फूल बना हथियार - 12 S Bhagyam Sharma द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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फूल बना हथियार - 12

अध्याय 12

"क्यों सेल्वम...! वे नीचे चले गए क्या?"

"चलें गए साहब!" बोलकर सेल्वम क्या कहकर खड़ा हुआ। रिवाल्वर को कमर में खोंस लिया। “साहब आपको देखकर रिवाल्वर को दिखाने के लिए माफ कर दीजिए।” परशुराम मुस्कुराए।

"गवर्नमेंट जो पैसे दे रही है उसके बदले तो यह काम भी नहीं करें तो कैसे सेल्वम ?"

"साहब...! अभी इस बंगले में एक कबूतर भी नहीं है....?"

"कबूतर के रहने का निशान भी नहीं है। सही समय पर तुमने जो इंफॉर्मेशन दी उससे जितने कबूतर थे सबको पन्नैय के घर पर लेकर चले गए। ठीक.... मेरे सेलफोन को मुझे दो। मुझे अक्षय से बात करनी है। वह मेरे फोन का इंतजार कर रहा होगा।"

सेल्वम ने मोबाइल उठा कर दिया।

"सेल्वम!"

"साहब...!"

"कमरे के बाहर जाकर खड़ा होकर आ रहे हैं क्या एक निगाह डाल दो। अचानक आ जाएं...."

"आप बिना डरे बात करिएगा साहब ! और एक घंटे के पहले दोनों जने नहीं आएंगे। वह व्यंकटेश एक-एक सेल को छूकर देखेगा।"

परशुराम सेलफोन से अक्षय को फोन लगाया।

"वहां के स्थिति कैसी हैं अंकल ?"

"पुलिस अपनी ड्यूटी कर रही है और सेल्वम अपनी ड्यूटी को देख रहा है।"

"आप अभी पड़पई फार्म हाउस पर नहीं आ सकते ?"

"आज मैं हिल भी नहीं सकता !"

"क्या अंकल आप भी...? उस धोखेबाज़ यामिनी को देखने के लिए मैं तड़प रहा हूं। आप हो कि....?"

"यह देखो अक्षय....! अभी हमें सावधानी से रहने की जरूरत है। इस समय जरूरी विषय वह यामिनी नहीं है। करोड़ों रुपया देने वाला बिजनेस-यू.एस. से रिसर्च स्कॉलर कॉल मैथ्यू कमिंग संडे इंडिया को आ रहे हैं। उनसे बातचीत करने के लिए हम उत्सुक हैं।

"यू.... आर... करेक्ट.. अंकल... मुझे यामिनी को देखना है जैसे लग रहा है!"

"अपने पार्टनर डॉक्टर उत्तम रामन को लेकर पड़पई घर पर जाओ.... वे भी यामिनी को देखना है बोल रहे थे। पन्नैय के घर की चाबी वॉचमैन ईश्वर के पास है... ले लेना...!"

"थैंक्स अंकल"

"क्या ?"

"मूर्खता पूर्वक अपने गुस्से को यामिनी पर दिखा कर उसे कुछ मत कर देना.... उसे शोध के उपयोग में लाने के लिए डॉक्टर उत्तम रामन चाहते हैं...."

"यू... मीन..'फूल से बना हथियार?"

"वही!"