धर्मो रक्षति रक्षितः। Dr. Bhairavsinh Raol द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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धर्मो रक्षति रक्षितः।

धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात , जो धर्म की रक्षा करते करते हैं (रक्षितः), धर्म (धर्मो) उनकी रक्षा करता है( रक्षति ). आस्थावान हैं, विश्वासी हैं, माननेवाले हैं - धर्म भी है और सुरक्षित है।

धर्म का शाब्दिक अर्थ :
साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। धर्म का शाब्दिक अर्थ होता है, 'धारण करने योग्य' सबसे उचित धारणा, अर्थात जिसे सबको धारण करना चाहिए, यह मानवधर्म हैं। "धर्म" एक परम्परा के मानने वालों का समूह है। ऐसा माना जाता है कि धर्म मानव को मानव बनाता है।
बहोत ही सरल शब्दों में कहूंगा कि अपने धर्म को सम्मान की दृष्टि से देखा करे। अन्य धर्म के लोगो के आगे अपने धर्म की बुराई न कर के। अपने देश की रक्षा करके हम हमारे धर्म की रक्षा कर सकते है क्योंकि अगर ये भारत देश और सभ्यता न रही तो हमारे धर्म को पनाह देने के लिए पृथ्वी पर दूसरा देश आपको नही मिलेगा ।
'धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् ॥
अर्थात मरा हुआ धर्म मारने वाले का नाश, और रक्षित धर्म रक्षक की रक्षा करता है। इसलिए धर्म का हनन कभी न करना, इस डर से कि मरा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले।धर्मो रक्षति रक्षित:' : 'रक्षित धर्म रक्षक की रक्षा करता है'।
धर्मो रक्षति रक्षितः का अर्थ -
धर्मो रक्षति रक्षितः एक लोकप्रिय संस्कृत वाक्यांश है जो महाभारत और मनुस्मृति में मिलता है। इसका अर्थ है कि "धर्म की रक्षा करने पर (रक्षा करने वाले की धर्म ) रक्षा करता है।" दूसरे शब्दों में, "रक्षित धर्म, रक्षक की रक्षा करता है"।

धर्म की रक्षा के लिए हम
धोखेबाजी, बे-ईमानी, छल, प्रपञ्च से दूर रहें।समय की कीमत समझें और व्यर्थ समय न गँवाएं।विश्वासपात्र बने रहें।अभिमान व क्रोध से दूर रहें।
इच्छारहित होने का प्रयास निरन्तर करते रहें।अतिक्रमण न करें।
स्वार्थी न बनें व लोगों की समय पड़ने पर मदद करे।
हर परिस्थिति में धर्म की रक्षा करनी चाहिए।
कहा गया है, धर्मो रक्षति रक्षितः। अर्थात, धर्म की जो रक्षा करता है, धर्म भी उसकी रक्षा करता है। मनुष्य का एक ही मित्र है धर्म, जो सदा उसके साथ रहता है। मनुष्य के जितने मित्र रहते हैं, ज्यादा से ज्यादा श्मशान तक पहुंचा देते हैं, चिता में आग लगा देते हैं और चले जाते हैं।

सनातन धर्म:
वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप के धर्म के लिये 'सनातन धर्म' नाम मिलता है। 'सनातन' का अर्थ है - शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म मूलतः भारतीय धर्म है, जो किसी समय पूरे बृहत्तर भारत (भारतीय उपमहाद्वीप) तक व्याप्त रहा है।
सनातन धर्म में भगवान कृष्ण के काल में नाग, यक्ष, इन्द्र आदि की पूजा की जाती थी, और भगवान श्रीराम के काल में सूर्य व शिव की पूजा प्रमुख होती थी। हिन्दू सनातन धर्म पृथ्वी के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है; जिसके सबसे ज्यादा अनुयायी भारत के अलावा नेपाल और मॉरिशस में भी हैं। इसे संसार का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है।

हिन्दू धर्म (संस्कृत: हिन्दू धर्म) एक धर्म या जीवन पद्धति है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत, नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसके अलावा सूरीनाम, फिजी इत्यादि। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है।

माहिती संकलन: डॉ भैरवसिंह राओल