द एजेंटस - 5 Shamad Ansari द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

श्रेणी
शेयर करे

द एजेंटस - 5

*द एजेंटस-5*

अरे यार ऐसा नहीं है की मैंने उसका फ़ोन हैक कर लिया था असल में वो मरे साथ ही हॉल में बैठी थी फिर अचानक उसको कोई काम याद आया तो वो वहां से चली गयी लेकिन वो अपना फ़ोन वही रखे मेज़ पे भूल गयी। जब मिस अनीता मेरे साथ बैठी थी तो वो चला रही थी तब मैंने उसे लॉक खोलते देख लिया फिर बस मैंने थोड़ी मस्ती कर ली ,,,

तभी शिवा कहता है हाँ भाई हाँ हमने तो सब देख ही लिया तेरी मस्ती कैसी थी। फिर कुछ देर के बाद वो सभी लंदन के उस यूनिवर्सिटी पहुँच जाते है , फिर मिस अनीता उन सभी को ले के वहां के डीन के पास जाती हैं मिस अनीता ही केवल डीन के कमरे में जाती है। और बाकि सब वेटिंग रूम में चले जाते हैं जैसा की उनसे मिस अनीता ने कहा था, तब दिव कहता हैं अरे एडमिशन हमारा होने वाला है या मिस अनीता का। .

जो की वो हमारे बदले डीन से मिलने गयी है। विक्रम उसकी बातों से सेहमत होते हुए कहता है किया मालूम हो सकता है हमारे बदले मिस अनीता ही पढ़ाई कर ले। अशोका उन सभी को डपटते हुए कहता है तुम लोग किया फालतू की बाते ले के बैठे हो!

अंदर के कमरे में 40 साल की एक औरत बैठे थी जो की मिस अनीता की बातों में हामी भर रही थी , जो की वहां की डीन है , फिर मिस अनीता कहती है की इनको आप 11th स्टैंडर्ड में एडमिशन करवा दीजिये। और इन लड़कों का खास धयान रखियेगा ये राष्ट्रपति के लिए बहुत प्रिय है। फिर वह औरत कहती है जी हाँ अब आप बिलकुल निश्चिंत हो जाइए ,

फिर अनीता बहार आती हैं और कहती है की आप लोग आज ही आप शामिल हो सकते और आप लोग अपने कमरे में जा सकते है। आप लोगो को यही से सबकुछ दे दिया जायेगा जो आप लोगो को जरूरत होगी। फिर ये सब अपने कक्षा में जा के बैठ जाते हैं,,

शिवा एकटक देखते हुए बोलता है की कितनी सुन्दर सुन्दर तितलियाँ है यहां पे भाई........

फिर विक्रम बोलता है सही में यार बहुत ही अच्छी हरियाली है यहां पे तभी दिव सिकंदर की तरफ देखते हुआ बोलता है लगता हैं हम गलत कमरे में आ गए है सिकंदर कहता नहीं हम बिलकुल सही कमरे में हैं तो दिव उन दोनों की तरफ इशारा करते हुआ आगे बोलता हैं की इन दोनों को ही देखो हैम किसी पार्क में यूनिवर्सिटी में किसी को तितली तो किसी को हरियाली नज़र आ रही है। अशोका तभी लड़कियों को देखते हुए दिव से कहता है अबे यारर ... लड़कियों के बारे में बात कर रहे हैं। सिकंदर तभी बहार देखते हुए बोला अरे चुप लगता टीचर वाली है।
दिव फटाक से पूछता है स्त्री है या पुरूष मेरा मतलब सर जी हैं या मैडम जी , सिकंदर ने उससे परेशान होते हुए कहा मुझे किया मालूम जब वह आएंगे तो पूछ लेना , तभ एक चश्मा पहनी साधारण कपड़ों में अंदर आये इनको देखने से ही लग रहा था की ये लगभग ३९ साल की औरत होंगी।
वह आदर आयी और सभी स्टूडेंट्स से केहनी लगी की सभी स्टूडेंट्स अपनी हाज़री डिजिटली लगा ले। फिर मैम ने कहा की आप सभी सामने रखे लैपटॉप में एटम की थ्योरी ओपन कर लीजिये ,........
विक्रम का धयान पढाई में नहीं था शायद इसीलिए कियोंकि उसके आगे लिसा बैठी थी और उसकी बालों की परफ्यूम उसको मदहोश कर रही थी -
और मैडम की बाते तो उसके सर के ऊपर जा रही थी। दिव ये सब माज़रा बड़े ही ग़ौर से देख रहा था। दिव को उसकी ऐसी हरकत देख के बहुत ही गुस्सा आ रहा था।

वक्त की नज़ाक़त को देखते हुए दिव खड़ा होता है। और सबके सामने मैम से कहता है की मैम विक्रम को तो थ्योरी तो पहले से आती है। तो फिर वो ३२ साल की अधेड़ उम्र की महिला जिसे सब मिस. मोनिका के नाम से बुलाते है। उन्होंने विक्रम की तरफ देखते हुए कहा की ये तो अच्छी बात है विक्रम ! तो अब तुम हमें बताओ की तुम्हे किया - किया मालूम है इस एटम की थ्योरी के बारे में ,.....
फिर विक्रम ने अपनी लड़खटती ज़बान से बोला जी... मुझे तो सब मालूम है। तभी बीच में दिव ने बोलते हुए कहा की हांजी मैडम इसको तो सब मालूम है आप ही कुछ सवाल पूछ लीजिये न आपको भी मालूम पड़ जायेगा की हमारे विक्रम सर को क्या किया ज्ञान है। फिर मिस. मोनिका दिव की बातों से सहमति जताते हुए कहती है हाँ अब तो पूछना ही पड़ेगा। फिर मैडम उससे सवाल पूछना सुरु करते हुए पहला सवाल पूछती है.............