अंतिम भाग - 3
कहानी - तुम न जाने किस जहाँ में खो गए - 3
मधुसूदन बेटे के साथ मधु के घर गया . उसे देख कर मधु बहुत आश्चर्यचकित हुई और उस से ज्यादा खुश भी . मोंटू को उसने प्यार से अपनी गोद में बिठाया फिर पूछा “ सर , इतने दिनों के बाद आप अचानक यहाँ ? “
“ हाँ , इस बीच मोंटू ने अपनी माँ को खो दिया . काफी दिनों तक हमलोग अपसेट रहे . “
“ वैरी सॉरी . वैसे शिमला से आये आपके एक फ्रेंड से मुझे पता इस दुर्घटना की खबर मिली थी . “
“ मैंने कहा था न कि मैं मॉरिशस आते जाते रहता हूँ . पर तुम्हारे साथ इतना कुछ हुआ , तुमने मुझे बताया तक नहीं . “
“ मैं किस हक़ से आपको बताती . आपने भी अपनी पत्नी के बारे में आज के पहले मुझे कुछ नहीं मुझे बताया है . “
“ कभी कोई और मोंटू की आंटी बनी थी ? नहीं न , न जाने क्यों मोंटू को अपनी आंटी से मिलने का मन बार बार करता है . “
“ सिर्फ मोंटू का , आपका नहीं ? “
“ मेरे मुंह में ऊँगली डाल कर बोलवाना चाहती हो ? “
“ आप बैठें , मैं आपलोग के लिए कुछ लाती हूँ . “ बोल कर मधु मोंटू के साथ किचेन में गयी . मधु ने मधुसूदन को अपने बैकयार्ड में घूमने के लिए कहा . वहां आम और लीची के पौधे देख कर उसे बहुत ताज़्ज़ुब हुआ . मधु ने बड़े सलीके से बैकयार्ड को सजा रखा था . कुछ कवर्ड एरिया था जिसमें बैठने के लिए सोफा , झूला लगा रखे थे . एक छोटा सा फाउंटेन भी था .
मधुसूदन वहीँ सोफे पर बैठ गया और मोंटू झूले पर . थोड़ी देर में मधु ट्रे में खाने पीने के कुछ सामान ले कर आयी और सामने की कुर्सी पर बैठते हुए बोली “ मोंटू , तुम भी आओ , देखो तुम्हारे लिए आइसक्रीम ले आयी हूँ . “
मोंटू आइसक्रीम ले कर वापस झूले पर गया तो मधु भी उसके साथ झूले पर बैठ कर बात करने लगी और बीच बीच में उसे प्यार भी करती .
मधुसूदन ने मधु से कहा “ सुना है तुमने ट्रेवल एजेंसी खोल रखी है . “
“ कोई एजेंसी नहीं है , ऐसे ही घर बैठे कुछ कमा लेती हूँ . आखिर घर का खर्च चलाने के लिए कुछ करना पड़ता है न . और मैंने बैंक से लोन भी लिया है , उसका EMI भी भरना पड़ता है . “
“ मैं भी यहाँ मॉरिशस में कोई नया बिजनेस स्टार्ट करना चाहता हूँ . क्यों न तुम्हारे बिजनेस में ही कुछ इन्वेस्ट कर इसे और आगे ले जाएँ ? “
“ मैं तो नहीं कह सकती आपका इन्वेस्टमेंट कितना रिटर्न देगा पर मुझे और पूँजी जुटाने की हैसियत नहीं है . “
“ तुम उसकी चिंता न करो , मैं जल्द ही फिर वापस यहाँ आऊँगा . इस बीच मैं फूलप्रूफ प्लानिंग और फंड के साथ आऊंगा . तुम्हें कोई ऐतराज तो नहीं ? “
“ मुझे ऐतराज तो नहीं पर आप ठीक से सोच लें . “
“ वह सब तुम मुझ पर छोड़ दो . “
मधुसूदन अपने बेटे के साथ इंडिया लौट आया . वह मॉरिशस बिजनेस की प्लानिंग करने और उसके लिए पूँजी का इंतजाम कर रहा था . वह बीच बीच में मधु से बात कर लेता था पर मधु खुद उसे फोन नहीं करती थी . करीब छः महीने बीत गए पर इस दौरान उसने मधु से कोई सम्पर्क नहीं किया , उसने सोचा कि नए बिजनेस की पूरी प्लानिंग और फंडिंग के साथ सीधे मॉरिशस जा कर ही उसे सरप्राईज़ करेगा .इधर नियति को कुछ और ही मंजूर था .
