ज़िद्दी इश्क़ - 13 Sabreen FA द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

ज़िद्दी इश्क़ - 13

सैंडविच खा कर वोह अपने कमरे में आई तो माज़ पहले से ही वहां उसका इंतेज़ार कर रहा था।

इन दो हफ़्तों में माज़ कुछ ज़्यादा ही बिजी था। मगर वोह दोनो जब भी मिलते थे एक दूसरे को तंग करने का एक भी मौका नही छोड़ते थे।

"माहेरा मेरी बात सुनो और इधर आओ मेरे पास बैठो.........."

माज़ ने सोफे पर अपने पास इशारा करते हुए माहेरा से कहा।

माहेरा बुरा सा मुंह बना कर उसके साथ बैठ गयी। वोह जानती थी अगर वोह ना बैठी तो माज़ को गुस्सा आने में सिर्फ एक सैकेंड लगेगा।

"बोलो,,,,,,क्या बात करनी है तुम्हे, फिर मुझे आराम भी करना है सुबह से लेक्चर ले ले कर थक गयी हु।"

माहेरा ने उसके पास बैठते हुए कहा।

"मैं शाम को बाहर जा रहा हु शायद रात को वापस ना आऊं तुम रोज़ी और बाकी नौकरों को तंग मत करना और आराम से सो जाना। अगर मुझे पता चला तुमने कोई शरारत की है या कोई उल्टा सीधा काम किया है तो तुम्हारे लिए बिल्कुल भी अच्छा नही होगा।"

माज माहेरा से बोला।

वोह अच्छे से जनता था की उसकी गैर मौजूदगी में माहेरा रोज़ी और दूसरे नौकरों को तंग करती थी ताकि अपनी बोरियत खत्म कर सके। और काम भी ऐसे करते फिरती थी कि बेचारे शर्मिंदा होते हुए घूमते।

एक दिन उसने रोज़ी को बोल कर मेंशन के बाहर से तीन आदमियों को अंदर बुलाया था। उसने एक से डांस कराया, एक को मुर्गा बनाया और एक को एक घटे तक एक पैर पे खड़ा कराया।
उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने माहेरा को गार्डन में जाने से मना किया था।

वोह लोग येह करना तो नही चाहते थे लेकिन माहेरा मैडम ने उन्हें धमकी दी थी अगर उन लोगो ने ऐसा नही किया तो वोह माज़ से उन की पिटाई कराएगी।

जब माज़ मो येह बात पता चली तो माज़ ने उसे समझाया कि वोह लोग अपना काम कर रहे थे।

लेकिन वोह माहेरा ही क्या जो आसानी से माज़ की बात मान ले।

"तुम्हे क्या लगता है मेरे पास उनको तंग करने के इलावा कोई काम नही है.........हुन और वैसे भी
मुझे एक असाइंमेंट कल संबिट करनी है तो मुझे वोह पूरा करना है इसीलिए मेरे पास इतना टाइम नही है कि मैं उल्टे सीधे काम करते फिरु।"

माज़ की बात सुनकर माहेरा ने चिढ़ते हुए कहा। वैसे भी आज उसने यह से निकलने का प्लान बनाया था और शायद ही दोबारा ऐसा कोई मौका उसके हाथ लगता।

"हम्म्म्म........ठीक है लेकिन कोई भी उल्टा सीधा काम करने की कोशिश मत करना।"

माज़ ने उठते हुए कहा और उसके माथे पर किस कर के बाहर चला गया।

माहेरा को अब इन सब की आदत हो चुकी क्योंकि माज़ हमेशा बाहर जाने से पहले ऐसा ही करता था। इसीलिए लिए माहेरा अपने माथे पर उसका स्पर्श महसूस करते हुए खामोशी से उसे बाहर जाते देख रही थी।

वोह महसूस करने लगी थी माज़ कि लिए उसके दिल मे नए जज़्बात पनप रहे है और अब तो वोह उसके स्पर्श की भी आदि हो चुकी थी। माहेरा को इस बात का डर था कहि वोह माज़ से प्यार ना कर बैठे इसीलिए वोह जल्द से जल्द माज़ से दूर जाना चाहती थी। मगर वोह यह बात भूल रही थी जब तक वोह माज़ की बीवी है वोह उसे छोड़ कर कहि नही जा सकती।

माहेरा रात को अपने कमरे से निकल कर डाइनिंग रूम में गयी तो रोज़ी ने उसके लिए डिनर डाइनिंग टेबल पर रखा। माहेरा ने चुप चाप खाना खाया और अपने कमरे में चली गयी।

