पिता का हमारे जीवन मे महत्व
पिता दुनिया का सबसे अच्छा योद्धा सबसे मजबूत सबसे ताकतवर इंसान होता है एक पिता ही वह व्यक्ति होता है जो संतान को बिना किसी लोभ लालच के प्यार करता है संतान के प्रति पापा का गुस्सा गुस्सा नहीं बल्कि सर्वोत्तम प्यार एक आशा तथा उसके पीछे छुपा हुआ दर्द होता है और उसकी वजह संतान की कोई ना कोई गलती होती है जो उसे गलत रास्तों की ओर ले जाती है.
एक पिता 100 अध्यापकों के बराबर होता है जो जन्म से ही अच्छे संस्कार देकर अपने बच्चों को गुणवान और शिक्षित तथा दुनिया का सबसे सफल व्यक्ति बनाना चाहता है पिता सदैव ही संतान की प्रगति देखना चाहता है खुद से ज्यादा कामयाब देखना चाहता है. संतान के लिए पिता की जेब कभी खाली नहीं होती चाहे वह बचपन में हो या बड़े होने पर इसीलिए उक्ति प्रसिद्ध है
बच्चों के पिता से ही ढेर सारे सपने है
पिता साथ हो तो बाजार के सारे खिलौने अपने है
व्यक्ति के सामाजिक मूल्यों के विकास में परिवार का योगदान होता है परिवार का मुखिया पिता होता है पिता परिवार को निर्देशित करते है इस कारण संतान में किन प्रारंभिक मूल्यों का विकास होगा यह पिता पर ही निर्भर करता है.
परिवार का मुखिया होने के नाते पिता परिवार के लिए स्वर्ग जन्नत से भी बढ़कर होते हैं पिता के अभाव में किसी परिवार में अनुशासन तथा प्रगति की आशा नहीं की जा सकती पिता परिवार को बांध के रखते हैं सही दिशा प्रदान करते हैं इस प्रकार कहा जा सकता है कि पिता मार्गदर्शक निर्देशक होने के साथ-साथ परिवार का नेता होते हैं तथा परिवार जनों के लिए पिता होने के साथ-साथ दोस्त जैसा व्यवहार रखकर दोहरे रिश्ते निभाते हैं.
पिताजी की प्रमुख विशेषताओं में अनुशासन धैर्यवान साहसी त्याग समर्पण का भाव तथा प्रेम है संतान के लिए पिता से बढ़कर त्याग करने वाला व्यक्ति कोई और नहीं हो सकता चाहे पिता कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हो अपनी संतान को हमेशा ही मुस्कुराता हुआ चेहरा ही दिखाने का प्रयास करते हैं.परिवार के सभी सदस्यों में पिता ही सबसे ज्यादा मेहनती होते हैं. पिता परमेश्वर है पिता पालनहार है पिता से ही भव्य संसार है पिता ही जीवन का आधार है पिता जीवन रेखा है
निसंदेह परिवार में सभी सदस्यों का अहम किरदार और महत्व होती हैं. जहाँ माँ ममता का सागर और सभी का ख्याल रखने वाली होती हैं तो पापा परिवार के पोषक और प्रतिनिधि की भांति होते हैं. समस्त तरह की परिवार की परेशानियों और दायित्वों को पूरा करने में उन्ही का साथ होता हैं.
सन्तान के लिए पिता घर की छत की तरह होता हैं जिसके बिना उसे खुले आसमान के तले सोना पड़ता हैं. बिना पिता के घर चलाना बेहद मुश्किल होता हैं. पिता को खोने का दर्द वे लोग ही समझ सकते है जिन्होंने अपने पापा को खोया हैं. यदि सन्तान अपने माता पिता की राह पर चले और उनके आदेश को ईश्वर का आशीर्वाद माने तो दुनियां में बड़ी से बड़ी कामयाबी आसानी से हासिल की जा सकती है