आज काव्या इतने दिनो बाद घर आई थी विनी और पीहू पहले से उसके घर पर थे । हंस के बाते कर रही थी पर आंखो की नमी को छुपाना उसके लिए आसान नहीं हो रहा था। तभी शिव का फोन आ गया।
उसकी बातों से काव्या के चेहरे पर गम भरी खुशी थी।
कम्पनी के प्रोजेक्ट के लिए काव्या को अगले हफ्ते ही मुंबई के लिए निकलना था। वह अपनी नई जिंदगी के लिए खुश तो थी पर वह इतनी जल्दी घर से जाना नही चाहती थी। कुछ वक्त वह अपनी मां और दोस्तो के साथ बिताना चाहती थी। पर जाना तो था ही सो तैयार हो गई वह एक नए सफर के लिए।
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आज हवाओ में कुछ ताजगी सी लग रही थी । ट्रेन में अकेली बैठी वह अपनी नई जर्नी की तरफ जा रही थी। रह रह के रूद्र का ख्याल उसके अच्छे मूड पर भारी हो रहा था। वो कैसा होगा... कहा होगा जाने किस हाल में होगा। कॉलेज ट्रीप के बाद काव्या ने अपने नंबर चेंज कर दिए थे तो रूद्र का फोन उसके पास आना पॉसिबल नही था फिर भी वह कई बार अनमने से दिल से उसके फोन की राह देखा करती। हर बार अपने मन को वह बीते दिनों की याद से जबरदस्ती खीच लाती। आंखे भर आती पर रूद्र का ख्याल दिल से नहीं जाता । जब कभी वह उदास हो जाती तो रूद्र को फोन कर देती और वो हर बार उसका मूड सही कर देता था। उसके इतने गुस्से को बस वह सह लेता । एक बार उसे याद है पापा से किसी बात पर बहस हो गई थी और वह बहुत उदास थी उसी टाइम रूद्र का फोन आ गया और छोटी सी बात पर वह रूद्र पर भड़क उठी थी फिर भी उसने सहजता से बिना किसी गलती के उसका गुस्सा सह लिया था। कितना चाहता था वह उसे फिर अचानक क्या हो गया उसे। क्यों इतना बदल गया वो। क्या उसे मेरी याद नहीं आती । क्या उसका जी नही करता मुझसे बात करने का। एक बार भी उसने ये नहीं सोचा की मैं उसके बिना कैसे जी रही हुं। सोचते सोचते उसकी आंख लग गई ।
शिव के फोन से उसकी नींद खुली।
वह उसे लेने स्टेशन आ गया था ।
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एक बड़ी सी कार में काव्या शिव के साथ बैठी थी। शिव अपने अंदर की खुशी छुपा नहीं पा रहा था । काव्या का साथ फिर से पाना उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। वह उसे अपने ऑफिस ले गया । शिव उसे ऑफिस के बाहर छोड़ कर अंदर चला गया। वह नहीं चाहता था की उसकी अप्रोच से काव्या सिलेक्ट हो। जब काव्या को अंदर बुलाया गया तो सिलेक्शन कमेटी के मेंबर में शिव भी शामिल था। कोट पैंट में वह एक दम ऑफिशियल लग रहा था और काफी आकर्षक भी।
वह इसे बर्ताव कर रहा था जैसे काव्या से पहली बार मिला हो। काव्या उसको देख कर हैरान थी पर उसको अच्छा लगा काम के लिए उसकी सीरियसनेस देख कर।
कुछ औपचारिक बातचीत के बाद काव्या को प्रोजेक्ट के लिए सिलेक्ट कर लिया गया और कुछ पैसे एडवांस में दे दिए।
काव्या अपनी जिंदगी की पहली कमाई देख फूली नहीं समाई। ये उसकी सोच से बहुत ज्यादा थी।
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शिव के साथ से उसका ये सफर काफी आसान हो गया । अब उसने अपना कैरियर इसी फील्ड में बनाने का मन बना लिया । वह दिन रात अपनी स्किल पर फोकस करने लगी । जब फ्री होती तो शिव के साथ नई जगह निकल जाती और वहा फोटोग्राफी करती। उसके प्रोडक्ट के फोटोज से शिव की कंपनी को एडवरटाइजमेंट में काफी मुनाफा हो रहा था। शिव के पापा भी अपने बेटे की लगन देख कर बहुत खुश थे। उन्हे अब काव्या में एक एंप्लॉय से ज्यादा बेटी नजर आने लगी । वह शिव की मां के तो बहुत करीब हो गई थी।
