ज़िद्दी इश्क़ - 38 Sabreen FA द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

ज़िद्दी इश्क़ - 38

"हम्म्म्म.....सारे आदमियो को तैयार करो हम अभी उसके मेंशन के लिए निकल रहे है।"

माज़ ने जॉन से कहा तो वोह वहां से चला गया।

"माहेरा मैं चाहता हु की तुम मॉम के साथ उनके कमरे में रो क्योंकि किसी को भी इस रूम के बारे में पता नही है और जल्दी ही अन्नू और सोफिया भी वहां आ जाएंगी और कुछ भी हो जाये तुम किसी को भी उस रूम से बाहर मत आने देना।"

माज़ ने उसका चेहरा अपने हाथों में ले कर कहा।

"मैं उसे खुद मारना चाहती हु माज़।"

माहेरा उसकी बात सुनकर अपना सिर हिलाते हुए बोली।

"तुम फिक्र मत करो उसे इतनी आसान मौत नही मिलेगी।"

माज़ उसका सिर चूम कर बोला तो माहेरा ने उसे देख कर अपने हाथ से उसका चेहरा पकड़ कर नीचे झुकाया और उसके माथे पर किस करके धीरी आवाज़ में बोली।

"अपना खयाल रखना, मैं तुम्हे खोना नही चाहती। तुम मेरे लिए बहोत कीमती हो।"

"तुम फिक्र मत करो अगर मैं अपना ख्याल नही रखूंगा तो मेरे बीस बच्चे कहा से होंगे।"

माज़ ने अपनी मुस्कुराहट छुपाते हुए कहा।

जबकि उसकी बात सुनकर माहेरा की आंखे हैरानी से फैल गयी।

"बीस बच्चे!!!!! तुमने क्या मुझे खरगोश समझ रखा है जो मैं इतने बच्चे पैदा करूँगी।"

माहेरा ने उसे घूरते हुए कहा।

"नही मुझे तो बीस ही चाहिए कुछ तुम्हारी तरह शैतान सी और कुछ मेरी तरह प्यारे से।"

माज़ मुस्कुराते हुए बोला।

"तुम्हे जाना था ना तो तुम बकवास क्यों कर रहे हो!"

माहेरा ने दोनो हाथ कमर पर रखते हुए उसे घूर कर देखते हुए कहा।

"मैं जा रहा तुम बैठ कर इस बारे में सोचती रहो।"

माज़ ने उसके गालो पर किस करके हस्ते हुए कहा और कमरे से निकल गया।

माहेरा भी मुस्कुराते हुए अलीज़ा के कमरे में चली गयी।

...............

सोफिया रामिश के साथ दी फ्लेवर केफे में बैठी हुई बाते कर रही थी।

उस केफे में आज ज़्यादा रश नही था। उनके दो तीन आदमियो के इलावा रॉय का एक आदमी कोने की टेबल पर बैठा सोफिया ओर नज़र रख रहा था।

रामिश ने आंखों के इशारे से प्लान शुरू करने के लिए कहा और फिर अपना फोन उठा कर कॉल करने के लिए चला गया।

सोफिया ने काँपते हाथो से अपने बैग से ज़हर निकाल कर रामिश की कॉफी में डाल दिया।

रामिश वापस आया और मुस्कुराते हुए सोफिया से बात करते हुए कॉफी पीने लगा।

थोड़ी देर बाद उसे अपनी सांसे अटकती हुई महसूस होने लगी और उसके मुंह से झाग निकलने लगा।

सोफिया डरते हुए उठ कर उसके पास चली गयी।

कोने में बैठे उस आदमी ने रॉय किया और बोला।

"बॉस सोफिया ने रामिश को ज़हर दे दिया है।"

रॉय ने सोफिया को मारने के लिए कहा और फ़ोन रख दिया।

उसने अपनी गन निकाल कर रामिश के पास घबराई हुई खड़ी सोफिया पर निशाना लिया इससे पहले वोह ट्रिगर दबाता जैक्सन ने उसके सिर पर गोली मार कर उसका काम तमाम कर दिया।

