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सिद्धार्थ ने आदी को देखते हुए कहा तो उसने मुँह फेर लिया । वो प्रोजेक्ट के ग्राफ़िक्स आदित्य सर को दिखाने थें । लंच के बाद देखूँगा । लंच में क्या लाई हो सिया ? सिद्धार्थ ने बड़े प्यार से पूछा । राजमा चावल और कटहल की सब्जी। सिया आदी को देख रही है । हमारे आदी की मनपसन्द है। क्यों आदी ? आदित्य ने उससे ऐसे घूरकर देखा कि अभी पेपरवैट उसके मुँह पर मारेगा । मुझे पता है, कुणाल ने बताया था । मैंने एक बार राजमा चावल क्लब में आदित्य सर को खिलाये भी थें । जब आप लोगों का लॉन टेनिस का मैच था । oh really ! तुम्हे याद है । सिद्धार्थ ने मुस्कुराते हुए पूछा । आज मुझे भी खिला देना । मैं आपके केबिन में भिजवा दूँगी । कहकर सिया चली गई ।
तुझे क्या पड़ी है, उससे लंच के बारे में पूछने की । Relax, गुस्सा क्यों हो रहा है यार ! दस दिन पहले मेरा पेट ख़राब था । मैं कैफ़े वाले को कह रहा था कि आज खिचड़ी बना दे तो यह भी वही खड़ी थीं । इसने मुझे अपना लंच देकर कहा कि आप मेरी खिचड़ी खाकर देखे, वह सचमुच इतनी टेस्टी थी कि मैंने ज़िन्दगी में इतनी बढ़िया खिचड़ी नहीं खाई । इसलिए पूछ लिया क्या लाई हो । यही स्किल्स होती है, मिडिल क्लॉस गर्ल्स की । खाना, गाना, प्यार से सुलाना । सिद्धार्थ यह सुनकर ज़ोर से हँसा। पर यह सब अच्छा लगता है। तभी तो तू भी फँस गया था,मैं कभी इन जैसी लड़कियों के चक्कर में नहीं फँसता, जो फँसे उनकी ज़िन्दगी तबाह हो गई । वैसे She Likes You उसकी आँखें बताती है । I Hate Her आदित्य पेपरवैट घुमाते हुए बोला । अच्छा सुन! इस संडे नानी का जन्मदिन है । मैंने उनके कहने पर घर में पाठ रखवाया है । तुझे और अनुज को आना है । Done ! सिद्धार्थ ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया ।
इतवार की सुबह सिद्धार्थ-जिया। अनुज-सोनाली और कुछ जान -पहचान के लोग आये हुए हैं । थोड़ी देर बाद एक जीप आकर रुकी तो उसमे से मुस्कान, रोहन, कुणाल, आशी और सिया उतरे । बाकी सभी लोगों को तो बुलाया है पर सिया को किसने कहा । आदी ने उन लोगों को अंदर आते हुए देखकर पूछा । समझ जा, कुणाल के साथ आई है तू ज़ाहिर सी बात है, कुणाल ने कहा होगा । सिद्धार्थ ने जवाब दिया । कार्तिक कहाँ रह गया ? कल उसका कॉल आया था, वह जर्मनी गया है । पिछले प्रोजेक्ट को लेकर कोई डील रह गई थी, उसी सिलसिले में बात करने गया है। आदी ने बताया। सब पाठ में बैठ गए । सिया सफ़ेद रंग के सलवार कमीज में इतनी सुन्दर लग रही है कि हर किसी का ध्यान उसकी तरफ है । पाठ ख़त्म होते ही प्रसाद बाँटने में सिया भी मदद कराने लगी । उसने महविश को देखा तो हरे रंग के कुर्ते और जीन्स में वो भी प्यारी लग रही है । इतनी प्यारी लड़की के होते हुए किसी और को देखने की ज़रूरत क्या है । सिया ने मन ही मन उदास होते हुए कहा । सिया ने जब आदी को प्रसाद दिया तो उसने उस पर एक निगाह डाली और प्रसाद लेकर आगे बढ़ गया । कुणाल ने नानी से सिया और आशी को मिलवाया तो नानी ने सिया को अपने पास बिठा लिया । सिया भी उनसे हँस-हँसकर बातें करने लगी । देखो ! आदी नानी को पटाने की कोशिश हो रही है । आदित्य ने उस ओर देखा, मगर कुछ नहीं कहा । वैसे तुम्हारी नानी का टेस्ट इतना खराब तो नहीं लगता कि तुम्हें किसी बहनजी के साथ सेट कर दे । कहते हुए आशी हँसने लगी । आदी ने उसे घूरते हुए कहा, "मेरे भाई का टेस्ट खराब है तो इसका मतलब यह नहीं कि मेरी नानी का भी टेस्ट ख़राब होगा । यह सुना तो आशी मुँह बनाकर वहाँ से चली गई । Her mouth has no limits .... यह म्यूजिकल शो वाले दिन भी कुछ ज्यादा बोल रही थीं । सिद्धार्थ ने आदी को देखते हुए कहा । कुणाल की फ्रेंड्स और गर्लफ्रेंड दोनों ही महान है । वैसे यह स्किल्स मिडिल क्लॉस की जीन्स में होते है कि घर के बड़ों को पटाओ तो लड़का अपनेआप पट जायेगा। उसका नेचर ही ऐसा है। इन्ही स्किल्स की वजह से मैं ज़िंदा हूँ । मुस्कान ने आदी की बात सुन ली । हो सकता है, इन्ही स्किल्स की वजह से किसी की जान भी जाते-जाते बची हों । कहना क्या चाहते हो, आदित्य खन्ना ? तुम खुद समझदार हों, मुस्कान गुलाटी।
समय अपनी गति से चलता जा रहा है । इंटर्नशिप के सिर्फ दो महीने ही बचे है । इन चार महीनो में सिया का झुकाव आदी के लिए बढ़ता गया है । मुस्कान की शादी हो गई । वह रोहन के साथ बहुत खुश है । मुस्कान की शादी के दिनों में सिया ने सोचा कि आदी को अपने मन की बात बता दे। मगर वह ऐसा कर नहीं सकी । जब भी वह आदी के करीब जाने की कोशिश करती तो वह उसे देखकर अपनी दिशा बदल लेता । उसके प्यार की झलक सिद्धार्थ ने भी देख ली है । एक बार वह आदी के कैबिन में कुछ फाइल्स लेकर जाने लगी तो जल्दबाज़ी में बिना दरवाज़े खटखटाये अंदर आ गई तो उसने देखा कि महविश ने आदी को अपनी बाहों में जकड़ा हुआ है । वह इससे पहले कुछ करते, उसे देख वह पीछे हट गए । आदी उस पर चिल्लाने लगा था, मगर महविश ने रोक दिया। बाहर आकर उसकी आँखों में आँसू आ गए । जिसे सिद्धार्थ ने देख लिया।
सिद्धार्थ :: सिया क्या हुआ ?
सिया :: कुछ नहीं सर, बस ऐसे ही । (जल्दी से चली गई )
अंदर जाकर उसने महविश और आदी को देखा तो कहा कुछ नहीं पर समझ गया । महविश के जाते ही वह बोल पड़ा ।
सिद्धार्थ: मुझे लगता है, सिया तुझे लेकर कुछ ज्यादा सीरियस हो गई है ( बैठते हुए )
आदित्य : Idiot ! ऐसे ही दरवाज़ा खोल अंदर आ गई । मैं उसे आज ही ऑउट कर देता, मगर महविश ने रोक लिया ।
सिद्धार्थ :: She likes you more
आदित्य : To hell with her I Hate her
सिया को यह समझ में आ रहा है कि इस प्यार की कहानी का अंत उसके मुताबिक तो होने से रहा । मगर फ़िर भी वह ख़्वाब देखना नहीं छोड़ सकती । एक बार तो अपने दिल की बात आदी को बतानी चाहिए क्योकि इंटर्नशिप खत्म होते ही वह शायद उसे दोबारा देख नहीं पायेगी । क्योंकि कुणाल मुंबई जाकर रहने वाला है। उसके म्यूजिक के शौक को अब नई मंजिल मिलने वाली है ।