भाग - 2
कहानी - तुम न जाने किस जहाँ में खो गए - 2
अगले दिन दोपहर बाद जब वह ड्यूटी पर गयी तब तक मधुसूदन सपरिवार चेक आउट कर जा चुका था . वे मधु के नाम एक लिफाफा छोड़ गए थे जिसमें 200 मॉरीशस रूपये और एक चिठ्ठी थी . चिठ्ठी में कल रात की घटना के लिए सॉरी लिखा था और अगले वर्ष फिर मिलने की आशा जताई थी . मधु ने लेटर पैड पर नाम , मधुसूदन , और फोन नम्बर देखा . उसने तुरंत उस फोन नंबर पर टिप के लिए थैंक्स मेसेज भेजा और लिखा ‘ - होप टू सर्व यू बेटर इन योर नेक्स्ट विजिट .तब तक मोंटू के लिए कुछ और हिंदी सीखने की कोशिश करुँगी ‘ . न जाने क्यों मधुसूदन पर फिर उसके मन में प्यार आ गया यह जानते हुए कि वह शादीशुदा है और उसका बच्चा भी है फिर भी वह उसकी तरफ आकृष्ट हुई .
कुछ महीने बाद शिमला से आया एक दम्पत्ति उसी होटल में ठहरा जहाँ मधु काम करती थी . वह आदमी मधुसूदन को अच्छी तरह जानता था . मधु को जब पता चला की ये लोग भी शिमला से आये हैं तब मधु ने मधुसूदन की चर्चा की . वह उसके बारे में जानना चाहती थी .उन्होंने मधु को विस्तार से मधुसूदन की कहानी सुनाई . मधु को उनसे पता चला कि मधुसूदन हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है . उसका वहाँ बिजनेस है . उसके सेव के बाग़ हैं और एक नामी शराब कंपनी में उसके काफी शेयर हैं . शिमला में बड़ा बंगला और बेहतरीन गाड़ियाँ हैं . मॉरिशस से लौटने के कुछ महीने बाद उसकी पत्नी रेखा के साथ एक दुखद घटना हुई . वह अपनी लॉन में कुछ देर बैडमिंटन खेल कर आयी और बाथरूम में चेंज करने के लिए गयी . कुछ देर बाद बाथरूम में कुछ गिरने की आवाज हुई . उसने रेखा को बार बार आवाज दी पर अंदर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने दरवाज खोला तो रेखा को फर्श पर गिरा हुआ पाया .
मधुसूदन ने पत्नी को गोद में उठा कर बेड पर लिटाया . बार बार पुकारने और हिलाने डुलाने जब रेखा का कोई रिस्पांस नहीं देखा तब उसे चिंता हुई . उसने उसकी नाक पर हाथ रखा फिर कलाई पर हार्ट बीट चेक किया तब मानो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी . उसे लगा कि रेखा की साँस नहीं चल रही है .वह तुरंत कार से पत्नी को ले कर अस्पताल गया .
वहां इमरजेंसी में डॉक्टर ने चेक कर कहा “ आई ऍम सॉरी , शी इज नो मोर . आपने इन्हें लाने में बहुत देर कर दी . शायद समय रहते लाने से हमलोग कुछ कर सकते थे .“
डॉक्टर ने पूछा यह कबऔर कैसे हुआ तब वह बोला “ बैडमिंटन खेल कर आने के बाद वह बाथरूम गयी और वहीँ गिर पड़ी . “
“ इनकी मौत SCA यानि सड्डेन कार्डियक अरेस्ट से हुई है जिसे हाइपरट्रॉफिक कार्डिओमायोपैथी कहते हैं . यह अक्सर जेनेटिक होता है “
मधुसूदन को याद आया कि मॉरीशस से लौटने पर एक बार रेखा ने अपनी माँ की अचानक इसी तरह मृत्यु होने की बात कही थी . इसी दौरान उसने कहा भी था “ मोंटू बहुत छोटा है . अगर मुझे भी अचानक कुछ हो गया तो आप चाह कर भी अकेले उसकी देखभाल नहीं कर पाएंगे .आपके पास इतना समय भी नहीं रहता है , आप शादी कर लेंगे .”