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वक्त पंख लगा कर उड़ चला था । काव्या अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही थी। शिव ने इतने सालो में कभी काव्या को अपने दिल की बात नही बताई और न ही काव्या ने कभी उसे रूद्र के बारे में कुछ बताया । रूद्र की यादें उसे आज भी परेशान करती पर वह उन्हें अब इतना भाव नहीं देती ।
शिव जैसा दोस्त पा कर वह बहुत खुश थी।
वह अपने कैरियर की नई ऊंचाई पर थी । बड़ी बड़ी कंपनिया उसे ऑफर देती । मुंबई में तो उसकी अलग ही साख थी ।
टीवी मीडिया यहां तक कि राजनेताओं से भी उसकी अच्छी जान पहचान थी । मैगजीन के कवर फोटो के लिए भी उसके पास दिन भर फोन कॉल्स आते रहते। वह चाहे जितना बिजी रहती पर शिव के किसी भी काम के लिए हमेशा आगे रहती। उसने की भी उसे किसी काम के लिए मना नहीं किया।
आज उसे कामयाबी के 12 साल हो गए थे । मुंबई में 2 बड़े बंगलों बना लिए थे उसने। मुंबई में जाना पहचाना चेहरा बन गई थी काव्या । किसी भी सेलिब्रिटी की बर्थडे पार्टी में उसे जरूर बुलाया जाता। वह अपनी फोटोग्राफी के लिए बहुत मशहूर थी ।
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एक दिन वह अपने बंगलों के गार्डन में बैठी बैठी कुछ मैगजीन देख रही थी तभी उसके फोन आ पर रिंग सुनाई दी । मुंबई के एक मशहूर मैगजीन से फोन था । उसे इस साल के बिजनेसमैन ऑफ़ द ईयर के लिए मशहूर बिजनेसमैन विहान अरोड़ा का फोटोशूट करना था ।उन्हे इस साल का बिजनेस मैन ऑफ द ईयर चुना गया था ।
काव्या ने उन्हें हां कर दी और टाइम जगह नोट कर ली।
वह आए दिन टीवी न्यूजपेपर में विहान अरोड़ा के बारे में सुनती रहती पर आज तक वह कभी उससे मिली नही और ना ही उसकी कोई फोटो देखी ।।
वजह ये थी की विहान ने कभी अपना चेहरा किसी को नही बताया वह हमेशा बस अपने नाम का उपयोग करता ।
कई बड़ी बड़ी पार्टी में उसे बुलाया जाता पर वह अक्सर इसे टाल देता और अपनी कंपनी के लेफ्ट हैंड अखिल श्रीवास्तव को भेज देता ।
कंपनी के मालिक विहान अरोड़ा को देखने की चाहत और प्रबल हो गई जब उन्हें बिजनेस मैन ऑफ द ईयर चुना गया।
काव्या भी उन्हें देखना चाहती थी और वह बहुत खुश थी की विहान अरोड़ा का फोटोशूट का मौका उसे मिला ।
वह शिव को फोन कर उसने अपने साथ चलने के लिए राजी कर दिया ।
शिव इन दिनों बहुत बिजी था पर काव्या के इतना कहने पर वह उसे मना नहीं कर पाया ।
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वह मैगजीन कंपनी के बताए पत्ते पर पहुंच गए।
एक बड़ा सा बंगलों था । बहुत सुंदर । जिसकी नेम प्लेट पर Welcome To RK Heaven लिखा हुआ था।
वॉचमैन ने उनको सलाम किया और गाड़ी पार्किंग में खड़ी करने का इशारा किया । गेट पर एक सर्वेंट ने उनका स्वागत किया और ऊपर जाने का इशारा किया ।
दो गार्ड उन्हे ऊपर के रूम में ले गए जहां मैगजीन कंपनी के मालिक शोएब उनका इंतजार कर रहे थे ।
कुछ देर बाद की औपचारिकता के बाद विहान अरोड़ा आए ।
उन्होंने सबको देर से आने के लिए माफी मांगी।
काव्या उन्हे देख कर एक पल में असहज हो गई थी । विहान ने काव्या की तरफ देख कर सॉरी बोला तो उसकी आंखो से झर झर आंसू बह निकले ।
वह उस शख्स को देख कर अपने आप को रोक नहीं पाई और भाग कर उसके गले लग गई ।
शिव अचानक आए इस तूफान को समझ नही पा रहा था । काव्या का ये बर्ताव उसकी समझ से परे था ।
वह तो कभी विहान से मिली नही फिर इस तरह किसी अजनबी से लिपट जाना। बहुत अजीब था ।
शिव अपलक काव्या को देख रहा था। और काव्या विहान की बाहों को मजबूती से जकड़े खड़ी थी।
जबकि विहान काव्या को देख हतप्रभ था ।
कौन था वो शख्स विहान अरोड़ा
क्यों उसे देख काव्या ऐसे विचलित हो गई थी
शेष...