प्रायश्चित- 12 - Badaltey Rishtey Devika Singh द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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प्रायश्चित- 12 - Badaltey Rishtey

कुछ ही घंटों के सफर के दौरान अंकित अब लंदन पहुंच चुका था अब उसे यहां से राज की तलाश करनी थी। उसे समझ नहीं आ रहा था। कि वह कहां से शुरू करें उसके पास राज की फोटो तो थी। लेकिन उसका पता नहीं था वह एयरपोर्ट से निकलने के बाद एक रेस्टोरेंट में बैठकर नाश्ता करते हुए यही सोचे जा रहा था कि अब आगे उसे करना क्या है तभी कुछ समय बाद डैनी उसे कॉल आता है वह उससे पूछता है कि उसकी खैरियत पूछता है।




डैनी: तुम्हें वहां पर जिस जिस चीजों की जरूरत रहेगी तुम मुझे बस एक फोन कॉल करके बता देना मैं तुम्हारी हर तरह से हेल्प कर सकता हूं

अंकित ने उसे हां कहा और फोन रख दिया

यहां पर माधव ने डैनी से पूछा

माथुर साहब: लंदन तो वह पहुंच चुका है लेकिन वह राज को ढूंढेगा कैसे उसके पास तो उसका पता ही नहीं है।

डैनी: तुम फिकर मत करो मुझे पता है मुझे क्या करना है




दूसरी तरफ पायल राज को हॉस्पिटल में भर्ती करा चुकी थी।

वह हॉस्पिटल शहर का नाम चीन हॉस्पिटल था वहां पर कम पैसों में मरीजों का इलाज हो सकता हो जाता था कोई कैसे भी वहां पर आकर इलाज करा सकता था दरअसल पायल राज के ऊपर ज्यादा पैसे खर्च करना नहीं चाहती थी। समय-समय पर रंग बदलना उसे अच्छी तरह आता था।

असल सारे पैसो को लेकर वो खुद भागना चाहती थी लेकिन राज ने उसे पकड़ लिया था इसलिए अपनी असलियत उसने अब तक छुपा कर रखी थी। उसे जिंदगी में सबसे ज्यादा प्यार पैसों से ही था पैसों लिए ही था पैसों के लिए ही वो राज के साथ इतनी दूर तक चली आई थी। अगर राज बीमार भी नहीं पड़ता तो भी एक ना एक दिन पायल उसे छोड़ ही देती। और पैसे लेकर वह खुद भाग जाती।

सोच रही थी पायल को समझ नहीं आ रहा था कि अब राज का क्या होगा।

पायल अपने अतीत के बारे में ज्यादा सोचा नहीं करती थी उसने जो तकलीफ देखे थे अब उन तकलीफो को वो वापस नहीं देखना चाहती थी।

ऐसे ही उसे उन तकलीफों की वजह से उसे लाइफ में कुछ बड़ा करने की चाहत थी। यह उम्मीद उसकी राज ने पूरी की थी। लेकिन अब राज भी उसके बहुत काम आया था। पायल ने उसे यह बात नहीं बताई थी लेकिन वह जानती थी कि राज अब ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रहने वाला कुछ ही हफ्ते उसके पास बचे थे

पायल अपने लाइफ में बहुत ही जल्दी मूव ऑन कर लेती थी।

पैसों के लिए ही उसमें साल्वे को धोखा दिया था और अब पैसों के लिए ही राज को छोड़ने का इरादा बना रही थी।

उसने जिंदगी में कभी भी किसी से प्यार किया ही नहीं था राज के शादी के प्रस्ताव पर उसने उससे हा नहीं किया था वह बस उसके साथ कुछ दिन बिताना चाहती थी। और अब उसका काम हो चुका था

अपने इन बदलते स्वभाव की वजह से उसका व्यवहार अंदर से बहुत ही कठोर हो चुका था। वह एक जगह टिकती नहीं थी। इसीलिए उसने अपने पीछे कोई सबूत नहीं छोड़ा था।

