उलझन shivani singh द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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उलझन

रीमा तुम ये क्या कर रही हो तुम होश में तो हो तुम्हें समझ नहीं आता में कितनी बार कह चुका की तुम अपना हाल इस तरह मत बनाया करो..।
तुम क्या कह रहे हो तुम्हे ये मेरा हाल .. ।
नहीं तुम तो बहुत खुशी से बैठी हुई हो! जाओ थोड़ा नहा धोकर आओ और मेरे लिए खाना तैयार करो ।
रीमा का मन विचलित था। और वह अभिनव की बात सुन कर सर हिला देती है
इधर उसका मन एक तीव्र बयार की तरह बह रहा है।

उसके मन मे कुछ ख्याल आ रहे हैं जिसे अभिनव समझ नहीं पा रहा था ।रीमा की शादी अभिनव से होना एक इक्फताक

था । अभिनव, रीमा को समझ नहीं पता कि वह इस शादी से प्रसन्न है या नहीं, लेकिन वह रीमा को प्रसन्न रखने की कोशिश अवश्य करता है, जब से रीमा की शादी हुई है तब से वह उलझी हुई बेसुद रहती है जब भी अभिनव उससे पूछता तो वह अपनी आंखों की त्योरियां चढ़ाकर उसे एकदम गुस्से से देखती है, फिर अनयास ही शांत हो जाती है। और अभिनव से कहती है कि ' तुम उलझे हुए को क्या सुलझाओगे' यह कहती हुई वह उसके यहाँ से चली जाती है , अभिनव कुछ समझ ही नहीं पता , लेकिन रीमा अनजाने में भी बहुत कुछ कह जाती है, रीमा का विवाह जिन परिस्थितियों में हुआ वह बहुत ही संकोचजनक

है, रीमा जब MA की पढ़ाई पढ़ रही थी तबी उसकी सुरेश नाम के एक लड़के से मुलाकत हुई वह भी उसी समय MA कर रहा था लेकिन वह एक ही कॉलेज में पढ़ते थे । इस कारण वह रोज़ एक दूसरे को कहीं न कहीं अक्सर मिल जाया करते थे, और फिर वह एक साथ कभी कहीं तो कभी कहीं घूमने के लिए जाया करते । अब वह दोनो अच्छे मित्र बन गए

जब उनकी MA खत्म होने को आई तबी उन दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला किया । उन दोनों ने फैसला किया कि वह अपने घर पर इसकी बात करेंगे। जैसे ही उनका फाइनल रिजल्ट आया तो वह दोनों अपने अपने घर जाने को तैयार हो रहे थे। वह दोनों बस स्टैंड पर मिले और दोनों अपने अपने घर रबाना हो गए । उन दोनों को क्या पता ये उनकी आखिरी या अंतिम भेंट थी। शायद वह फिर कभी न मिले।

रीमा अपने घर पर जैसे ही पहुँचती है वह देखती है कि घर पर

इतनी सजावट क्यों? लेकिन वह ये सब देखकर खुश हो जाती है, उसेक्या पता ये साजो - सजावट सब उसके लिए ही है ; उसने जैसे ही घर मे प्रवेश किया वह यह सब देख कर समझ तो गई कि यह सजावट तो बिल्कुल शादी बाले घर जैसी है लेकिन वह यह सोच रही थी कि आख़िर शादी किसकी है..?

तबी सामने से एक 6- 7 साल की बच्ची आकर उससे लिपट जाती है और कहती है, अम्मी दीदी आ गई ..आ गई अब हमाली दीदी के हल्दी ललेगी ओल वो तेयाल होंगी..।

रीमा कुछ समझ ही नहीं पाती । और अब सब घर के इकट्ठे होकर रीमा को बधाई दे रहे , रीमा इतना अचंबित ओर झम्म रह जाती है और इसकी आंखों से कुछ बूंदे झलक जाती है और वह जल्दी से अपने कमरे में चली जाती है उसको सब ऐसे जाता देखकर सब लोग बाते करने लगते है और हँसते हुए कहते हमारी रीमा शरमा गई। रीमा इस समय कुछ सोचने और समझने के होश में नही है उसे तो यह तक नही पता कि उसका व्याह कहाँ ? किसके साथ? और कब तय हो गया है।

रीमा इस माहौल में कैसे सुरेश के बारे में किसी को बताती ,

और वो बताती भी तो क्या हो जाता ...।

वह कुछ समझ ही नहीं सकती और न ही उसे समझने बाला कोई था।

उसे लगा कि वह इस सब के बारे में सुरेश को बता दे , उसने सुरेश को उसी समय फ़ोन लगाया..। लेकिन सुरेश की तरफ से फोन नहीं उठा। रीमा ने कई बार प्रयास किया..। और उसने उसे खत भी लिख..।

आज उसकी शादी है और वह एक दम अशान्त है आज वह पहली बार उसे देखेगी जिसके साथ उसका विवाह होगा।वह नहीं जानती की वह यह विवाह से खुश है या नहीं बस उसको एक उम्मीद थी कि सुरेश आएगा...। लेकिन बहुत देर हो चुकी

थी। अभिनव और रीमा का विवाह सम्पन्न हो गया ।

रीमा की जिंदगी ने अचानक ही नया मोड़ ले लिया अब वह अभिनव के साथ रहती लेकिन उसका मन कहि और रहता।

अभिनव का व्यवहार रीमे के प्रति बहुत अच्छा था।

परन्तु रीमा का विवाह हुआ है जब से वह एक दम शांत रहने लगी है, वह उस हरे पत्ते के समान हो गई है ना तो वह झड़ सकता है न वह उड़ सकता है।

अभिनव को उसकी यह दशा बिल्कुल भी पसंद न थी।

एक दिन अभिनव ने एक योजना बनाई की बो रीमा को कहि घुमाने ले जाएगा, तो शायद वह खुश हो जाये।

उसने जैसे ही रीमा से कहा रीमा चलो आज कहि घूम के आते है उसने उसकी बात नही सुनी वह अब वी सुरेश के बारे में सोच रही थी । इधर अभि
नव बार बार उससे कह रहा था, वह अचानक से बोलती है ..हाँ!

अभिनव कहता है रीमा आज कहीं घूमने चले , अभिनव को पता था कि रीमा नही जाएगी लेकिन आज रीमा ने उससे हाँ कह दिया वह बहुत खुश हुआ ।रीमा ने कहा चलो चलते है

वह दोनों शहर में घूमने के लिए गए रीमा खुश तो नही थी पर वह , जानती थी कि अभिनव उसके लिए इतना कुछ करता है अगर वह मना करेगी तो उसे अच्छा नही लगेगा, यों तो वह अभिनव के बात बहुत कम सुनती थी।

वह हमेशा शांत ही रहा करती थी,

पर आज ऐसा क्या हुआ... ? की वह अभिनव के साथ चली गई..।