अनसुलझा प्रश्न (भाग 8) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 8)

23--ऊपरी कमाई
"यार यहां तो खाना जेब से खाना पड़ रहा है?"
लाल क मण्डल में मण्डल चिकित्सा अधिकारी थे।क मण्डल में रेल कर्मचारी काफी संख्या में थे। कर्मचारियों को छुट्टी नही मिलती तो वे सिक करने के लिए अस्पताल आ जाते थे।सिक में लेने के लिए बीस रु प्रतिदिन के हिसाब से बंधे हुए थे।जितने दिन की सिक करनी हो उतने दिन के पैसे लाल कर्मचारी से एडवांस में ले लेते थे।उससे लाल को रोज अच्छी कमाई हो जाती थी।और रेलवे से हर महीने मिलने से वाला वेतन पूरा बच जाता थ।क्योकि उनका खर्च ऊपरी कमाई से ही चल जाता था।
वरिष्ठता के अनुसार लाल की पदोन्नति हो गयी।वह सी एम ओ बनकर ख मण्डल में आ गए।पदोन्नति होने पर वेतन में तो कुछ बढ़ोतरी हो गयी।लेकिन ऊपरी आमदनी बन्द हो गयी।वह अस्पताल के मुखिया बन गए थे।मरीज देखने का काम उनके अधीनस्थ डॉक्टरों का रह गया था।
ऊपरी आमदनी यानी रिश्वत एक नशा है।इसमें बड़ा आनंद आता है।जब यह बन्द हो जाये तो दुख होता है। ख मण्डल में ऊपरी आमदनी न होने के कारण लाल को खर्च अपने वेतन में से चलाना पड़ रहा था।यही बात उन्होंने कार्यालय अधीक्षक दीपक से कही तो वह बोला,"सर् मैं तो बीस साल से जब से नौकरी में आया तब से ही खर्च जेब से चला रहा हूँ।"
24--बन्धन कच्चे धागों का
"राखी क्यो लायी हो?"उमा के हाथ मे राखी देखकर हेमन्त ने पूछा था।
"तुम्हारे हाथ मे बांधने के लिये।'
"मेरे हाथ मे?"उमा की बात सुनकर हेमन्त चोंकते हुए बोला,"तुम तो कह रही थीं।हम मुम्बई चलेंगे।किसी होटल में ठहरेंगे।खूब मौज मस्ती करेंगे।"
"मैने कब मना किया है,"उमा बोली,"हम मुम्बई जरूर चलेंगे।"
"तो फिर नेरे हाथ मे राखी क्यो बांध रही हो?"
"तुमसे रिश्ता जोड़ने के लिये।तुम्हारे हाथ मे राखी बांध दूंगी तो तुम मेरे घर वालो की नज़र में पराये नही रहोगे,"उमा बोली,"फिर मेरे मा बाप मुझे तुम्हारे साथ जाने से नहीं रोकेंगे।इस धागे की आड़ में हम ऐश करेंगे।"
"तुम्हारे इधर यह सब चलता होगा।हमारे यहाँ नहीं।"हेमन्त बोला,"तुमने अगर मेरे हाथ मे राखी बांध दी तो तुम मेरी बहन बन जाओगी।और मैं इस पवित्र रिश्ते को कलंकित नहीं होने दूंगा।"
25--रक्षक
"क्या बात है,तुम खोयी खोयी परेशान सी क्यो रहती हो?"बिना अपनी सहेली मीना से बोली,"इस उम्र में लड़कियां चहकती खिलखिलाती रहती है और तुम उदास बुझी बुझी सी रहती हो?"
"कुछ नही"
मीना ने टालमटोल की लेकिन बीना कहां मानने वाली थी।वह बोली,"तेरा चेहरा और हावभाव बता रहे है।कोई न कोई बात है जरूर।बात को दिल मे रखने से मानसिक रोग लग सकता है।बात बता देने से मन हल्का हो जाता है।"
बिना के बार बार समझाने और पूछने पर मीना ने जवान खोल ही दी
"मैं अपने शराबी बाप से बहुत परेशान हूँ।"मीना की आंख में आंसू आ गए।
"रो मत,"बिना,मीरा के कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना देते हुए बोली,"मुझे बता क्या बात है?"
""मेरा बाप रोज रात को शराब के नशे में घर लौटता है।पैर दबाने के बहाने मुझे अपने पास बुला लेता है और फिर
मीना की बात सुनकर बिना अवाक रह गयी।जब रक्षक ही
26--श्रमदान
एक लाख सत्याग्रही तैयार किये जायेंगे।केंद्र सरकार ने गंगा सफाई अभियान का ऐलान किया था।ये सत्याग्रही यमुना को भी गंगा सफाई अभियान में शामिल कराने के लिये आंदोलन करेंगे।
समाचार पढ़कर में सोच रहा था।एक लाख सत्याग्रही आंदोलन की जगह श्रमदान करे तो