शावर लेने के बाद उसने ब्लू जीन्स और वाइट शर्ट पर ब्लैक जैकेट पहनी और अपनी जेब मे क्रेडिट कार्ड डाला और रूम से निकल कर कॉरिडोर से होते हुए आखिरी कमरे में गयी।

उसने अपने आस पास देखा और दरवाज़ा बंद कर लिया और बिना लाइट ऑन किये ही कमरे की खिड़की की तरफ चली गयी।

वोह खिड़की गार्डन की तरफ खुलती थी। उसने थोड़ा सा पर्दा हटा कर बाहर की तरफ देखा। वहां कुछ गार्ड लगातार पहरा दे रहे थे। वोह अस पास पहरा देते हुए पांच मिनट बाद वापस इसी जगह पर आते थे।

"इसका मतलब मेरे पास यहां से भागने के लिए सिर्फ पांच मिनट है।"

माहेरा ने खुद से कहा।

गार्ड्स के जाने के बाद माहेरा ने जल्दी से खिड़की खोली और बाहर निकल कर वापस खिड़की बंद कर दी और झाड़ियों के पीछे चुप गयी।

गार्ड जब वापस आये तो रोशनी कम होने की वाजह से वोह माहेरा को देख नही सके। जबकि माहेरा उनको देखते हुए सांस रोके हुए बैठी थी।

जैसे ही वोह गार्ड वहां से गए माहेरा धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी। थोड़ा आगे जा कर उसे फिर चार गार्ड नज़र आये तो वोह जल्दी से एक पेड़ के पीछे चुप गयी।

उसे डर भी लग रहा था अगर वोह पकड़ी गई तो माज़ उसका क्या हश्र करेगा। वोह इन सबके बारे में सोचना भी नही चाहती थी।

उन गार्ड्स के जाने के बाद माहेरा फिर से चलने लगी लेकिन कुछ ही दूर उसे फिर गार्ड्स खड़े नजर आए।

उन में से गार्ड ने उसे देख लिए इसीलिए वोह एक पेड़ के पीछे अपनी सांस रोक कर खड़ी हो गयी।

उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था। वोह थोड़ी देर वैसे ही खड़ी रही। जब वोह गार्ड वहां से चले गए तो माहेरा ने चैन की सांस ली और फिर से चलने लगी लेकिन थोड़ी दूर जाने के उसे फिर से गार्ड्स नज़र आये।

माहेरा को अब ऐसा लग रहा था जैसे वोह किसी जेल से भाग रही हो। वोह मन ही मन माज़ को कोस रही थी।

थोड़ी देर वही बैठ ने के बाद वोह जैसे ही उठी तो सामने एक कुत्ता अपनी जुबान निकाले उसे ही देख रहा था।

उस कुत्ते को देखते हुए माहेरा ज़ोर से चीखी और तेज़ी से भागने लगी।

अब वोह भगने के बारे में सोच कर बस कुत्ते से बचने के बारे में सोच रही थी।

गार्ड्स उसे भगते देख कर अलर्ट हो गए और उसे पकड़ने के लिए भागने लगे। भगते हुए माहेरा का पैर मुङ गया और वोह ज़मीन पर गिर गयी।

वोह कुत्ते को अपनी तरफ आते देख पीछे खिसकने लगी। लेकिन उसे इस बात से हैरानी हो रही थी कि कोई गार्ड उसके पास क्यों नही आ रहा है।

जिसका जवाब उसे जल्द ही मिल गया।

माहेरा जो पीछे खिसक रही थी अचानक किसी चीज़ से टकरा गई। उसने पीछे मुड़ कर देखा तो माज़ वहां खड़ा था। माज़ को देखते ही माहेरा को अपनी सांसे बंद होती महसूस होने लगी।

......

माज़ जो रामिश के साथ माल जाने के बजाए बेसमेंट में अपने आदमियों से बात कर रहा था।
तभी उसके मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन आयी। उस नोटिफिकेशन को इग्नोर करते हुए माज़ अपने आदमियों से बात कर रहा था।
क्यों कि थोड़े ही दिनों में उसे अपने माल की सप्लाई करनी थी लेकिन जैक ऐसा होने नही दे रहा था। इसी वाजह से वोह अपनी सेक्युरिटी को मजबूत और डबल करने के बारे में डिस्कस कर रहा था।

थोड़ी देर बाद जब उसने नोटिफिकेशन देखा तो माहेरा के ब्रिसलेट में मौजूद ट्रैकर उसे मेंशन के बाहर वाले हिस्से में दिखा रहा था।

उसे देख माज़ अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए रामिश को उन्हें समझाने का कह कर ट्रैकर को फॉलो करते हुए पिछले हिस्से में चला गया।

माज़ जब वहां पहोंचा तो माहेरा को भागते हुए देख उसने अपने कुत्ते (जैकी) को माहेरा की तरफ आते देखा। माज़ को देख कर जैकी धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा। उसे देख कर माज़ ने अपने इशारा करके अपनी जगह रहने को कहा और माहेरा को देखने लगा जो पीछे खिसक रही थी।

.......

