अब तक आपने पढ़ा:-
तीनो के तीनो समरीत aneja's और bajaj's सभी कचहरी की और रवाना हो चुके है और वहा पहुंचने को ही है।
अब आगे:-
कचहरी में सभी लोग इकट्ठे हो चुके है। इंदर का वकील भी अपना बयान देने की सारी तैयारी कर चुका है। तो वहीं दूसरी ओर जज साहब बजाज के वकील की दलीलें सुन रहे है। जो बजाज की मांगों को जायज बता रहा है।
B'S वकील:- माई लॉर्ड। जैसा कि हम सब जानते है कि ये जमीन करीब साठ साल पहले मेरे क्लांइट के पुरखो के नाम थी जिसे कुछ समय के लिए अनेजास को संभालने को दे दिया गया था। पर इन्होंने इस जमीन को अपना समझकर उसे बेच दिया। सॉरी माई लॉर्ड उन्होंने उसे अपना भी नहीं समझा और बेकद्री से हमारे क्लाइंट से बिना पूछे उसे बेच दिया।
ऑब्जेक्शन माई लॉर्ड दूसरे वकील ने बोला।
A's वकील:- ये लोग झूठी दलीलें देकर मेरे क्लांइट के ऊपर गलत इल्जाम लगा रहे है। मेरे पास सबूत है कि जिस साल जमीन को अवैध तरीके से बेचा गया तब अनेजा दिल्ली में नहीं थे। जो मै आपको आज ही दिखाऊंगा। पर उससे पहले मै ये क्लियर कर देना चाहता हूं कि खुद bajaj's ने इस जमीन को एक समय अनेजा परिवार को त्योफे में दिया था। पर बाद में वो अपनी बात से मुकुर गए।
ऑब्जेक्शन माई लॉर्ड। पहला वकील बोला।
B's वकील :- जज साहब ये लोग सरासर झूठ बोल रहे है। इनके दावे खोखले और बेबुनियाद है। वकील साहब सिर्फ कह देने से चांद काला नहीं हो जाता सफेद ही होता है पहले अपनी आंखो को देखो कहीं वो तो अंधी नहीं हो गई।
ऑब्जेक्शन over rule जज ने कहा।
जज:- आपको जो कहना है मुद्दे पर कहिए यू टेढ़ी मेढ़ी बाते मत घुमाइए।
B'S वकील:- जी माई लॉर्ड। मै ये कहना चाह रहा हूं कि मेरे क्लांइट अपनी उसी बात पर कायम है कि उन्होंने है जमीन कुछ समय के लिए ही उन्हें दी थी। आप खुद अनेजा परिवार से पूछ सकते है कि क्या उनके पास उस जमीन के पुराने कागजात है या किसी भी बजाज ने उस वक्त जमीन उनके नाम की थी?? जब ऐसा हुआ नहीं तो फिर उनका उस जमीन पर कैसा हक??
जज साहब ये झूठ बोल रहे है इंदर बोला।
जज:- आपको जो भी कुछ कहना है। यहां आकर कहे। इस तरह कोर्ट का अनुशासन भंग ना करे।
इंदर:- धन्यवाद जज साहब। मुझे ये बताना है कि खुद जीतू बजाज के भाई ने ये जमीन मुझे त्योफे में दी थी। जो उसके नाम थी। मेरे छोटे भाई सुखबीर और उसमे गहरी दोस्ती थी और इसलिए उसने ये जमीन मुझे दी अपने परिवार को नहीं।। पर फिर वो चल बसा और ज़मीन हमने किसानों को दे दी खेती के लिए। उसका सपना था कि ज़मीन पर 🏥 हॉस्पिटल बने इसलिए हम इस जमीन को वापिस चाहते है।
B's वकील:- आप बातों को गोल गोल मत घुमाइए। सीधे सीधे मेरे इस सवाल का जवाब दे की क्या जमीन आपके नाम थी??
इंदर:- नहीं पर वो जीतू के.........
वो क्या?? वकील ने पूछा।
A's वकील :- जब आपने जमीन खरीदी नहीं बजाज ने आपको बेची नहीं तो क्या सिर्फ उन बातो के तर्ज पर आप ये सब कह रहे है जो हवा है या हुई ही नहीं। हम क्या जाने?? वो सच भी है या नहीं?? कोर्ट सबूत मांगता है लंबी चौड़ी बेफालतू की बाते नहीं?? इतना तो आप जानते ही होंगे इंदर अनेजा! यह अपनी कच्ची बातो की रोटियां मत बनाइए।
बड़ों से बात करने की तमीज नहीं तो कोर्ट में सही से बात रखने का हुनर तो रखिए वकील साहब दूर खड़ी एक लड़की यानी समरीत की आवाज़ सुनाई दी।।
समरीत:- ऑब्जेक्शन वकील साहब।
जज :- आप कौन??
समरीत:- जज साहब मेरा नाम समरीत है। मै गुरुद्वारे सम्मिती की तरफ से अाई हूं। मंजीत सिंह के behalf पर। मै भी कुछ कहना चाहती हूं।
जज:- ठीक है। आप यहां आकर कुछ कह सकती है।
समरीत:- जज साहब। हर कोई इस ज़मीन के पीछे इस तरह पड़ा है जैसे ये कोई जमीन नहीं खजाना हो। जितना मैंने देखा उससे मुझे ये ही पता चला कि बजाज इस जमीन पर एक कोठी बनाना चाहते है जबकि उनके पास ज़मीनों की कमी नहीं। अनेजा इस जगह पर हॉस्पिटल बनाना चाहते है जबकि यहा हॉस्पिटल ही हॉस्पिटल है और हम सिर्फ वाहेगुरु के घर को थोड़ा और बड़ा करना चाहते है सिर्फ अपने लिए नहीं सब के लिए जो कोई हमें करने नहीं देता। इस केस को आज खत्म भी कर दिया जाए तो भी ये सुलझ नहीं पाएगा। अगर न्याय के नाम पर सिर्फ लोग अपनी ही करते रहे तो शायद सिर्फ एक के लिए ही सही होगा सबके लिए नहीं। इसलिए आपसे दरखास्त है कि आप सबके लिए फैसला करे।
जज:- दोनो ओर का सुनने के बाद फैसला कुछ देर में हो जाएगा। कोर्ट में आधे घण्टे के लिए ब्रेक दिया जाता है।
इसके बाद सभी ओग कुछ देर के लिए यहां वहा हो जाते है। देखना ये है कि कौन जीतता है????
आगे जारी क्रमशः।।