भाग - 1
कहानी - तुम न जाने किस जहाँ में खो गए
पता नहीं किसे प्यार कब कहाँ किस से और कैसे हो जाता है . यह पता तब चलता है जब प्यार जो जाता है , जिस से होता है उसकी हर चीज , हर अदा अच्छी लगने लगती है . शायद ऐसा ही हुआ होगा मधु जगूनाथ के साथ उस दिन . उन दिनों मधु मॉरीशस के एक होटल में वेट्रेस थी . वह भारतीय मूल की मॉरीशस नागरिक थी . उसे ठीक से याद भी नहीं कि उसका मॉरीशस आना कब हुआ पर पापा से सुना था कि दादाजी के समय ही वे लोग बचपन में यहाँ आ गए थे . मधु भारत के बारे में अक्सर सोचा करती थी . वहां के महल , किले और शादियां आदि टीवी या सिनेमा में देख कर वह अपनी आँखों से देखना चाहती थी . मधु पोर्ट लुइस में एक होटल में काम करती थी .
मॉरीशस की आय मुख्यतः गन्ने की खेती और टूरिज्म से होती है . यहां भारतीय सैलानी बड़ी संख्या में घूमने आते हैं . पीक सीजन में वहां के होटलों में काफी भारतीय सैलानी ठहरा करते हैं .मधु अपने पापा से सुना करती थी कि उसके दादाजी उत्तर बिहार के भोजपुर क्षेत्र से यहाँ आये थे . उस समय भारत स्वतंत्र नहीं हुआ था और अंग्रेज भारतीयों को गन्ने की खेती कराने के लिए लाते थे .इनमें काफी लोग भोजपुरी भाषी होते और वे लोग घर में भोजपुरी और हिंदी बोला करते थे .मधु के दादा भी उन्हीं में से एक थे हालांकि उन्हें थोड़ी बहुत इंग्लिश भी आती थी . बाद में उन्होंने यहाँ की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा क्रियोल भी सीख लिया था .
एक दिन एक भारतीय युवक मधुसूदन उसके होटल में डिनर करने आया .वह युवक को डिनर सर्व कर रही थी . मधुसूदन शिमला का एक बिजनेसमैन था और काफी हैंडसम और स्मार्ट था . मधुसूदन ने मधु का नेम टैग देख कर कहा “ वाऊ , हम दोनों के नाम मिलते हैं . तुम भी इंडियन हो क्या ? “
“ यस सर , इंडियन थी अब मॉरिशियन हूँ . “ दोनों अंग्रेजी में बात कर रहे थे
“ तुम कभी इंडिया गयी हो ? “
“ नो सर , कभी इंडिया जाने का मौका अभी तक तो नहीं मिला है . पर इंडिया देखने की दिली इच्छा है . किस्मत ने साथ दिया तो जल्द ही इंडिया देखने जरूर जाऊँगी . मैंने इसके लिए कुछ पैसे सेव करना भी शुरू कर दिया है . “
“ शायद तुम्हारी इच्छा पूरी करने में मैं कुछ मदद कर सकता हूँ . मैं तो यहाँ आते जाते रहता हूँ , जब तुम रेडी हो मुझे बोलना . “
“ थैंक्स सर , पर आप मेरी मदद क्यों और कैसे करना चाहते हैं . “
“ कुछ काम मुझे बिना सोचे समझे करना अच्छा लगता है . और एक हमनाम की मदद करने में बुरा क्या है ? “ बोल कर वह हँस पड़ा
रात में मधुसूदन ने रूम सर्विस से सोने के पहले कुछ वाइन माँगा तो फिर मधु ही देने आयी . मधु जब वाइन टेबल पर रख कर जाने लगी तो मधुसूदन ने उसे अपना कार्ड दिया और कहा “ तुम इसे रख लो . जब तुम्हें इंडिया देखने का जी करे मुझे याद कर लेना . मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूँ .तुम्हें शिमला जरूर दिखाऊंगा , ऊँचे ऊँचे बर्फीले पर्वत से घिरा हिमाचल बहुत प्यारी जगह है . तुम देखोगी तो मन करेगा वहीँ बस जाऊँ “
“ मैं इसे क्या समझूँ , मदद या फिर कहीं आप मुझे लाइन मार रहे हैं या फ़्लर्ट कर रहे . “
“ तुम जो भी समझ लो , ठीक है अब तुम जा सकती हो . मैं फिर आऊंगा पर फ़िलहाल मैं अर्ली मॉर्निंग चेक आउट कर रहा हूँ . गुड़ नाईट . “
मधु भी गुड नाईट बोल कर रूम से निकल गयी पर उसके जवाब से मधु मधुसूदन के प्रति आकर्षित हुई . वह मन ही मन सोचने लगी कि उसकी एक दिली ख़्वाहिश जल्द ही पूरी होने जा रही है . मधुसूदन तो अगले दिन इंडिया लौट गया पर मधु उसके लौटने का इंतजार करने लगी . मधुसूदन फिर छः महीने के अंदर मॉरिशस आया .पर इस बार डाइनिंग रूम में जब मधु उसकी टेबल पर सर्व करने गयी तब उसे शॉक लगा . मधुसूदन अकेला नहीं था उसके साथ उसकी पत्नी रेखा और पांच छः एक साल का बेटा था .
