Unsolved Case - Part 4 Deeksha Vohra द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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Unsolved Case - Part 4

एपिसोड 4 ( चाय वाला )
सीन 1
शौर्य को एक कॉल आता है , तो राजीव वो सैंपल रिपोर्ट खोलता है | राजीव को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था की , वो जो देखा रहा है , वो सच है या जूठ | और शौर्य को अपने कानो पर भरोसा नही हो रहा था | तभी उन दोनों को कुछ न बोलता देख कर , डॉक्टर सर बोले
डॉक्टर सर : क्या हुआ , तुम दोनों को | ऐसा क्यूँ लग रहा है , की तुमने कुछ ऐसा सुन लिया है , जिसपर तुम भरोसा नही कर पा रहे हो | और राजीव , तुम क्यूँ चुप खड़े हो | बताओ न रिपोर्ट में क्या आया है |
राजीव : ( हताश होते हुए ) जिस चीज़ का डर था , वाही हुआ |
शौर्य : ये किडनैपर्ज का कॉल था |
राजीव : क्या ? क्या कह रहे हो तुम ?
तरीका : ये क्या कह रहे हो शौर्य ? क्या कहा उन्होंने ? ओर माया कैसी है ? वो ठीक तो है न ?
डॉक्टर सर : हाँ शौर्य , क्या कहा उन्होंने ?
शौर्य : ( गहरी साँस लेते हुए ) हमने जो आन्तंकी पिछले साल पकड़े थे , वो बम ब्लास्ट वाले , ये उनका काम है | ये लोग चाहते है की , माया के बदले , हमे उन आतंकियों को चोदना पड़ेगा |
शौर्य की बात सुन सब हैरान रह गये | उन आन्तान्कियों का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत ही बुरा था | न जाने , कितने ही मासूमों की उस बम ब्लास्ट में जान गई थी | माया ने ही उन्हें पकड़ा था | और इस बात की मिसाल हर जगह दी जाती थी , की माया ने कितनी बहादुरी से वो केस हैंडल किया था | तभी राजीव बोला |
राजीव : क्या ? पर ऐसा कैसे हो सकता है ?
तरीका : हाँ , सही कह रहे हो तुम | तुम्हे पता है न शौर्य , वो आन्तंकी कितने खतरनाक हैं | अगर , अगर उन्हें छोड़ दिया गया | तो न जाने , वो और कितना आंतंक फेलायेंगे | मुझे नहीं लगता की उन्हें चोदना अच्छा आईडिया होगा |
राजीव : तुम सही कह रही हो तरीका | पर माया का क्या | हम माया को भी ऐसे न्हिया छोड़ सकते | वो भी ऐसी हालत में |
तभी सभी की बैटन को सुन , शौर्य जो बहुत डियर से शांत खड़ा था , वो बोला |
शौर्य : बस | चाहे कुछ भी हो जाए , मैं उन आतंकियों को नही चोदुंगा |
ये कहते ही शौर्य वहां से जाने लगता है | शौर्य की बात सुन , सब एक दुसरे की तरफ देखने लगते है | तभी उनका ध्यान शौर्य की बात पर जाता है | शौर्य , लैब के द्र्वाज्व क्व पास खड़ा होकर कहने लगा |
शौर्य : और हाँ | मैं , माया को भी कुछ नही होने दूंगा | ये वादा है मेरा | खुद से |
ये कहकर शौर्य वहां से चला जाता है | और सब को उनकी सोच में छोड़ जाता है |
सीन 2
ऑफिस मैं शौर्य अपने कलीग से पूछता है |
शौर्य : अच्छा कुछ पता चला , की वो पार्सल कहा से आया था |
कलीग : ओ , यस सर , पता चल गया है | वो मुंबई से आया था | पर अभी तक ये पता नहीं लगा पाए हैं की , किसने भेजा था | पर हाँ हमारी टीम ने उसे इंसान को पकड़ लिया है , जिसने ये ऑफिस में दिया था |
शौर्य : बहुत बढिया | उसे ब्यूरो में बुलाओ | उससे कुछ बात करते है |
सीन 3
ऑफिस में वो पार्सल पकड़ने वाला एक चाय वाला था | वो अक्सर वहां चाय देने आया करता था |
चाय वाला : मैं सच बोल रहा हूँ साब | मुझे कुछ नहीं पता |
राजीव : देख , सच सच बता दे , अभी प्यार से पूछ रहे है , वरना हमे ओर भी तरीके आते हैं |
चाय वाला : ( रोते हुए ) अरे साब , कितने ही सालों से मैं यहाँ चाय दे रहा हूँ | अगर मुझे कुछ करना होता , तो कब का कर चूका होता |
तभी राजीव गुस्से में उसे धमकाते हुआ कहता है |
राजीव : बताता है की नहीं तू ?
तो डर के मारे वो चाय वाला हाथ जोड़ते हुए कहता है |
चाय वाला : अरे सच में साब | वो तो , मेरी दुकान पर एक आदमी उसे पकड़ा कर गया था | कहा था शौर्य साब का दोस्त है | वो मैं मान गया | और उसे यहाँ ले आया |
तभी उस चाय वाले की बात सुनकर शौर्य बोला |
शौर्य : अच्छा , तो क्या तुम्हे उसका चेहरा याद है ? या उसके बारे में कोई खास चीज़ ?
चाय वाला सोचते हुए कहता है |
चाय वाला : अ ... हाँ याद आया | उसके दाहिने हाथ में शीर का टेटू बना था |
राजीव : ठीक है | तुम उस आदमी का स्केच बनवा सकते हो | और उस टेटू का भी |
चाय वाला : हाँ हाँ सब | बिलकुल |
फिर शौर्य कता है | देखते हैं | कौन खुद को मेरा दोस्त बताता फिर रहा है | उसे तो मैं इतनी आसानी नही जाने दूंगा ।