उसकी इस असलियत का पता साल्वे में भी नहीं लगा सका था।

उसे लोगों को अपनी बातों में फंसा ना बहुत अच्छी तरह से आता था और उनका भरोसा जीतना भी। उसने राज को भी अपने जाल में इसी तरह फसाया।

अब आगे क्या करना था वह यह सोच रही थी। कि अगर वह अचानक से गायब हो गई तो सारे सवाल उससे पूछे जाएंगे वह राज को अकेले इस तरह से नहीं छोड़ सकती थी।

उसे कुछ और दिन उसके साथ ही रहना था।

राज के बीमार होने के बाद वह सोच रही थी वह अकेले पड़ जाएगी और इन पैसों का क्या होगा उसे शायद पता नहीं था। कि उन पैसो के पीछे कितने लोग पढ़े हुए हैं।

2 दिनो तक पायल हॉस्पिटल में ही थी। उसका ख्याल रख रही थी एक पत्नी की तरह वह उसके हर जरूरत पर उसके साथ थी।

अगर कोई भी आपके लिए अच्छा करता रहे और कोई कभी आकर उसके बारे में कभी कुछ बुरा बोल दे तो कभी भी आप उस आदमी पर भरोसा नहीं करेंगे चाहे वह आदमी कितना ही बुरा हो क्यू ना हो

ऐसा ही कुछ राज के साथ हो रहा था। पायल की प्यार में और फसता चला जा रहा था। वह पायल की असलियत जानता नहीं था जब अंकित को उसकी असलियत पता था। लेकिन उसके पास कोई सबूत नहीं था वह तो उसके लिए एक अच्छी लड़की ही साबित हुई थी।

अपनी हर चाल सोच समझकर चलती थी।

पायल हॉस्पिटल के बाहर राज की कुछ दवाइयां मेडिकल से ले रही थी उसकी वह दवाइयां हॉस्पिटल में नहीं मिली थी तो डॉक्टर ने उसे कहा कि यह दवाइयां आप हॉस्पिटल के नीचे मेडिकल से ले के आ जाओ।




डॉक्टर ने पायल को कहा कि

डाक्टर: आप इन्हे अब घर ले जा सकती हैं इन्हें हॉस्पिटल से ज्यादा अपनों के साथ रहना चाहिए।




अंकित ने पायल को कभी देखा ही नहीं था तो उसे पहचानने की बात तो दूर की थी वह उस तक पहुंचे नहीं सकता था। भले ही वह लंदन आ चुका था।

अब तक अंकित ने होटल में अपना एक रूम ले लिया था और राज खोजबीन शुरू कर दी थी।

पूरा दिन गुजर जाने के बाद उसे अब तक उसे राज के बारे कुछ पता नहीं चला था। वह हताश होकर एक रोड के किनारे खड़ा था। मैं सोच रहा था कि अब क्या करें ?

रोड के ग्रीनलाइट का इंतजार कर रहा था जब ग्रीन लाइट हुई तो वो रोड क्रॉस करने लगा

तभी अचानक से सामने आती हुई कार उससे टकरा गई। और कुछ दूर जाकर गिर गया उसकी हालत खराब थी उसके पैर में और घुटनों में रोड पर गिरने की वजह से छील चुके थे उसके सर पर भी घाव लगा था वह पूरी तरह आधे होश में उठता हुआ खड़ा हो रहा था।

और गाड़ी कुछ दूर आगे जाकर एक पोल पर टकरा गई।

अंकित उठने की कोशिश कर रहा था लेकिन उठ नहीं पा रहा था वह पूरी तरह से उठा और वहां फिर से गिर गया।

वहां पर खड़े एक आदमी ने एंबुलेंस को कॉल किया कुछ समय बाद एंबुलेंस आई और उसे हॉस्पिटल ले जाया गया।

जिस गाड़ी ने अंकित को ठोकर मारी थी असल में उस गाड़ी में एक लड़की बैठी थी उसकी हालत भी खराब थी वह गाड़ी में बेहोश हो गई थी एंबुलेंस वालों ने उसे भी उसे भी निकाला और एंबुलेंस में लेकर चली गई।