“ हाय मधु , मैंने कहा था न कि मैं जल्द ही वापस आऊँगा और देखो आ गया . “
मधुसूदन की पत्नी ने कहा “ अच्छा तो आप दोनों की पहचान पुरानी है ? मुझे तो आपने जभी नहीं बताया था कि आपने मधु से वापस मिलने का वादा किया है . “
“ नो मैम , ऐसी कोई बात नहीं है है . इन्होने कोई वादा नहीं किया था . सर ने बस इतना कहा था कि अगर मैं इंडिया घूमना चाहूँ तो वे इसमें कुछ मदद कर सकते हैं . “
“ ओह , तो बात सिर्फ लौट के आने तक ही नहीं थी बल्कि तुम्हारे प्लेजर ट्रिप तक पहुँच गयी है . “ रेखा ने तंज कसते हुए कहा
“ तुम बेकार बेचारी का रैगिंग कर रही हो . “ मधुसूदन बोला
रेखा की बातों से मधु बहुत घबरा गयी थी पर उस ने जल्द ही अपने को सहज किया और मुस्कुरा कर कहा “ नो , मैंम .सर से यूँ की कह दिया होगा .इंडिया देखना जरूर चाहती हूँ पर इसके लिए होपफुली किसी की मदद की जरूरत नहीं होगी . जस्ट नाउ एन्जॉय योर डिनर मैम . “.
उनके साथ वाला लड़का बहुत नटखट था . मधु ट्रे में जब भी कुछ ले कर आती वह खड़ा हो कर सबसे पहले अपना प्लेट उठाना चाहता . वह लड़का हिंदी में बात करता तो वह टूटी फूटी हिंदी में जवाब देती . उसे हिंदी बोलते देख कर रेखा ने मधु से पूछा “क्या तुम भी इंडियन हो ? “
मधु ने कहा “ नहीं इंडियन नहीं हूँ पर भारतीय मूल की मॉरिशियन हूँ .तब लड़के ने अपनी मम्मी से कहा “ मम्मी , आपने कहा था कि हमलोग फॉरेन जा रहे हैं . इनका चेहरा तो इंडियन है और कुछ मधु मौसी से मिलता है . इनका नाम भी मौसी और पापा दोनों से मिलता है . कहीं ये आपकी बहन तो नहीं हैं ? “
मधु ने हँस कर जवाब दिया “ मुझे मौसी ही समझो और आंटी कह सकते हो . मेरा नाम तो तुमने जान लिया और अपना नाम नहीं बताया . “
“ मेरा नाम मुकेश है , प्यार से मुझे मोंटू कहते हैं . “
“ गुड , मैं भी तुम्हें मोंटू कहूँगी , ठीक रहेगा न . “
मोंटू ने सर हिला कर हाँ कहा . डिनर के बाद मधु उन्हें गर्म कॉफ़ी सर्व कर रही थी . तभी मोंटू ने उठ कर ट्रे से अपना मैंगो शेक लेने के लिए हाथ बढ़ाया और उसका हाथ कॉफ़ी वाले कप से टकरा गया . उसकी इस हरकत से किनारे रखी कॉफ़ी का कप मधु की जांघ पर गिर पड़ी . मधु मिनी स्कॉर्ट पहनी थी और घुटनों के ऊपर तक स्टॉकिंग थे . फिर भी घुटनों के ऊपर की त्वचा गर्म कॉफ़ी से कुछ जल गयी . रेखा ने बच्चे की ओर से माफ़ी मांगी और बच्चे को भी सॉरी बोलने के लिए कहा
तब बच्चे ने कहा “ सॉरी मौसी , सॉरी आंटी . मैंने जानबूझ कर नहीं गिराया है , यह एक्सीडेंटल है .“
. मधु ने एक अच्छी वेट्रेस की तरह उन्हें कहा “ इट्स ओके . तुम्हें सफाई देने की जरूरत नहीं है मैं समझ सकती हूँ . “ बोल कर वह ट्रे रख कर चली गयी . इसके बाद उस दिन मधु उनके पास नहीं जा सकी थी . उसे फर्स्ट एड ट्रीटमेंट के बाद छुट्टी मिल गयी .
क्रमशः