प्रायश्चित- 15 - Angel Devika Singh द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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प्रायश्चित- 15 - Angel

इतने पढ़े बाप की लड़की की गाड़ी में पेट्रोल ही नहीं था क्या घंटे की इतनी बड़ी थी उनकी फैमिली।

अरे कम से कम पेट्रोल भरा ही लेती तो मुझे आज यहां फसना नहीं होता




उसने कार मैकेनिक का नंबर सर्च करके एक कार मैकेनिक को फोन किया और उसे अपने पास बुला




करीब डेढ़ घंटे के बाद गाड़ी सही हो गई थी। मैकेनिक अपने साथ कुछ पेट्रोल भी लाया था। इससे अंकित का काम और आसान हो गया।




उसने मैकेनिक को कुछ पैसे दिए और वहां से चलता बना

अंकित ने सोचा यही मौका है उस नकचड़ी का अकड़ सुधारने का वो गाड़ी में बैठा और हॉस्पिटल के रास्ते चल पड़ा




वह यही सोच कर अपने आप को कोस रहा था कि वह किस घड़ी में इस गाड़ी को उसने चुराया




और वहां हॉस्पिटल में दूसरी तरफ जब एंजेल अपने पापा के साथ घर जाने के लिए नीचे आई तो उसने अपना गाड़ी नहीं देखा और रिसेप्शन पर पूछा कि उसकी गाड़ी कौन ले गया है उसके पापा को भी जरा सा टेंशन हुआ उसने हॉस्पिटल के बाहर लगे सीसीटीवी में देखने के लिए अथॉरिटी को कहा तो अथॉरिटी वालों ने सीसीटीवी में देखने के बाद पता चला कि अंकित ने ही उसकी गाड़ी चोरी कर ली थी अंकित को देखने के बाद एंजेल आग में जल भुन गई थी। वह उसके सामने ना जाए वह सीधा उसे मार ही देती




एंजेल: उसकी हिम्मत कैसे हुई मेरी गाड़ी को चोरी करने की उसे पता भी है वह कितने की गाड़ी है मैं पुलिस कंप्लेंट करूंगी चलो पापा हम उसके खिलाफ पुलिस कंप्लेंट करते हैं। वह चोर कभी नहीं सुधरेगा मैंने आपको उन लोगों के बारे में पहले ही बताया था वह लोग ऐसे ही होते हैं




उसके पापा को भी अभी कुछ समझ नहीं आ रहा




अल्बर्ट: लेकिन बेटी मुझे तो वह काफी शरीफ ही लगा था वह ऐसा कर सकता है। मुझे पता नहीं था




ठीक है। हम चलते हैं अल्बर्ट ने कहा




कुछ देर बाद वह लोग वहां से जा ही रहे थे कि तभी अंकित उसकी गाड़ी लेकर हॉस्पिटल के मेन दरवाजे के पास आकर खड़ा हुआ और एंजेल उसके सामने आकर उसे देखने लगी




कहीं उसकी गाड़ी को कुछ हुआ तो नहीं था । उसने देखा कि एक और डेंट लग चुका था उसकी कार में




एंजेल: क्या किया तुमने मेरी कार का तुमने फिर से मेरी गाड़ी कहीं ठोक दी क्या तुम इतने बड़े पागल हो। तुमने मेरी कार चोरी करने की हिम्मत कैसे की तुम जानते हो कितनी की कारें इसकी क्या कीमत है और तुमने इसे ले जाकर कहीं पर ठोक दिया अब तुम देखो मैं तुम्हारे साथ क्या करती




उसकी जली कटी बातें सुनकर अंकित का दिल तो कर रहा था कि एक झापड़ उसको वही मार दे लेकिन सामने अल्बर्ट को आता देख वह अपने आप को काबू करता है। और उसे बताता है




अंकित: पेट्रोल भरने की औकात नहीं है इतनी बड़ी गाड़ी लेकर घूम रही हो। मैंने तुम्हारी गाड़ी चोरी नहीं कि मैं अपने कुछ काम से इसे लेकर चला गया था। तुमने मुझे गाड़ी से टक्कर मारी मैंने तुम्हारी गाड़ी को ले जाकर टक्कर मारी बात बराबर हो गई। और यह लो गाड़ी की चाबी गाड़ी में पेट्रोल भरवा दिया है। अब ले जाकर फिर टक्कर मार सकती हो। समझी मैडम और गुस्से को थोड़ा कंट्रोल करो तुम्हारी गाड़ी कोई चोरी नहीं हुई




