अनजान रीश्ता - 99 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता - 99

पर मम्मा... फिर उस अंकल का क्या हुआ... जो की हीरोइन से प्यार करते थे... । उनका क्या हुआ!? और फिर बिचारे विशी अंकल भी सिंगल...रह गए... क्या!?। और आपने विलेन के बारे में भी नहीं बताया....की कौन था.... ।
पारुल: ( गुस्सा होते हुए ) आरुल.... तुमने क्या कहां था...!। तुम्हे सिर्फ हीरो हीरोइन के बारे में ही स्टोरी की बात की थी अब हैप्पी एंडिंग हो गई... तो अब चुपचाप सो जाओ! ।
आरुल: आप! आप मुझे! डांट रही है!? ( मुंह फुलाते हुए.. ) जाइए मुझे आपसे बात नहीं करनी। ( तभी आवाज आती है। ) ।
अविनाश: भला! किस में इतनी हिम्मत हैं जो मेरे राजकुमार को डांट रहा है...! ।
पारुल: ( गुस्से भरी नजरो से अविनाश की ओर देखती हैं। ) ।
अविनाश: ( हंसते हुए हाथ ऊपर कर लेता है। ) जान! मैने कुछ भी नहीं कहां! वो तो मैं... ।
आरुल: डेड... ( बेड से उतरकर अविनाश कि और भागते हुए ) ।
अविनाश: ( आरुल को गोद में उठाते हुए ) अरे! मेरा राजकुमार... मुंह फूला हुआ क्यों है... ( गाल खींचते हुए... उसके गाल पर एक किस करता है। ) ।
आरुल: देखिए ए ना डेड! मम्मा... मुझे आधी अधूरी स्टोरी सुना के सुला रही है... ये तो चीटिंग हुई ना... ।
अविनाश: बिलकुल... भला मेरे रहते तुम्हारे साथ कोई चीटिंग कर सकता है भला... ( पारुल की ओर देखता है...लेकिन फिर जल्दी से आरुल की ओर देखते हुए) पर मेरे शहजादे क्यों ना मैं... तुम्हे आगे की स्टोरी सुनाऊं...!?।
आरुल: अच्छा आपको भी पता है ये स्टोरी!? ।
अविनाश: ( इस बात पर ठहाके लगाते हुए हंसने लगता है। ) बिल्कुल और तुम्हे पता है इस स्टोरी का हीरो दुनिया का सबसे खूबसूरत इंसान है.... । ( आरुल को बेड पर सुलाते हुए । ) ।
आरुल: अच्छा! लेकिन मम्मा ने तो मुझे नहीं... बताया...।
अविनाश: ( शयतानी मुस्कुराहट के साथ ) ऐसी बहुत सी बातें है जो आपकी मम्मा ने नहीं बताई... ।
पारुल: ( चिल्लाते हुए ) अवि! क्या कर रहे हो... बेशर्म कहीं के वो अभी पांच साल का बच्चा है... ।
अविनाश: रिलेक्स... बीवी... मैने अभी तक उसे कुछ नहीं कहां... अब दिमाग में सोचना गुनाह थोड़ी ही है... ।
पारुल: अविनाश मैं बता रही हूं... तुम दिन ब दिन बेशर्म होते जा रहे हो... और तुम आरुल के सामने तो शर्म करो.. ।
अविनाश: आरुल मेरी जान थोड़ी देर के लिए अपने कान ढककर आंखे बंद कर लो... पापा को मामा से एक राज की बात कर नी है.. और इसके बाद में आपकी अधूरी स्टोरी पूरी करूंगा... ठीक है।
आरुल: ( हाथो से कान और आंखों को बंद करते हुए ) ठीक है डेड... ( मुस्कुराते हुए ) ।
अविनाश: ( बेड की दूसरी और पारुल की और जाते हुए ) हां तो मिसेज खन्ना क्या कह रही थी आप! ( पारुल के करीब जाते हुए ) ।
पारुल: ( बड़ी बड़ी आंखों से आरुल की और फिर अविनाश की ओर देखते हुए ) बेशर्म इंसान दूर हटो... ।
अविनाश: मेरी आज की पेमेंट लिए बैगर ऐसे कैसे जा सकता हूं मिसेज खन्ना..!।
पारुल: अवि! आरुल! ।
आरुल: डेड हो गई आपकी बाते क्या!? ।
अविनाश: बस! दो मिनिट मेरी जान! । ( पारुल की ओर देखते हुए ) चलो! अब एक किस देने में इतनी देरी.... या फिर आज कुछ और इरादा है... ( पारुल के बालो से खेलते हुए ) ।
पारुल: ( अविनाश के हाथ पर टपली मारते हुए ) बेशर्म... ( अविनाश के होंठ पर एक छोटा किस करते हुए ) ।
अविनाश: अब तुम्हारे सामने बेशरम ना बनू तो और किस के सामने बनू... तुम ही बताओ... ।
आरुल: डेड... ।
अविनाश: ( आरुल के पास लेटते हुए... ) सॉरी मेरी जान...( गाल पर किस करते हुए ) वो हम दोनो... कुछ ज्यादा ही बातों की गहराई में चले गए थे... ( यह सुनकर पारुल पूरी शर्म से लाल हो जाती है। जिसे देखकर अविनाश अपनी हंसी रोक नहीं पाता । ) तो चलो मेरी जान अब कहानी को आगे बढ़ाते है।
आरुल: ( बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ सिर को हां में हिलाता है। ) ।

