हम दिल दे चुके सनम - 7 Gulshan Parween द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

हम दिल दे चुके सनम - 7

दोस्तों अभी तक आपने पढ़ा अनुष्का की पूरी फैमिली एयरपोर्ट पहुंच जाती है मिस्टर मालिक अनिल का इंतजार कर रहे होते है अब आगे......

"कहां रह गया?? मिस्टर मालिक ने परेशानी से इधर उधर देखते हुए कहा।

"क्या हुआ अंकल??? मिहिर ने मिस्टर मालिक को परेशान देखकर कहा।

"बेटा वह" मिस्टर मालिक कुछ कहने ही वाले थे कि उनकी नजर अनिल उस पर पड़ी ग्रेस कलर की शर्ट पहने कंधे पर बैग लटकाए वह इसी तरफ बढ़ रहा था।

"अरे बेटा फ्लाइट आ चुकी है कहां रह गए थे तुम??मिस्टर मालिक सामने की तरफ बढ़ते हुए बोले।

"ट्राफिक में फस गया था" अच्छा मैं निकलता हूं इससे पहले फ्लाइट मिस हो जाए।

"ठीक है बेटा ख्याल रखना अपना भी और मेरी बेटी का भी" मिस्टर मालिक ने अनिल के कंधे पर हाथ मारा अनिल प्लेटफार्म की तरफ बढ़ने ही वाला था कि मिस्टर मालिक ने आवाज लगाई

"एक मिनट बेटा तुमने मेरी बेटी को देखा तो है न"

"देखा हुआ है लेकिन ठीक से याद नहीं है आप एक काम कीजिए मुझे फोटो व्हाट्सएप कर दीजिए मैं भूल जाऊंगा" मिनट लगेंगे मैं भूल जाऊंगा।

"इसमें भूलने वाली क्या बात है" मिहिर ने गुस्से से बोला।

"नहीं मैं भेज देता हूं कोई प्राब्लम नहीं है"

"ठीक है आप भेज दीजिएगा मैं निकलता हूं" अनिल ने मिहिर को घुरा और प्लेटफार्म की तरह बढ़ गया। प्लेटफार्म पर पहुंचा तो इसकी फ्लाइट आ चुकी थी वह अपनी सीट पर जाकर बैठ गया इसके आगे ही अनुष्का बैठी थी। इसने अपने मोबाइल पर उसकी तस्वीर देखी जो मिस्टर मालिक ने भेजी थी। आसपास निगाह दौड़ाने पर जब इसे कोई लड़की नहीं दिखी, तो वह वॉशरूम के बहाने उठ कर खड़ा हो गया। वॉशरूम से वापसी पर इसकी नजर उस पर पड़ी उसने लाल कलर का दुपट्टा की पहन रखा था इसने बड़ी काली आंखें हाथ में पकड़ी हुई मैगजीन पर जमा रखी थी। सफेद कलर का जोड़ा जिस पर लाल रंग की काम की हुई दुपट्टा इस पर बहुत जच रहा था।

"ओह तो यह है मिस अनुष्का" अनिल ने खड़े-खड़े सोचा।अनुष्का ने महसूस किया कि कोई उसे घूर रहा है उसने फौरन मैगजीन पर से निगाह उठाकर सामने देखा, घुंघराले बालों वाला शख्स बड़ी संजीदगी से उसे देख रहा था। अनुष्का ने उसकी तरफ देखकर दूर से ही हाथ घुमाया जैसे वह पूछ रही हो आखिर बात क्या है अनिल फौरन से ख्याल में से निकला और इसके पीछे वाली सीट पर जा बैठा।

"ठरकी कहीं का पता नहीं कहां-कहां से आ जाते हैं?? अनुष्का बड़बड़ाई और वह दोबारा मैगजीन में देखने लगी।

अनिल आराम से टांग पर टांग रखकर बैठ गया "चलो नजरों के सामने ही है" और घरवालों के बारे में सोचने लगा इसे अपनी मम्मी की बहुत याद आ रही थी वह सीट से टेक लगा कर अपनी मम्मी पापा और छोटी के साथ गुजारे लम्हे को याद कर रहा था और इन्हीं यादों के दौरान इसकी आंख लग गई।

"एक्सक्यूज मि सर आप क्या लेना पसंद करेंगे" एयर होस्टेस की धीमी सी आवाज पर इसकी आंख खुल गई। अनिल आगे वाली सीट पर निगाह दौड़ाई जहां अनुष्का मौजूद नहीं थी वह दाएं बाएं देखने लगा।

"सर क्या लेंगे आप" एयर होस्टेस ने दोबारा पूछा।

"जी काफी दे दीजिए" और उसका सारा ध्यान अनुष्का की तरफ था। वह जिम्मेदारी थी अभी वह परेशान सा इधर उधर देख रहा था कि सामने से अनुष्का आती दिखाई दी जिसे देखकर बह ठीक से बैठ गया इतने में एयर होस्टेस कॉफी का कप पकड़ा कर चली गई।