तब तक अल्बर्ट वहां आ चुके थे।अंकित की बातें सुनकर अल्बर्ट थोड़ी खुश लग रहे थे।




अल्बर्ट ने कहा




अल्बर्ट: कोई बात नहीं बेटा हम इसकी मरम्मत करा लेंगे खैर तुम्हें तो कुछ नहीं हुआ।




अंकित: नही अंकल मुझे क्या होगा और हां मैंने इस गाड़ी का ब्रेक सही कर दिया है। आप इसे ले जा सकते हैं




अल्बर्ट: यह सब करने की क्या जरूरत थी बेटा मैं इसे सही करवा देता




अंकित: नहीं अंकल मैंने गलती से आपकी गाड़ी को लेकर यहां से गया था। और फिर मुझे पता चला इस गाड़ी का ब्रेक फेल है। तो मुझे वापस आने में मुझे तकलीफ होती तो मैंने मैकेनिक को बुलाकर वही पैसे दिए और इसे ठीक करवा लीया




अल्बर्ट ने कहा

अल्बर्ट: देखा सारे लोग बुरे नहीं होते तुम तो सब को एक ही नजर से देखती रहती




एंजेल: गाड़ी लेकर जा रहे थे तो किसी और की लेकर जाते हैं मेरी गाड़ी लेकर जाना जरूरी था अब मुझ पर अच्छा इंप्रेशन बना रहे हो मैं जानती हूं तुम जैसे लड़कों को

हां तुम सही कह रही हो अभी तक मैं चोर था अभी तक मैं अभी मैं तुम पर इंप्रेशन झाड़ रहा हूं अब मुझे यही काम बचा हुआ है ना।

अल्बर्ट: तू नहीं सुधरेगी चलो यहां से सॉरी बेटा हमसे गलती हो गई।




अल्बर्ट एंजेल का हाथ खींचते हुए ले रहे थे।




एंजेल: मिल मत जाना मुझसे दोबारा मुझसे

सपने में भी नहीं मिलूंगा तुमसे।

अंकित: कोई बात नहीं अंकल आप बस इसे ले जाइए यहां से मैं और इसे अब सहन नहीं कर पाऊंगा।




आज इस पागल लड़की की वजह से मैं पायल तक नहीं पहुंच पाया। अब में इससे दोबारा कभी नहीं मिलना चाहता।

डैड आप बीच में क्यों आए। मैं उसे छोड़ने वाली नहीं थी आप सब को अच्छा समझते हैं। सभी अच्छे नहीं होते।

अल्बर्ट: हां मैंने देखा कौन अच्छा था और कौन पूरा तुम मुझे मत सिखाओ मैंने पूरी दुनिया देखी है।

वो तो शुक्र मनाओ मेरी वजह से तुम्हारी कंप्लेंट उस लड़के ने नहीं कि नहीं तो हिट रन केस में तुम अंदर पढ़ी होती।




एंजेल: डैड मेरे दोस्तों से एक शर्त लगी थी। उस शर्त में मुझे ब्रेक फेल गाड़ी रोड पर चलाना था। तो मैंने यह शर्त के लिए हां कर दी ताकि मेरी इंसल्ट कॉलेज में ना हो और मैं उसको जीत जाऊं।

अल्बर्ट ने अचानक से गाड़ी का ब्रेक दबाते हुए कहा

अल्बर्ट: क्या तुम पागल तो नहीं हो गई हो तुम्हारे दोस्त तुम से मरने की शर्त लगाते हैं। अभी मैं तुम्हारा नाम उस कॉलेज से कटवाता हूं।

एंजेल: नहीं डैड ऐसा मत करिए नहीं तो सबको लगेगा कि मैं डर के मारे कॉलेज आई नहीं और कॉलेज को छोड़ दिया। शर्त के मुताबिक मुझे गाड़ी लेकर वापस कॉलेज में जाना है अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो मेरी बड़ी इंसल्ट होगी।

अल्बर्ट: तुम्हारे दोस्त अगर सही में तुमसे प्यार करते ना तो वो भी तुम्हारे साथ वह भी गाड़ी में आते है लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया पागल तुम हो जो उनकी बातों में आ जाती हो तुम्हें यह बात समझ नहीं आती।