डॉक्टर ने कहा “ बट आई ऍम सॉरी सर , ये ब्रॉट डेड का केस है , आपको इनका पोस्ट मॉर्टम कराना होगा . “
मधुसूदन ने बहुत कोशिश किया कि पोस्ट मॉर्टम नहीं करना पड़े पर बात नहीं बनी . पोस्टमॉर्टम अगले दिन सुबह ही सम्भव था . खैर , उसने अपने निकटतम संबंधियों को इस घटना की सूचना दे दी . अगले दिन देर शाम तक रेखा का अंतिम संस्कार सम्पन्न हो सका .
इस घटना से मोंटू की बोली बंद हो गयी .लगभग पूरे दिन वह मूक बना रहा . वह छोटा जरूर था पर इतना तो समझ गया था कि अब उसकी माँ लौट कर नहीं आने वाली है .कुछ दिनों के लिए मोंटू को मौसी के घर भेज दिया गया . पर उसका मन वहां नहीं लगा और दो सप्ताह बाद वह वापस पापा के पास शिमला लौट आया . मधुसूदन ने उसके लिए फुल टाइम एक गवर्नेस रख दिया .
शिमला वाले सैलानी दंपत्ति से मधुसूदन की कहानी सुन कर उनकी एक बात ने मधु को विचलित कर दिया . मधुसूदन की पत्नी ने मरने के पहले उसे कहा था “ अगर कभी मैं अचानक मर जाऊँ तो आप दूसरी शादी कर लेंगे . आपके लिए शायद मोंटू को अकेला पालना बहुत मुश्किल हो . “ उस दम्पत्ति को लड़की का नाम नहीं पता था पर मधु अपने लिए सपने देखने लगी .
वह परिवार तो दो दिनों के बाद इंडिया चला गया . उनकी बात सुन कर मधु मन ही मन मधुसूदन के साथ अपने भविष्य की कल्पना करने लगी पर नियति में कुछ और लिखा था . इस बीच अचानक एक दिन मधु के पापा का देहांत हो गया . वह बिलकुल अकेली पड़ गयी .
करीब डेढ़ साल बाद मधुसूदन अपने बेटे के साथ फिर मॉरिशस आया और उसी होटल में ठहरा . जब दो दिनों तक उसे वेट्रेस मधु नजर नहीं आयी तब उसने होटल स्टाफ से उसके बारे में पूछा . उसने बताया “ मधु पिछले एक साल के अंदर तीन या शायद चार महीनों से ज्यादा छुट्टी पर रही थी . इसलिए मैनेजमेंट ने उसे नौकरी से निकाल दिया है . “
“ पर मधु को इतने दिनों तक छुट्टी क्यों लेनी पड़ी ? “
“ उसकी माँ कैंसर से पीड़ित थी . मधु को उसकी देखभाल करनी पड़ती थी . उसने नौकरी ज्वाइन किया था पर माँ की मौत के बाद उसके पिता की तबियत भी ठीक नहीं रहा करती थी . उन्हें स्ट्रोक हुआ था , वे बच तो गए पर पैरालाइज कर जाने से बिस्तर पर आ गए . वह फिर एब्सेंट रहने लगी . इसलिए उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा . मैनेजमेंट ने उसे ऐज गुडविल गेस्चर काफी पैसे दिए ताकि कुछ दिनों तक उसका काम चले और इस बीच कोई नयी नौकरी या निजी बिजनेस शुरू कर सके . पर जल्द ही उसके पिता भी चल बसे . “
“ आजकल वह कहाँ है ? “
“ यहीं घर पर ही एक छोटा मोटा ट्रेवल एजेंसी खोल रखा है . दो रेंटल कार हैं जिसे टूरिस्ट को घूमने के लिए देती है . टूरिस्ट चाहें तो खुद ड्राइव करें या उनके लिए मधु ड्राइवर का भी प्रबंध कर देती है . “
जब मोंटू ने पापा से मधु आंटी से मिलने की इच्छा ज़ाहिर की तब मधुसूदन ने स्टाफ से पूछा “ क्या तुम उसका पता मुझे दे सकते हो ? “
“ हाँ , क्यों नहीं ये लीजिये . “ बोल कर उसने मधु का पता दिया .
स्टाफ ने कहा “ शायद आपके पास मधु का फोन नंबर हो तो खुद बात कर सकते हैं ? “
“ नहीं , उसे पर्सनली मिल कर सरप्राइज देंगे . “
क्रमशः