टाइम गुजरने का पता ही नहीं चला वह लोग अमेरिका पर लैंड कर चुके थे रात काफी हो चुकी थी जब उन्होंने लैंड किया अनिल प्लेन से उतरकर एयरपोर्ट के एग्जिट गेट पर पहुंचा वहां खड़ा होकर वीजा पासपोर्ट चेक कर रहा था। अनुष्का पीछे से इसको देखने लगी।

"यह भी अभी तक यही है" अनुष्का ने सोचा और उस को धक्का देती हुई आगे बढ़ी।अनिल गुस्सा होकर इसे जाता हुआ देखने लगा।

"अजीब पागल मस्तानी लड़की है" अनिल कहता हुआ आगे बढ़ गया।

अनुष्का एयरपोर्ट से निकलने के बाद सड़क पर हाथ में अपना बैग लिए चल रही थी। अनिल के लिए ये जगह नई थी और यहां के रास्तों से ना वाकिफ था। वह भी फासले से इसके पीछे पीछे चलने लगा। अनिल के पास एक ही बैग था जिसे उसने कंधे पर लटकाया हुआ था। अनुष्का को मालूम था टैक्सी कहां से मिलेगी?? इसलिए वह पैदल ही स्टाप की तरफ बढ़ रही थी। सड़क पर गाड़ी आ जा रही थी। इसके अलावा अनिल, अनुष्का से कुछ फासले पर चल रहा था। अनुष्का चलते चलते रुक गई जबकि अनिल अपनी ही धुन में चला जा रहा था।

"हेलो मिस्टर आप मेरा पीछा क्यों कर रहे हैं" अनुष्का एकदम पीछे मुड़ी।

"मैडम मैं आपको कुत्ता नजर आता हूं, जो आपका पीछा करूंगा" अनिल ने अपने बैग को संभालते हुए जवाब दिया।

"वैसे किसी कुत्ते से कम नहीं है आप" अनुष्का कहती हुई और आगे की तरफ चलने लगी। अनिल जेब में हाथ डालकर के पीछे पीछे हो लिया।

"मैडम मैं आज मैं नया हूं रास्तों का सही से मालूम नहीं है, जहां यह राहें ले जाए वही चल देते हैं" अनिल के मुंह में जो आया बोलता गया।

"अच्छा बस ज्यादा दिखाने की जरूरत नहीं है आपको" अनुष्का कहते हुए आगे बढ़ गई।

"यार क्या फिजूल की टेंशन मिल गई है एक तो यह लड़की भी ना एक टेंशन है" अनिल कहता हुआ नजर झुकाए अपनी जेब में हाथ डाले चल रहा था।

अनुष्का आगे से टर्न लेकर मुड़ गई अनिल भी है उसके पीछे-पीछे वही मुड़ गया।

"आपके साथ प्रॉब्लम है कुछ मैं तंग आ गई हूं आपसे" अनुष्का मोड़ पर ही खड़ी थी और इसके आते ही बिना सोचे समझे बोलने लगी। अनिल बिना कुछ बोले संजीदगी से नजर झुकाए अनुष्का के साइड में से निकल गया।

"अजीब पागल इंसान है अनुष्का बैग लेकर कर जल्दी जल्दी चलने लगी वह इतना तेज चल रही थी कि अनिल जो इसके आगे था वह भी पीछे रह गया। थोड़ा दूर चलने के बाद अनुष्का ने स्टॉप पर पहुंचकर टैक्सी ड्राइवर को हाथ में पकड़ी एक पर्ची दिखा कर कहा कि "

इस जगह जाना है मुझे"

"ठीक है ठीक है बैठ जाइए मैडम" ड्राइवर ने कहा। अनुष्का ने टैक्सी का गेट गेट खोला और अनिल की तरफ निगाह दौड़ाई जो इसी तरफ देख रहा था। वह मुस्कुराती हुई अंदर बैठ गई।

अनिल ने भी इसके निकलते ही जल्दी से टैक्सी कराई इसमें जल्दी बैठते ही कहा कि वह जो आगे टैक्सी जा रही है इसके पीछे ले लो। अनुष्का ने एक घर के सामने गाड़ी रोकी जो बिल्कुल रोड पर था। अनिल दूर से ही टैक्सी वालों को रोका की उसको शक ना हो। वह दूर से ही टैक्सी के शीशे से देखने लगा अनुष्का उतरी और टैक्सी वाले को पैसे देकर घर की बेल बजाई और घर से किसी के निकलने पर हंसती हुई अंदर गई।

"होटल यहां से कितना दूर है" अनिल ने ड्राइवर से पूछा।

"बस 5 मिनट की दूरी पर है" ड्राइवर ने जवाब दिया।

"ठीक है वहां ले चलो" अनिल सीट से सर टिका दिया

आगे जारी है.......