एंजेल: डैड आपको शायद पता नहीं सेल्फ रेस्पेक्ट भी कोई चीज होती है।

अल्बर्ट: हां बेटा मुझे तो पता है लेकिन तुम्हें पता नहीं और तुम्हें पता भी नहीं चल पाएगा कभी तुम अगर उन लोगों के साथ रहोगी तो।

अल्बर्ट: सच कहूं तो तुमसे मैं कभी-कभी बहुत तंग आ जाता हूं।

एंजेल: ओह डैड सॉरी ना सॉरी ना अगर आप भी मुझे दूसरों की तरह डाटंगे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा दूसरों में और आप में क्या फर्क रहेगा। ठीक है मैं आज के बाद से ऐसा कभी नहीं करूंगी ओके अब खुश।

अल्बर्ट: एक सॉरी उसे भी बोल देती तो क्या चला जाता तुम्हारा उसने तो तुम पर एहसान ही किया था ना आज।

एंजेल: डैड अब फिर से उस का नाम मत लो मुझे उसके बारे में ही सुनकर गुस्सा आता है।

यह गुस्सा ना तुम्हें किसी दिन खा जाएगा तुम नहीं समझती हो अगर तुम मुझसे प्यार करती हो तो मुझसे एक प्रोमिस करो तुम ऐसी हरकत फिर दोबारा नहीं करो गी अगर तुमने ऐसा फिर किया तो में तुमसे बात नहीं करूंगा।

एंजेल: ओह अच्छा ठीक है डैड मैं उसे सॉरी बोल दूंगी पक्का प्रॉमिस बोल दूंगी अब अपना गुस्सा खत्म करो ना डैड।




एंजेल का दिल बच्चों जैसा था। पल में खुश हो जाती थी। और पल में गुस्सा आ जाता वह दिल से बुरी नहीं थी उसका स्वभाव ही बुरा था। बचपन में मां के गुजर जाने के बाद अल्बर्ट ने ही उसको संभाला था। उसे एक मां का प्यार अल्बर्ट से ही मिला था।

और उधर दूसरी तरफ अंकित हॉस्पिटल में राज का पता लगा रहा होता है उसे राज का पता नहीं चल रहा होता है वह साल्वे को भी हॉस्पिटल में ढूंढ रहा होता है लेकिन साल्वे का कुछ अता-पता हॉस्पिटल में नहीं चलता।

और ढूंढने के बाद वह काफी थक जाता है और फिर वही नर्स उसके पास फिर दोबारा वापस आती है।

तुम्हें समझ नहीं आता मैंने तुम्हें कितनी बार कहुं कि तुम अपने कमरे में ही रहो तुम यहां वहां घूमो गे तो तुम कैसे ठीक होगे मुझे यह बताओ।

अंकित: मैं अपने दोस्त को खोज रहा हूं क्या तुम मेरी इसमें कुछ मदद कर सकती हो उसका नाम राज है उसे कैंसर है।

नर्स कुछ बोलती नहीं है और कुछ सोचने लगती है क्या नाम बताया तुमने राज हां उसे इस हॉस्पिटल में आए 2 दिन हुए हैं उसे हॉस्पिटल में आए उसे नाक का कैंसर है वह अब ज्यादा दिन जीने वाला नहीं है। उसके पास कुछ ही हफ्ते बचे हैं।

अंकित: तुम मुझे उसके पास लेकर चल सकती हो मुझे उसे देखना है।

ठीक है। नर्स ने कहा

नर्स: तुम मेरे साथ चलो लेकिन कुछ कहना मत चुप ही रहना डॉक्टरों ने वहां पर किसी को भी जाने मना किया है।

अंकित: ठीक है मैं कुछ नहीं बोलूंगा मैं उसे देख लूंगा सिर्फ अंकित उसके पीछे पीछे जाने लगा।

उसका दिल अब धीरे-धीरे धड़कने लगा था वह बहुत दिनों के बाद अपने दोस्त राज को देखने वाला था अंकित इतने दिनों से उसके साथ था लेकिन उसे पता नहीं था कि वह की किन चीजों की दवाई हमेशा लिया करता था लेकिन आज उसकी सच्चाई पर से पर्दा इस तरह से उठा था कि उससे उस पर बहुत दया आ रही थी। उसने जिस लड़की से प्यार किया था उसने भी उसका सिर्फ फायदा ही उठाया था।










क्या अंकित पायल की सच्चाई राज को पता देगा और क्या होगा और क्या करेगा राज पायल की सच्चाई जानने के बाद

जानने लिए पढ़ते रहिए।







प्रायश्चित