तो जब सुबह उठे तो.... सेम... हॉल में इंतजार कर रहा था... । सेम अपनी ही सोच में डूबा था... मानों जैसे उसके दिमाग में कोई तूफान चल रहा था जो की थमने का नाम नहीं ले रहा था... । वह सोच में इतना डूबा हुआ था की उसे पता ही नहीं चला की.... कब पारुल उसके सामने आकर बैठी... । जब पारुल भी चुपचाप बैठी थी..... देखते ही देखते... कब सेम उसे गले लगा लेता है ये पता ही नहीं चला... । सेम मानो ऐसे रॉ रहा था... जैसे ...वह मौत से लड़कर वापस आया था... । वह रोए जा रहा था... । और पारुल उसकी पीठ थपथपाते हुए... उसे शांत करने की कोशिश कर रही थी.... । अब यह सब देखकर हीरो को इतना गुस्सा आया की हीरो ने सेम को हीरोइन से दूर किया और फिर इतना मारा इतना मारा.... तभी पारुल कहती हैं... " अवि बच्चो... के सामने जूठ बोलना अच्छी बात नहीं। " अविनाश सॉरी कहते हुए... फिर से कहानी की शुरुआत करता है ।

सेम रोते हुए पारुल से कहता है....।
सेम: तुम आखिरकार मुझे मिल ही गई पारो! मुझे लगा मैं तुम्हे हमेशा हमेशा के लिए खो चुका... जैसे मानो जिस बात का डर था वही... सच हो रहा था... पर पारो... देखो... तुम मुझे आखिर कार मिल ही गई.... । सेम को उसकी पारो मिल ही गई.... ।
पारुल: ( आंखो से आंसू बह रहे थे लेकिन... उसके मुंह से एक लफ्ज़ भी नहीं निकल रहे थे.... ।) ।
सेम: कुछ तो बोलो पारो... तुम्हे पता है एक एक पल मैने कैसे कांटा है तुम्हारे बिना... इस डर में की कहीं में हमेशा हमेशा के लिए ना खो दूं... । लेकिन मेरा दिल जानता था कि तुम मुझे मिलोगी... । और देखो....।
पारुल: सेम.... संभालो खुद को... ।
सेम: तुम जब नहीं थी तब मैने जैसे तैसे कर के खुद को संभाले रखा था पारो! अब मुझे जी भर के रॉ लेने दो... अब मैं झूठी बहादुरी नहीं दिखा सकता... । ( पारुल को कसकर पकड़कर ) जी भर के रॉ लेने दो... ।
पारुल: ( बिना कुछ कहे... सेम के सिर पर हाथ फेर रही थी। ) ।

