Exploring east india and Bhutan... - Part 20 Arun Singla द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

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Exploring east india and Bhutan... - Part 20

Exploring East india and Bhutan-Chapter-20

चौदहवाँ दिन

 

Changangkha Monastery, Thimphu Bhutan

(Changankha Lhakhang)

इस मोनेस्ट्री की स्थापना 12 वीं शताब्दी में लामा फाजो ड्रुकगॉम शिगप (Lama Phajo Drukgom Shigp) द्वारा की गई थी. मोनेस्ट्री को सफ़ेद रंग से रंगा गया है,  कुछ सीढियां चढ़ कर आपमुख्य मोनेस्ट्री तक पहुँचते हैं. मोनेस्ट्री में स्थानीय लोग अपने नवजात शिशुओं का नाम रखवाने  के लिए आते हैं, नाम रखने के बाद बच्चों को एक फ़रबा से आशीर्वाद दिया जाता है व् हर मुसीबत से बचाने के लिए एक धागा उनके हाथ पर बांध दिया जाता  है. यहाँ हजार भुजाओं वाले देवता चेनरेजी की प्रितमा भी स्थापित है. आप यहाँ से थिम्फु शहर का सुंदर दृश्य भी देख सकते हैं.

मोनेस्ट्री सुबह से शाम तक खुली रहती है.

मोनेस्ट्री देखने के बाद थोड़ी शौपिंग के लिए हम थिम्पू की मार्किट के लिए निकल लिए.

 
Thimphu Handicraft Market, Thimphu Bhutan

यह मार्केट थिम्फु शहर  के सिटी सेंटर में स्थित है, इसके एक तरफ् भूटान का मुख्य बाज़ार व् इमीग्रेशन ऑफिस है, जहां से आप आगे की यात्रा का परमिट लेते हैं व् दुसरी तरफ मार्किट है, जैसा कि नाम से ही जाहिर है, यहाँ सभी शॉप्स हैंडीक्राफ्ट की है व् सभी एक लाइन में बनी हुई हैं. सभी शॉप्स ज्यादातर महिलाओं द्वारा संचालित हैं, और यहाँ पर गारमेंट्स, पर्स,  जाकेट्स, आर्टिफीसियल आभूषण व् अन्य सभी प्रकार के गिफ्ट आइटम्स  मिलते हैं.

भूटान एक सुंदर देश है व् यहाँ  के नागरिक भी सुंदर व् आकर्षक हैं, मार्किट में इनके साथ मिल कर स्थानीय कल्चर के बारे में भी जान सकते हैं, फोटो क्लिक कर सकते हैं. और मार्किट है तो शोपिंग तो बनती है, शौपिंग में बारगेनिंग यानी मोल भाव चलता है. यहाँ से आप स्थानीय लोगों द्वारा हाथ से बनाये हुए गिफ्ट आइटम्स, भूटान यात्रा की  यादगार के तोर पर घर ले जा सकते हैं.

The Buddha Dordenma ,Thimphu Bhutan

यह थिम्फु के मुख्य बाज़ार और सिटी सेंटर से लगभग7 km की दूरी पर Kuenselphodrang पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. यह थिम्फु का सबसे सुंदर दर्शनीय स्थल है, इसको नही देखा तो भूटान को नही देखा.

बुधा डोरडेनमा तक पहुंचने के दो रास्ते है, पहले रास्ते से आप को ज्यादा सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है, जबकि दुसरे रास्ते से आप एक विशाल द्वार से प्रवेश कर कुछ सीडीयाँ चढ़ कर ही बुधा प्रतिमा तक पहुंच सकते हैं. 177 फुट ऊंची यह प्रीतिमा विश्व मे भगवान बुद्ध की सबसे बड़ी प्रतिमा है, प्रतिमा ब्रोंज की बनी है, व इस पर सोने की परत चढ़ाई गई है, इसे बनाने में 11 साल लगे थे.