सोफिया ने तब तक जहेर का एंटीडोट रामिश को दे दिया था।

वोह पहेले रॉय का दिया हुआ ज़हर रामिश के लाये हुए जाहेर से बदल चुकी थी।

वोह एक माइज़ेज़ ज़हर था जिसके असर से मुंह से झाग तो फौरन निकल आता है लेकिन वोह धीरे धीरे बॉडी पर असर करता है।

ज़हर लेते ही सोफिया ने उस आदमी से चुप कर रामिश को एंटीडोट दे दिया था।

वोह अब बिल्कुल ठीक था। उसने अपने आदमियो से इलाका क्लियर करने के लिए कहा और जैक्सन के साथ सोफिया को मेंशन भेज कर वहां से माज़ की बताई हुई जगह पर चला गया।

............

रॉय जीत के नशे में चूर क्लब में अपनी जीत का जश्न मना रहा था। उसे बिल्कुल भी खबर नही थी मौत उसकी तरफ बढ़ रही है।

माज़ ने अपने आदमियो के साथ पिछले दरवाजे से हमला किया था जबकि सलमान और रामिश ने अगले हिस्से से उस पर हमला किया था।

प्लान के मुताबिक वोह धीरे धीरे रॉय के आदमियो को मारते हुए अंदर जा रहे थे।

मेंशन के अंदर जा कर उनकी लड़ाई रॉय के आदमियो से शुरू हो गयी थी।

माज़ उन सबको मरते हुए क्लब वाले हिस्से में पहोंचा वहां दरवाज़े पर दो आदमी खड़े थे। माज़ ने अपनी साइलेंसर लगी गन से एक ही बार मे उन दोनों को मार दिया और वोह दोनो अगले ही पल ज़मीन पर गिर गए।

क्लब के अंदर रॉय के बहोत से आदमी मौजूद थे। माज़ उन सबको मरते हुए आ रहा था तभी एक गोली उसके बाज़ू को छू कर गुज़री। माज़ ने गोली चलाने वाले को देखा फिर अपने सामने बशे में धुत रॉय को देखा जो उस पर गोली चलाने वाला था।

माज़ जल्दी से साइड में हुआ और अपने सामने वाले आदमी पर गोली चला कर रॉय के पैर में गोली मार दी।

रॉय के राइट हैंड ने उसे गोली लगते ही कवर किया और माज़ पर गोली चलाने ही वाला था तभी पीछे से रामिश ने उस पर गोली चला दी और वोह कुछ ही पल में ज़मीन पर ढेर हो गया।

माज़ ने रॉय को देखा जिसका रंग सफेद पड़ चुका था। उन लोगों ने उसके पूरे मेंशन पर कब्ज़ा कर लिया था और उसकी गन भी खाली थी।

माज़ ने आगे बढ़ कर टेबल से शराब की बोतल उठायी और उसके सामने खड़ा हो कर बोला।

"मैं तुम्हे इतनी आसान मौत नही दूंगा येह मेरी शान के खिलाफ है।"

माज़ ने बोलते ही बोतल उसके सिर पर दे मारी और वोह वही बेहोश हो गया।

माज़ ने रामिश को इशारा किया तो उसने रॉय को बंधा और अपनी गाड़ी में डाल कर वहां से मेंशन के लिए निकल गया।

सलमान ने भी जॉन के साथ मिल कर मेंशन में छोड़े छोटे बम फिट किये और माज़ को ले कर वहां से निकल गया।

थोड़ी देर बाद वहां बोम ब्लास्ट हुआ और मेंशन मिट्ठी में मिल गया।

माज़ ने अपने बाज़ू को ज़ोर से पकड़ा हुआ था जबकि सलमान उसे ले कर स्टेला के प्राइवेट क्लेनिक जा रहा था।

वोह अपनी पट्टी करवा कर वापस मेंशन जा रहा था। रामिश ने पहेले ही रॉय को ले जा कर मेंशन में बंद कर दिया था और उसके पैर की गोली निकलवा दी थी ताकि ज़्यादा खून बहने की वजह से वोह मरना जाए क्योंकि अभी उसे टॉर्चर करना बाकी था।

..........