करीब १०-१५ मिनिट के बाद सेम ने जब लड़कियों की तरह... ( फिर से पारुल चिल्लाती है। ) अवि! हां! ठीक है! ठीक है! । जब सेम ने अपने इमोशंस पर काबू पाया तो जब सिर उठाकर देखता है... पारुल उसकी ओर प्यार भरी नजरों से देख रही थी।
आरुल: तो डेड... हीरो उस वक्त क्या कर रहा था... ।
अविनाश: हाहाहाहाहा.... हीरो... सेब खा रहा था।
आरुल: सेब!? ।
अविनाश: ( सिर को हां में हिलाकर जवाब देता है ।

अविनाश मानो यह देखकर ना चाहकर भी जल रहा था। वह यह सब सीढ़ियों पर बैठे बैठे देख रहा था। वह सेब इस तरह खा रहा था जैसे मानो वह सेब ना खा कर किसी का मर्डर कर रहा था।

सेम पारुल से थोड़ा दूर होते हुए कहता है।

सेम: कितना कमजोर हूं! मैं हैं ना पारो! जो कहीं भी रोना शुरू कर देता हूं... ।
पारुल: आहान! तुम तो सबसे स्ट्रॉन्ग हो... जो अपने जज्बात छुपा नहीं पाते... तुम्हारे जैसा साफ दिल रखना हर किसी के बस की बात नहीं होती... सेम ।
सेम: ( मुस्कुराते हुए सिर को हां में हिलाते हुए.... ) ये फाइल देखो... ।
पारुल: ( फाइल लेकर पढ़ती है तो मानो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई थी । ) मेरे... मॉम डैड.... का कातिल पकड़ा... गया...! सिर्फ ? ।
सेम: हां में जवाब देते हुए... उसने सिर्फ शराब के लिए पैसे चुराने के लिए... यह सब किया था ।
पारुल: इसका... मतलब.... ( अपना मुंह ढकते हुए ) ।
सेम: भाई बेकसूर है.... पारो... उन्होंने कोई खून नहीं किया था... ।
पारुल: ( रोते हुए ) मैं सच में दुनिया की सबसे बड़ी पापी इंसान हूं... सेम.... मैने उस इंसान को इतने साल सजा दी... जो सिर्फ और सिर्फ मुझ से मोहब्बत के अलावा और कुछ नहीं चाहता था ।
सेम: और तुम...!? ।
पारुल: ( सेम की ओर चौंककर देखते हुए... ) सेम.... मैं....।
सेम: तुम्हे कहने की जरूरत नहीं पारो... ( दर्द के साथ हंसते हुए ) तुम्हे कभी मुझसे मोहब्बत थी ही नहीं तुम बस खुद को बेवकूफ बना रही थी... और तुमसे बड़ा बेवकूफ मैं हूं जो... ये जानते हुए भी तुमसे मोहब्बत कर बैठा ।
पारुल: ( रोते हुए ) सेम... आई... एम... सॉरी.... ।
सेम: ( पारुल के आंसू पोंछते हुए ) इसमें सॉरी वाली कोन सी बात है इडियट ... हां अगर कभी मन बदले और लगे की नहीं भाई तुम्हे परेशान कर रहे है। तो... तुम वापस आ सकती हो.... मैं... । ( तभी चिल्लाने की आवाज आती है। ) ।
अविनाश: कभी भी नहीं...! ।
सेम: ( यह सुनकर हंस पड़ता है। ) भाई मैं जानता था आप हमारी बाते चुप चुप के सुन रहे है... ।
अविनाश: सॉरी... वो... मैं...।
विशी: ( अंदर आते हुए ) गायस... एक बुरी खबर है।
अविनाश: अब! क्या हुआ!? ।
विशी: वो... जो आर शब्द वाला इंसान है... वो पकड़ा गया... और... वो.... तुम्हारे डेड है... ।
अविनाश: डेड....!? ।
सेम: डेड!? ।
विशी: हां! ।
अविनाश: लेकिन क्यों!? ।
विशी: वह अभी तो पोलिस कस्टर्डी में है... और जब जांच की तो पता चला कि आंटी की मौत का उन्हें गहरा सदमा...पहुंचा था इसीलिए... उनका दिमागी संतुलन ठीक नहीं था ।
सेम: लेकिन हमने तो कभी यह नोटिस नहीं किया!? ।
विशी: बिलकुल क्योंकि वैसे तो वह नोर्मल... इंसान की तरह ही है... लेकिन... उन्हें पहले सदमा तब लगा जब उनकी फेमिली वालो ने आंटी के बजाय जबरदस्ती तुम्हारी मॉम से शादी करवा दी... फिर एक के बाद एक घटनाएं... अविनाश को उन्हे ना पसंद करना... और फिर जानवी आंटी की मौत ने उन्हे पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया... और उन्हें लगा कि अविनाश ने जानवी आंटी को मारा है... । इसलिए... वह... अविनाश को बर्बाद करने के नए नए तरीके .. ढूंढने लगे...! ।
अविनाश: ठीक है उनका इलाज अच्छे से अच्छे डॉक्टर से करवाओ...और यह बात बाहर नहीं जानी चाहिए ।
( तभी आवाज आती है। )
रोहन: अवि! देखो मैं आ गया... ( अंदर आते हुए ) ।

