Garibi Majbhuri - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

गरीबी मजबूरी - 3

राजु यूपीएससी परीक्षा की तैयारियां कर रहा था और उसने परीक्षा भी दी थी। मगर उसमें वो पास ना हो सका ।उसका फर्स्ट अटेंप था । इसलिए उसके माता पिता ने भी कुछ नहीं बोला और उसे समझाने की कोशिश की ऐसा होता रहता हैं मगर हमे हिमत नहीं हारनी चाहिए। तुम दूसरी बार कठोर परिश्रम करो। तूने दूसरी भी परिक्षा के लिए फ्रॉम भरा था ना तो वो भी परिक्षा आएगी ना तो तुम अपनी परिक्षा पे ध्यान दो।

रमनलाल और सविता ये सब समझा रहे थे। तब राजु ध्यान से सुन रहा था। मगर वो समझ नहीं पा रहा था जल्द से जल्द उसे परिक्षा पास करके नौकरी करना चाहता था । ताकि घर मैं तकलीफ़ कम हो और वो अपनी बहन के बारे में भी कुछ जान सके।

राजु थोड़ी देर सोचता रहता हैं। फिर वो तय किया की अब वो फिर से ज्यादा मेहनत करेगा। और बोला हा अब में फिर से कठोर परिश्रम करूंगा।

राजु का एक दोस्त था। उसका नाम चिराग था। वो भी यूपीएससी तैयारियां कर रहा था । वो भी राजु की तरह बहुत मेहनत करता था। कभी कभी राजु की मनोदशा खराब होती थी तब दोनों एक दुसरे से बाते करते थे। कभी कभी गुमने भी जाया करते थे। और एक लड़की भी राजु की अच्छी दोस्त थी स्कूल में थे तब से अच्छा रिश्ता था।
चिराग भी परिक्षा में फेल हुवा था। और राजु भी दोनों की मनोदशा वही थी । इसलिए दोनों बाहर मिलने का नक्की किया और थोड़ी देर एक गार्डन में बैठे और एक दूसरे से बात करने लगे ।

राजु : भाई इतना कठोर परिश्रम किया फिर भी परिक्षा में फेल हो गया। और घर पे भी इतने संकट हैं। हम चढ़ते हैं की पास हो के नौकरी करने लग जाए ।

चिराग : हा भाई मेरा भी वही हाल हैं ना तूने देखा ना में भी परिक्षा में फेल हो गया हूं।

राजु : हा मगर मेरे माता पिता ने सलाह दी मुझे बहुत

अच्छे से समझाया । इसलिए में फिर से हिमत जुटा कर मेहनत कर के परिक्षा दूंगा ।

चिराग : में भी फिर से परिक्षा दूंगा । अब हम साथ में परिक्षा की तैयारियां करेंगे और साथ में परीक्षा देंगे ।

राजु : हा भाई चलो अब बहुत देर हो गई हैं । अब हमे घर चलना चाहिए।

राजु और चिराग दोनों गार्डन से अपने घर जाने निकले । और अपने अपने घर पहुंच गए।

ऐसे ही थोड़े महीने गुजर गए और राजु ने फिर के अपने दोस्त के साथ यूपीएससी के आईपीएस का फ्रॉम भरा। थोड़े महीने में उसकी परीक्षा थी ।

राजु फिर से कठोर परिश्रम करने लगा। रमनलाल और सविता भी उसे देख के खुश होते रहे की फिर से राजु मैं हिमत आई और परिक्षा की तैयारियां कर रहा हैं ।

राजु की आईपीएस की परीक्षा अब आनें ही वाली थी

सेकंड अटैंप । राजु सेकंड अटैंप की परिक्षा देता हैं मगर उसमें भी फेल होता हैं ।

फिर भी वो हिमत नही हारता हैं और थर्ड अटेंप के लिए पढ़ता हैं । बहुत कठोर परिश्रम करता हैं और थर्ड अटेंप में वो परिक्षा देकर पास हो जाता हैं

