है या नहीं ?? Anjali Dasuni द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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है या नहीं ??

कैसे हैं आप ?
जवाब पता है मुझे
की ठीक हैं आप
यही तो कहना होता है ना ??
मैं ???
मैं भी ठीक हु आप की तरह या शायद आपसे थोड़ा सा ज्यादा ठीक।।
भरम
भरम ही तो हैं सब
किसी का होना किसी के लिए होना
अच्छा लगता है किसी के लिए होना ,किसी का होना
पर भरम
भरम होता है
प्यार ही चाहिए था कुछ वक़्त क लिए बस प्यार
जब एहसास होने लगता की हां प्यार करता हैं कोई मुझसे
जब लगने लगता की प्यार पाना कैसा होता ह शायद तब मैं कुछ भी करने को दूसरी दफा नहीं सोचती।।

जिंदगी क्या हैं मेरी मुझे कभी समझ नहीं आया न अब हिम्मत हैइससे समझने क।।
क्या अकेले होना ऐसा होता है ??
शायद इंसान तब अकेला नहीं होता जब कोई आस पास नहीं होता
इंसान किसी के पास न होने पे भी साथ महसूस कर सकता है पर इंसान अकेला तब हो जाता है जब उसे एहसास होने लगता है की श्याद कोई ह ही नहीं जिससे उसने सोचा , चाहा , अपनाया कोई भी नहीं।।

मैंने शायद बहोत गलतिया की हूँगी पर क्या कोई भी नहीं जो अपना गुस्सा थोड़ी देर दूर रख कर सिर्फ प्यार कर सके बस थोड़ी देर ???
हार जाना दुखदायी नहीं होता हारा हुआ महसूस करना ज्यादा दुखदायी होता है।।
बस वही महसूस होता हैं अब।।

कुछ वक़्त पहले देखा मैंने कही की जब दो अंतरात्मा जुड़ जाती तो एक का इस संसार से चले जाना दूसरे को भी ले जाता है अपने साथ बिना
"प्यार जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी " कुछ ऐसे ही प्यार की उम्मीद थी
पर शायद कुछ लोग अकेले रह जाने क लिए ही होते हैं।
और उन मई से एक मैं हूँ

हर रिश्ते से अकेलापन मिलना खुद को खोकला कर देता हैं।
आखिरी बार बस इतना कहूँगी गलती मेरी नहीं पर झुकाया मुझे गया हैं अब और इससे ज्यादा अब झुक नहीं सकती झुकते झुकते मेरे टूटने का वक़्त आ गया हैं।।
प्यार किया मन से किया ईमानदारी से किया सवाल मुझ पे हो तो चलेगा प्यार पे हो मेरे तो याद रखना मुझे सेहन नहीं होगा।।
ध्यान रखना
आगे बढ़ना
अगर याद आती हूँ कभी मैं तो भूल जाना
क्युकी शायद अब देर हो गयी है बहोत

पता नहीं किसी को फरक पड़ता ह मुझसे या नहीं
कभी पड़ा भी ह या नहीं
पर कोई नहीं ह सुनने को कहने को
तभी लिख रही हूँ ये सब
अगर पद पा रहे है आप लोग तो याद रखना अकेला रहना जरूर सीख लेना क्युकी जो लोग अकेले रहना नहीं सीखते वो जी नहीं पाते
इस दुनिया म।।

किसी का साथ चाहना अच्छा है पर खुद को खुद से दूर मत होने देना
मेरे जैसे हो जाओगे
अकेले
अजीब
पागल
कायर
और पता नहीं क्या क्या
कोई नहीं रहता साथ हर पल
न रह सकता ह शायद
खुद को रखना खुद क साथ
ये अंजलि तो नहीं रह पायी
शायद कोई अंजलि एक बेहतर जिंदगी जी सके
चलो ठीक हैं ५०० शब्द हो गए...

चलती हूँ...........