माज़ और सलमान सब से पहेले बेसमेंट में गए और फिर अपने खून से भरे कपड़े बदल कर हॉल में गए जहां सब उन दोनों का ही इंतेज़ार कर रहे थे।

माहेरा का दिल जो बेचैन था अब माज़ को देख कर शांत हो गया था।

माज़ ने रामिश ने इशारे में रॉय के बारे में पूछा जिसके जवाब में उसने अपना सिर हिला दिया।

वोह खामोशी से आ कर माहेरा के पास वाली जगह पर ढेर हो गया।

शेर खान अलीज़ा के साथ बैठे थे और रामिश सोफिया के साथ और अन्नू भी सोफिया के साथ बैठी हुई उसके पास सलमान बैठा था।

"डैड अब सब कुछ ठीक चल रहा है तो आप मेरी शादी के बारे में क्यों नही सोचते??"

अचानक से सलमान बोला तो सबका ध्यान उसकी तरफ चला गया।

"सलमान अभी तो तुम छोटे हो अभी तुम्हारे खेलने के दिन है और तुम्हे शर्म नही आती अपनी शादी की बात खुद करते हो।"

माज़ उसको तंग करते हुए बोला।

"भाई येह मेरे अपने बच्चो के साथ खेलने के दिन है। आपको तो मेरा ज़रा भी ख्याल नही है। खुद तो अपने मज़े से शादी करली है।"

सलमान उसकी बात सुनकर चिढ़ कर बोला।

"हम्म्म्म.......सही कह रहे हो हम तुझे अब जल्दी से चाचू बनाने की तैयारी करते है। तब तुम्हे बच्चे खेलने को मिल जाएंगे।"

माज़ ने हस्ते हुए माहेरा को देखा जो उसे ही घूर कर देख रही थी और शर्म से उसका चेहरा भी लाल हो गया था।

"उफ़्फ़फ़!!!!!! भाई आप तो रहने दे। मॉम डैड आप दोनों कुछ अपने इस मासूम बेटे के बारे में भी सोचे।"

वोह माज़ की बात पर चिढ़ते हुए मासूम सी शक्ल बना कर शेर खान से बोला।

सब उन दोनों की नोक झोंक पर मुस्कुरा रहे थे।

"माज़ मेरे बेटे को तंग मत करो। सलमान हम जल्द ही तुम्हरी शादी कर लेंगे पहेले लड़की से यो पूछ लो वोह तैयार है क्या?"

अलीज़ा ने मुस्कुराते हुए सलमान से कहा।

अलीज़ा की बाते सुनकर सलमान की आंखे चमक गयी।

"मॉम मुझे ना शर्म आती है। मेरी जगह ना आप पूछ ली जिये।"

वोह झूठ मुठ का शर्माते हुए बोला तो रामिश ने अपने पास पड़ा पिल्लों उठा कर खींच कर उसकी तरफ फेंका।

"अभी तो तुम्हे पूछते हुए शर्म आ रही है तो शादी के वक़्त तो तुम शर्म से मुंह छुपाते हुए घूमोगे।"

रामिश ने उसे झूठा शर्माते देख चिढ़ कर कहा।

"भाई आप मुझे तंग कर रहे है।"

सलमान आंखे झपकाता हुआ मासूम सी शक्ल बना कर बोला तो सब हसने लगे।

"इन सबको छोड़ो सलमान मैं तुम्हारी शादी अगले हफ्ते ही कर दूंगी मगर मेरी एक शर्त है??"

माहेरा ने हसने के बाद सीरियस होते हुए कहा।

"भाभी जो भी शर्त है मैं मानने के लिए तैयार हूं बस आप सबको मेरी शादी के लिए मना ले।"

सलमान भागते हुए आ कर उसके कदमो में बैठते हुए बोला।

"मैं चाहती हु तुम अपनी शादी पर मेरे भइयो को इटली बुलाओ।"

माहेरा ने कहा तो माज़ ने उसकी तरफ देखा।

अगर वोह येह बात माज़ से करती तो वोह कभी उसे मना नही करता मगर वोह सलमान से अब इस लिए कह रही थी क्योंकि वोह उसकी मुश्किल बढ़ाना नही चाहती थी।