सभी लोग एक दूसरे की ओर देखते है और फिर हंसने लगते है।
रोहन: क्या... ऐसे हंस क्यों रहे हो! और फिर.... आज सभी लोग एक साथ क्यों है..कुछ खास बात है...!? ।
सेम: चलो! भाई मैं तो चला!? ।
अविनाश: सेम!? ।
सेम: अरे! डोंट वरी! मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करुंगा मैं जा रहा हूं.. पेरिस...... मास्टर के लिए... और आप लोग मेरे फैशन के शोख को तो जानते ही है... तो सोचा उसी में करियर बना लूं... और पारो...मेरी ऑफर की कोई एक्सपायरी डेट नहीं है तो ऐनी टाइम... । ( इतना कहते ही वह हंसते हुए घर से निकल जाता है। ) ।
रोहन: हैन! ये कब हुआ....!? ।
विशी: तुम राइटर से ही पूछो... ।
रोहन: राइटर ये भला क्या बात हुई... एक तो मुझे कोई खास रोल भी नहीं दिया... और ऊपर से स्टोरी भी नहीं बताई की क्या हुआ कैसे हुआ ..और मेरे डैड के बिजनेस से मेरा पीछा कौन छुड़वाएगा.... । ( जब वह देखता है तो अविनाश पारुल के साथ कमरे की ओर जा रहा था। विशी... बाहर की ओर जा रहा था। रोहन चिल्लाते हुए ) सबके सब.... मतलबी हो, तुम..... ।

The end .... अरे... रुको रुको.... इतनी जल्दी क्या है....। अभी तो बाकी है... स्टोरी ।

सेम कार लेकर जा रहा था.... अभी उसने कार पुल पर चढ़ाई ही थी.... की वह देखता है एक लड़की पुल के ऊपर खड़े रहकर नीचे की ओर देख रही थी। सेम कार को साइड में रोककर... देखता हैं... तो... वह नैना थी.... । वह जल्दी से भागते हुए... उसका हाथ खींच कर नीचे उतारता है... जिस वजह से वह दोनो गीर जाते है। सेम जमीन पर और नैना चिल्लाते हुए... उसके ऊपर.... ।

