तेरे इश्क़ में पागल - 24 Sabreen FA द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरे इश्क़ में पागल - 24

"कैसी हो तुम।" हामिद ने मुस्कुराते हुए कहा।

हामिद की हंसी आज ज़ैनब को ज़ाहिर लग रही थी।

ज़ैनब उसे घूरते हुए स्टाफ रूम से बाहर निकल गयी।

............

रेस्ट रूम में फ्रेश होने के बाद ज़ैनब ने सानिया को फ़ोन किया।

"हेलो जैनी" सानिया खुशी से बोली।

"हामिद कब वापस आया।" ज़ैनब गुस्से से बोली।

"आज ही, क्यों क्या हुआ तुम इतने गुस्से में क्यों हो।" सानिया परेशान होते हुए बोली।

उसके पूछने पर ज़ैनब ने उसे सारि बातें बता दी।

"यार जैनी यह तो हर बार होता है कल वीकेंड है क्यों ना हम शॉपिंग पर चलते है" सानिया उसे खुश करने की कोशिश करते हुए बात बदल कर बोली।

"ठीक है।" ज़ैनब ने मुस्कुराते हुए कहा।

.........

"तू नैना से कब मिल रहा है।" अहमद ने ज़ैन से पूछा।

ज़ैन जो लैपटॉप में कुछ देख रहा था अचानक से उसकी तरफ देखने लगा।

"ऐसे क्यों देख रहा है।" अहमद उसकी नज़रों से कंफ्यूज हो कर बोला।

"देख रहा हु तू अहमद है ना या कोई और।" ज़ैन ने लैपटॉप साइड में रखते हुए कहा।

"अबे मैं अहमद ही हु।" अहमद झुंझला कर बोला।

"तू तो हमेशा मुझे नैना से दूर रहने के लिए कहता था अब खुद ही मुझे नैना से मिलने के लिए फ़ोर्स कर रहा है।" ज़ैन ने इएब्रो उचकाते हुए कहा।

"अबे गधे तब की बात अलग थी अब की बात अलग है।" अहमद ने अपना सिर खुजाते हुए कहा।

"तब और अब में क्या फर्क है।" ज़ैन आज उसे परेशान करने के मूड में था और ऐसा हो भी रहा था।

अहमद उसकी बातों से परेशान हो कर बोला:"मेरे बाप मैं तेरे आगे हाथ जोड़ता हु मेरी जान बख्श दे।"

अहमद उसके सामने हाथ जोड़ते हुए बोला।

उसकी बात सुनकर ज़ैन मुस्कुराते हुए बोला:"चल चलते है।"

"कहाँ?" अहमद ने हैरान हो कर उसकी तरफ देखा।

"तू ही तो नैना से मिलने के लिए बोल रहा है तो नैना के नाम लेने से वोह यहां नही आ जायेगी उसके लिए हमें क्लब जाना होगा।" ज़ैन ने अपनी जैकेट पहनते हुए कहा।

"तूने सिक्योरिटी चेक करली है ना?" ज़ैन ने चलते हुए अचानक रुक कर कहा।

"हाँ सारि फैमिली सेफ है पर भाभी के पास किसको भेजे यह थोड़ा प्रॉब्लम है। क्योंकि हमारे अड्डे की सिक्योरिटी की ज़िम्मेदारी कासिम की है।" अहमद ने सोचते हुए कहा।

"ज़ैनब के पास मैं ने हामिद को भेज दिया है।" ज़ैन उसे सोचते हुए देख कर कहा।

"फिर तो कोई प्रॉब्लम नही है। चलो हम तुम्हारी डार्लिंग से मिलते है।" अहमद हस्ते हुए ज़ैन के कंधे पर हाथ रख कर चलते हुए बोला।

"मुझे लगता है सानिया को भी वही बुला लेना चाहिए।" ज़ैन मुस्कुराते हुए कहा।

"ज़ैनु मुझ पर इतना ज़ुल्म मत कर वोह पहले से ही मुझसे नाराज़ है।" अहमद मुंह बनाते हुए बोला।

"जब मैं ने तुझे इशारा किया था सानिया है तो तू ही तीस मार खाँ बन रहा था।" ज़ैन उसके गालों को पकड़ कर खींचते हुए बोला।

"तेरे इरादे मुझ नेक नही लग रहे है।" अहमद उससे दूर होते हुए बोला और हस्ते हुए बाहर की तरफ भाग गया।

उसकी बातों का मतलब समझते हुए ज़ैन भी गुस्से से उसके पीछे बाहर चला गया।

.............