यहाँ पर अन्य मूर्तियों का निर्माण भी किया गया है, जो की वास्तु कला का अनूठा नमूना है.इन मूर्तियों  पर गोल्डन पेंट किया गया है. बुध प्रतिमा का निर्माण एक बहुमंजिला भवन के शिखर पर किया गया है, ग्राउंड फ्लोर पर विशाल गोल्डन रंग का दरवाजा है, दरवाजे की सुंदरता देखते ही बनती है.प्रथम तल पर यहाँ   विशाल हाल में भगवान् बुध की बड़ी प्रीतमा स्थापित है व् चारों तरफ 125000 लघु प्रतिमाएं स्थापित हैं. (8  इंच व्12 इंच ). थिम्फु की आबादी लगभग 100000 है, यानी भगवान् बुध की यहाँ मेजोरिटी है, भगवान की संख्या भक्तों से ज्यादा है. हाल से सीडीयाँ  उपर जाती हैं पर ये पर्यटकों के लिए बंद है.

इस बुध प्रतिमा के निर्माण के पीछे ये कहानी है की योगी सोनम सांगपो ने भविष्यवाणी की थी कि अगर इस क्षेत्र में एक बौद्ध प्रतिमा का निर्माण किया जाए तो पूरी दुनिया को शान्ति व् खुशी का सन्देश मिलेगा, तो विश्व की शान्ति व् खुशी के लिए बुध प्रीतिमा को स्थापित कर दिया गया. भवन की पहली मंजिल के दरवाजे गोल्डन पेंटेड है. आप यहाँ गोल्डन पेंटेड दरवाजों के साथ फोटो क्लिक कर सकते है, ग्राउंड फ्लोर के सामने  एक विशाल मैदान है, यहाँ से चारों  तरफ थिम्पू के सुंदर मनमोहक पहाड़ व् वादियाँ देख सकते हैं, वीडियो शूट कर सकते हैं.

Thangthong Dewachen Nunnery, Thimphu Bhutan

 

थांगथोंग डेवाचेन नुननेरी : यह बौद्ध मठ थिम्फु के सिटी सेंटर से लगभग4 km की दूरी पर ज़िलुखा में स्थित है इसे Zilukha Anim Dratshang के नाम से भी जाना जाता है.

 

इसमें लगभग 60 ननें रहती है, इन ननों ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और बौद्ध धर्म के लिए समर्पित कर दिया है. इसका निर्माण 1976 में थांगटोंग ग्यालपो, ड्रूबथोब रिक्की जैडेल द्वारा करवाया गया था.

 

एक विशाल द्वार से प्रवेश कर कुछ दूर पैदल चल कर आप नुननेरी में पहुंचते हैं. परिसर में ननों के लिए आवास बनाये हुए हैं, व् एक छोटा सा बगीचा है, आप चाहें तो यहा समय गुजार कर इसमें रहनी वाली ननो की जीवन शेली का अध्ययन कर सकते हैं, नही तो ज्यादा कुछ करने को यहाँ है नही, फोटो क्लिक करें और आगे चले.

ग्राउंड फ्लोर पर अलग से बनी एक गिफ्ट शॉप में ब्रोक्पा याक-हेयर स्पाइडर हैट, एंटीक नूडल एक्सप्रेस, तेंदुए की त्वचा के बैग इत्यादि उपलब्ध हैं, जिन्हें आप भूटान की यादगार के रूप में खरीद सकते हैं.

 

यहाँ पर एक रेस्टोरेंट है, जिसके अंदर बेठने के लिए लकड़ी से बना सुंदर फर्नीचर है और बाहर राजस्थानी अंदाज में बैठने का प्रबंध है, यहाँ केवल भूटानी भोजन परोसा जाता है,और इसकी सुजा यानी बटर टी का अलग ही स्वाद है, बाकि यहाँ  वेज और नॉन वेजसभी डिश उपलब्ध हैं. वेज़ भोजन में मात्र लाल चावल के साथ प्योर मिर्च की डिश इमा डटसी (Ema Datshi),व् खुली बुक्कवीट पेनकेक्स उपलब्ध है, दोनों में बहुत मात्रा में मिर्च ही होती है, डिश मिट्टी के बर्तनों  में परोसी जाती है. अगर आप मेरी तरह स्पाइसी भोजन नही खाते तो इससे दूर रहें.

 

खुलने का समय:

सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक

शनिवार को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक

रविवार को 11:30 बजे से 3:30 बजे तक