नैना: भगवान जी मैं मर गई... । क्या... प्लीज प्लीज एक मौका दे दो... मैं तो बस सिर्फ सोच ही रही थी.... अगर मैं ना मरी और मेरे हाथ पैर टूट गए तो... नहीं भगवान मेरी स्टाइल के साथ ये बिलकुल नहीं जचेगा।
सेम: ( हंसते हुए) डोंट वरी... तुम फिलहाल तो जिंदा हो... और सही सलामत हो... ।
नैना: ( आंखे खोल के देखती है तो ) समीर!!!? ( दूर जाते हुए ) ।
सेम: ( खड़े होते हुए धूल साल करते हुए) ।
नैना: ( कपड़े साफ करते हुए ) हाए! हाए! पूरा स्टाइल खराब हो गया... क्या सोचा था की... अखबार में एक स्टाइलिश फोटो आएगी... मरने की ... ।
सेम: ( आश्चर्य में हंसते हुए नैना की ओर देखे जा रहा था। ) ड्यूड... तुम्हारा दिमाग ठीक है.... तुम अभी अपनी जान लेने जा रही थी... खैर! छोड़ो.. ये बताओ... ऐसी... कौन सी.... बात थी जो तुम खुद की जान लेने तक की बात आ गई...! ? ।
नैना: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) वो, मेरा ब्रेक अप हो गया... ।
सेम: हां तो,।
नैना: हां तो से क्या मतलब है... तुम जानती हो मैं उससे कितना प्यार करती थी.... मैने उसके लिए सारी फैशन छोड़ कर एक दम सिंपल सी लड़की भी बन गई थी।
सेम: बेब किसी के लिए तुम्हे खुद को बदलना पड़े तो... वो प्यार नहीं समझोता है... ।
नैना: हां जो भी है.... पर मुझे तो उससे फीलिंग थी... और वो किसी और से प्यार कर बैठा.... जब वह तैयार होकर... निकले तो कवा शीट करके उसका शूट बिगाड़ दे। या फिर फिसल के कीचड़ में गिर जाए... उसके कपड़ों पर श्याही लग जाए ताकि उसे पता चले....की मुझे कैसा महसूस हो रहा है ।
सेम: ( मुस्कुराते हुए नैना की ओर देखे जा रहा था। ) वैसे तुम चाहो... तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं...! ।
नैना: ( मुस्कुराते हुए ) उसे वापस लाने में... ।
सेम: ( ना में सिर हिलाते हुए ) वापस तो नहीं ला सकता... लेकिन तुम उसे हर एक दिन पछतावा करवा सकती हो... अब सोचो अगर तुम आज मर गई तो उसे क्या फर्क पड़ेगा....एक दिन अफसोस करेगा शायद। पर अगर तुम उसे भूलकर आगे बढ़ गई तुम्हे सक्सेसफुल देखेगा तो सोचो उसे रोज अफसोस होगा... ।
नैना: ( सोचते हुए ) बात तो ठीक है.... लेकिन पढ़ाई मैं तो मेरी बात ही मत करो... और खाना भी मुझे बनाना नहीं आता की मैं एक फेमस सेफ बन सकूं... अब एक चीज आती है... वो है अच्छे से तैयार होके स्टाइल मारते हुए घूमना बस... यही एक टेलेंट है मेरा... । ( सिर हाथो में पकड़ते हुए ) ।
सेम: ( हंसते हुए रोकते हुए ) अच्छा तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं....! ।
नैना: ( बच्चो जैसे खुश होते हुए ) वो भला कैसे.... ।
सेम: मेरी ब्रांड के लिए मॉडल बनोगी... !? ।
नैना: लेकिन मुझे कुछ भी नहीं आता...! ।
सेम: वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो... अच्छा तुम्हारा पासपोर्ट है या... ।
नैना: हां होगा ही ना... ।
सेम: परफेक्ट... चलो... फिर ।