दरअसल यह वही हॉस्पिटल की एंबुलेंस थी जिस हॉस्पिटल में राज भर्ती था। जिस हॉस्पिटल में पायल ने राज को भर्ती कराया था। अंकित उस हॉस्पिटल में अचानक से ही आ गया था उसे पता नहीं था। कि इसी हॉस्पिटल में उसका दोस्त भी एडमिट हुआ है।

डॉक्टरों ने तुरंत उसका इलाज शुरू कर दिया और उसे दवाइयां देख कर आराम करने को कहा दवाइयों की जोर से अंकित बेहोश हो गया कुछ घंटों के बाद उसकी नींद खुली तो वह हॉस्पिटल के बेड पर पड़ा हुआ था उसके पैर में लगे चोटों की वजह से उसका पैर काफी ज्यादा दर्द में था नर्स कुछ देर बाद उसके पास आई और उसके हालात के बारे में पूछने लगी तो अंकित ने उसे बताया तो

अंकित ने उससे पूछा

अंकित: क्या मेरे पैर अब किसी काम के नहीं तो नर्स ने उसे बताया कि ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है आपको कम चोटें लगी हैं आप एक-दो दिन में ठीक हो जाएंगे।

नर्स: शुक्र कीजिए गाड़ी ज्यादा तेज नहीं थी इसकी वजह से आपको कम चोटें लगी हैं।

तब अंकित ने उससे कार के बारे में पूछा इस ने उसे टक्कर मारी थी

नर्स ने उसे बताया

नर्स: हां वह भी वह एक लड़की थी। वह भी गाड़ी में बेहोश हो गई थी। शायद उसके गाड़ी के ब्रेक फेल हो चुके थे इसलिए वह वहां पर रुक नहीं पाई थी। और तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया।

वह भी हॉस्पिटल में ही भर्ती है उसकी हालत भी खराब है ठीक है चलिए आप दवाई खाईये आराम करिए ।

शाम के 7:00 बज रहे थे। डैनी फोन बजने लगा कुछ देर बाद उसने फोन उठाया तो उसे पता चला कि अंकित का एक्सीडेंट हो गया है वह हॉस्पिटल में भर्ती है।

यह सुनने के बाद माथुर के होश उड़ गए वह डर गया और सोच रहा था कि अगर अंकित को कुछ हो गया तो क्या होगा तो उसने और पूछा कि अंकिता कैसा है तब उन लोगों ने उसे बताया कि अंकित को ज्यादा चोटें नहीं आई हैं। हमें पता चला वह एक-दो दिन में ठीक हो जाएगा।

डैनी: लेकिन यह कैसे हुआ तुम दोनों कहा थे।

डैनी ने गुस्सा होकर उनसे पूछा

सर हम उसके पीछे ही थे वह रोड पार कर रहा था और अचानक से एक गाड़ी आकर टकरा गई पता चला उस गाड़ी के ब्रेक फेल हो गए थे। और उस गाड़ी में जो लड़की बैठी थी उसे भी काफी चोटे आई हुई है वह भी हॉस्पिटल में भर्ती है।

डैनी: मैंने उस लड़की का पीछा करने के लिए भेजा है। कि अंकित के पीछे भेजा है तुम उस लड़की का ब्योरा मुझे क्यों बता रहे हो मैंने जितना काम दिया है तुम उतना करो।

डैनी ने चिल्लाकर कहा!!!!

सॉरी सर सॉरी सॉरी गलती हो गई।

माथुर: अब क्या होगा।

माथुर ने उत्सुकता से देखते हुऐ को देखा डैनी कुछ रहा था उसने उसेने कुछ नहीं कहा।







क्या अब राज और अंकित मिल जाएंगे और क्या पायल राज को धोखा देगी। साल्वे की अगली चाल क्या होगी। जानने के लिए पढ़ते रहिए













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