माज़ माहेरा को अपनी तरफ देखते पा कर माज़ उसके चेहरे पर अपने लिए डर साफ देख सकता था।
मगर आज तो माहेरा ने हद कर दी थी माज़ को आजमाने की और आज वोह उसे बिल्कुल भी छोड़ने वाला नही था।

माज़ के गुस्से से भरे चेहरे को देखते हुए माहेरा का रंग ही उड़ गया था उसने अपने सामने खड़े कुत्ते को देखा।

आज माहेरा के एक तरफ कुंवा था और एक तरफ खाई थी।

माज़,,,,,,,माज़,,,,,माज़

माहेरा ने उसके गुस्से से लाल चेहरे को देखते हुए अटक कर कहा।

माज़ ने अपने एक गार्ड से जैकी को पकड़ने के लिए कहा और बाकी सबको वहां से जाने के लिए कहा।

माज़ पांजो के बल उसके करीब बैठा जबकि उसके करीब बैठने की वाजह से माहेरा पीछे खिसकने लगी।

माज़ ने उसके बालो में हाथ डालते हुए उसके बालो को पीछे की तरफ खींच कर उसका चेहरा ऊपर किया।

माहेरा जो माज़ से नज़रें मिलने की बजाए अपने धड़कते दिल के साथ ज़मीन में नज़रें गड़े बैठी थी। क्योंकि माज़ की वहशत से भरपूर आंखे देखने की उसकी हिम्मत नही हो रही थी। उसकी आँखों मे बिल्कुल वैसी ही वहशत थी जैसी केफे में कत्ल करते वक़्त माहेरा ने उसकी आँखों मे देखी थी।

वोह उसकी ठंडी वहशत भरी आवाज़ में देख कर काँपती आवाज़ में बोली।

"म,,,,,मा,,,,,माज़......."

अभी उसकी बात पूरी ही नही हुई थी कि माज़ ने उसके बालो को और तेज़ी से जकड़ लिया और उसके होंठो पर उंगली रख कर उसे छुओ करा दिया।

शीशशशश

"तुम्हे पता है मुझे उन लोगो से सख्त नफरत है जो मेरी बात नही मानते और तुम्हे पता है जो मेरे खिलाफ जाते है उनकी लैश भी किसी को नही मिलती।"

माज़ की सपाट और इमोशनललेस आवाज़ सुनकर माहेरा का दिल कांप गया।

इस वक़्त माहेरा को यहां से भागने की कोशिश करना अपनी ज़िंदगी की सब से बड़ी गलती लग रही थी।

वोह हिम्मत करती हुई धीरे आवाज़ में बोली।

"स,,,सॉरी।"

शीशशशश

"अब अगर तुमने मेरी बात के बीच मे कुछ भी बोला तो तुम्हारी ज़ुबान काटने में मैं ज़रा भी देर नही करूँगा। अगर तुम नही चाहती कि मैं तुम्हारी ज़ुबान नही काटू तो तुम अपना मुंह बंद रखो।"

"तुम्हे मैं ने बताया था ना तुम मेरी इजज़तक बिना यहां से कही भी नही जा सकती हो तो तुम्हारी यहां से भागने की हिम्मत कैसे हुई।"

तुम्हारी हर गलती हर बचकाना हरकत को में ने नज़र अंदाज़ किया। तुम्हे यहां कोई तकलीफ ना हो इसलिए में ने तुम्हारी हर गलती माफ की लेकिन बस अब बहोत गो गया अब तुम ऐसे नही सुधरोगी।"

माज़ ने ठंडी आवाज़ में कहा। जबकि माज़ की बात सुनकर माहेरा कंपकपाने लगी। वोह इस वक़्त अपने पैर का दर्द भी भूल गयी थी। उसे अपनी धड़कने बंद होती महसूस हो रही थी।
वोह इस वक़्त बस माज़ के कहेर से बचना चाहती थी।

अब माज़ माहेरा के साथ क्या करेगा???

कहानी जारी है......