पब में नैना कुछ लड़कियों के साथ बैठी थी।

"क्या यार आज कल वोह हैंडसम यहां नही आ रहा ह।" नैना के पास बैठी लड़की बोली।

उसकी बात सुनकर नैना उसके गाल दबोचते हुए बोली:"जो चीज़ मेरी है उस पर नज़र डालने की गलती भी मत करना वरना तुम्हे पता है मैं क्या से क्या कर सकती हूं।"

"वैसे नैना तुम्हारी पसंद कमाल की है।" एक लड़की मुस्कुराते हुए बोली।

वोह तीनो बात कर ही थी कि तभी ज़ैन और अहमद अंदर आये।

"नैना वोह देखो।" एक लड़की ज़ैन की तरफ इशारा करते हुए बोली।
ज़ैन को देख कर नैना के चेहरे पर स्माइल आ गयी जबकि अहमद को देख कर अगले ही पल उसके चेहरे की स्माइल गायब हो गयी।

ज़ैन ने अहमद के कान में कुछ कहा और वोह वहां से चला गया।

ज़ैन चलते हुए नैना के पास आया।

नैना उसे देख कर खुश होते हुए बोली:"ज़ैनु डार्लिंग तुम इतने दिनों से कहा थे पता है मैं तुम्हे कितना मिस कर रही थी।" नैना ज़ैन के कंधे पर हाथ रखते हुए बोली।

"चुड़ैल कहि की।" ज़ैन मन ही मन बोला।

"वैसे तुम और भी हॉट हो गयी हो।" ज़ैन उसके गाल सहलाते हुए बोला:"चलो हम कहि और चलते है।"

नैना शर्माते हुए उसकी चेस्ट पर हाथ फेरते हुए बोली:"ज़ैनु डार्लिंग तुम बहोत नॉटी हो गए हो।"

"यार अहमद तूने कहा फसा दिया।" ज़ैन मन ही मन अहमद को कोसते हुए बोला।

"चलो ना यार ऐसे सबके सामने अच्छा नही लगता है।" ज़ैन उसके ऊपर झुक कर उसके कान में बोला।

उसकी बात सुनकर नैना शर्माते हुए उसके साथ चली गयी।

ज़ैन ने गेट पर खड़े अपने आदमी की तरफ इशारा किया वोह आदमी ज़ैन का इशारा पाते ही वहां से चला गया।

ज़ैन ने कार का दरवाजा खोला के और नैना को अंदर बिठाया और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ कर कार को फुल स्पीड में ले कर वहां से चला गया।

...........

ज़ैनब हॉस्पिटल में हामिद के पीछे खड़ी थी। हामिद एक पेशेंट को चेक कर रहा था तभी ज़ैनब के फ़ोन पर किसी का मैसेज आया।

ज़ैनब ने अपना फ़ोन निकाल कर मैसेज चेक किया तो उसमें ज़ैन और नैना की कुछ तस्वीरें थी।

"डॉक्टर ज़ैनब।" हामिद ने उसे ज़ोर से आवाज़ दी।

"कहा खोई हुई हो।" हामिद उसे कब से आवाज़ दे रहा था। "आर यू ओके।"

"यस सर....सॉरी सर वो मैं.......ज़ैनब से कोई बात नही पाई तो वोह बोली:"यस सर आई एम ओके।"

"आप पेशेंट को ड्रिप लगा दीजिये।" हामिद परेशानी से उसे देखते हुए बोला।

"ओके सर।" ज़ैनब ने गुस्से से फ़ोन अपनी पॉकेट में डाला और पेशेंट को ड्रिप लगाने लगी।

.........

"ज़ैनु डार्लिंग यह हम कहा आये है?" नैना ने अपने सामने खूबसूरत बंगले को देखते हुये बोली।

"तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है।" ज़ैन मुस्कुराते हुए बोला।

उसकी बात सुनकर नैना खुश होते हुए बोली:"क्या सरप्राइज है?"

ज़ैन दरवाज़ा खोलते हुए बोला:"अगर बता दिया तो सरप्राइज कैसे होगा। तुम खुद ही देख लो।"

ज़ैन ने जब पूरा दरवाज़ा खोला सामने का मंजर देख कर नैना के होश ही उड़ गए।

..............

ज़ैनब पहाड़ो से बने रास्ते पर अपनी सोचो में गुम चल ही रही थी कि तभी उसका पैर मुड़ गया, वोह खाई में गिरने ही वाली थी कि तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया।

अभी वोह आधी खाई की तरफ झुकी हुई थी।

हामिद ने उसे तेज़ी से अपनी तरफ खींचा और गुस्से से बोला:"तुम्हारा दिमाग तो ठीक है तुम इस वक़्त यहां क्या कर रही हो?"

"मैं कुछ सामान लेने जा रही थी पर रास्ता भूल गयी थी।" ज़ैनब अपनी नज़रे झुका कर बोली।

"तो तुम मुझे फ़ोन कर लेती, लेकिन नही तुम्हे जो झांसी की रानी बनना था ना।" हामिद ने गुस्से से उसे घूरते हुए कहा।

उसके कहने का अंदाज़ देख कर ज़ैनब को हसी आ गयी।

उसको हंसता हुआ देख कर हामिद को भी मुस्कुरा दिया।

.........