राजू यूपीएससी के आईपीएस की परिक्षा पास करने के बाद एक बार फ़िर इंटरव्यू के लिए राजु को दिल्ली की ऑफिस बुलाया गया । कोई अंजान पुलिस वाला था लेकिन बड़े बड़े स्टार्स लगे थे उसके यूनीफॉर्म पे उन्होंने राजु की हाइट और बॉडी अच्छी होने की वजह से उसका सिलेक्शन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) मे होता है, फिर राजू की ट्रेनिंग शुरू होती है, घर पे माँ बाप बहुत खुश थे उन लोगों की एक आँख मे सुख के आंसू थे क्युकी बेटा इतना बड़ा अफसर बन गया था, और दूसरी आँख मे भूतकाल और अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय के लिए दुख भी था। राजू ने भी ठान लिया था कि वो उन तस्करी करने वालो का पर्दाफाश करके रहेगा, एक दिन की बात है, उसे किसी अनजान शख्स ने IB की ऑफिस मे मिलने को बुलाया, हालांकि वो थी तो IB की ही office

लेकिन वो शख्स थोड़ा गडबड लग रहा था, लंबा चौड़ा सा और पतला सा था, उसकी मोटी और बड़ी आंखे थी उसने बोलना शुरू किया
वो : देखो राजू तुम भले ही IB के आदमी हो लेकिन तुम IB की दूसरी शाखा के RAW लिए काम करोगे।

राजू( फौजी के अंदाज मे) : येस सर!!

वो : मेरा नाम कर्नल सिन्हा है, मैं इंडियन आर्मी मे बतौर फौजी काम करता था, लेकिन अब मैं हेड हू रॉ का। (आगे बोलता है), तुम अभी मिशन पर नहीं जाओगे लेकिन मैं जब भी बोलू, तुम्हें जाना पड़ेगा!

राजू : ओके सर!!

कर्नल सिन्हा : तुम रॉ के बारेमे जानते होगे, ट्रेनिंग मे तुम्हें बताया होगा, इसलिए तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है, तुम्हारा दोस्त चिराग के सिवा मैं ही ये बात जानता हू कि तुम रॉ एजेंट हो, ठीक है अब तुम जाओ, जब जरूरत पड़ेगी तो बताऊँगा तुम्हें।

राजू : सर, मेरे पास एक मैटर रेडी है, आप की परमीशन हो तो पेश करू?

कर्नल सिन्हा : ठीक है, बताओ।

राजू ने अपनी बहन के साथ हुए अत्याचार और महिलाओ की तस्करी के बारेमे कर्नल सिन्हा को बताया, ये सब सुनने के बाद कर्नल ने कहा

कर्नल सिन्हा : ठीक है, तुम इस मिशन पर जाओ, चिराग को भी शामिल कर लो इसमे और इसमे तुम लोगों का साथ देगी परवीन!

इतना बोल के उन्होंने परवीन को कॉल करके बुलाया, थोड़ी देर बाद ऑफिस मे एक लड़की आई, खुल्ले बाल, बड़ी बड़ी हिरन जैसी आँखे, और वो लड़की इतनी सुन्दर थी कि वो बॉलीवुड की मॉडल लग रही थी। राजू को अनदेखा कर उसने सीधा कर्नल सिन्हा के पास गई और शेकहैन्ड किया, राजू भी परवीन को देखता रह गया।

कर्नल सिन्हा : राजू, मीट योर कलीग, परवीन।

परवीन ने राजू को देखा और उनके साथ शेकहैन्ड किया, कर्नल ने पूरा मिशन परवीन को समझाया, परवीन ने भी हामी भरी। अखिर मे कर्नल ने कहा

कर्नल सिन्हा : तुम तीनों अब जाओ, पैसे तुम्हें अपने पर्सनल एजंट से मिलेंगे और जो भी चाहिए वो मिलेगा, चलो अब मिशन पर जाओ।

राजु भगवान का नाम लेके मिशन अमल में रखता हैं। और वो तीनों राजू के गांव जाते हैं।

आगे
कमश:

अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED