अनसुलझा प्रश्न (भाग 9) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 9)

27--अधूरा सपना
"क्यो नही?"पत्नी की बात सुनकर प्रवीण बोला,"हर विवाहिता मां बनना चाहती है--और तुम नहीं।""
"मैं भी मां बनूंगी।लेकिन अभी नही।अभी हमारी शादी को सिर्फ एक साल हुआ है।अभी से मां बनकर मैं अपनी फिगर नही बिगाड़ना चाहती,"पति की बात सुनकर कार्तिक बोली,"बच्चे के बारे में हम कुछ साल बाद सोचेंगे।"
प्रवीण नही चाहता था कि पत्नी का अबॉर्शन कराये।उसने पत्नी को खूब समझाया पर वह नही मानी।वह डॉक्टर रत्न के पास जा पहुंची।डॉक्टर रत्ना,कृतिका का चेकअप करने के बाद बोली,"यह तुम्हारे लिए ठीक नहीं रहेगा।"
डॉक्टर रत्ना ने उसका अबॉर्शन करने से मना कर दिया।रत्ना के मना करने के बाद वह कई डॉक्टरों से मिली।जब डॉक्टरों ने अबॉर्शन से मना कर दिया तो उसने एक नर्स का सहारा लिया।नर्स ने पैसों के लालच में उसका अबॉर्शन कर दिया।पति के मना करने के बावजूद उसने अबॉर्शन करा लिया था।इसलिए प्रवीण नाराज था।महीनों तक पति पत्नी के बीच अनबोला रहा।पर आखिर कब तक पति पत्नी एक दूसरे से दूर रह सकते है।
कुछ साल बाद कृतिका को भी घर आँगन सूना सूना लगने लगा।उसके मन मे भी मां बनने की चाहत जाग उठी।गर्भ से ब बचने के लिए वह पूरी सावधानी बरतती थी।वो सब उसने छोड़ दिये।फिर भी काफी समय गुज़र जाने के बाद भी गर्भ नही ठहरा,तो वह डॉक्टर रत्ना के पास जा पहुंची।
"सॉरी।अब तुम मां नही बन सकती,"डॉक्टर रत्ना बोली,"मेरे इतना समझाने के बावजूद तुमने अबॉर्शन करा लिया।यह उसी का नतीजा है।'
कृतिका का मां बनने का सपना टूट गया था।ईश्वर ने तो उसे मां बनने की क्षमता प्रदान की थी।जिसे उसने गंवा दिया था
28-हाथ की लकीरें
"तू लोगो का हाथ देखकर बताता है वो सच नहीं होता।"
राजन स्टेशन पर ए एच व्हीलर की बुक स्टाल पर काम करता था।मेरा हम उम्र था इसलिए मेरी उससे दोस्ती हो गयी।वह ज्योतिष और हस्तरेखा की किताबें पढ़ पढ़कर हाथ देखना सीख गया था।वह लोगो के हाथ देख देखकर उनका भविष्य बताने लगा।वह जिसका भी हाथ देखता।एक ही शिकायत करता,"उसकी बतायी हुई कोई भी बात सच नही होती।"
इसलिए एक दिन मैने उसे टोका था।मेरी बात सुनकर वह बोला,"लोगो की बात तो मैं नही जानता।लेकिन मेरी अपने बारे में कही गयी बात जरूर सत्य होगी।"
"क्या?"मैने पूछा था।
"मेरी हत्या होगी।'
"यह तू क्या कह रहा है।"उसकी बात सुनकर मैं चोंका था।
"मैं कुछ नही कह रहा,"अपना हाथ दिखाते हुए वह बोला,"मेरे हाथ की लकीरें कह रही है।'
"यह तू क्या कह रहा है।तेरा कोई दुश्मन नही है।तेरा व्यवहार इतना अच्छा है कि तेरा कोई दुश्मन बन ही नही सकता,"राजन की बात सुनकर मैं बोला,"फिर ऐसा घिनोना काम कौन करेगा?"
"कोई दुश्मन नही।मेरा अपना,"राजन बोला,"मेरी पत्नी ही मेरी हत्या करेगी।"
वह लोगों का हाथ देखकर भविष्य बताता था,जो कभी सत्य नही होता था।लेकिन अपने बारे में की गयी उसकी भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई थी।
29--सावधान
"तुझे एज बात बताऊँ?"नीरा अपनी सहेली मीरा से बोली,"लेकिन किसी को बताना मत।"
"ऐसी कौन सी बात है,जो किसी को न बताऊँ?"
"मेरी मकान मालिक की बेटी गीता किसी लड़के के साथ भाग गई है।"नीरा ने गीता के बारे में बताया था।
"यह खुश होने की बात नही बल्कि हमे सावधान रहने की जरूरत है,"मीरा बोली,"हमारे भी जवान बेटियां है।कहीं हमारे साथ भी ऐसा न हो जाये।"