो कदम आगे चलता था लेकिन आज पहली बार कोई उसे ऐसा मिला था जो उसके खेल उसे मात दे चुका था। डैनी जल्द से जल्द मेघा से मिलना चाहता था।

अब वह आखिरी दांव चलने वाला था। और इसी दांव के बाद यह पता चलने वाला था कि आखिर में बाजी किसने मारी थी?

रॉबिन सर तो क्या हम अंकित और राज का पीछा करना छोड़ दें उनके पास तो पैसे नहीं होंगे ना।

डैनी: हां शायद नहीं होंगे।

मुझे लग रहा है शायद मेघा के पास ही पैसे होंगे और मेघा उसे बेवकूफ बना रही थी।

रॉबिन: तो हम मेघा को कैसे ढूंढेंगे सर!!!!!!

रोबिन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा।

डैनी: तुमने वह कहावत तो सुनी नहीं होगी राजा को मारना है तो उसके तोते को मार दो राजा अपने आप मर जाएगा।

रॉबिन: सर इस कहानी में तोता कौन है राजा कौन है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।

डैनी: कैसे समझोगे स्कूल तो कभी गए नहीं होगे। खैर छोड़ो

हम डेविल का पीछा करेंगे जिस पल डेविल पायल को ढूंढ लेगा उसी पल हम डेविल को मार देंगे

तो इसमें तोता मेघा है और राजा डेविल है।

हमे अब अंकित और राज की जरूरत नहीं पड़ेगी मुझे हंड्रेड परसेंट यही लग रहा है कि मेघा के पास ही वह पैसे हैं।

वो बस साल्वे को बेवकूफ बना रही थी। ताकि उसे कुछ समय मिल जाए अब समझे

जिस तरह उसने इंडिया में उसको बेवकूफ बनाया था। साल्वे में बेवकूफ बन सकता था लेकिन मैं नहीं बनूंगा।

कुछ देर बाद डैनी डेविल के अड्डे पर पहुंच चुका था वहां का मुआयना करने के बाद कुछ लोगो से बात करने के बाद उसे पता चला कि एक आदमी उसे एक काम देकर गया था। तब उसे समझ में आया कि वह कहां गया होगा उसने उसके बारे में पता किया और उसी तरह चल पड़ा।

यहां पर मेघा घर अकेली बैठी थी। और आज के बारे में सोच रही थी अपने नसीब को कोसे जा रही थी।




क्या डेविल मेघा को मारने में कामयाब होगा या उससे पहले डैनी डेविल को मारने में कामयाब होगा।







जानने के लिए पढ़ते रहिए







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