इस बीच मधु को इंडिया से मधुसूदन की तरफ से कोई सम्पर्क नहीं रहा . इधर मधु का एक कजन इंडोनेशिया से उस से मिलने आया था , उसने मधु को इंडोनेशिया में अपने बिजनेस में पार्ट्नर बन कर बिजनेस बढ़ाने की बात कही . मॉरीशस में वैसे भी मधु का कोई खास बिजनेस नहीं था . उसने अपना बिजनेस बेच कर बैंक का लोन चुकाया और वह कजन के साथ इंडोनेशिया चली गयी . उसने अपना घर अभी नहीं बेचा था .उसने सोचा कि कुछ दिन वहाँ रह कर देखेगी कि वहां एडजस्ट कर सकती है या नहीं . मधु ने मधुसूदन को अपने इंडोनेशिया जाने की सूचना दे दी थी पर सिर्फ इतना ही कि फ़िलहाल वह कजन के साथ बाली जा रही है . मधुसूदन ने उसे जवाब भी दिया था “ लौट कर आना तब मुझे बताना , मैं जल्द से जल्द आने की कोशिश करूँगा . साथ में एक सरप्राइज प्लान भी है . मोंटू नयी मम्मी लाने के लिए तैयार हो गया है . मैंने एक चुन भी लिया भी है . गेस हू ? आ कर बताऊँगा “
मधु इस बात से बहुत खुश हुई . वह मन ही मन सोचने लगी कि मधुसूदन ने कहीं शायद मेरे लिए सोच रखा हो . अच्छा है कि मैंने अपना घर नहीं बेचा है .
मॉरीशस आने से पहले मधुसूदन पिछले एक सप्ताह से मधु को बार बार फोन कर उसके मॉरिशस लौटने का प्रोग्राम जानना चाहता था पर उस से कोई सम्पर्क नहीं हो सका न मधु की तरफ से कोई जवाब मिला . मधु का फोन बार बार ‘ नॉट रीचेबल बता रहा था ‘ .तब मधुसूदन ने मॉरिशस जाने का प्रोग्राम बनाया . वह उसी होटल में ठहरा . जब मधु के दोस्त से मधु के बारे में पूछा तब वह बोला “ क्या बताऊँ सर , मैं भी एक महीने से उस से बात करने की कोशिश कर रहा हूँ , पर उससे सम्पर्क नहीं कर सका आज तक . “
“ तुम्हारे पास इंडोनेशिया में उसका कॉन्टेक्ट्स है ? “
“ मेरे पास सिर्फ उसका फोन नंबर है जो अब एक्टिव नहीं है . “
“ कोई बात नहीं है , तुम वही नंबर मुझे दे दो . “
अगले दिन मधुसूदन अपने बेटे के साथ इंडोनेशिया गया . उसने मधु के फोन नम्बर के सहारे उसके सर्वर का पता लगाया फिर सर्वर के दफ्तर गया . मधु का नम्बर बता कर उसने पूछा “ क्या आप बता सकते हैं कि यह फोन किसके नाम पर रजिस्टर्ड है और उसका एड्रेस क्या है ? “
अपने रिकॉर्ड कंप्यूटर पर चेक करने के बाद वह बोला “ यह फोन मधु जगूनाथ के नाम पर रजिस्टर्ड है . पर उस मनहूस दिन को याद कर आज भी हमलोगों का रोम रोम सिहर उठता है . 2018 में आयी सुनामी के दिन के बाद से मधु से सम्पर्क पूरी तरह टूट गया न ही उस दिन के बाद से उसका कोई अता पता मिल सका है . उसके बाद से फोन पर कोई इनकमिंग या आउट गोइंग कॉल रिकॉर्ड नहीं किया गया है . उस दिन आये भूकंप और सुनामी के बाद से कुछ लोग अभी तक लापता है . इतना ही नहीं उसके कजन का भी कोई आता पता नहीं लग सका है . न जाने समंदर उन्हें निगल गया या किस अन्य दुनिया में खो गए मधु और उसका कजन . अब इतने दिन हो गए कि उन्हें मृत मान लिया गया है . मैं इस से ज्यादा नहीं कह सकता हूँ , आई एम सॉरी . “
मधु के बारे में सारी बातें जान कर मधुसूदन बहुत दुखी हुआ . उसे मन ही मन अफ़सोस हुआ कि अगर उसने मधु से पहले ही मिल कर अपनी प्लानिंग बता दिया होता तो आज यह नौबत नहीं आती . मोंटू बेटे के चेहरे पर उदासी छायी थी .बहुत निराश हो कर वह बेटे के साथ अपने देश भारत लौट गया .
समाप्त
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