सानिया स्टाफ रूम में बैठी हुई थी कि तभी एक नर्स उसके पास आ कर बोली:"डॉक्टर सानिया आपको डॉक्टर हारिस बुला रहे है।"

"आप चले मैं अभी अति हु।" सानिया केस फ़ाइल बंद करते हुए बोली।

उसकी बात सुनकर नर्स वहां से चली गयी।

सानिया ने सारे पेपर्स ठीक किये और फ़ाइल में रख कर बाहर निकल गयी।

डॉक्टर हारिस के कैबिन के पास पहोंच कर दरवाजा पर नॉक करके सानिया ने जैसे ही दरवाज़ा खोला उसके अंदर बढ़ने वाले कदम हवा में ही रुक गए।

दरवाज़ा खुलने की आवाज़ पर उन दोनों ने सानिया की तरफ देखा।

"डॉक्टर सानिया आप वहां क्यों खड़ी है अंदर आ जाये।" हारिस उसे दरवाज़े पर जमे देख कर बोला।

हारिस की आवाज़ सुनकर सानिया जैसे होश में आई।

सानिया अंदर गयी और अहमद को इग्नोर करके हारिस से बोली:"सर आप ने मुझे बुलाया था।"

"जी वोह मुझे आप के साथ एक केस कडिस्कस करना था।"

हारिस बात कर रहा था और सानिया अहमद की नज़रे खुद पर टिकी देख नर्वस हो रही थी।

हारिस उसकी नर्वसनेस को नोट करते हुए बोला:"आप रिलैक्स हो जाये।"
"यह मेरा दोस्त अहमद है।" हारिस ने सानिया से कहा।

"और अहमद यह हमारी नई कलीग डॉक्टर सानिया है। यह यहां इंटरशिप कर रही है।" हारिस ने अहमद को देखते हुए सानिया के बारे में बताया।

"कैसी है आप?" अहमद मुस्कुराते हुए बोला।

उसकी हसी देख कर सानिया को चिढ़ हो रही थी।

"पहचाना नही।" अहमद दिल जलाने वाली मुस्कुराहट के साथ सानिया से बोला।

"सॉरी।" सानिया इएब्रो उचकाते हुए बोली।

"डॉक्टर हारिस यह मेरी भाभी की बेस्ट फ्रेंड है, शायद इनकी यादाश्त कमज़ोर हो गयी है।" अहमद हारिस की तरफ देखते हुए बोला।

उसकी बात सुनकर सानिया का दिल किया कि अहमद को कच्चा चबा जाए।

"सॉरी मुझे अभी भी याद नही आया मिस्टर।" सानिया ऐसे रिएक्ट कर रही थी जैसे अपने दिमाग पर ज़ोर डाल कर उसके बारे में याद करने की कोशिश कर रही थी।

"अहमद यही नाम बताया है ना।"

अहमद बस उसकी हरकत देख कर मुस्कुरा रहा था।

"डॉक्टर हारिस एक इमेरजेंसी हो गयी है।" एक नर्स दरवाज़ा खोलते हुए बोली।

"डॉक्टर सानिया आप यही बैठे मैं पेशेंट को चेक करके आता हूं।" हारिस कहते ही कैबिन से निकल गया।

"वैसे लिपिस्टिक तुम्हारे गुलाबी होंठो पर बहोत खूबसूरत लगती है।" अहमद ने सानिया के होंठो को देखते हुए कहा।

सानिया ने टेबल से टिशू उठाया और गुस्से से अपनी लिपिस्टिक साफ करने लगी।

"अरे,,,,,,अरे।" अहमद उसका हाथ पकड़ कर बोला:"अब इतनी भी क्या नाराज़गी है यार।"

सानिया ने उसे घूर कर देखा और अपना हाथ छुड़ा कर उससे दूर हो गई।

"वैसे तुम पर गुलाबी कलर बहोत सूट करता है।" अहमद ने उसको ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहा।

उसकी बात सुनकर सानिया हक्का बक्का रह गयी।

"वैसे डॉक्टर बन कर बहोत क्यूट लग रही हो।"

अब की बार सानिया गुस्से से खड़ी हुई और बिना उसकी तरफ देखे गुस्से से बाहर चली गई।

"और गुस्सा भी तुम पर बहोत सूट करता है। गुस्से की वजह से तुम और भी खूबसूरत दिखने लगती हो।"

दरवाज़ा बंद होने से पहले ही सानिया ने उसकी बात सुनली और दरवाज़ा बंद होने के बाद सानिया के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी।

"उफ्फ यार यह लड़किया इतनी गुस्से वाली क्यों होती है।"
अहमद बड़बड़ाते हुए सोफे पर टेक लगा कर लेट गया।

कहानी जारी है...........
©"साबरीन"