और फिर उनकी दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला... । और एक और हैप्पी एंडिंग.....।
आरुल: डेड! विशी और रोहन अंकल का क्या हुआ..!?।
अविनाश: ( हंसते हुए ) विशी... की गलतफहमी.... तब दूर हुई जब हीरो ने हीरोइन से फिर से पूरे रीति रिवाज के साथ शादी की और हीरो के घर एक प्यारा से प्रिंस का जन्म हुआ... बिल्कुल आपके जैसा। तब जाके दूर हुई वर्ना वह हर बात को उल्टे तरीके से ही सोचता था। और रोहन उसका तो अभी तक कुछ नहीं हुआ ... वह अभी तक ऐसे ही अपने डेड को परेशान कर रहा है... अब शायद जब शादी हो जाए तो सुधर जाए। अब सो जाओ... मेरी जान ( आरुल के सिर पर किस करते हुए )।
आरुल: गुड नाइट डेड... और मॉम को मेरी कीस्सी दे देना... अविनाश के दोनो गाल पे किस करते हुए ।
अविनाश: ( लाइट बंद करते हुए ) गुड नाईट मेरी जान... । ( दरवाजा बंद करके बाहर आता है। तो पारुल हॉल की ओर देखते हुए... कॉफी पी रही थी। श्यतानी मुस्कुराहट के साथ पारुल को पीछे से गले लगाते हुए उसके गाल पर किस करता है । )
पारुल: तुम... तुम्हे... ।
अविनाश: ( पारुल की बात काटते हुए ) मेरी जान ने मुझ से कहां था की उसकी मम्मा को किस दे दूं... तो मैं बस वहीं कर रहा हूं... ( पारुल के पूरे चेहरे पर किस करते हुए ) ।
पारुल: अवि! पागल हो गए हो, क्या!? ।
अविनाश: ( पारुल को अपनी और घुमाते हुए ) अब जिसकी बीवी इतनी खूबसूरत हो वह इंसान तो पागल हो जाएगा... ।
पारुल: ( गाल धीरे धीरे लाल हो रहे थे। ) अच्छा सुनो ना मुझे कुछ जरूरी बात करनी है ।
अविनाश: ( पारुल के होठों की ओर देखते हुए ) बोलों!? ।
पारुल: अवि! तुम ना! ।
अविनाश: अच्छा सॉरी! यार मैं क्या करूं... तुम जब भी पास होती हो... मैं खुद को रोक ही नहीं पाता वर्ना मैं वैसा इंसान बिलकुल भी नहीं।
पारुल: हां हां मै जानती हूं तुम कैसे इंसान हो! ।
अविनाश: ( आंख मारते हुए ) और भी जान ने का इरादा हो चले बेडरूम में! ।
पारुल: तुम से बात करना ही बेकार है!! ।
अविनाश: हाहाहाहाहा... अच्छा सॉरी... जाना... मैं परेशान कर रहा था बताओ क्या बात थी ।
पारुल: ( अविनाश का एक हाथ कमर से हटाते हुए पेट पर रख देती है।) ।
अविनाश: ( पहले आश्चर्य में पारुल की ओर देखता है और फिर बड़ी मुस्कुराहट के साथ... ) क्या इसका वहीं मतलब है जो मैं सोच रहा हूं.... ।
पारुल: ( सिर को हां में हिलाते हुए जवाब देती है।) ।
अविनाश: ( पारुल को गोद में उठाते हुए उसे लेकर गोल गोल घुमाने लगता है... ।) थैंक यू थैंक यू... तुम नहीं चाहती तुमने मुझे कितना बड़ी खुशी दी है... ।
पारुल: ( अविनाश के कंधे पे एक थप्पड़ मारते हुए ) नीचे उतारो मुझे.... ।
अविनाश: ( पारुल को नीचे... उतारते हुए ...) सॉरी.... मैं कुछ ज्यादा ही खुश हो गया था । वैसे मैं ना मेरी प्रिंसेज का नाम रखूंगा... अरुही.... अ से मेरा नाम का र से तुम्हारा एक अंश और जिसमे मेरी रूह बसती है वो होगी हमारी अरुही... । पारुल सिर के ना में हिलाते अविनाश के इस पागलपंती पर हंस रही थी.... और फिर कुछ महीनो बाद उनके घर एक छोटी प्रिसेस का जन्म हुआ... अरुही.... ।